"दीनदयाल सुनी जबतें -मलूकदास": अवतरणों में अंतर
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|मुख्य रचनाएँ= रत्नखान, ज्ञानबोध, भक्ति विवेक | |मुख्य रचनाएँ= रत्नखान, ज्ञानबोध, भक्ति विवेक |
14:47, 25 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
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दीनदयाल सुनी जबतें, तब तें हिय में कुछ ऐसी बसी है। |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |