"शेरशाह का मक़बरा": अवतरणों में अंतर
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*उसके द्वारा ‘[[सासाराम]]’ में झील के अन्दर ऊँचे टीले पर निर्मित करवाया गया स्वयं का मक़बरा पूर्वकालीन स्थापत्य शैली की पराकाष्ठा तथा नवीन शैली के प्रारम्भ का द्योतक माना जाता है। | *उसके द्वारा ‘[[सासाराम]]’ में झील के अन्दर ऊँचे टीले पर निर्मित करवाया गया स्वयं का मक़बरा पूर्वकालीन स्थापत्य शैली की पराकाष्ठा तथा नवीन शैली के प्रारम्भ का द्योतक माना जाता है। | ||
*'''शेरशाह सूरी का शहर''' [[बनारस]]-[[कोलकाता]] रोड पर [[सासाराम]] था। यहीं पर उसने अपने जीते जी अपना मक़बरा बनवाना शुरू कर दिया था। | *'''शेरशाह सूरी का शहर''' [[बनारस]]-[[कोलकाता]] रोड पर [[सासाराम]] था। यहीं पर उसने अपने जीते जी अपना मक़बरा बनवाना शुरू कर दिया था। | ||
*मक़बरा पत्थरों से बना है। मक़बरे के सबसे ऊपरी सिरे से पूरे सासाराम का दृश्य | *मक़बरा पत्थरों से बना है। मक़बरे के सबसे ऊपरी सिरे से पूरे सासाराम का दृश्य साफ़ दिखाई देता है। | ||
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14:13, 29 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
- सासाराम स्थित शेरशाह का मक़बरा, जो शेरशाह सूरी ने अपने जीवन-काल में निर्मित करवाया था, स्थापत्य कला का एक शानदार नमूना माना जाता है।
- इसे पूर्वकालीन स्थापत्य शैली और बाद में विकसित स्थापत्य शैली के प्रारंभिक बिन्दु का मिश्रण माना जाता है।
- उसके द्वारा ‘सासाराम’ में झील के अन्दर ऊँचे टीले पर निर्मित करवाया गया स्वयं का मक़बरा पूर्वकालीन स्थापत्य शैली की पराकाष्ठा तथा नवीन शैली के प्रारम्भ का द्योतक माना जाता है।
- शेरशाह सूरी का शहर बनारस-कोलकाता रोड पर सासाराम था। यहीं पर उसने अपने जीते जी अपना मक़बरा बनवाना शुरू कर दिया था।
- मक़बरा पत्थरों से बना है। मक़बरे के सबसे ऊपरी सिरे से पूरे सासाराम का दृश्य साफ़ दिखाई देता है।
इन्हें भी देखें: शेरशाह सूरी एवं शेरशाह सूरी साम्राज्य