"नैन लख्यो जब कुंजन तैं -रसखान": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
प्रीति चौधरी (वार्ता | योगदान) ('{{पुनरीक्षण}} {| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{| style="background:transparent; float:right" | {| style="background:transparent; float:right" | ||
|- | |- | ||
पंक्ति 11: | पंक्ति 10: | ||
|मृत्यु=प्रामाणिक तथ्य अनुपलब्ध | |मृत्यु=प्रामाणिक तथ्य अनुपलब्ध | ||
|मृत्यु स्थान= | |मृत्यु स्थान= | ||
|मुख्य रचनाएँ= | |मुख्य रचनाएँ= 'सुजान रसखान' और 'प्रेमवाटिका' | ||
|यू-ट्यूब लिंक= | |यू-ट्यूब लिंक= | ||
|शीर्षक 1= | |शीर्षक 1= | ||
पंक्ति 34: | पंक्ति 33: | ||
नैन लख्यो जब कुंजन तैं, बनि कै निकस्यो मटक्यो री। | नैन लख्यो जब कुंजन तैं, बनि कै निकस्यो मटक्यो री। | ||
सोहत कैसे हरा टटकौ, सिर तैसो किरीट लसै लटक्यो री। | सोहत कैसे हरा टटकौ, सिर तैसो किरीट लसै लटक्यो री। | ||
को 'रसखान कहै अटक्यो, हटक्यो ब्रजलोग फिरैं भटक्यो री। | को 'रसखान कहै अटक्यो, हटक्यो ब्रजलोग फिरैं भटक्यो री। | ||
रूप अनूपम वा नट को, हियरे अटक्यो, अटक्यो, अटक्यो री॥ | रूप अनूपम वा नट को, हियरे अटक्यो, अटक्यो, अटक्यो री॥ | ||
पंक्ति 45: | पंक्ति 45: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{भारत के कवि}} | {{रसखान2}}{{भारत के कवि}}{{रसखान}} | ||
[[Category:पद]][[Category:पद्य साहित्य]] [[Category:भक्ति काल]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:भक्तिकालीन साहित्य]] [[Category:काव्य कोश]] | [[Category:पद]][[Category:पद्य साहित्य]] [[Category:भक्ति काल]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:भक्तिकालीन साहित्य]] [[Category:काव्य कोश]][[Category:रसखान]] | ||
|} | |} | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ | ||
__NOEDITSECTION__ | __NOEDITSECTION__ | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
11:01, 14 दिसम्बर 2013 के समय का अवतरण
| ||||||||||||||||||
|
नैन लख्यो जब कुंजन तैं, बनि कै निकस्यो मटक्यो री। |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |