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'''अहा ज़िन्दगी''' एक [[हिन्दी]] मासिक [[पत्रिका]] है जो [[दैनिक भास्कर]] समूह द्वारा प्रकाशित होती है। इसमें जीवन के सकारात्मक पहलुओं पर प्रकाश डाला जाता है।  
'''अहा ज़िन्दगी''' एक [[हिन्दी]] मासिक [[पत्रिका]] है जो [[दैनिक भास्कर]] समूह द्वारा प्रकाशित होती है। इसमें जीवन के सकारात्मक पहलुओं पर प्रकाश डाला जाता है।  
==प्रकाशन==
==प्रकाशन==
कभी धर्मयुग, साप्‍ताहिक हिंदुस्‍तान जैसी पत्रिकाएं हिंदी क्षेत्र में जो सांस्‍कृतिक प्रभाव रखती थीं, वैसे ही कुछ इरादों के साथ भास्‍कर  
कभी [[धर्मयुग]], [[साप्‍ताहिक हिंदुस्‍तान]] जैसी पत्रिकाएं हिंदी क्षेत्र में जो सांस्‍कृतिक प्रभाव रखती थीं, वैसे ही कुछ इरादों के साथ भास्‍कर समूह ने 'अहा ज़िंदगी' का प्रकाशन छह साल (2004 में) पहले शुरू किया था। अहा ज़िंदगी यशवंत व्‍यास के संपादन में शुरू हुई थी और लोकप्रियता की अपनी तरह की कहानी इसने रची।<ref>{{cite web |url=http://www.nukkadh.com/2010/06/blog-post_5411.html|title=आलोक श्रीवास्‍तव जी फैलाएंगे आलोक, अब अहा ज़िंदगी ! में और इस अवसर उनकी दो कविताएं (अविनाश वाचस्‍पति)|accessmonthday=8 सितम्बर|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी}}</ref>
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==लोकप्रियता==
==लोकप्रियता==
धर्मयुग और साप्‍ताहिक हिंदुस्‍तान के बाद यही एक पत्रिका है, जो सौंदर्य और समझदारी के साथ निकली और ज्‍यादातर घरों में जगह बनाने में सफल हुई।
धर्मयुग और साप्‍ताहिक हिंदुस्‍तान के बाद यही एक पत्रिका है, जो सौंदर्य और समझदारी के साथ निकली और ज्‍यादातर घरों में जगह बनाने में सफल हुई।
 
==पुरस्कार==
[[12 जनवरी]] [[2009]] को 'धर्मवीर भारती पुरस्कार' [[जयपुर]] से श्री यशवन्त व्यास द्वारा सम्पादित `अहा ज़िन्दगी´ को प्रदान किया गया। उनकी ओर से यह पुरस्कार [[दैनिक भास्कर]] के सम्पादक श्री अभिलाष खाण्डेकर ने प्राप्त किया।<ref>{{cite web |url=http://shabdashilpi.blogspot.in/|title=संग्रहालय का स्थापना दिवस समारोह|accessmonthday=8 सितम्बर|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी}}</ref>
 





17:09, 30 दिसम्बर 2013 के समय का अवतरण

प्रतीक चिह्न, अहा ज़िन्दगी

अहा ज़िन्दगी एक हिन्दी मासिक पत्रिका है जो दैनिक भास्कर समूह द्वारा प्रकाशित होती है। इसमें जीवन के सकारात्मक पहलुओं पर प्रकाश डाला जाता है।

प्रकाशन

कभी धर्मयुग, साप्‍ताहिक हिंदुस्‍तान जैसी पत्रिकाएं हिंदी क्षेत्र में जो सांस्‍कृतिक प्रभाव रखती थीं, वैसे ही कुछ इरादों के साथ भास्‍कर समूह ने 'अहा ज़िंदगी' का प्रकाशन छह साल (2004 में) पहले शुरू किया था। अहा ज़िंदगी यशवंत व्‍यास के संपादन में शुरू हुई थी और लोकप्रियता की अपनी तरह की कहानी इसने रची।[1]

लोकप्रियता

धर्मयुग और साप्‍ताहिक हिंदुस्‍तान के बाद यही एक पत्रिका है, जो सौंदर्य और समझदारी के साथ निकली और ज्‍यादातर घरों में जगह बनाने में सफल हुई।

पुरस्कार

12 जनवरी 2009 को 'धर्मवीर भारती पुरस्कार' जयपुर से श्री यशवन्त व्यास द्वारा सम्पादित `अहा ज़िन्दगी´ को प्रदान किया गया। उनकी ओर से यह पुरस्कार दैनिक भास्कर के सम्पादक श्री अभिलाष खाण्डेकर ने प्राप्त किया।[2]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

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