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'''गुलेरी चित्रकला''' [[पहाड़ी चित्रकला|चित्रकला की पहाड़ी शैली]] के अंतर्गत विकसित एक शैली है जिसके चित्रों का मुख्य विषय [[रामायण]] तथा [[महाभारत]] की घटनाएँ रही हैं।  
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*गुलेरी चित्रकला शैली में इतना सशक्त एवं सजीव रेखांकन किया गया है कि मानव आकृतियों के अंग-प्रत्यंग अपनी स्वाभाविकता से दृष्टिगोचर होते हैं।  
*गुलेरी चित्रकला शैली में इतना सशक्त एवं सजीव रेखांकन किया गया है कि मानव आकृतियों के अंग-प्रत्यंग अपनी स्वाभाविकता से दृष्टिगोचर होते हैं।  
*गुलेरी चित्रकला शैली में निर्मित चित्रों में संतुलन तथा गतिमयता का भाव परिलक्षित होता है।  
*गुलेरी चित्रकला शैली में निर्मित चित्रों में संतुलन तथा गतिमयता का भाव परिलक्षित होता है।  


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12:50, 26 जुलाई 2014 के समय का अवतरण

गुलेरी चित्रकला चित्रकला की पहाड़ी शैली के अंतर्गत विकसित एक शैली है जिसके चित्रों का मुख्य विषय रामायण तथा महाभारत की घटनाएँ रही हैं।

  • गुलेरी चित्रकला शैली में इतना सशक्त एवं सजीव रेखांकन किया गया है कि मानव आकृतियों के अंग-प्रत्यंग अपनी स्वाभाविकता से दृष्टिगोचर होते हैं।
  • गुलेरी चित्रकला शैली में निर्मित चित्रों में संतुलन तथा गतिमयता का भाव परिलक्षित होता है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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