"गणेश स्तुति": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('<blockquote><span style="color: blue"><poem>ॐ गजाननं भूंतागणाधि सेवितम्, कपित्...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
(4 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 10 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र:Ganesha.jpg|thumb|[[गणेश]]]]
{{गणेश}}
'''श्लोक'''
<blockquote><span style="color: blue"><poem>ॐ गजाननं भूंतागणाधि सेवितम्, कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणम् |
<blockquote><span style="color: blue"><poem>ॐ गजाननं भूंतागणाधि सेवितम्, कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणम् |
उमासुतम् शोक विनाश कारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम् ||</poem></span></blockquote>
उमासुतम् शोक विनाश कारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम् ||</poem></span></blockquote>
 
'''स्तुति'''
<blockquote><span style="color: maroon"><poem>गाइये गणपति जगवंदन |
<blockquote><span style="color: maroon"><poem>गाइये गणपति जगवंदन |
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥


सिद्धी सदन गजवदन विनायक |
सिद्धी सदन गजवदन विनायक |
कृपा सिंधु सुंदर सब लायक
कृपा सिंधु सुंदर सब लायक़


मोदक प्रिय मृद मंगल दाता |
मोदक प्रिय मृद मंगल दाता |
विद्या बारिधि बुद्धि विधाता ॥
विद्या बारिधि बुद्धि विधाता ॥


मांगत तुलसीदास कर जोरे |
मांगत तुलसीदास कर ज़ोरे |
बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥</poem></span></blockquote>
बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥</poem></span></blockquote>


{{लेख प्रगति
 
|आधार=आधार1
 
|प्रारम्भिक=
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|शोध=
}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
[[Category:नया पन्ना]]
==संबंधित लेख==
{{आरती स्तुति स्तोत्र}}
[[Category:गणेश]]
[[Category:आरती स्तुति स्तोत्र]][[Category:हिन्दू धर्म]][[Category:धर्म कोश]]
[[Category:हिन्दू धर्म कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
[[Category:आरती_स्तुति_स्त्रोत]]
__NOTOC__

11:15, 29 जुलाई 2014 के समय का अवतरण

गणेश

अन्य सम्बंधित लेख


श्लोक

ॐ गजाननं भूंतागणाधि सेवितम्, कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणम् |
उमासुतम् शोक विनाश कारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम् ||

स्तुति

गाइये गणपति जगवंदन |
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥

सिद्धी सदन गजवदन विनायक |
कृपा सिंधु सुंदर सब लायक़ ॥

मोदक प्रिय मृद मंगल दाता |
विद्या बारिधि बुद्धि विधाता ॥

मांगत तुलसीदास कर ज़ोरे |
बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख