"ऐयारदानिश": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
पंक्ति 12: पंक्ति 12:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{मुग़ल साम्राज्य}}
{{मुग़ल साम्राज्य}}
[[Category:मुग़लकालीन साहित्य]][[Category:मुग़ल साम्राज्य]][[Category:पुस्तक कोश]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:मुग़लकालीन साहित्य]][[Category:मुग़ल साम्राज्य]][[Category:फ़ारसी साहित्य]][[Category:पुस्तक कोश]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:इतिहास कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

10:14, 6 अगस्त 2014 के समय का अवतरण

ऐयारदानिश मुग़ल काल की कृति है, जो 'पंचतंत्र' का फ़ारसी (पहलवी) अनुवाद है। पहले 'पंचतंत्र' का अनुवाद नौशेरवां के समय 'अनवार सुहेली' के नाम से हुआ था। पहलवी से अरबी में होकर उसका नाम 'कलेलादमना' पड़ा, जो कि 'पंचतंत्र' के करटक दमनक का रूपान्तर है।[1]

  • मुग़ल काल में अरबी से इसके फ़ारसी में कई अनुवाद हुए थे। अकबर ने इनको सुना था। जब उसे मालूम हुआ कि यह ग्रंथ मूल संस्कृत में मौजूद है, तो अबुल फ़ज़ल को आदेश दिया कि इसे मूल से फ़ारसी में अनुवाद करें।
  • अकबर के नवरत्नों में से एक अबुल फ़ज़ल ने हिजरी 996 (1587-88 ई.) में 'पंचतंत्र' का अनुवाद समाप्त किया।
  • मुल्ला बदायूँनी इस पर व्यंग्य करते हुए अकबर के लिए कहता है- "इस्लाम की हर बात से नफरत है, विद्या से बेजार है, भाषा भी पसन्द नहीं। अक्षर (अरबी) भी बुरे हैं। मुल्ला हुसेन वायज़ ने कलेलादमना का तर्जुमा अनवार सुहेली कितना अच्छा किया था।"
  • अब अबुल फ़ज़ल को अकबर का हुक्म हुआ कि उसे सरल, साफ, नंगी फ़ारसी में लिखो, जिसमें उपमा, उत्प्रेक्षा आदि न हों, अरबी शब्द भी न हों।'
  • अकबर को यदि अपने देश की भाषा और हर एक चीज प्यारी थी, तो मुल्ला बदायूँनी को उनसे उतनी ही चिढ़ थी।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अकबर |लेखक: राहुल सांकृत्यायन |प्रकाशक: किताब महल, इलाहाबाद |पृष्ठ संख्या: 294 |

संबंधित लेख