"मरुद्वधा नदी": अवतरणों में अंतर
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*ऋग्वेद के नदीसूक्त में जिन दस नदियों के नाम आये हैं, उनमें से एक इसकी पहचान मरुवर्द्धवन नदी से की जाती है। | *ऋग्वेद के नदीसूक्त में जिन दस नदियों के नाम आये हैं, उनमें से एक इसकी पहचान मरुवर्द्धवन नदी से की जाती है। | ||
*जम्मू-कश्मीर राज्य की मरुघाटी से बहती हुई यह नदी चिनाव में मिलती है। | *जम्मू-कश्मीर राज्य की मरुघाटी से बहती हुई यह नदी चिनाव में मिलती है। | ||
*ऋग्वेद के नदीसूक्त के अन्य नौ नदियों के नाम इस प्रकार हैं-[[गंगा]], [[यमुना]], [[सरस्वती]], शुतुद्री ([[सतलुज]]), [[परुष्णी नदी|परुष्णी]] ([[रावी नदी|रावी]]), [[असिक्नी नदी|असिक्नी]] ([[चिनाव नदी|चिनाव]]), वितस्ता ([[झेलम नदी|झेलम]]), आर्जीकिया (कांशी) तथा सुषोमा (सोहन)। | *ऋग्वेद के नदीसूक्त के अन्य नौ नदियों के नाम इस प्रकार हैं-[[गंगा]], [[यमुना]], [[सरस्वती]], [[शतद्रु|शुतुद्री]] ([[सतलुज]]), [[परुष्णी नदी|परुष्णी]] ([[रावी नदी|रावी]]), [[असिक्नी नदी|असिक्नी]] ([[चिनाव नदी|चिनाव]]), वितस्ता ([[झेलम नदी|झेलम]]), आर्जीकिया (कांशी) तथा सुषोमा (सोहन)। | ||
*इनमें से अन्तिम दो नदियाँ रावलपिंडी ज़िले ([[पाकिस्तान]]) में हैं। | *इनमें से अन्तिम दो नदियाँ रावलपिंडी ज़िले ([[पाकिस्तान]]) में हैं। | ||
*मरुद्वधा नदी के उल्लेख से प्रकट होता है, कि ऋग्वेद कालीन [[आर्य]] [[जम्मू-कश्मीर]] के अंतरंग भागों से परिचित थे। | *मरुद्वधा नदी के उल्लेख से प्रकट होता है, कि ऋग्वेद कालीन [[आर्य]] [[जम्मू-कश्मीर]] के अंतरंग भागों से परिचित थे। |
07:20, 16 अगस्त 2014 के समय का अवतरण
मरुद्वधा नदी का वर्णन ऋग्वेद के नदीसूक्त में आया है। यह नदी जम्मू-कश्मीर राज्य की मरुघाटी से बहती है, और चिनाव में मिल जाती है।
- ऋग्वेद के नदीसूक्त में जिन दस नदियों के नाम आये हैं, उनमें से एक इसकी पहचान मरुवर्द्धवन नदी से की जाती है।
- जम्मू-कश्मीर राज्य की मरुघाटी से बहती हुई यह नदी चिनाव में मिलती है।
- ऋग्वेद के नदीसूक्त के अन्य नौ नदियों के नाम इस प्रकार हैं-गंगा, यमुना, सरस्वती, शुतुद्री (सतलुज), परुष्णी (रावी), असिक्नी (चिनाव), वितस्ता (झेलम), आर्जीकिया (कांशी) तथा सुषोमा (सोहन)।
- इनमें से अन्तिम दो नदियाँ रावलपिंडी ज़िले (पाकिस्तान) में हैं।
- मरुद्वधा नदी के उल्लेख से प्रकट होता है, कि ऋग्वेद कालीन आर्य जम्मू-कश्मीर के अंतरंग भागों से परिचित थे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 349 |