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'''खुखरी स्मारक''' [[मुम्बई]] के निकट [[अरब सागर]] में स्थित द्वीप समूह [[दीव]] का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। 'खुखरी' [[भारतीय नौसेना]] का एक पोत था, जिसका पूरा नाम 'आईएनएस खुखरी' (इण्डियन नेवल शिप खुखरी) था। इस पोत को [[भारत-पाकिस्तान युद्ध (1971)]] के दौरान पाकिस्तानी पनडुब्बी द्वारा दागे टारपीडो ने नष्ट कर दिया था। [[भारत]] का यह पोत दीव के [[समुद्र]] तट से 40 नॉटिकल मील की दूरी पर 18 अधिकारियों और 176 नाविकों सहित डूब गया था।
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|विवरण='खुखरी स्मारक' [[दीव]] के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यह स्मारक उन लोगों की स्मृति में बनाया गया है, जो भारतीय पोत 'आईएनएस खुखरी' पर सवार थे और जिन्होंने पोत के साथ ही समुद्र में समाधि ले ली थी।
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'''खुखरी स्मारक''' [[मुम्बई]] के निकट [[अरब सागर]] में स्थित द्वीप समूह [[दीव]] का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। 'खुखरी' [[भारतीय नौसेना]] का एक पोत था, जिसका पूरा नाम 'आईएनएस खुखरी' (इण्डियन नेवल शिप खुखरी) था। इस पोत को [[भारत-पाकिस्तान युद्ध (1971)]] के दौरान पाकिस्तानी पनडुब्बी द्वारा दागे गए टारपीडो ने नष्ट कर दिया था। [[भारत]] का यह पोत दीव के [[समुद्र]] तट से 40 नॉटिकल मील की दूरी पर 18 अधिकारियों और 176 नाविकों सहित डूब गया था।


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*जब पाकिस्तानी पनडुब्बी पीएनएस हंगोर ने खुखरी को निशाना बनाया, तब महेन्‍द्रनाथ मुल्‍ला के पास उस स्थिति में स्‍वंय को बचाने का अवसर था, लेकिन उस वीर ऑफ़ीसर ने भारतीय पोत आईएनएस खुखरी को छोड़ने से इनकार कर दिया और अपने पूरे चालक दल का साथ निभाया।<ref>{{cite web |url= http://hindi.nativeplanet.com/diu/attractions/ins-khukri-memorial/|title= आईएनएस खुखरी स्मारक, दीव|accessmonthday= 08 अक्टूबर|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=नेटिव प्लेनेट|language= हिन्दी}}</ref>
*महेन्द्रनाथ मुल्ला ने अपनी लाइफ जैकेट अपने जूनियर अधिकारी को दे दी और उसे उसके साथियों के साथ जहाज़ से उतर जाने का आदेश दिया।
*महेन्द्रनाथ मुल्ला ने अपनी जीवन रक्षक जैकेट अपने जूनियर अधिकारी को दे दी और उसे उसके साथियों के साथ जहाज़ से उतर जाने का आदेश दिया।
*कप्‍तान मुल्‍ला को देश के सम्‍मान में अपने अप्रतिम शौर्य और बलिदान के लिए मरणोपरांत '[[महावीर चक्र]]' से सम्‍मानित किया गया था।
*कप्‍तान मुल्‍ला को देश के सम्‍मान में अपने अप्रतिम शौर्य और बलिदान के लिए मरणोपरांत '[[महावीर चक्र]]' से सम्‍मानित किया गया था।
*यह भी उल्लेखनीय है कि उस घटना के बाद भारतीय नौसेना ने 48 घंटों के भीतर ही [[कराची]] के बंदरगाह पर अधिकार कर बदला ले लिया था।
*यह भी उल्लेखनीय है कि उस घटना के बाद भारतीय नौसेना ने 48 घंटों के भीतर ही [[कराची]] के बंदरगाह पर अधिकार कर बदला ले लिया था।

12:53, 8 अक्टूबर 2014 के समय का अवतरण

खुखरी स्मारक
खुखरी स्मारक
खुखरी स्मारक
विवरण 'खुखरी स्मारक' दीव के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यह स्मारक उन लोगों की स्मृति में बनाया गया है, जो भारतीय पोत 'आईएनएस खुखरी' पर सवार थे और जिन्होंने पोत के साथ ही समुद्र में समाधि ले ली थी।
राज्य दमन और दीव
ज़िला दीव
उद्घाटन तिथि 15 दिसम्बर, 1999
उद्घाटनकर्ता वाइस एडमिरल माधवेन्‍द्र सिंह
संबंधित लेख महेन्द्रनाथ मुल्ला, भारतीय नौसेना, भारत-पाकिस्तान युद्ध (1971)
अन्य जानकारी 'आईएनएस खुखरी' के जांबाज कप्तान महेन्द्रनाथ मुल्ला थे, जिन्होंने अंत समय तक खुखरी से पलायन नहीं किया और सैनिकों को बचाने में लगे रहे।

खुखरी स्मारक मुम्बई के निकट अरब सागर में स्थित द्वीप समूह दीव का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। 'खुखरी' भारतीय नौसेना का एक पोत था, जिसका पूरा नाम 'आईएनएस खुखरी' (इण्डियन नेवल शिप खुखरी) था। इस पोत को भारत-पाकिस्तान युद्ध (1971) के दौरान पाकिस्तानी पनडुब्बी द्वारा दागे गए टारपीडो ने नष्ट कर दिया था। भारत का यह पोत दीव के समुद्र तट से 40 नॉटिकल मील की दूरी पर 18 अधिकारियों और 176 नाविकों सहित डूब गया था।

  • वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना के पोत 'आईएनएस खुखरी' के जांबाज कप्तान महेन्द्रनाथ मुल्ला थे।
  • जब पाकिस्तानी पनडुब्बी पीएनएस हंगोर ने खुखरी को निशाना बनाया, तब महेन्‍द्रनाथ मुल्‍ला के पास उस स्थिति में स्‍वंय को बचाने का अवसर था, लेकिन उस वीर ऑफ़ीसर ने भारतीय पोत आईएनएस खुखरी को छोड़ने से इनकार कर दिया और अपने पूरे चालक दल का साथ निभाया।[1]
  • महेन्द्रनाथ मुल्ला ने अपनी जीवन रक्षक जैकेट अपने जूनियर अधिकारी को दे दी और उसे उसके साथियों के साथ जहाज़ से उतर जाने का आदेश दिया।
  • कप्‍तान मुल्‍ला को देश के सम्‍मान में अपने अप्रतिम शौर्य और बलिदान के लिए मरणोपरांत 'महावीर चक्र' से सम्‍मानित किया गया था।
  • यह भी उल्लेखनीय है कि उस घटना के बाद भारतीय नौसेना ने 48 घंटों के भीतर ही कराची के बंदरगाह पर अधिकार कर बदला ले लिया था।
  • आईएनएस खुखरी के साथ शहीद हुए सभी बहादुर योद्धाओं की शहादत की स्‍मृति में दीव में एक स्‍मारक स्‍थापित किया गया है। इस स्‍मारक के पास में ही कांच में आईएनएस खुखरी के एक छोटे-से प्रारूप को रखा गया है।
  • खुखरी स्‍मारक समुद्र के सामने एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इस स्‍मारक का उद्घाटन वाइस एडमिरल माधवेन्‍द्र सिंह ने 15 दिसम्बर, 1999 को किया था, जो भारतीय नौसेना के तत्‍कालीन 'कमांडिग इन चीफ़ फ़्लैग ऑफ़ीसर' थे।


इन्हें भी देखें: महेन्द्रनाथ मुल्ला


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. आईएनएस खुखरी स्मारक, दीव (हिन्दी) नेटिव प्लेनेट। अभिगमन तिथि: 08 अक्टूबर, 2014।

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