"शिक़दार": अवतरणों में अंतर
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'''शिक़दार''' [[मध्यकालीन भारत]] में राज्य की शासकीय व्यवस्था में आने वाला एक उच्च पद था। [[मुग़लकालीन शासन व्यवस्था]] में भी यह पद उच्च अधिकारी का होता था। | '''शिक़दार''' [[मध्यकालीन भारत]] में राज्य की शासकीय व्यवस्था में आने वाला एक उच्च पद था। [[मुग़लकालीन शासन व्यवस्था]] में भी यह पद उच्च अधिकारी का होता था। | ||
*[[शेरशाह]] ने [[सल्तनत काल]] से चली आ रही प्रशासकीय इकाईयों में कोई परिवर्तन नहीं किया था। परगना के अंतर्गत कुछ [[ग्राम]] होते थे। परगना एक | *[[शेरशाह]] ने [[सल्तनत काल]] से चली आ रही प्रशासकीय इकाईयों में कोई परिवर्तन नहीं किया था। परगना के अंतर्गत कुछ [[ग्राम]] होते थे। परगना एक शिक़दार के अधीन होता था। | ||
*शिक़दार का काम क़ानून और व्यवस्था तथा प्रशासन का कार्य देखना था। | *शिक़दार का काम क़ानून और व्यवस्था तथा प्रशासन का कार्य देखना था। | ||
*मुंसिफ़ या [[आमिल]] भी शिक़दार के अधीन होते थे, जो भू-राजस्व इकट्ठा करते थे। | *मुंसिफ़ या [[आमिल]] भी शिक़दार के अधीन होते थे, जो भू-राजस्व इकट्ठा करते थे। |
11:49, 22 मार्च 2015 के समय का अवतरण
शिक़दार मध्यकालीन भारत में राज्य की शासकीय व्यवस्था में आने वाला एक उच्च पद था। मुग़लकालीन शासन व्यवस्था में भी यह पद उच्च अधिकारी का होता था।
- शेरशाह ने सल्तनत काल से चली आ रही प्रशासकीय इकाईयों में कोई परिवर्तन नहीं किया था। परगना के अंतर्गत कुछ ग्राम होते थे। परगना एक शिक़दार के अधीन होता था।
- शिक़दार का काम क़ानून और व्यवस्था तथा प्रशासन का कार्य देखना था।
- मुंसिफ़ या आमिल भी शिक़दार के अधीन होते थे, जो भू-राजस्व इकट्ठा करते थे।
- मुग़लकालीन शासन व्यवस्था शिक़दार परगने का प्रमुख अधिकारी होता था। परगने में शान्ति व्यवस्था के साथ अपराधियों को दण्डित करना शिक़दार का प्रमुख कार्य था।
इन्हें भी देखें: मुग़ल काल, मुग़ल साम्राज्य, मुग़ल वंश, मुग़लकालीन सैन्य व्यवस्था एवं मुग़लकालीन शासन व्यवस्था
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