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स्थानीय किवदंतियों के अनुसार हरगांव एक प्राचीन कस्बा है जिसकी नींव अयोध्यानरेश [[हरिश्चंद्र|महाराज हरिश्चंद्र]] ने डाली थी।  
स्थानीय किवदंतियों के अनुसार हरगांव एक प्राचीन क़स्बा है जिसकी नींव अयोध्यानरेश [[हरिश्चंद्र|महाराज हरिश्चंद्र]] ने डाली थी।  
*एक खेड़े के खंडहर भी यहाँ मिले हैं।  
*एक खेड़े के खंडहर भी यहाँ मिले हैं।  
*इसके ऊपर पहले एक मंदिर था जिसका स्थान अब एक मस्जिद ने ले लिया है।  
*इसके ऊपर पहले एक मंदिर था जिसका स्थान अब एक मस्जिद ने ले लिया है।  
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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*पुस्तक- ऐतिहासिक स्थानावली, लेखक-विजयेन्द्र कुमार माथुर, प्रकाशन- राजस्थान ग्रंथ अकादमी जयपुर
*ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार





14:10, 6 अप्रैल 2015 के समय का अवतरण

स्थानीय किवदंतियों के अनुसार हरगांव एक प्राचीन क़स्बा है जिसकी नींव अयोध्यानरेश महाराज हरिश्चंद्र ने डाली थी।

  • एक खेड़े के खंडहर भी यहाँ मिले हैं।
  • इसके ऊपर पहले एक मंदिर था जिसका स्थान अब एक मस्जिद ने ले लिया है।
  • मंदिर के पास एक सरोवर है जिसके बारे में कहा जाता है कि इसे पाण्डवों ने एक रात में बनवाया था।
  • स्थानीय अनुश्रति में इस स्थान को राजा विराट का नगर माना जाता है।
  • कस्बे के दक्षिण की ओर कीचक़ की समाधि बताई जाती है।
  • यह किंवदंती निस्सार मालूम पड़ती है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. दे. विराटनगर
  • ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार


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