|
|
(5 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 77 अवतरण नहीं दर्शाए गए) |
पंक्ति 1: |
पंक्ति 1: |
| ==इतिहास==
| |
| {| class="bharattable-green" width="100%" | | {| class="bharattable-green" width="100%" |
| |- | | |- |
| | valign="top"| | | | valign="top"| |
| {| width="100%" | | {| width="100%" |
| | | | | |
| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
|
| |
|
| {[[गुप्त काल]] में [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] की कांस्य निर्मित प्रतिमा कहाँ से प्राप्त हुई है? | | {महाकाव्य साकेत संत के रचानाकार [[छत्तीसगढ़]] के कौन-से साहित्य पितृपुरुष है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +[[सुल्तानगंज]]
| | -डॉक्टर बलदेव प्रसाद मिश्र |
| -[[बोध गया]] | | +सरयू प्रसाद त्रिपाठी |
| -[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता]]
| | -पंडित रामदयाल तिवारी |
| -[[मथुरा]] | | -पंडित मुकुटधर पाण्डेय |
| ||[[चित्र:Buddhism-Symbol.jpg|right|120px|बौद्ध धर्म का प्रतीक]][[बिहार]] के [[भागलपुर ज़िला|भागलपुर ज़िले]] में स्थित [[सुल्तानगंज]] से एक विशाल [[गुप्त काल]] की [[बौद्ध]] प्रतिमा मिली है, जो काँसे से निर्मित है। वर्तमान में यह प्रतिमा बर्मिघम, [[इंग्लैण्ड]] के संग्रहालय में सुरक्षित है। [[महात्मा बुद्ध]] की यह प्रतिमा दो टन से भी अधिक भारी तथा दो मीटर ऊँची है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुल्तानगंज]]
| |
|
| |
|
| {संगम काल का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण नगर कौन-सा था? | | {[[छत्तीसगढ़]] में 'छेपका' किसे कहते है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[अरिकमेडु]] | | -छोटी [[आँख]] वाले को |
| -[[कांची]] | | +चोर को |
| +[[पुहार]] | | -छोटी [[नाक]] वाले को |
| -[[मदुरा]] | | -बच्चे को |
| | |
| | {'चन्दा अमरित बरसाईत' उपन्यास के रचियता कौन है? |
| | |type="()"} |
| | +लखन लाल गुप्त |
| | -हृदय सिंह |
| | -बंशीधर पाण्डे |
| | -सीताराम मिश्र |
|
| |
|
| {[[खजुराहो]] में स्थित 'चतुर्भुज मंदिर' का निर्माण किस [[चंदेल वंश|चंदेल]] शासक ने करवाया था? | | {'वीरन गीत' किस प्रमुख गीत का अंश है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +[[यशोवर्मन]]
| | -करमा गीत |
| -[[धंगदेव]] | | +देवार गीत |
| -[[कीर्तिवर्मन ]]
| | -ददरिया गीत |
| -[[गंडदेव]] | | -बाँस गीत |
| ||[[चित्र:Kandariya Mahadeva temple.jpg|right|120px|कन्दारिया महादेव मन्दिर]]विजेता होने के साथ ही साथ एक निर्माता के रूप में [[यशोवर्मन]] ने [[खजुराहो]] में भगवान [[विष्णु]] का एक विशाल मन्दिर ('कंदारिया महादेव मंदिर') का निर्माण करवाया, जिसे 'चतुर्भुज मंदिर' भी माना जाता है। इस मंदिर में उसने [[वैकुण्ठ]] की मूर्ति स्थापित करायी थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[यशोवर्मन]]
| |
|
| |
|
| {[[दिल्ली]] के '[[तुग़लक़ वंश]]' का संस्थापक कौन था? | | {वैचारिक निबंधों की श्रेणी में आने वाला छत्तीसगढ़ी संत साहित्य के रचयिता है? 354 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +[[ग़यासुद्दीन तुग़लक़]]
| | -केयूर भूषण |
| -[[मुहम्मद बिन तुग़लक़]] | | -सुखदेव प्रसाद पाण्डे |
| -[[फ़िरोज़शाह तुग़लक़]] | | +धनंजय |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| | -सुखदेव सिंह |
| ||[[चित्र:The-Tomb-Of-Ghayasuddin-Tughlak.jpg|ग़यासुद्दीन तुग़लक़ का मक़बरा, तुग़लकाबाद|120px|right]]ग़यासुद्दीन तुग़लक़ (1320-1325 ई.), 8 सितम्बर, 1320 ई. को [[दिल्ली]] के सिंहासन पर बैठा था। इसे [[तुग़लक़ वंश]] का संस्थापक भी माना जाता है। इसने कुल 29 बार [[मंगोल]] आक्रमण को विफल किया। सुल्तान बनने से पहले वह [[क़ुतुबुद्दीन मुबारक़ ख़िलजी]] के शासन काल में उत्तर-पश्चिमी सीमान्त प्रान्त का शक्तिशाली गर्वनर नियुक्त हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ग़यासुद्दीन तुग़लक़]]
| |
|
| |
|
| {'[[मनसब]]' किन्हें प्रदान किया जाता था? | | {सन्न्यास और श्रंगार की लोककथा [[छत्तीसगढ़]] के किस लोकगीत से मिलती है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -केवल अमीरों को | | -सुआ गीत |
| -केवल सैन्य अधिकारियों को | | -पण्डवानी |
| +राज्य के सभी अधिकारियों को | | +भरथरी |
| -राजा के सगे सम्बन्धियों को | | -ढोलामारू |
|
| |
|
| {[[शिवाजी]] के राजनीतिक गुरु एवं संरक्षक कौन थे? | | {'बहुमत' साहित्यिक पत्रिका कहाँ से निकलती है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[गुरु रामदास]] | | -[[रायपुर]] |
| -[[शाहजी भोंसले]] | | -कोरबा |
| +दादाजी कोंणदेव
| | +भिलाई |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| | -[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] |
|
| |
|
| {किस [[जाट]] नेता को 'प्लेटो' की उपाधि दी गई? | | {प्रसिद्ध उपन्यास 'सुबह की तलाश' के लेखक कौन हैं? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[बदनसिंह]] | | -मुकुटधर पाण्डे |
| -[[गोकुल सिंह]]
| | +डॉक्टर नरेन्द्र देव वर्मा |
| -[[राजाराम]] | | -हेमनाथ यदु |
| +[[सूरजमल]]
| | -बद्रीविशाल परमानन्द |
| ||[[चित्र:Maharaja-Surajmal-1.jpg|राजा सूरजमल|100px|right]]राजा सूरजमल एक सुयोग्य [[जाट]] शासक था। उसने [[ब्रज]] में एक स्वतंत्र [[हिन्दू]] राज्य की स्थापना करके [[इतिहास]] में गौरव प्राप्त किया है। उसके शासन का समय सन 1755 ई. से सन 1763 ई. है। वह सन 1755 ई. के कई साल पहले से ही अपने [[पिता]] [[बदनसिंह]] के शासन के समय से ही राज्य के समस्त कार्यों को सम्भाले लगा था। [[सूरजमल]] ने बहुत पहले ही अपनी सैन्य क्षमताओं को विकसित कर लिया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सूरजमल]]
| |
|
| |
|
| {कौन-सा विदेशी आक्रमणकारी '[[कोहिनूर हीरा]]' एवं '[[मयूर सिंहासन]]' लूटकर अपने साथ स्वदेश ले गया? | | {[[छत्तीसगढ़]] में सर्वाधिक मात्रा में बैगा जनजाति किस ज़िले में पायी जाती है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +[[नादिरशाह]] | | +[[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर]] |
| -[[अहमदशाह अब्दाली]] | | -[[कवर्धा ज़िला|कवर्धा]] |
| -[[मुहम्मद ग़ोरी]] | | -[[कोरिया ज़िला|कोरिया]] |
| -[[अंग्रेज़]] | | -[[बस्तर ज़िला|बस्तर]] |
| ||[[चित्र:Nader-Shah.jpg|नादिरशाह|100px|right]]नादिरशाह के आक्रमण के कारण [[दिल्ली]] में हज़ारों नागरिक मारे गये थे और वहाँ भारी लूट की गई। इस लूट में [[नादिरशाह]] को बेशुमार दौलत मिली थी। उसे 20 करोड़ की बजाय 30 करोड़ रुपया नक़द मिला। उसके अतिरिक्त ढेरो जवाहरात, बेगमों के बहुमूल्य आभूषण, [[सोना]]-[[चाँदी]] के अगणित वर्तमान तथा अन्य वेश-क़ीमती वस्तुएँ उसे मिली थीं। इनके साथ ही साथ दिल्ली की लूट में उसे [[कोहिनूर हीरा]] और [[शाहजहाँ]] का 'तख्त-ए-ताऊस' ([[मयूर सिंहासन]]) भी मिला था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नादिरशाह]] | |
|
| |
|
| {'तेलंगाना किसान आंदोलन' का मुख्य कारण क्या था? | | {'हस्ताक्षर' पत्रिका के सम्पादक कौन थे? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -ज़मींदारों का अत्याचार | | -हरि ठाकुर |
| +कम क़ीमत पर गल्ला वसूली
| | -मधुकर खेर |
| -लगान की दरों में वृद्धि | | -ललित सुरजन |
| -किसानों को भूमि से बेदखल करना
| | +विभु कुमार |
|
| |
|
| {किस ट्रेड यूनियन संगठन को [[भारत]] का प्रथम आधुनिक ट्रेड यूनियन होने का गौरव प्राप्त है? | | {[[छत्तीसगढ़]] के विधायक रहे एक आदिवासी नेता, जिन्होंने गोंडी में [[रामायण]] लिखी है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस | | +महादेव अयातुराम |
| -नेशनल ट्रेड यूनियन फ़ेडरेशन | | -मनकूराम सोढ़ी |
| +मद्रास लेबर यूनियन
| | -बलिराम कश्यप |
| -रेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस | | -गडरूराम सोढ़ी |
|
| |
|
| {निम्नलिखित में से कौन-सी बात [[भक्ति आन्दोलन]] तथा [[सूफ़ी आन्दोलन|सूफ़ी आन्दोलन]] में साझी नहीं है? | | {सुआ गीता प्रमुखत: किनमें प्रचलित है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -ईश्वर के प्रति निजी प्रेम | | -सतनामी नारियों में |
| +मूर्ति पूजा | | -ब्रह्माण नारियों में |
| -रहस्यवाद
| | +गोंड नारियों में |
| -[[तीर्थ स्थान|तीर्थ स्थानों]] की यात्रा | | -इनमें से कोई नहीं |
|
| |
|
| {[[मुस्लिम लीग]] ने अलग [[मुसलमान|मुस्लिम]] राज्य का समर्थन कब किया था? | | {छेर-छेरा गीत किस समय गया जाता था? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -1906 ई. में अपनी स्थापना के समय | | -होली के समय |
| -[[सविनय अवज्ञा आन्दोलन]] के दौरान | | +नई फसल के स्वागत के समय |
| -[[असहयोग आन्दोलन]] के समय | | -दीपावली के समय |
| +1940 ई. लाहौर अधिवेशन में
| | -रामनवमी के समय |
|
| |
|
| {[[महात्मा गाँधी]] ने 'कायद-ए-आज़म' की उपाधि का प्रयोग किसके लिये किया था? | | {छत्तीसगढ़ का सर्वाधिक प्रसिद्ध लोक नृत्य कौन-सा है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[सरदार पटेल]]
| | +करमा नृत्य |
| -[[दादा भाई नौरोजी]] | | -पन्थी नृत्य |
| +[[मोहम्मद अली जिन्ना]]
| | -सुआ नृत्य |
| -[[अबुल कलाम आज़ाद]] | | -देवार नृत्य |
| ||[[चित्र:Jinnah Gandhi.jpg|100px|right|मोहम्मद अली जिन्ना]]मोहम्मद अली जिन्ना ने [[मुस्लिम लीग]] का पुनर्गठन किया था और [[महात्मा गाँधी]] द्वारा उन्हें 'कायद-ए-आज़म' के रूप में पुकारा गया। 1940 ई. में उन्होंने धार्मिक आधार पर [[भारत]] के विभाजन तथा [[मुसलमान|मुस्लिम]] बहुसंख्यक प्रान्तों को मिलाकर [[पाकिस्तान]] बनाने की मांग की। बहुत कुछ उन्हीं की वजह से 1947 ई. में भारत का विभाजन हो गया और पाकिस्तान की स्थापना हुई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मोहम्मद अली जिन्ना]]
| |
|
| |
|
| {निम्नलिखित में से कौन-सी [[बौद्ध]] रचना [[गीता]] के समान पवित्र मानी जाती है? | | {कबीर पन्थ के वर्तमान आचार्य कौन है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +[[जातक कथा|जातक]] | | +प्रकाश मुनि साहब |
| -[[धम्मपद]] | | -भानु मुनि साहब |
| -[[त्रिपिटक]] | | -धर्मदास मुनि साहब |
| -[[बुद्धचरित]] | | -आनन्द मुनि साहब |
|
| |
|
| {निम्नलिखित व्यक्तियों में से किसकी हत्या वीरसिंह बुंदेला ने की थी? | | {साहित्य में छत्तीसगढ़ी' शब्द का प्रथम प्रयोग कब किया गया था? |
| | |type="()"} |
| | -सन 1387 |
| | +सन 1487 |
| | -सन 1587 |
| | -सन 1687 |
| | |
| | {प्रसिद्ध रचना 'झलमला' के रचनाकार कौन है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +[[अबुल फ़ज़ल]]
| | -पंडित मुकुटधर पाण्डेय |
| -[[मलिक अम्बर]] | | -डॉक्टर बलदेव प्रसाद मिश्र |
| -[[चेतसिंह]]
| | +डॉक्टर पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी |
| -[[छत्रसाल]] | | -पंडित द्वारिका प्रसाद तिवारी 'विप्र' |
| ||अबुल फ़ज़ल का जन्म 958 हिजरी (6 मुहर्रम, 14 जनवरी सन 1551 ई.) में हुआ था। वह बहुत पढ़ा-लिखा और विद्वान था और उसकी विद्वता का लोग आदर करते थे। उसका स्वभाव एकांतप्रिय था। [[अबुल फ़ज़ल]] रात्रि में दरवेशों के यहाँ जाता, उनमें अशर्फ़ियाँ बाँटता और अपने [[धर्म]] के लिए उनसे दुआ माँगता था। 1602 ई. में [[बुन्देला]] राजा वीरसिंह देव ने शहज़ादा सलीम ([[जहाँगीर]]) के उकसाने से अबुल फ़ज़ल की हत्या कर डाली।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अबुल फ़ज़ल]]
| | |
| </quiz> | | </quiz> |
| |} | | |} |
| |} | | |} |
| __NOTOC__ | | __NOTOC__ |