"छत्तीसगढ़ का भूगोल": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replace - ")</ref" to "</ref")
No edit summary
 
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 5 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{पुनरीक्षण}}
{{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय
*[[छत्तीसगढ़]] राज्य [[मध्य प्रदेश]] के दक्षिण-पूर्व में 17°46' उत्तरी अक्षांश से 24°5' उत्तरी अक्षांश तथा 80°15' पूर्वी देशांतर से 84°15' पूर्वी देशांतर रेखाओं के मध्य स्थित है।  
|चित्र=Chhattisgarh-map.jpg
*छत्तीसगढ़ का कुल भौगोलिक क्षेत्रअफल 1,35,194 वर्ग किमी. है। इसकी उत्तरी-दक्षिण लम्बाई 360 किमी. तथा पूर्व-पश्चिम चौड़ाई 140 किमी. है।  
|चित्र का नाम=छत्तीसगढ़ राज्य का मानचित्र
*छत्तीसगढ़ के उत्तर में [[उत्तर प्रदेश]], उत्तरी-पूर्वी सीमा में [[झारखण्ड]], दक्षिण-पूर्व में [[ओडिशा]] राज्य स्थित है। दक्षिण में [[आन्ध्र प्रदेश]], दक्षिण-पश्चिम में [[महाराष्ट्र]] तथा उत्तरी-पश्चिम भाग में मध्य प्रदेश स्थित है।  
|शीर्षक 1=विवरण
*छत्तीसगढ़ राज्य में तीन सम्भाग 16 ज़िले हैं। यह प्रदेश भारत के कुल क्षेत्रफल का 4.11% है।  
|पाठ 1=[[छत्तीसगढ़]] [[भारत]] का 26वाँ राज्य है। इसका भू-भाग सम्पूर्ण भारत के भू-भाग का कुल 4.14% है। इस प्रकार क्षेत्रफल के हिसाब से यह देश का 9वाँ बड़ा राज्य है।
*क्षेत्रेफल की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल 16 रज्यों से अधिक है। यह राज्य अनेक छोटे-छोटे राज्यों से बड़ा है।  
|शीर्षक 2=भौगोलिक स्थिति
*छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल [[पंजाब]], [[हरियाणा]] एवं [[केरल]] इन तीनों राज्यों से योग से अधिक है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ का सम्भाग बस्तर<ref>39,114 वर्ग किमी.</ref> का विस्तार केरल के क्षेत्रफल से बड़ा है।
|पाठ 2=दक्षिण-पूर्व में 17°46' उत्तरी अक्षांश से 24°5' उत्तरी अक्षांश तथा 80°15' पूर्वी देशांतर से 84°15' पूर्वी देशांतर रेखाओं के मध्य।
;छत्तीसगढ़ राज्य की नदियाँ
|शीर्षक 3=क्षेत्रफल
{{main|छत्तीसगढ़ राज्य की नदियाँ}}
|पाठ 3=1,35,361 वर्ग कि.मी.
नदियाँ जीवनदायिनी होती हैं। किसी भी राष्ट्र या राज्य के सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, भौतिक एवं सांस्कृतिक इतिहास में इनका प्रमुख स्थान है। नदियाँ पेयजल, सिंचाई और परिवहन का प्रमुख स्रोत रही हैं, जिसके कारण आदिकाल से ही सभ्यताओं का विकास नदियों किनारे स्थित है। नदियों से भूमि के ढाल के विषय में जानकारी प्राप्त होती है किसी राज्य का अपवाह तन्त्र वहाँ के उच्चावच एवं भूमि के ढाल पर निर्भर करता है। ये नदियाँ अपने प्रवाह के साथ विभिन्न प्रकार के महत्त्वपूर्ण तत्त्व लाकर अपने तटों पर बिछा देती हैं, जो तत्त्व कृषि में बहुत ही सहायक होते हैं।
|शीर्षक 4=सीमावर्ती राज्य
{{प्रचार}}
|पाठ 4=उत्तर में [[उत्तर प्रदेश]], उत्तरी-पूर्वी सीमा में [[झारखण्ड]], दक्षिण-पूर्व में [[ओडिशा]], दक्षिण में [[आन्ध्र प्रदेश]], दक्षिण-पश्चिम में [[महाराष्ट्र]] तथा उत्तरी-पश्चिम भाग में [[मध्य प्रदेश]]
|शीर्षक 5=मण्डल
|पाठ 5=5
|शीर्षक 6=ज़िलों की संख्या
|पाठ 6=27
|शीर्षक 7=प्राकृतिक खण्ड
|पाठ 7=तीन (उत्तर में सतपुड़ा, मध्य में [[महानदी]] और उसकी सहायक नदियों का मैदानी क्षेत्र, दक्षिण में बस्तर का पठार)।
|शीर्षक 8=प्रमुख नदियाँ
|पाठ 8=[[महानदी]], [[शिवनाथ नदी]], [[खारून नदी]], [[पैरी नदी]], [[हसदो नदी]] आदि।
|शीर्षक 9=
|पाठ 9=
|शीर्षक 10=
|पाठ 10=
|शीर्षक 11=
|पाठ 11=
|शीर्षक 12=
|पाठ 12=
|शीर्षक 13=
|पाठ 13=
|शीर्षक 14=
|पाठ 14=
|शीर्षक 15=
|पाठ 15=
|शीर्षक 16=
|पाठ 16=
|शीर्षक 17=
|पाठ 17=
|शीर्षक 18=
|पाठ 18=
|शीर्षक 19=
|पाठ 19=
|शीर्षक 20=
|पाठ 20=
|संबंधित लेख=
|अन्य जानकारी=[[छत्तीसगढ़]] में तालाबों की संख्या बहुत ज्यादा है। यहाँ की बहुत सारी जगहों का नाम तालाब के साथ जुड़ा हुआ है, जैसे- कटोरा तालाब, बूढ़ा तालाब आदि।
|बाहरी कड़ियाँ=[http://www.cgstate.gov.in/web/guest/home अधिकारिक वेबसाइट]
|अद्यतन=
}}
 
[[छत्तीसगढ़|छत्तीसगढ़ राज्य]] [[मध्य प्रदेश]] के दक्षिण-पूर्व में 17°46' उत्तरी अक्षांश से 24°5' उत्तरी अक्षांश तथा 80°15' पूर्वी देशांतर से 84°15' पूर्वी देशांतर रेखाओं के मध्य स्थित है। इसका कुल भौगोलिक क्षेत्रअफल 1,35,361 वर्ग कि.मी. है। इसकी उत्तरी-दक्षिण लम्बाई 360 कि.मी. तथा पूर्व-पश्चिम चौड़ाई 140 कि.मी. है। छत्तीसगढ़ को "धान का कटोरा" कहा जाता है।
==सीमांकन==
[[छत्तीसगढ़]] के उत्तर में [[उत्तर प्रदेश]], उत्तरी-पूर्वी सीमा में [[झारखण्ड]], दक्षिण-पूर्व में [[ओडिशा]] राज्य स्थित है। दक्षिण में [[आन्ध्र प्रदेश]], दक्षिण-पश्चिम में [[महाराष्ट्र]] तथा उत्तरी-पश्चिम भाग में [[मध्य प्रदेश]] स्थित है।
==क्षेत्रफल==
राज्य में 5 मण्डल 27 ज़िले हैं। यह प्रदेश [[भारत]] के कुल क्षेत्रफल का 4.11% है। क्षेत्रेफल की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल 16 राज्यों से अधिक है। यह राज्य अनेक छोटे-छोटे राज्यों से बड़ा है। छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल [[पंजाब]], [[हरियाणा]] एवं [[केरल]] इन तीनों राज्यों के योग से अधिक है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ का सम्भाग बस्तर (39,114 वर्ग कि.मी.) का विस्तार केरल के क्षेत्रफल से बड़ा है। छत्तीसगढ़ में गांवों की संख्या 19,720 है। छत्तीसगढ़ कही ऊँची तो कहीं नीची [[पर्वतमाला|पर्वत श्रेणियों]] से घिरा हुआ है। इस क्षेत्र में बहुत सारे जंगल हैं, जहाँ [[साल वृक्ष|साल]], सागौन, साजा और बीजा के पेड़ों की अधिकता है। [[बाँस]] के जंगल भी बहुत हैं।<ref name="aa">{{cite web |url= http://www.ignca.nic.in/coilnet/chgr0002.htm#bhasha|title= छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति|accessmonthday= 11 जून|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=इग्निका |language= हिन्दी}}</ref>
====उपजाऊ भूमि====
छत्तीसगढ़ की भूमि बहुत उपजाऊ है। इस क्षेत्र के बीच में [[महानदी]] और उसकी सहायक नदियाँ एक विशाल मैदान निर्मित करती हैं, जो लगभग 80 कि.मी. चौड़ा और 322 कि.मी. लम्बा है। समुद्र सतह से यह मैदान करीब 300 मीटर ऊँचा है। इस मैदान के पश्चिम में महानदी तथा [[शिवनाथ नदी|शिवनाथ]] का [[दोआब]] है। इस मैदान के बीच में से गुजरती है महानदी। इस मैदानी क्षेत्र के भीतर है- [[रायपुर ज़िला|रायपुर]], [[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]] और [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर ज़िले]] के दक्षिणी भाग। यह क्षेत्र बहुत ही उपजाऊ है।
==प्राकृतिक खण्ड==
इस मैदानी क्षेत्र के उत्तर में है [[मैकल पर्वत]] की श्रृंखला। [[सरगुजा ज़िला|सरगुजा]] की उच्चतम भूमि ईशान में है। पूर्व में है [[उड़ीसा]] की छोटी-बड़ी पहाड़ियाँ और आग्नेय में है [[सिहावा पर्वत श्रेणी|सिहावा]] के पर्वत श्रृंग। दक्षिण बस्तर में हैं गिरि-मालाएँ। [[छत्तीसगढ़]] के तीन प्राकृतिक खण्ड हैं-
#उत्तर में सतपुड़ा
#मध्य में [[महानदी]] और उसकी सहायक नदियों का मैदानी क्षेत्र
#दक्षिण में बस्तर का पठार
==प्रमुख नदियाँ==
छत्तीसगढ़ में अनेक नदियाँ हैं। प्रमुख नदियाँ हैं- [[महानदी]], [[शिवनाथ नदी|शिवनाथ]], [[खारून नदी|खारून]] तथा [[पैरी नदी|पैरी]]।<ref name="aa"/>
 
====महानदी====
{{main|महानदी}}
[[चित्र:Mahanadi.jpg|thumb|150px|[[महानदी]]]]
[[महानदी]] [[सिहावा पर्वत श्रेणी|सिहावा पर्वत]] से निकलती है। यह उत्तर पूर्व की ओर बहती हुई [[धमतरी]] और [[राजिम]] होती हुई बलौदा बाज़ार की उत्तरी सीमा तक पहुँचती है। इसके बाद महानदी अपनी धुन में बहती-बहती पूर्व की ओर मुड़कर रायपुर को बिलासपुर ज़िले से अलग कर देती है। गर्मियों में महानदी सूख जाती है, पर [[वर्षा]] होने के बाद उसका रूप बदल जाता है। [[जुलाई]] से [[फ़रवरी]] में उसमें नावें भी चलती हैं। पहले तो महानदी और उसकी सहायक नदियों के माध्यम से [[छत्तीसगढ़]] में पैदा होने वाली वस्तुओं को [[समुद्र]] के निकट स्थित बाज़ारों तक भेजा जाता था। महानदी की प्रमुख सहायक नदियाँ हैं- [[हसदो नदी|हसदो]], [[जोंक नदी|जोंक]] व शिवनाथ।
 
====शिवनाथ नदी====
{{main|शिवनाथ नदी}}
[[चित्र:Shivnath-River.jpg|thumb|150px|[[शिवनाथ नदी]]]]
यह नदी महानदी की प्रमुख सहायक नदी है। यह [[दुर्ग ज़िला|दुर्ग ज़िले]] की दक्षिण-पश्चिम सीमा से निकलती है। फिर उत्तर की ओर बहती हुई रायपुर ज़िले के बलौदा बाज़ार तहसील के उत्तरी भाग में जाकर यह महानदी में मिल जाती है। महानदी और शिवनाथ जहाँ मिलती हैं, वह जगह जैसर गाँव के नजदीक है। शिवनाथ नदी के कुछ भागों में सिर्फ [[वर्षा]] के समय ही नावें चलती हैं और कहीं-कहीं कुछ भागों में जुलाई से फ़रवरी तक नावें चलती हैं।
 
====खारून नदी====
{{main|खारून नदी}}
[[चित्र:Kharun-River.jpg|thumb|150px|[[खारून नदी]]]]
शिवनाथ अगर [[महानदी]] की प्रमुख सहायक नदी है, तो [[खारून नदी|खारून]] शिवनाथ की प्रमुख सहायक नदी है। यह नदी दुर्ग ज़िले के संजारी से और फिर [[रायपुर ज़िला|रायपुर तहसील]] की सीमा से बहती हुई सोमनाथ के पास शिवनाथ नदी में मिल जाती है। इसी जगह पर यह बेमेनय और बलौदा बाज़ार तहसील को अलग करती है। बलौदा बाज़ार के उत्तर में [[अरपा नदी]], जो बिलासपुर ज़िले से निकलती है, शिवनाथ से आ मिलती है। [[हावड़ा ज़िला|हावड़ा]]-[[नागपुर]] रेलमार्ग इस खारून नदी के ऊपर से गुजरता है। खारून में एक शान्ति है, जो देखने वालों को अपनी ओर खींचती हैं।
 
====पैरी====
{{main|पैरी नदी}}
पैरी नदी भी महानदी की सहायक नदी है। यह नदी वृन्दानकगढ़ जमींदारी से निकलती है। इसके बाद उत्तर-पूर्व दिशा की ओर करीब 96 कि.मी. बहती हुई राजिम क्षेत्र में महानदी से मिलती है। पैरी नदी [[धमतरी]] और [[राजिम]] को विभाजित करती है। इस नदी के तट पर स्थित है, 'राजीवलोचन का मंदिर'। राजिम में पैरी, महानदी और सोंढू नदियों का त्रिवेणी संगम स्थल है।<ref name="aa"/>
==तालाब==
[[छत्तीसगढ़]] में तालाबों की संख्या बहुत ज्यादा है। ये तालाब [[वर्षा]] के पानी से भरते हैं। शहरों में तालाब भरकर मकान बनाये जा रहे हैं, जो भविष्य में पानी की समस्या के रूप में प्रकट होगा। रायपुर, छत्तीसगढ़ की राजधानी में बीस साल पहले ढेर सारे तालाब हुआ करते थे। आज जगहों के नाम से पता चलता है कि वहाँ पहले तालाब हुआ करता था। यहाँ की बहुत सारी जगहों का नाम तालाब के साथ जुड़ा हुआ है, जैसे- कटोरा तालाब, बूढ़ा तालाब आदि। गाँव में भी तालाबों की संख्या दूसरे क्षेत्र से कई गुना अधिक है।
 
 
{{seealso|छत्तीसगढ़ राज्य की नदियाँ}}
 
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{भारत का भूगोल}}
{{भारत का भूगोल}}
[[Category:भूगोल कोश]]
[[Category:छत्तीसगढ़ राज्य]][[Category:भारत का भूगोल]][[Category:भूगोल कोश]]
[[Category:नया पन्ना]]
[[Category:भारत का भूगोल]]
[[Category:छत्तीसगढ़ राज्य]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__

10:53, 12 जून 2015 के समय का अवतरण

छत्तीसगढ़ का भूगोल
छत्तीसगढ़ राज्य का मानचित्र
छत्तीसगढ़ राज्य का मानचित्र
विवरण छत्तीसगढ़ भारत का 26वाँ राज्य है। इसका भू-भाग सम्पूर्ण भारत के भू-भाग का कुल 4.14% है। इस प्रकार क्षेत्रफल के हिसाब से यह देश का 9वाँ बड़ा राज्य है।
भौगोलिक स्थिति दक्षिण-पूर्व में 17°46' उत्तरी अक्षांश से 24°5' उत्तरी अक्षांश तथा 80°15' पूर्वी देशांतर से 84°15' पूर्वी देशांतर रेखाओं के मध्य।
क्षेत्रफल 1,35,361 वर्ग कि.मी.
सीमावर्ती राज्य उत्तर में उत्तर प्रदेश, उत्तरी-पूर्वी सीमा में झारखण्ड, दक्षिण-पूर्व में ओडिशा, दक्षिण में आन्ध्र प्रदेश, दक्षिण-पश्चिम में महाराष्ट्र तथा उत्तरी-पश्चिम भाग में मध्य प्रदेश
मण्डल 5
ज़िलों की संख्या 27
प्राकृतिक खण्ड तीन (उत्तर में सतपुड़ा, मध्य में महानदी और उसकी सहायक नदियों का मैदानी क्षेत्र, दक्षिण में बस्तर का पठार)।
प्रमुख नदियाँ महानदी, शिवनाथ नदी, खारून नदी, पैरी नदी, हसदो नदी आदि।
अन्य जानकारी छत्तीसगढ़ में तालाबों की संख्या बहुत ज्यादा है। यहाँ की बहुत सारी जगहों का नाम तालाब के साथ जुड़ा हुआ है, जैसे- कटोरा तालाब, बूढ़ा तालाब आदि।
बाहरी कड़ियाँ अधिकारिक वेबसाइट

छत्तीसगढ़ राज्य मध्य प्रदेश के दक्षिण-पूर्व में 17°46' उत्तरी अक्षांश से 24°5' उत्तरी अक्षांश तथा 80°15' पूर्वी देशांतर से 84°15' पूर्वी देशांतर रेखाओं के मध्य स्थित है। इसका कुल भौगोलिक क्षेत्रअफल 1,35,361 वर्ग कि.मी. है। इसकी उत्तरी-दक्षिण लम्बाई 360 कि.मी. तथा पूर्व-पश्चिम चौड़ाई 140 कि.मी. है। छत्तीसगढ़ को "धान का कटोरा" कहा जाता है।

सीमांकन

छत्तीसगढ़ के उत्तर में उत्तर प्रदेश, उत्तरी-पूर्वी सीमा में झारखण्ड, दक्षिण-पूर्व में ओडिशा राज्य स्थित है। दक्षिण में आन्ध्र प्रदेश, दक्षिण-पश्चिम में महाराष्ट्र तथा उत्तरी-पश्चिम भाग में मध्य प्रदेश स्थित है।

क्षेत्रफल

राज्य में 5 मण्डल व 27 ज़िले हैं। यह प्रदेश भारत के कुल क्षेत्रफल का 4.11% है। क्षेत्रेफल की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल 16 राज्यों से अधिक है। यह राज्य अनेक छोटे-छोटे राज्यों से बड़ा है। छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल पंजाब, हरियाणा एवं केरल इन तीनों राज्यों के योग से अधिक है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ का सम्भाग बस्तर (39,114 वर्ग कि.मी.) का विस्तार केरल के क्षेत्रफल से बड़ा है। छत्तीसगढ़ में गांवों की संख्या 19,720 है। छत्तीसगढ़ कही ऊँची तो कहीं नीची पर्वत श्रेणियों से घिरा हुआ है। इस क्षेत्र में बहुत सारे जंगल हैं, जहाँ साल, सागौन, साजा और बीजा के पेड़ों की अधिकता है। बाँस के जंगल भी बहुत हैं।[1]

उपजाऊ भूमि

छत्तीसगढ़ की भूमि बहुत उपजाऊ है। इस क्षेत्र के बीच में महानदी और उसकी सहायक नदियाँ एक विशाल मैदान निर्मित करती हैं, जो लगभग 80 कि.मी. चौड़ा और 322 कि.मी. लम्बा है। समुद्र सतह से यह मैदान करीब 300 मीटर ऊँचा है। इस मैदान के पश्चिम में महानदी तथा शिवनाथ का दोआब है। इस मैदान के बीच में से गुजरती है महानदी। इस मैदानी क्षेत्र के भीतर है- रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर ज़िले के दक्षिणी भाग। यह क्षेत्र बहुत ही उपजाऊ है।

प्राकृतिक खण्ड

इस मैदानी क्षेत्र के उत्तर में है मैकल पर्वत की श्रृंखला। सरगुजा की उच्चतम भूमि ईशान में है। पूर्व में है उड़ीसा की छोटी-बड़ी पहाड़ियाँ और आग्नेय में है सिहावा के पर्वत श्रृंग। दक्षिण बस्तर में हैं गिरि-मालाएँ। छत्तीसगढ़ के तीन प्राकृतिक खण्ड हैं-

  1. उत्तर में सतपुड़ा
  2. मध्य में महानदी और उसकी सहायक नदियों का मैदानी क्षेत्र
  3. दक्षिण में बस्तर का पठार

प्रमुख नदियाँ

छत्तीसगढ़ में अनेक नदियाँ हैं। प्रमुख नदियाँ हैं- महानदी, शिवनाथ, खारून तथा पैरी[1]

महानदी

महानदी

महानदी सिहावा पर्वत से निकलती है। यह उत्तर पूर्व की ओर बहती हुई धमतरी और राजिम होती हुई बलौदा बाज़ार की उत्तरी सीमा तक पहुँचती है। इसके बाद महानदी अपनी धुन में बहती-बहती पूर्व की ओर मुड़कर रायपुर को बिलासपुर ज़िले से अलग कर देती है। गर्मियों में महानदी सूख जाती है, पर वर्षा होने के बाद उसका रूप बदल जाता है। जुलाई से फ़रवरी में उसमें नावें भी चलती हैं। पहले तो महानदी और उसकी सहायक नदियों के माध्यम से छत्तीसगढ़ में पैदा होने वाली वस्तुओं को समुद्र के निकट स्थित बाज़ारों तक भेजा जाता था। महानदी की प्रमुख सहायक नदियाँ हैं- हसदो, जोंक व शिवनाथ।

शिवनाथ नदी

शिवनाथ नदी

यह नदी महानदी की प्रमुख सहायक नदी है। यह दुर्ग ज़िले की दक्षिण-पश्चिम सीमा से निकलती है। फिर उत्तर की ओर बहती हुई रायपुर ज़िले के बलौदा बाज़ार तहसील के उत्तरी भाग में जाकर यह महानदी में मिल जाती है। महानदी और शिवनाथ जहाँ मिलती हैं, वह जगह जैसर गाँव के नजदीक है। शिवनाथ नदी के कुछ भागों में सिर्फ वर्षा के समय ही नावें चलती हैं और कहीं-कहीं कुछ भागों में जुलाई से फ़रवरी तक नावें चलती हैं।

खारून नदी

खारून नदी

शिवनाथ अगर महानदी की प्रमुख सहायक नदी है, तो खारून शिवनाथ की प्रमुख सहायक नदी है। यह नदी दुर्ग ज़िले के संजारी से और फिर रायपुर तहसील की सीमा से बहती हुई सोमनाथ के पास शिवनाथ नदी में मिल जाती है। इसी जगह पर यह बेमेनय और बलौदा बाज़ार तहसील को अलग करती है। बलौदा बाज़ार के उत्तर में अरपा नदी, जो बिलासपुर ज़िले से निकलती है, शिवनाथ से आ मिलती है। हावड़ा-नागपुर रेलमार्ग इस खारून नदी के ऊपर से गुजरता है। खारून में एक शान्ति है, जो देखने वालों को अपनी ओर खींचती हैं।

पैरी

पैरी नदी भी महानदी की सहायक नदी है। यह नदी वृन्दानकगढ़ जमींदारी से निकलती है। इसके बाद उत्तर-पूर्व दिशा की ओर करीब 96 कि.मी. बहती हुई राजिम क्षेत्र में महानदी से मिलती है। पैरी नदी धमतरी और राजिम को विभाजित करती है। इस नदी के तट पर स्थित है, 'राजीवलोचन का मंदिर'। राजिम में पैरी, महानदी और सोंढू नदियों का त्रिवेणी संगम स्थल है।[1]

तालाब

छत्तीसगढ़ में तालाबों की संख्या बहुत ज्यादा है। ये तालाब वर्षा के पानी से भरते हैं। शहरों में तालाब भरकर मकान बनाये जा रहे हैं, जो भविष्य में पानी की समस्या के रूप में प्रकट होगा। रायपुर, छत्तीसगढ़ की राजधानी में बीस साल पहले ढेर सारे तालाब हुआ करते थे। आज जगहों के नाम से पता चलता है कि वहाँ पहले तालाब हुआ करता था। यहाँ की बहुत सारी जगहों का नाम तालाब के साथ जुड़ा हुआ है, जैसे- कटोरा तालाब, बूढ़ा तालाब आदि। गाँव में भी तालाबों की संख्या दूसरे क्षेत्र से कई गुना अधिक है।


इन्हें भी देखें: छत्तीसगढ़ राज्य की नदियाँ


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति (हिन्दी) इग्निका। अभिगमन तिथि: 11 जून, 2015।

संबंधित लेख