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वे कोसलाधीश [[दशरथ|दशरथ जी]] के पुत्र [[राम]] और [[लक्ष्मण]] संग्राम में काल को भी जीत सकते हैं।
वे कोसलाधीश [[दशरथ|दशरथ जी]] के पुत्र [[राम]] और [[लक्ष्मण]] संग्राम में काल को भी जीत सकते हैं॥15॥


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08:17, 19 मई 2016 के समय का अवतरण

कोसलेस सुत लछिमन रामा
रामचरितमानस
रामचरितमानस
कवि गोस्वामी तुलसीदास
मूल शीर्षक रामचरितमानस
मुख्य पात्र राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि
प्रकाशक गीता प्रेस गोरखपुर
शैली सोरठा, चौपाई, छन्द और दोहा
संबंधित लेख दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा
काण्ड किष्किंधा काण्ड
चौपाई

कोसलेस सुत लछिमन रामा। कालहु जीति सकहिं संग्रामा॥15॥

भावार्थ

वे कोसलाधीश दशरथ जी के पुत्र राम और लक्ष्मण संग्राम में काल को भी जीत सकते हैं॥15॥


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कोसलेस सुत लछिमन रामा
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चौपाई- मात्रिक सम छन्द का भेद है। प्राकृत तथा अपभ्रंश के 16 मात्रा के वर्णनात्मक छन्दों के आधार पर विकसित हिन्दी का सर्वप्रिय और अपना छन्द है। गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस में चौपाई छन्द का बहुत अच्छा निर्वाह किया है। चौपाई में चार चरण होते हैं, प्रत्येक चरण में 16-16 मात्राएँ होती हैं तथा अन्त में गुरु होता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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