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{'[[भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद]]' की स्थापना कब हुई थी? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-38,प्रश्न-01 | |||
|type="()"} | |||
-[[1909]] | |||
-[[1919]] | |||
+[[1929]] | |||
-[[1939]] | |||
||[[23 मई]] [[1929]] ई. में [[भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद]] (ICAR) की स्थापना हुई। उस समय यह परिषद 'इम्पीरियल काउंसिल ऑफ़ एग्रीकल्चरल रिसर्च' के नाम से स्थापित हुई थी। [[मार्च]], [[1946]] में जोगेंद्र सिंह के नेतृत्व में 'इम्पीरियल' शब्द को 'इण्डियन' में बदलने का फैसला लिया गया। [[1966]] में 'इण्डियन काउंसिल ऑफ़ एग्रीकल्चरल रिसर्च' को पूर्ण-स्वायत्ता प्रदान की गई और इसके प्रथम महनिदेशक डॉ. बी. पी. पाल बनाये गये। | |||
{[[मृदा]] के काया पलट में सहायक होते हैं?(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-45,प्रश्न-01 | |||
|type="()"} | |||
-[[हाथी]] | |||
-[[गाय]] | |||
+[[केंचुआ|केंचुए]] | |||
-बिल्ली | |||
||[[केंचुआ|केंचुए]] को किसानों का सच्चा मित्र कहा गया है। केंचुआ [[मृदा]] में कार्बनिक पदार्थों को मिलाकर मृदा संरचना में सुधार करता है। यह मृदा में बीट करके मृदा को सरंध्र बनाता है। अत: केंचुए मृदा के काया पलट में सहायक होते हैं। | |||
{यदि [[पारा|मरकरी]] (Hg) का स्तर अचानक गिर जाता है, तो (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-1 | |||
|type="()"} | |||
-अधिकतम [[गर्मी]] होती है। | |||
+[[तूफ़ान|तूफ़ानी]] दशा होती है। | |||
-भारी [[वर्षा]] होती है। | |||
-स्वच्छ मौसम होता है। | |||
||[[पारा|मरकरी]] (Hg) का स्तर [[तूफ़ान]] स्थिति में अचानक कम हो जाता है, क्योंकि तेज़ हवा के कारण उस पर दबाव पड़ता है। | |||
{निम्नलिखित में से कौन-सा बांध्य-रसायन है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-62,प्रश्न-1 | |||
|type="()"} | |||
-फ्यूराडॉन | |||
-श्रेडान | |||
+फ्यूराडेन्टिन | |||
-न्युवान | |||
||'फ्यूराडेंटिन' बांध्य-रसायन होता है | |||
{निम्न में कौन-सा तत्त्व पौधे के लिए अनावश्यक किन्तु लाभकारी तत्त्व है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-61 | |||
|type="()"} | |||
-[[कैल्शियम]] (Ca) | |||
+[[सोडियम]] (Na) | |||
-[[पौटेशियम]] (K) | |||
-[[मैग्नीशियम]] (Mg) | |||
||[[सोडियम]] (Na) एक ऐसा तत्त्व है, जो पौधे के लिए अनावश्यक होते हुए भी लाभकारी होता है। | |||
{सी. एस. एस. आर. आई. (CSSRI) कहाँ स्थित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-38,प्रश्न-02 | |||
|type="()"} | |||
-[[हिसार]] | |||
+[[करनाल]] | |||
-[[दिल्ली]] | |||
-[[जोधपुर]] | |||
{हरी खाद के लिए प्रयुक्त फ़सल कौन-सी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-45,प्रश्न-03 | |||
|type="()"} | |||
-एक-दलीय | |||
+द्विदलीय | |||
-तिलहनी | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
||दलहनी एवं अदलहनी दोनों ही प्रकार की फ़सलों का हरी खाद के लिए प्रयोग किया जाता है। लेकिन अधिकतर दलहनी फ़सलों का ही हरी खाद के लिए प्रयोग किया जा रहा है, क्योंकि जैव पदार्थ उपलब्ध कराने के अलावा हरी खाद के उद्देश्य से उगाई जाने वाली दलहनी फ़सलें वायुमंडलीय [[नाइट्रोजन]] को अपनी जड़ों में स्थित ग्रंथियों में पाए जाने वाले जीवाणुओं की मदद से भूमि में यौगीकरण की क्षमता रखती है। | |||
{ज़ायद [[मक्का]] के लिए संस्तुत उर्वरक (एन. पी. के.) की मात्रा कितनी होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-2 | |||
|type="()"} | |||
-100:50:50 एन.पी.के./हेक्टेयर | |||
-30:40:40 एन.पी.के./हेक्टेयर | |||
+120:60:60 एन.पी.के./हेक्टेयर | |||
-40:20:20 एन.पी.के/हेक्टेयर | |||
||[[मक्का]] को 'अनाजों की रानी' भी कहते हैं। ज़ायद मक्का के लिए एन.पी.के. की मात्रा 120:60:60 हेक्टेयर होती है। | |||
{किस 'बग' (bugs) में भोजन और लार नलिका बनती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-62,प्रश्न-2 | |||
|type="()"} | |||
-मेन्डिबिल्स से | |||
-मैक्सिली से | |||
+उपर्युक्त दोनों | |||
-उपर्युक्त में से कोई नहीं | |||
||मेंडिबिल्स एवं मैक्सिली से बग में भोजन और लार नलिका बनती है। | |||
{जिस शाखा का [[मृदा]] सम्बंध मृदा की उत्पत्ति (Origin); वर्गीकरण तथा वर्णन से है, को क्या कहते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-62 | |||
|type="()"} | |||
-इडेफिलॉजी | |||
-ईकोलॉजी | |||
+पेडोलॉजी | |||
-जिलोलॉजी | |||
||जिस शाखा का [[मृदा]] सम्बंध मृदा की उत्पत्ति, वर्गीकरण तथा वर्णन से है, उसे 'पेडोलॉजी' कहते हैं। | |||
{[[गन्ना|गन्ने]] से चीनी की औसत मात्रा मिलती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-38,प्रश्न-03 | |||
|type="()"} | |||
+10% | |||
-38% | |||
-40% | |||
-45% | |||
||गन्ने में औसतन 10% चीनी की मात्रा पाई जाती है। | |||
{कम्पोस्ट किसे कहते हैं?(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-04 | |||
|type="()"} | |||
+कार्बनिक पदार्थ को | |||
-गोबर की खाद को | |||
-कृत्रिम या संश्लेषित गोबर की खाद को | |||
-मिश्रित उर्वरकों को | |||
||पौधों के [[अवशेष]], पशुओं का बचा हुआ चारा, कूड़ा-करकट आदि पदार्थों के [[बैक्टीरिया]] एवं फंजाई के द्वारा विशिष्ट दशाओं में विच्छेदन से बने पदार्थों को 'कम्पोस्ट' कहते हैं। | |||
{समोच्च के साथ आवंटित सिड़ी में पानी देने को क्या कहते है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-3 | |||
|type="()"} | |||
+सिड़ीदार सिंचाई | |||
-समोच्च सिंचाई | |||
-नियंत्रित सिंचाई | |||
-बेसिन सिंचाई | |||
||समोच्च के साथ आवंटित सिड़ी में पानी देने को सिड़ीदार [[भारत में सिंचाई के साधन|सिंचाई]] कहते हैं। | |||
{'थ्रिप्स' किस गण में आते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-62,प्रश्न-3 | |||
|type="()"} | |||
-थाइजान्यूरा | |||
+थाइजैनॉप्टेरा | |||
-स्ट्रेप्सीटेरा | |||
-प्लीकोप्टेरा | |||
{पौधे के आदर्श प्रारूप की अवधारणा सर्वप्रथम किसके द्वारा प्रस्तुत की गयी थी? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-63 | |||
|type="()"} | |||
-C. M. Donald | |||
-J. D. Easten | |||
+Mayer & Anderson | |||
-M. S. Swaminathan | |||
||पौधे के आदर्श प्रारूप की अवधारणा सबसे पहले मायर (Mayer) एवं इन्डरसन (Anderson) द्वारा प्रस्तुत की गयी थी। | |||
{चूना के द्बारा किस भूमि का सुधार किया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-38,प्रश्न-04 | |||
|type="()"} | |||
-क्षारीय भूमि | |||
+अम्लीय भूमि | |||
-उदासीन भूमि | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
||चूने (CaO, CaCO<sub>3</sub> आदि) को मिलाकर अम्लीय भूमि का सुधार किया जाता है। | |||
{[[गेहूँ]] में यदि एक ही सिंचाई दी जाए तो कब देंगे? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-05 | |||
|type="()"} | |||
+कल्ले निकलने पर | |||
-कल्लों को अधिकतम सीमा पर | |||
-पौधों की लम्बाई बढ़ने पर | |||
-कभी भी दे सकते हैं | |||
||गेहूँ में सीमित सिंचाई उपलब्धता में यदि मात्र एक ही सिंचाई उपलब्ध हो तो इसे शिखर जड़ निकलने की अवस्था के मध्य डालनी चाहिए। | |||
{बुवाई के बाद [[आलू]] की उपयुक्त [[भारत में सिंचाई के साधन|सिंचाई]] को आवश्यकता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-4 | |||
|type="()"} | |||
-25 से.मी. | |||
-45 से.मी. | |||
-50 से.मी. | |||
+10 से.मी. | |||
{'इण्डियन ग्रेन स्टोरेज एण्ड रिसर्च इन्स्टीट्यूट (IGSRI) कहाँ स्थित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-62,प्रश्न-4 | |||
|type="()"} | |||
-[[कोलकाता]] | |||
-[[मुम्बई]] | |||
+[[हापुड़]] | |||
-[[लखनऊ]] | |||
{[[भारत]] में 'सस्य-जलवायु क्षेत्रों' की संख्या कितनी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-64 | |||
|type="()"} | |||
-10 | |||
+15 | |||
-12 | |||
-6 | |||
{[[भारत के प्रथम राष्ट्रपति]] के नाम पर किस [[राज्य]] में कृषि विश्वविद्यालय स्थित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-38,प्रश्न-05 | |||
|type="()"} | |||
+[[बिहार]] | |||
-[[झारखण्ड]] | |||
-[[उत्तर प्रदेश]] | |||
-[[पंजाब]] | |||
||[[भारत के प्रथम राष्ट्रपति]] स्वर्गीय [[डॉ. राजेंद्र प्रसाद]] के नाम पर 'राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर ([[बिहार]]) की स्थापना वर्ष [[1971]] में की गई थी। | |||
{'नाबार्ड' (NABARD) की स्थापना का वर्ष है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-06 | |||
|type="()"} | |||
-[[1980]] | |||
+[[1982]] | |||
-[[1984]] | |||
-[[1985]] | |||
||[[12 जुलाई]], सन [[1982]] ई. को नाबार्ड- "राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक" की स्थापना की गई थी। | |||
{फ़सल की उपज में प्रति यूनिट पानी, जो फ़सल के वाष्पन-वाष्पोत्सर्जन में इस्तेमाल होता है, किस रूप में जाना जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-5 | |||
|type="()"} | |||
-जल वितरण क्षमता | |||
+जल उपभोग क्षमता | |||
-जल प्रयोग क्षमता | |||
-कॉनवेंस क्षमता | |||
||फ़सल की उपज में प्रति यूनिट पानी जो फ़सल के वाष्पन-वाष्पोत्सर्जन में इस्तेमाल होता है उसे जल उपभोग क्षमता के रूप में जाना जाता है। | |||
{किसके अगले जोड़े पंख एलीट्रा कहलाते है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-62,प्रश्न-5 | |||
|type="()"} | |||
-ऑर्थोप्टेरा | |||
+हेमीप्टेरा | |||
-कॉलिओप्टेरा | |||
-आइसोप्टेरा | |||
||'हेमीप्टेरा' के अगले जोड़े पंख एलीट्रा कहलाते हैं। | |||
{'Intensive Agriculeure Area Programme' कब प्रारम्भ हुआ था। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-65 | |||
|type="()"} | |||
-[[1963]] | |||
+[[1964]] | |||
-[[1967]] | |||
-[[1970]] | |||
{निम्न में से कौन-सा सी-4(C<sub>4</sub>) पौधा है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-06 | |||
|type="()"} | |||
+[[मक्का]] | |||
-[[गेहूँ]] | |||
-[[धान]] | |||
-[[जौ]] | |||
||[[मक्का]], [[गन्ना]], मिलेट्स, ([[ज्वार]], [[जौ]] आदि) सी-4 पौधे होते हैं। इन पौधों की जल उपभोग की क्षमता तथा प्रकाश-संश्लेषण की दर अधिक होती है; परंतु प्रकाश-श्वसन की दर कम होती है। | |||
{[[मृदा]] में सबसे अधिक मात्रा में कौन-सा [[तत्त्व]] पाया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-07 | |||
|type="()"} | |||
-[[आयरन]] | |||
-[[कैल्सियम]] | |||
-[[सिलिकॉन]] | |||
+[[ऑक्सीजन]] | |||
||[[मृदा]] में सबसे अधिक मात्रा में [[ऑक्सीजन]] तत्त्व होता है- 1. ऑक्सीजन - 47.33%, 2. [[कैल्सियम]] - 3.37%, 3. [[सिलिकॉन]] - 27.74%, 4. [[आयरन]] - 4.50% | |||
{फ़सल का सम्पूर्ण शुष्क उत्पादित पदार्थ क्या कहलाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-6 | |||
|type="()"} | |||
-शुष्क पदार्थ उपज | |||
+बायोलॉजिकल उपज | |||
-फ़सल उत्पादन | |||
-आर्थिक उत्पादन | |||
||फ़सल का सम्पूर्ण शुष्क उत्पादित पदार्थ बायोलॉजिकल उपज कहलाता है। | |||
{खोदने वाली टाँगें पायी जाती हैं- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-6 | |||
|type="()"} | |||
-मोल क्रिकेट में | |||
-हाउस क्रिकेट में | |||
+डंग बीटल में | |||
-सो बग्स | |||
{बकरी की विदेशी नस्ल (Exotic Breed) कौन सी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-66 | |||
|type="()"} | |||
-सूरती | |||
-बीटल | |||
+अंगोरा | |||
-जमुनापारी | |||
||'अंगोरा' नस्ल बकरी की विदेशी नस्लों में से एक है। यह नस्ल बहुत अच्छी मानी जाती है। | |||
{पौधों की अन्दरूनी रचना के अध्ययन करने वाले विज्ञान का क्या नाम है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-07 | |||
|type="()"} | |||
-फिजियोलॉजी | |||
-हिस्टोलॉजी | |||
+एनाटॉमी | |||
-टैक्सोनॉमी | |||
||पौधों की अंदररूनी रचना के अध्ययन करने वाले विज्ञान के नाम इस प्रकार है- '''फिजियोलॉजी'''-पौधों का शरीर क्रियात्मक अध्ययन, '''हिस्टोलॉजी'''- ऊत्तकों का अध्ययन, '''एनाटॉमी'''-अध्ययन तथा '''टैक्सोनॉमी'''- वर्गीकरण। | |||
{[[दूध]] का pH मान कितना होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-08 | |||
|type="()"} | |||
-5.5 | |||
+6.6 | |||
-7.0 | |||
-7.3 | |||
||ताज़े [[दूध]] का pH मान 6.5 एवं 6.7 के मध्य होता है। | |||
{[[उत्तर प्रदेश]] में कुल समस्याग्रस्त भूमि है (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-7 | |||
|type="()"} | |||
-10.57 हैक्टेयर | |||
+13.57 हैक्टेयर | |||
-23.00 हैक्टेयर | |||
-15.47 हैक्टेयर | |||
||[[उत्तर प्रदेश]] में कुल 26.045 हैक्टेयर भूमि खेती करने योग्य है जिसमें से 16.731 हज़ार हैक्टेयर भूमि में खेती की जाती है। प्रदेश की कुल 11,605 हज़ार हेक्टेयर भूमि क्षारीयता से ग्रसित है, 793 हज़ार हेक्टेयर [[ऊसर मिट्टी|भूमि ऊसर]] है, 623 हज़ार हेक्टेयर भूमि [[बीहड़|बीहड़ भूमि]] है। 1,723 हज़ार हेक्टेयर भूमि परती है। | |||
{[[मृदा]] बनावट में कितना प्रतिशत ठोस भाग पाया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-7 | |||
|type="()"} | |||
-20% | |||
-30% | |||
-40% | |||
+50% | |||
{'सेमीनल वैसीकिल्स' (Seminal Vesicles) अनुपस्थित रहते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-67 | |||
|type="()"} | |||
-चूहे में | |||
+कुत्ते में | |||
-सांड में | |||
-सुअर में | |||
{यदि एक हेक्टेयर पौधों में कपास के 50 हज़ार पौधे हों और प्रति पौधे पर 20 डेंडू हों तो [[कपास]] की 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावर लाने के लिए प्रति डेंडू का औसत वज़न होगा? | |||
|type="()"} | |||
+2 ग्राम | |||
-1 ग्राम | |||
-1.5 ग्राम | |||
-2.5 ग्राम | |||
{[[ओज़ोन परत]] पर प्रभाव डालते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-09 | |||
|type="()"} | |||
-जेट वायुयान | |||
-सुपरसोनिक वायुयान | |||
-मिग वायुयान | |||
+इनमें से कोई नहीं | |||
{समोच्च मेड़बंदी एवं सिड़ीदार साधन क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-8 | |||
|type="()"} | |||
-सस्य साधन | |||
+यांत्रिक साधन | |||
-जैविक साधन | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
||समोच्च मेड़बंदी और सिड़ीदार भूमि संरक्षण का यांत्रिक साधन है। | |||
{'[[जिप्सम]]' का रासयनिक सूत्र क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-8 | |||
|type="()"} | |||
-CaCl<sub>2</sub> | |||
-CaSO<sub>4</sub> | |||
+CaSO<sub>4</sub>.2H<sub>2</sub>O | |||
-Ca.Mg (CO<sub>3</sub>)<sub>2</sub> | |||
{निम्न में कौन-सा एक रोग पशु से मनुष्य में और मनुष्य से पशु में संचारित होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-68 | |||
|type="()"} | |||
-शूकर ज्वर (Swine Fever) | |||
-पोकनी (Rinderpest) | |||
-गला घोंटू (Haemorrhagic Septicaemia) | |||
+लेप्टोस्पाइरोसिस (Leptospirosis) | |||
{[[बाजरा]] फ़सल है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-09 | |||
|type="()"} | |||
-सेल्फ ओलीनेटेड | |||
+क्रॉस पोलीनेटेड | |||
-आफ्टेन क्रॉम पोलीनेटेड | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
||[[बाजरा]] एक पर-परागणित (क्रॉस पोलीनेटेड) फ़सल होती है। | |||
{'अम्बेडकर फ़ाउंडेशन' ने कौन-सी योजना शुरू की है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-10 | |||
|type="()"} | |||
-अम्बेडकर सार्वजनिक पुस्तकालय | |||
-अम्बेडकर राष्ट्रीय अवार्ड | |||
-विश्वविद्यालयों में अम्बेडकर चेयर्स | |||
+उपर्युक्त सभी | |||
||'अम्बेडकर फाउंडेशन' द्बारा शुरू की गई तीन योजनाऐं निम्न प्रकार हैं। | |||
{थिरम का प्रयोग किसलिए किया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-9 | |||
|type="()"} | |||
+बीज शोधन | |||
-बुआई के समय कूँड़ में | |||
-मिश्रित खेती प्रणाली में | |||
-एकल फ़सल प्रणाली में | |||
||थिरम एक कवकनाशी रसायन है, जिसका प्रयोग बीज शोधन में किया जाता है। | |||
{[[जलोढ़ मिट्टी|जलोढ़ मृदाएँ]] होती है?(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-9 | |||
|type="()"} | |||
-अस्तरीय मृदाएँ | |||
-अंत:स्तरीय मृदाएँ | |||
+स्तरीय मृदाएँ | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
||'[[जलोढ़ मिट्टी|जलोढ़ मृदाएँ]]' स्तरीय मृदाएँ कहलाती हैं। इस मृदा में [[नाइट्रोजन]], जैव पदार्थ व [[फॉस्फोरस]] की न्यूनता होती है। | |||
{सामान्यत: 'दुग्ध-कैन' (Milk cans) का निर्माण किस धातु से किया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-69 | |||
|type="()"} | |||
-[[क्रोमियम]] तथा उसकी मिश्रित धातु से (alloy) | |||
+[[ऐलुमिनियम]] तथा उसकी मिश्रितु धातु से | |||
-[[लोहा]] तथा उसकी मिश्रित धातु से | |||
-[[निकिल]] तथा उसकी मिश्रित धातु से | |||
||सामान्य रूप से दुग्ध-कैन [[ऐलुमिनियम]] तथा उसकी मिश्रित धातु से बनाया जाता है, क्योंकि इस धातु से बने दुग्ध-कैन में [[दूध]] भरने पर दूध जल्दी से खराब नहीं होता है। | |||
{बैक्टीरियल लीफ़ ब्लाइट किस फ़सल की बीमारी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-10 | |||
|type="()"} | |||
-[[मक्का]] | |||
-[[बाजरा]] | |||
+[[धान]] | |||
-[[आलू]] | |||
||[[धान]] की फ़सल में बैक्टीरियल लीफ़ ब्लाइट रोग लगता है। इस रोग में पौधों की पत्तियाँ नोंक या किनारे से एकदम सूखने लगती हैं। सूखे हुए किनारे टेढ़े-मेढ़े होते हैं। | |||
{फ़सल-चक्र के लिए प्रभावी कारक है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-11 | |||
|type="()"} | |||
-[[मृदा]] | |||
-[[जलवायु]] | |||
-सिंचाई का प्रबंध | |||
+ये सभी | |||
||फ़सल-चक्र के लिए प्रभावी कारक है- (1) [[जलवायु]], (2) [[मृदा]] (3) प्रबंध, (4) आर्थिक पक्ष। | |||
{एल. ई. आर. की आवश्यकता किस प्रणाली में होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-10 | |||
|type="()"} | |||
+अंतरासस्यन प्रणाली में | |||
-आनुक्रमिक प्रणाली में | |||
-मिश्रित खेती प्रणाली में | |||
-एकल फ़सल प्रणाली में | |||
||एल. ई. आर. (भूमि समतुल्य अनुपात) एक समान प्रबंध में अंतरासस्यन से प्राप्त उपज के बराबर एकल फ़सल के उत्पादन के लिये कितनी सापेक्षित भूमि क्षेत्र की आवश्यकता है, एल. ई. आर. कहलाता है, अर्थात अंतरासस्यन के उपज के बराबर शुद्ध फ़सल के द्वारा उत्पादन करने के लिए भूमि की आवश्यकता का अनुपात ही एल. ई. आर. है। एल. ई. आर. विभिन्न अन्तरासस्यन के उत्पादन दक्षता मापने की इकाई है जो उत्पादन को भू-क्षेत्रफल के रूप में बदलकर मापता है। | |||
{[[मृदा]], जिनमें 35% बालू (send), 45% सिल्ट और 20% क्ले हो, तो वह मृदा होगी? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-10 | |||
|type="()"} | |||
-बलुई दोमट | |||
+दोमट | |||
-बलुई क्ले दोमट | |||
-बलुई क्ले | |||
||दोमट मृदा में 30-50% बालू, 30-50% सिल्ट तथा 0-20% क्ले होती है। | |||
{[[गाय]] के कृत्रिम गर्भाधान (Al) के लिए अनुमोदित तरल वीर्य (Semen) की मात्रा कितनी होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-70 | |||
|type="()"} | |||
-0.2 मि.ली. | |||
-0.8 मि.ली. | |||
-1.5 मि.ली. | |||
+2.0 मि.ली. | |||
||[[गाय]] के कृत्रिम गर्भाधान के लिए 2-0 मि.ली. अनुमोदित तरल वीर्य आवश्यक होता है। | |||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
|} | |} |
10:44, 26 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण
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