"दुर्गा माता की आरती": अवतरणों में अंतर

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<blockquote><span style="color: blue"><poem>सर्वमंगल मांग्लयै , शिवे सर्वार्थसाधिके |
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शरण्ये त्र्यम्िके गौरी , नारायणी नमोऽस्तुते ॥</poem></span></blockquote>
शरण्ये त्र्यम्िके गौरी , नारायणी नमोऽस्तुते ॥</poem></span></blockquote>


<blockquote><span style="color: maroon"><poem>जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी तुम को निस दिन ध्यावत
<blockquote><span style="color: maroon"><poem>जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी तुम को निस दिन ध्यावत
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केहरि वाहन राजत खड्ग कृपाण धारी| मैया खड्ग कृपाण धारी
केहरि वाहन राजत खड्ग कृपाण धारी| मैया खड्ग कृपाण धारी
सुर नर मुनि जन सेवत तिनके दुख हारी|| जय अम्बे गौरी ॥
सुर नर मुनि जन सेवत तिनके दु:ख हारी|| जय अम्बे गौरी ॥


कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती| मैया नासाग्रे मोती
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती| मैया नासाग्रे मोती
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तुम हो जग की माता तुम ही हो भर्ता| मैया तुम ही हो भर्ता
तुम हो जग की माता तुम ही हो भर्ता| मैया तुम ही हो भर्ता
भक्तन की दुख हर्ता सुख सम्पति कर्ता|| जय अम्बे गौरी ॥
भक्तन की दु:ख हर्ता सुख सम्पति कर्ता|| जय अम्बे गौरी ॥


भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी| मैया वर मुद्रा धारी
भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी| मैया वर मुद्रा धारी
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माँ अम्बे की आरती जो कोई नर गावे| मैया जो कोई नर गावे
माँ अम्बे की आरती जो कोई नर गावे| मैया जो कोई नर गावे
कहत शिवानन्द स्वामी सुख सम्पति पावे|| जय अम्बे गौरी ॥</poem></span></blockquote>
कहत शिवानन्द स्वामी सुख सम्पति पावे|| जय अम्बे गौरी ॥</poem></span></blockquote>
;देवी वन्दना
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या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता  |
नमस्तस्यै  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||
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14:03, 2 जून 2017 के समय का अवतरण

दुर्गा देवी
Durga Devi

श्री अम्बाजी की आरती

सर्वमंगल मांग्लयै , शिवे सर्वार्थसाधिके |
शरण्ये त्र्यम्िके गौरी , नारायणी नमोऽस्तुते ॥

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी तुम को निस दिन ध्यावत
मैयाजी को निस दिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवजी ।| जय अम्बे गौरी ॥

माँग सिन्दूर विराजत टीको मृग मद को |मैया टीको मृगमद को
उज्ज्वल से दो नैना चन्द्रवदन नीको|| जय अम्बे गौरी ॥

कनक समान कलेवर रक्ताम्बर साजे| मैया रक्ताम्बर साजे
रक्त पुष्प गले माला कण्ठ हार साजे|| जय अम्बे गौरी ॥

केहरि वाहन राजत खड्ग कृपाण धारी| मैया खड्ग कृपाण धारी
सुर नर मुनि जन सेवत तिनके दु:ख हारी|| जय अम्बे गौरी ॥

कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती| मैया नासाग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर सम राजत ज्योति|| जय अम्बे गौरी ॥

शम्भु निशम्भु बिडारे महिषासुर घाती| मैया महिषासुर घाती
धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती|| जय अम्बे गौरी ॥

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चण्ड मुण्ड शोणित बीज हरे| मैया शोणित बीज हरे
मधु कैटभ दोउ मारे सुर भयहीन करे|| जय अम्बे गौरी ॥

ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी| मैया तुम कमला रानी
आगम निगम बखानी तुम शिव पटरानी|| जय अम्बे गौरी ॥

चौंसठ योगिन गावत नृत्य करत भैरों| मैया नृत्य करत भैरों
बाजत ताल मृदंग और बाजत डमरू|| जय अम्बे गौरी ॥

तुम हो जग की माता तुम ही हो भर्ता| मैया तुम ही हो भर्ता
भक्तन की दु:ख हर्ता सुख सम्पति कर्ता|| जय अम्बे गौरी ॥

भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी| मैया वर मुद्रा धारी
मन वाँछित फल पावत देवता नर नारी|| जय अम्बे गौरी ॥

कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती| मैया अगर कपूर बाती
माल केतु में राजत कोटि रतन ज्योती|| बोलो जय अम्बे गौरी ॥

माँ अम्बे की आरती जो कोई नर गावे| मैया जो कोई नर गावे
कहत शिवानन्द स्वामी सुख सम्पति पावे|| जय अम्बे गौरी ॥

देवी वन्दना

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता |
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||


इन्हें भी देखें: दुर्गा, दुर्गाष्टमी एवं दुर्गा चालीसा

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