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|मार्ग स्थिति=यह शहर सड़क द्वारा [[वैशाली]] से 56 किमी, [[पावापुरी]] से 90 किमी, [[नालंदा]] से 95 किमी, [[राजगीर]] से 110 किमी., गया  से 120 किमी., [[बोधगया]] से 135 किमी., [[सासाराम]] से 152 किमी. और [[दिल्ली]] से 997 किमी. दूरी पर स्थित है।  
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पटना [[बिहार]] राज्य की राजधानी एवं [[भारत]] के गौरवयुक्त शहरों में से एक है। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्रचीन नगरों में से एक है जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद है। इस शहर को ऐतिहासिक इमारतों के लिए भी जाना जाता है। चूँकि पटना से [[वैशाली]], [[राजगीर]], [[नालंदा]], [[बोधगया]] और [[पावापुरी]] के लिए मार्ग जाता है, इसलिए यह शहर [[बौद्ध]] और [[जैन]] धर्मावलंबियों के लिए 'गेटवे' के रूप में भी जाना जाता है। <ref>{{cite web |url=http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=139 |title=पटना |accessmonthday=15 जून |accessyear=2010 |authorlink= |format= |publisher=यात्रा सलाह |language=हिन्दी}}</ref> पटना एक ओर जहाँ शक्तिशाली राजवंशों के लिए जाना जाता है। वहीं दूसरी ओर ज्ञान और अध्‍यात्‍म के कारण भी यह काफी लोकप्रिय रहा है। वर्तमान में बिहार राज्य की राजधानी पटना को कालक्रम में [[पाटलिपुत्र]], कुसुमपुर, पुष्पपुर, पाटलिग्राम, आजीमाबाद आदि नामों से पुकारा गया था। <ref>{{cite web |url=http://www.bhartiyapaksha.com/?p=4539 |title=पटना: अब वो बात कहां |accessmonthday=15 जून |accessyear=2010 |authorlink= |format= |publisher=भारतीय पक्ष |language=हिन्दी}}</ref> फिर यह नगर पटना कहलाने लगा और धीरे-धीरे बिहार का सबसे बड़ा नगर बन गया।
पटना [[बिहार]] राज्य की राजधानी एवं [[भारत]] के गौरवयुक्त शहरों में से एक है। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्रचीन नगरों में से एक है जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद है। इस शहर को ऐतिहासिक इमारतों के लिए भी जाना जाता है। चूँकि पटना से [[वैशाली]], [[राजगीर]], [[नालंदा]], [[बोधगया]] और [[पावापुरी]] के लिए मार्ग जाता है, इसलिए यह शहर [[बौद्ध]] और [[जैन]] धर्मावलंबियों के लिए 'गेटवे' के रूप में भी जाना जाता है। <ref>{{cite web |url=http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=139 |title=पटना |accessmonthday=15 जून |accessyear=2010 |authorlink= |format= |publisher=यात्रा सलाह |language=[[हिन्दी]]}}</ref>  
[[चित्र:Gandhi-Setu-Patna.jpg|thumb|220px|left|[[महात्मा गाँधी सेतु]], पटना <br />Mahatma Gandhi Setu, Patna]]
पटना एक ओर जहाँ शक्तिशाली राजवंशों के लिए जाना जाता है। वहीं दूसरी ओर ज्ञान और अध्‍यात्‍म के कारण भी यह काफ़ी लोकप्रिय रहा है। वर्तमान में बिहार राज्य की राजधानी पटना को कालक्रम में [[पाटलिपुत्र]], [[कुसुमपुर]], पुष्पपुर, पाटलिग्राम, आजीमाबाद आदि नामों से पुकारा गया था। <ref>{{cite web |url=http://www.bhartiyapaksha.com/?p=4539 |title=पटना: अब वो बात कहां |accessmonthday=15 जून |accessyear=2010 |authorlink= |format= |publisher=भारतीय पक्ष |language=[[हिन्दी]]}}</ref> फिर यह नगर पटना कहलाने लगा और धीरे-धीरे बिहार का सबसे बड़ा नगर बन गया।
==स्थापना==
==स्थापना==
पाटलिपुत्र की स्थापना 5वीं शताब्दी ई.पू. में [[मगध]] (दक्षिण बिहार) के राजा [[अजातशत्रु]] ने की थी।  
पाटलिपुत्र की स्थापना 5वीं शताब्दी ई.पू. में [[मगध]] (दक्षिण बिहार) के राजा [[अजातशत्रु]] ने की थी।  
==स्थिति==
==स्थिति==
प्राचीन पाटलिपुत्र शहर, बिहार राज्य की राजधानी, पूर्वोत्तर भारत। यह [[कोलकाता]] (भूतपूर्व कलकत्ता) से लगभग 470 किमी. पश्चिमोत्तर में स्थित है। पटना भारत के प्राचीनतम नगरों में से एक है। इसके प्राचीन संस्कृत नाम पाटलिपुत्र, कुसुमपुर और पुष्पपुर हैं। [[मुग़ल काल]] में यह अज़ीमाबाद के नाम से विख्यात था। पटना नदी के तट पर स्थित शहर है, जो [[गंगा नदी]] के दक्षिण किनारे पर लगभग 19 किमी. तक फैला हुआ है।
प्राचीन पाटलिपुत्र शहर, बिहार राज्य की राजधानी, पूर्वोत्तर भारत। यह [[कोलकाता]] (भूतपूर्व कलकत्ता) से लगभग 470 किलोमीटर पश्चिमोत्तर में स्थित है। पटना भारत के प्राचीनतम नगरों में से एक है। इसके प्राचीन संस्कृत नाम पाटलिपुत्र, कुसुमपुर और पुष्पपुर हैं। [[मुग़ल काल]] में यह अज़ीमाबाद के नाम से विख्यात था। पटना नदी के तट पर स्थित शहर है, जो [[गंगा नदी]] के दक्षिण किनारे पर लगभग 19 किलोमीटर तक फैला हुआ है।
===धार्मिक मान्यता===
पटना बिहार राज्य का प्रसिद्ध पर्यटन एवं धार्मिक स्थल है। यह मुख्यतः सिख तीर्थ है। [[गुरु गोविंदसिंह|गुरुगोविंद सिंह]] की दो जोड़ी चरण पादुकायें यहाँ सुरक्षित हैं।
 
'''छोटी पटनदेवी मंदिर'''— यह मंदिर हरि मंदिर से दक्षिण गली में है। इसमें [[महाकाली]], [[लक्ष्मी|महालक्ष्मी]], [[सरस्वती|महासरस्वती]] की मूर्तियाँ हैं। यह मंदिर पटनदेवी चौक से तीन मील पश्चिम महाराजगंज में है। यह 51 शक्तिपीठों में एक से है। यहाँ [[सती]] का दाहिना जंघा गिरा था। इसके समीप में बिरला जी का बनवाया हुआ सत्यनारायण मंदिर है। पटना में जैनों के 5 मंदिर और चैत्यालय हैं। पटना स्टेशन के पास टेकरी पर सेठ सुदर्शन का मोक्षस्थान है। वहाँ उनकी चरणपादुकायें हैं।
==इतिहास==
==इतिहास==
{{main|पाटलिपुत्र}}
{{main|पाटलिपुत्र}}
पटना का प्राचीन नाम पाटलीपुत्र था। ईसा पूर्व [[मैगस्थनीज़|मेगास्थनीज]] (350 ईपू-290 ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात लिखी अपनी पुस्तक इंडिका में इस नगर का उल्लेख किया है। पलिबोथ्रा (पाटलिपुत्र) जो गंगा और अरेन्नोवास (सोनभद्र-हिरण्यवाह) के संगम पर बसा था। उस पुस्तक के आकलनों से प्राचीन पटना (पलिबोथा) 9 मील (14.5 कि.मी.) लम्बा तथा 1.75 मील(2.8) कि.मी. चौड़ा था। आधुनिक पटना बिहार राज्य की राजधानी है और गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। जहां पर गंगा, [[घाघरा नदी|घाघरा]], [[सोन नदी|सोन]] और [[गंडक नदी|गंडक]] जैसी सहायक नदियों से मिलती है। यहाँ पर गंगा नदी का स्वरुप नदी जैसा न होकर सागर जैसा विराट दिखता है - अनन्त और अथाह!  
पटना का प्राचीन नाम पाटलीपुत्र था। ईसा पूर्व [[मैगस्थनीज़|मेगास्थनीज]] (350 ईपू-290 ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात् लिखी अपनी पुस्तक इंडिका में इस नगर का उल्लेख किया है। पलिबोथ्रा (पाटलिपुत्र) जो गंगा और अरेन्नोवास (सोनभद्र-हिरण्यवाह) के संगम पर बसा था। उस पुस्तक के आकलनों से प्राचीन पटना (पलिबोथा) 9 मील (14.5 कि.मी.) लम्बा तथा 1.75 मील(2.8) कि.मी. चौड़ा था। आधुनिक पटना बिहार राज्य की राजधानी है और गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। जहां पर गंगा, [[घाघरा नदी|घाघरा]], [[सोन नदी|सोन]] और [[गंडक नदी|गंडक]] जैसी सहायक नदियों से मिलती है। यहाँ पर गंगा नदी का स्वरूप नदी जैसा न होकर सागर जैसा विराट दिखता है - अनन्त और अथाह!  
[[अजातशत्रु]] के पुत्र उदय ने इसे [[मगध]] की राजधानी का दर्जा दिया, जो पहली शताब्दी ई.पू. तक बना रहा। दूसरे मगध वंश मौर्य ने तीसरी और दूसरी शताब्दी ई.पू. के आरंभ तक शासन किया, इसके बाद 185 ई.पू. में भारत-यूनानियों ने इस शहर पर अधिकार कर लिया। तत्पश्चात शुंग वंश का आरंभ हुआ, जिसने लगभग 73 ई.पू. तक यहाँ शासन किया। पाटलिपुत्र अध्ययन का केंद्र बना रहा और चौथी शताब्दी में यह गुप्त शासकों की राजधानी बना। सातवीं शताब्दी तक इसका पतन हो गया और इसका परित्याग कर दिया गया। 1541 ई. में अफ़ग़ान शासक शेरशाह ने पटना के रूप में इसकी पुनर्स्थापना की और बाद में मुग़ल साम्राज्य के अंतर्गत यह फिर से समृद्ध हुआ। 1765 में इस पर अंग्रेज़ों का अधिकार हो गया। इसके आसपास के क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर पुरातात्विक खुदाई का काम हुआ है। [[शेरशाह]] के पश्चात मुग़ल-काल में पटना ही स्थायी रूप से बिहार प्रांत की राजधानी रही। ब्रिटिश काल में 1892 में पटना को बिहार-[[उड़ीसा]] के संयुक्त सूबे की राजधानी बनाया गया। अजातशत्रु, [[चन्द्रगुप्त मौर्य]], [[सम्राट अशोक]], [[चंद्रगुप्त द्वितीय]], [[समुद्रगुप्त]] ने पाटलिपुत्र (पटना) में शासन किया। सम्राट अशोक के शासनकाल को भारत के इतिहास में अद्वितीय स्‍थान प्राप्‍त है।  
[[चित्र:View-of-Patna.jpg|thumb|250px|left|पटना का दृश्य, [[बिहार]]]]
[[अजातशत्रु]] के पुत्र उदय ने इसे [[मगध]] की राजधानी का दर्जा दिया, जो पहली शताब्दी ई.पू. तक बना रहा। दूसरे मगध वंश मौर्य ने तीसरी और दूसरी शताब्दी ई.पू. के आरंभ तक शासन किया, इसके बाद 185 ई.पू. में भारत-यूनानियों ने इस शहर पर अधिकार कर लिया। तत्पश्चात् शुंग वंश का आरंभ हुआ, जिसने लगभग 73 ई.पू. तक यहाँ शासन किया। पाटलिपुत्र अध्ययन का केंद्र बना रहा और चौथी शताब्दी में यह गुप्त शासकों की राजधानी बना। सातवीं शताब्दी तक इसका पतन हो गया और इसका परित्याग कर दिया गया। 1541 ई. में अफ़ग़ान शासक शेरशाह ने पटना के रूप में इसकी पुनर्स्थापना की और बाद में मुग़ल साम्राज्य के अंतर्गत यह फिर से समृद्ध हुआ। 1765 में इस पर अंग्रेज़ों का अधिकार हो गया। इसके आसपास के क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर पुरातात्विक खुदाई का काम हुआ है। [[शेरशाह]] के पश्चात् मुग़ल-काल में पटना ही स्थायी रूप से बिहार प्रांत की राजधानी रही। ब्रिटिश काल में 1892 में पटना को बिहार-[[उड़ीसा]] के संयुक्त सूबे की राजधानी बनाया गया। अजातशत्रु, [[चन्द्रगुप्त मौर्य]], सम्राट [[अशोक]], [[चंद्रगुप्त द्वितीय]], [[समुद्रगुप्त]] ने पाटलिपुत्र (पटना) में शासन किया। सम्राट अशोक के शासनकाल को भारत के इतिहास में अद्वितीय स्‍थान प्राप्‍त है।  
====<u>पटना में यात्री</u>====
====<u>पटना में यात्री</u>====
पटना कई प्रबुद्ध यात्रियों जैसे फाह्यान, [[ह्वेन त्सांग]] के आगमन का भी साक्षी है। कई इतिहासविद यह भी मानते हैं कि महानतम कूटनीतिज्ञ कौटिल्‍य ने यहीं पर अर्थशास्‍त्र की रचना की थी। पुराने नगर के पश्चिम में बांकीपुर नामक स्थान है और सुदूर दक्षिण-पश्चिम में नई राजधानी है, जहाँ चौड़ी एवं छायादार सड़के और नए भवन हैं।
पटना कई प्रबुद्ध यात्रियों जैसे फ़ाह्यान, [[ह्वेन त्सांग]] के आगमन का भी साक्षी है। कई इतिहासविद यह भी मानते हैं कि महानतम कूटनीतिज्ञ कौटिल्‍य ने यहीं पर अर्थशास्‍त्र की रचना की थी। पुराने नगर के पश्चिम में बांकीपुर नामक स्थान है और सुदूर दक्षिण-पश्चिम में नई राजधानी है, जहाँ चौड़ी एवं छायादार सड़के और नए भवन हैं।
=====<u>गुरु तेगबहादुर जी</u>=====
=====<u>गुरु तेगबहादुर जी</u>=====
[[चित्र:Patna-Golghar.jpg|thumb|250px|[[गोलघर पटना|गोलघर]], पटना <br /> Golghar, Patna]]
[[तेगबहादुर सिंह गुरु|गुरु तेगबहादुर जी]] [[प्रयाग]], [[बनारस]], पटना, [[असम]] आदि क्षेत्रों में गए, जहाँ उन्होंने आध्यात्मिक, सामाजिक, आर्थिक, उन्नयन के लिए रचनात्मक कार्य किए। आध्यात्मिकता, धर्म का ज्ञान बाँटा। इन्हीं यात्राओं में 1666 में गुरुजी के यहाँ पटना साहब में पुत्र का जन्म हुआ। जो दसवें गुरु- [[गुरु गोविंद सिंह]] बने।  
[[तेगबहादुर सिंह गुरु|गुरु तेगबहादुर जी]] [[प्रयाग]], [[बनारस]], पटना, [[असम]] आदि क्षेत्रों में गए, जहाँ उन्होंने आध्यात्मिक, सामाजिक, आर्थिक, उन्नयन के लिए रचनात्मक कार्य किए। आध्यात्मिकता, धर्म का ज्ञान बाँटा। इन्हीं यात्राओं में 1666 में गुरुजी के यहाँ पटना साहब में पुत्र का जन्म हुआ। जो दसवें गुरु- [[गुरु गोविंद सिंह]] बने।  
=====<u>गुरु गोविंद सिंह जी</u>=====
=====<u>गुरु गोविंद सिंह जी</u>=====
गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर सन् 1666 ई॰ को पटना (बिहार) में हुआ था।
गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर सन् 1666 ई. को पटना (बिहार) में हुआ था।
====<u>कॉलेज का निरमाण</u>====
====<u>कॉलेज का निरमाण</u>====
[[राजेन्द्र प्रसाद|बाबू राजेन्द्र प्रसाद]] ने अपनी फलती-फूलती वकालत छोड़कर पटना के निकट सन् 1921 में एक नेशनल कॉलेज खोला। हज़ारों छात्र और प्रोफ़ेसर जिन्होंने सरकारी संस्थाओं का बहिष्कार किया था यहाँ आ गये। फिर इस कॉलेज को गंगा किनारे सदाकत आश्रम में ले जाया गया। अगले 25 वर्षों के लिये यह राजेन्द्र प्रसाद जी का घर बन गया।
[[राजेन्द्र प्रसाद|बाबू राजेन्द्र प्रसाद]] ने अपनी फलती-फूलती वकालत छोड़कर पटना के निकट सन् [[1921]] में एक नेशनल कॉलेज खोला। हज़ारों छात्र और प्रोफ़ेसर जिन्होंने सरकारी संस्थाओं का बहिष्कार किया था यहाँ आ गये। फिर इस कॉलेज को गंगा किनारे [[सदाकत आश्रम पटना|सदाकत आश्रम]] में ले जाया गया। अगले 25 वर्षों के लिये यह राजेन्द्र प्रसाद जी का घर बन गया।
 
==यातायात और परिवहन==
==यातायात और परिवहन==
[[चित्र:Gandhi-Setu-Patna.jpg| गाँधी सेतु, पटना <br /> Gandhi Setu, Patna|thumb|250px]]
====<u>वायु मार्ग</u>====
====<u>वायु मार्ग</u>====
पटना में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है और उसका नाम 'लोकनायक जयप्रकाश नारायण' है। यह नगर के पश्चिमी भाग में स्थित है। भारत के प्रमुख शहरों के लिए नियमित रूप से पटना में हवाई जहाज़ उपलब्ध हैं।
पटना में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है और उसका नाम 'लोकनायक जयप्रकाश नारायण' है। यह नगर के पश्चिमी भाग में स्थित है। भारत के प्रमुख शहरों के लिए नियमित रूप से पटना में हवाई जहाज़ उपलब्ध हैं।
[[चित्र:Railway-Station-Patna.jpg|thumb|220px|left|रेलवे स्टेशन, पटना <br />Railway Station, Patna]]
====<u>रेल मार्ग</u>====
====<u>रेल मार्ग</u>====
'पटना जंक्शन' पटना में रेलवे मंडल का एक महत्‍वपूर्ण जंक्‍शन है। यहाँ से अनेक राज्यों के लिए सीधी रेल सेवा उपलभद हैं। [[दिल्ली]], [[उत्तर प्रदेश]], उड़ीसा, [[झारखंड]], [[पश्चिम बंगाल]], असम आदि राज्‍यों के लिए यहाँ से सीधी रेल हैं।
'पटना जंक्शन' पटना में रेलवे मंडल का एक महत्‍वपूर्ण जंक्‍शन है। यहाँ से अनेक राज्यों के लिए सीधी रेल सेवा उपलभद हैं। [[दिल्ली]], [[उत्तर प्रदेश]], उड़ीसा, [[झारखंड]], [[पश्चिम बंगाल]], असम आदि राज्‍यों के लिए यहाँ से सीधी रेल हैं।
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पटना में खाद्य प्रसंस्‍करण और वनस्‍पति बनाने के कारखाने हैं।  
पटना में खाद्य प्रसंस्‍करण और वनस्‍पति बनाने के कारखाने हैं।  
==शिक्षण संस्थान==
==शिक्षण संस्थान==
[[चित्र:Hanuman-Mandir-Patna.jpg|thumb|हनुमान मंदिर, पटना <br />Hanuman Mandir, Patna]]
*यहाँ स्थित पटना विश्वविद्यालय  (1917) से संबद्ध कई महाविद्यालय हैं, जिनमें पटना मेडिकल कॉलेज, बिहार कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, बिहार कॉलेज ऑफ़ फ़ार्मेसी, कॉलेज ऑफ़ वेटनरी साइंस, गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ आर्ट ऐंड क्राफ़्ट्स तथा इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ बिज़नेस मैनेजमेंट शामिल हैं।  
*यहाँ स्थित पटना विश्वविद्यालय  (1917) से संबद्ध कई महाविद्यालय हैं, जिनमें पटना मेडिकल कॉलेज, बिहार कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, बिहार कॉलेज ऑफ़ फ़ार्मेसी, कॉलेज ऑफ़ वेटनरी साइंस, गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ आर्ट ऐंड क्राफ़्ट्स तथा इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ बिज़नेस मैनेजमेंट शामिल हैं।  
*पटना के प्रमुख आधुनिक भवनों में गवर्नमेंट हाउस, असेंबली चैंबर्स, ओरिएंटल लाइब्रेरी, एक मेडिकल कॉलेज और एक इंजीनियरिंग  
*पटना के प्रमुख आधुनिक भवनों में गवर्नमेंट हाउस, असेंबली चैंबर्स, ओरिएंटल लाइब्रेरी, एक मेडिकल कॉलेज और एक इंजीनियरिंग  
कॉलेज शामिल हैं।
कॉलेज शामिल हैं।
*मध्य पटना में स्थित ‘खुदाबक्श खां पुस्तकालय’ एक राष्ट्रीय महत्व की लोकप्रिय सार्वजनिक संस्था है। इसमें इस्लामी शिक्षा, मध्य एशियाई एवं मध्यकालीन भारतीय इतिहास की असंख्य दुर्लभ पांडुलिपियाँ तथा राजपूत एव मुग़लकालीन चित्रकला के उत्कृष्ट नमूनों का संग्रह है।
*मध्य पटना में स्थित ‘खुदाबक्श ख़ाँ पुस्तकालय’ एक राष्ट्रीय महत्त्व की लोकप्रिय सार्वजनिक संस्था है। इसमें इस्लामी शिक्षा, मध्य एशियाई एवं मध्यकालीन भारतीय इतिहास की असंख्य दुर्लभ पांडुलिपियाँ तथा राजपूत एव [[मुग़लकालीन चित्रकला]]  के उत्कृष्ट नमूनों का संग्रह है।
 
==जनसंख्या==
==जनसंख्या==
पटना ज़िले की कुल जनसंख्या (2001 की गणना के अनुसार) कुल 47,09,851 है। नगर की जनसंख्या 13,76,950 है।  
पटना ज़िले की कुल जनसंख्या (2001 की गणना के अनुसार) कुल 47,09,851 है। नगर की जनसंख्या 13,76,950 है।  
==पर्यटन==
==पर्यटन==
{{main|पटना पर्यटन}}
{{main|पटना पर्यटन}}
पटना का [[बिहार]] के पर्यटन स्थलों में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। पटना शहर को ऐतिहासिक इमारतों के लिए भी जाना जाता है। पटना का भारतीय पर्यटन मानचित्र में प्रमुख स्‍थान है। पटना और आसपास के दर्शनीय स्थानों-
पटना का [[बिहार]] के पर्यटन स्थलों में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। पटना शहर को ऐतिहासिक इमारतों के लिए भी जाना जाता है। पटना का भारतीय पर्यटन मानचित्र में प्रमुख स्‍थान है। पटना और आसपास स्थित अन्य स्मारकों में सती मंदिर, सेंट जोसेफ़ रोमन कैथॅलिक चर्च, प्रोटेस्टेंट चर्च, पत्थर की मस्जिद, भवानी पुरी का मठ और ऐतिहासिक तथा प्रशासनिक महत्त्व की कई अन्य इमारतें हैं। पटना के ऐतिहासिक स्मारकों में [[बंगाल]] के हुसैन शाह (1499) की मस्जिद।
 
'''[[गोलघर पटना|गोलघर]] :-''' बहुत से पर्यटक पटना को गोलघर के कारण जानते हैं। पटना पर्यटन के प्रमुख आकर्षणों में से यह सर्वोपरि है। पटना के पश्चिमी किनारे पर गांधी मैदान के समीप गोलघर स्थित है इस की ऊँचाई लगभग 96 फीट है।
 
'''[[हरमंदिरजी पटना|हरमंदिरजी]] :-''' पटना सिख के 10वें गुरू गुरू गोविंद सिंह जी के जन्‍म स्‍थान के लिए भी विश्‍व प्रसिद्ध है। यह स्‍थान सिख धर्मावलंबियों के लिए बहुत पवित्र है। सिक्खों के लिए हरमंदिर साहब पाँच प्रमुख तख्तों में से एक है। यहाँ गुरू गोविंद सिंह से संबंधित अनेक प्रमाणिक वस्‍तुएँ रखी हुई है।
 
'''[[कुम्‍हरार पटना|कुम्‍हरार]] :-''' कुम्‍हरार ऐतिहासिक पर्यटन के दृष्टिकोण से काफ़ी महत्‍वपूर्ण है। पटना स्थित कुम्‍हरार मौर्य कालीन राजवंश के महत्‍वपूर्ण स्‍थानों में से एक है।


'''[[अगम कुआँ पटना|अगम कुआँ]] :-''' अगम कुआँ पटना आनेवाले पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। बिहार पर्यटन में इसको महत्‍वपूर्ण स्‍थान दिया गया है। [[मौर्य वंश]] के शासक सम्राट [[अशोक]] के काल का है।


'''[[पटना संग्रहालय]] :-''' पटना संग्रहालय 1917 में बना बिहार का पहला संग्रहालय है। पटना संग्रहालय जादूघर के नाम से भी जाना जाता है। पटना संग्रहालय में प्राचीन पटना के [[हिन्दू]] तथा [[बौद्ध धर्म]] की कई निशानियाँ हैं।


==संदर्भ==
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==सम्बंधित लिंक==
==संबंधित लेख==
{{बिहार के पर्यटन स्थल}}
{{बिहार के पर्यटन स्थल}}
{{प्रदेशों की राजधानी}}
{{प्रदेशों की राजधानी}}
{{बिहार के नगर}}
{{भारत गणराज्य}}
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[[Category:प्रदेशों की राजधानियाँ]]
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[[Category:पटना]]
[[Category:पर्यटन कोश]]
[[Category:भारत के नगर]]
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07:42, 23 जून 2017 के समय का अवतरण

पटना
विवरण पटना बिहार राज्य की राजधानी है। पटना भारत के गौरवयुक्त शहरों में से एक है और पटना अपनी ऐतिहासिक इमारतों के लिए भी प्रसिद्ध है।
राज्य बिहार
ज़िला पटना ज़िला
स्थापना 444-460 ई. पू. में अजातशत्रु द्वारा स्थापित
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 25° 35' - पूर्व -85° 12'
मार्ग स्थिति यह शहर सड़क द्वारा वैशाली से 56 किमी, पावापुरी से 90 किमी, नालंदा से 95 किमी, राजगीर से 110 किलोमीटर, गया से 120 किलोमीटर, बोधगया से 135 किलोमीटर, सासाराम से 152 किलोमीटर और दिल्ली से 997 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
कब जाएँ अक्‍टूबर से मार्च
कैसे पहुँचें हवाई जहाज़, रेल, बस
हवाई अड्डा जयप्रकाश नारायण हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन पटना जंक्शन
बस अड्डा गांधी मैदान बस स्टेंड, मीथापुर बस स्टेंड
यातायात ऑटो रिक्शा, साईकिल रिक्शा, टैक्सी, मिनी बस
क्या देखें पटना पर्यटन
एस.टी.डी. कोड 612
ए.टी.एम लगभग सभी
गूगल का मानचित्र, जयप्रकाश नारायण हवाई अड्डा
पटना पटना पर्यटन पटना ज़िला

पटना बिहार राज्य की राजधानी एवं भारत के गौरवयुक्त शहरों में से एक है। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्रचीन नगरों में से एक है जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद है। इस शहर को ऐतिहासिक इमारतों के लिए भी जाना जाता है। चूँकि पटना से वैशाली, राजगीर, नालंदा, बोधगया और पावापुरी के लिए मार्ग जाता है, इसलिए यह शहर बौद्ध और जैन धर्मावलंबियों के लिए 'गेटवे' के रूप में भी जाना जाता है। [1]

महात्मा गाँधी सेतु, पटना
Mahatma Gandhi Setu, Patna

पटना एक ओर जहाँ शक्तिशाली राजवंशों के लिए जाना जाता है। वहीं दूसरी ओर ज्ञान और अध्‍यात्‍म के कारण भी यह काफ़ी लोकप्रिय रहा है। वर्तमान में बिहार राज्य की राजधानी पटना को कालक्रम में पाटलिपुत्र, कुसुमपुर, पुष्पपुर, पाटलिग्राम, आजीमाबाद आदि नामों से पुकारा गया था। [2] फिर यह नगर पटना कहलाने लगा और धीरे-धीरे बिहार का सबसे बड़ा नगर बन गया।

स्थापना

पाटलिपुत्र की स्थापना 5वीं शताब्दी ई.पू. में मगध (दक्षिण बिहार) के राजा अजातशत्रु ने की थी।

स्थिति

प्राचीन पाटलिपुत्र शहर, बिहार राज्य की राजधानी, पूर्वोत्तर भारत। यह कोलकाता (भूतपूर्व कलकत्ता) से लगभग 470 किलोमीटर पश्चिमोत्तर में स्थित है। पटना भारत के प्राचीनतम नगरों में से एक है। इसके प्राचीन संस्कृत नाम पाटलिपुत्र, कुसुमपुर और पुष्पपुर हैं। मुग़ल काल में यह अज़ीमाबाद के नाम से विख्यात था। पटना नदी के तट पर स्थित शहर है, जो गंगा नदी के दक्षिण किनारे पर लगभग 19 किलोमीटर तक फैला हुआ है।

धार्मिक मान्यता

पटना बिहार राज्य का प्रसिद्ध पर्यटन एवं धार्मिक स्थल है। यह मुख्यतः सिख तीर्थ है। गुरुगोविंद सिंह की दो जोड़ी चरण पादुकायें यहाँ सुरक्षित हैं।

छोटी पटनदेवी मंदिर— यह मंदिर हरि मंदिर से दक्षिण गली में है। इसमें महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती की मूर्तियाँ हैं। यह मंदिर पटनदेवी चौक से तीन मील पश्चिम महाराजगंज में है। यह 51 शक्तिपीठों में एक से है। यहाँ सती का दाहिना जंघा गिरा था। इसके समीप में बिरला जी का बनवाया हुआ सत्यनारायण मंदिर है। पटना में जैनों के 5 मंदिर और चैत्यालय हैं। पटना स्टेशन के पास टेकरी पर सेठ सुदर्शन का मोक्षस्थान है। वहाँ उनकी चरणपादुकायें हैं।

इतिहास

पटना का प्राचीन नाम पाटलीपुत्र था। ईसा पूर्व मेगास्थनीज (350 ईपू-290 ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात् लिखी अपनी पुस्तक इंडिका में इस नगर का उल्लेख किया है। पलिबोथ्रा (पाटलिपुत्र) जो गंगा और अरेन्नोवास (सोनभद्र-हिरण्यवाह) के संगम पर बसा था। उस पुस्तक के आकलनों से प्राचीन पटना (पलिबोथा) 9 मील (14.5 कि.मी.) लम्बा तथा 1.75 मील(2.8) कि.मी. चौड़ा था। आधुनिक पटना बिहार राज्य की राजधानी है और गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। जहां पर गंगा, घाघरा, सोन और गंडक जैसी सहायक नदियों से मिलती है। यहाँ पर गंगा नदी का स्वरूप नदी जैसा न होकर सागर जैसा विराट दिखता है - अनन्त और अथाह!

पटना का दृश्य, बिहार

अजातशत्रु के पुत्र उदय ने इसे मगध की राजधानी का दर्जा दिया, जो पहली शताब्दी ई.पू. तक बना रहा। दूसरे मगध वंश मौर्य ने तीसरी और दूसरी शताब्दी ई.पू. के आरंभ तक शासन किया, इसके बाद 185 ई.पू. में भारत-यूनानियों ने इस शहर पर अधिकार कर लिया। तत्पश्चात् शुंग वंश का आरंभ हुआ, जिसने लगभग 73 ई.पू. तक यहाँ शासन किया। पाटलिपुत्र अध्ययन का केंद्र बना रहा और चौथी शताब्दी में यह गुप्त शासकों की राजधानी बना। सातवीं शताब्दी तक इसका पतन हो गया और इसका परित्याग कर दिया गया। 1541 ई. में अफ़ग़ान शासक शेरशाह ने पटना के रूप में इसकी पुनर्स्थापना की और बाद में मुग़ल साम्राज्य के अंतर्गत यह फिर से समृद्ध हुआ। 1765 में इस पर अंग्रेज़ों का अधिकार हो गया। इसके आसपास के क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर पुरातात्विक खुदाई का काम हुआ है। शेरशाह के पश्चात् मुग़ल-काल में पटना ही स्थायी रूप से बिहार प्रांत की राजधानी रही। ब्रिटिश काल में 1892 में पटना को बिहार-उड़ीसा के संयुक्त सूबे की राजधानी बनाया गया। अजातशत्रु, चन्द्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक, चंद्रगुप्त द्वितीय, समुद्रगुप्त ने पाटलिपुत्र (पटना) में शासन किया। सम्राट अशोक के शासनकाल को भारत के इतिहास में अद्वितीय स्‍थान प्राप्‍त है।

पटना में यात्री

पटना कई प्रबुद्ध यात्रियों जैसे फ़ाह्यान, ह्वेन त्सांग के आगमन का भी साक्षी है। कई इतिहासविद यह भी मानते हैं कि महानतम कूटनीतिज्ञ कौटिल्‍य ने यहीं पर अर्थशास्‍त्र की रचना की थी। पुराने नगर के पश्चिम में बांकीपुर नामक स्थान है और सुदूर दक्षिण-पश्चिम में नई राजधानी है, जहाँ चौड़ी एवं छायादार सड़के और नए भवन हैं।

गुरु तेगबहादुर जी
गोलघर, पटना
Golghar, Patna

गुरु तेगबहादुर जी प्रयाग, बनारस, पटना, असम आदि क्षेत्रों में गए, जहाँ उन्होंने आध्यात्मिक, सामाजिक, आर्थिक, उन्नयन के लिए रचनात्मक कार्य किए। आध्यात्मिकता, धर्म का ज्ञान बाँटा। इन्हीं यात्राओं में 1666 में गुरुजी के यहाँ पटना साहब में पुत्र का जन्म हुआ। जो दसवें गुरु- गुरु गोविंद सिंह बने।

गुरु गोविंद सिंह जी

गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर सन् 1666 ई. को पटना (बिहार) में हुआ था।

कॉलेज का निरमाण

बाबू राजेन्द्र प्रसाद ने अपनी फलती-फूलती वकालत छोड़कर पटना के निकट सन् 1921 में एक नेशनल कॉलेज खोला। हज़ारों छात्र और प्रोफ़ेसर जिन्होंने सरकारी संस्थाओं का बहिष्कार किया था यहाँ आ गये। फिर इस कॉलेज को गंगा किनारे सदाकत आश्रम में ले जाया गया। अगले 25 वर्षों के लिये यह राजेन्द्र प्रसाद जी का घर बन गया।

यातायात और परिवहन

वायु मार्ग

पटना में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है और उसका नाम 'लोकनायक जयप्रकाश नारायण' है। यह नगर के पश्चिमी भाग में स्थित है। भारत के प्रमुख शहरों के लिए नियमित रूप से पटना में हवाई जहाज़ उपलब्ध हैं।

रेलवे स्टेशन, पटना
Railway Station, Patna

रेल मार्ग

'पटना जंक्शन' पटना में रेलवे मंडल का एक महत्‍वपूर्ण जंक्‍शन है। यहाँ से अनेक राज्यों के लिए सीधी रेल सेवा उपलभद हैं। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम आदि राज्‍यों के लिए यहाँ से सीधी रेल हैं।

सड़क मार्ग

बिहार की राजधानी होने के कारण पटना बिहार के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जु्ड़ा है। बिहार के सभी ज़िला मुख्यालय तथा झारखंड के कुछ शहरों के लिए नियमित बस-सेवा यहाँ से उपलब्ध है। गंगा नदी पर बने महात्मा गांधी सेतु के द्वारा पटना हाजीपुर से जुड़ा है।

उद्योग और व्यापार

पटना में खाद्य प्रसंस्‍करण और वनस्‍पति बनाने के कारखाने हैं।

शिक्षण संस्थान

हनुमान मंदिर, पटना
Hanuman Mandir, Patna
  • यहाँ स्थित पटना विश्वविद्यालय (1917) से संबद्ध कई महाविद्यालय हैं, जिनमें पटना मेडिकल कॉलेज, बिहार कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, बिहार कॉलेज ऑफ़ फ़ार्मेसी, कॉलेज ऑफ़ वेटनरी साइंस, गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ आर्ट ऐंड क्राफ़्ट्स तथा इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ बिज़नेस मैनेजमेंट शामिल हैं।
  • पटना के प्रमुख आधुनिक भवनों में गवर्नमेंट हाउस, असेंबली चैंबर्स, ओरिएंटल लाइब्रेरी, एक मेडिकल कॉलेज और एक इंजीनियरिंग

कॉलेज शामिल हैं।

  • मध्य पटना में स्थित ‘खुदाबक्श ख़ाँ पुस्तकालय’ एक राष्ट्रीय महत्त्व की लोकप्रिय सार्वजनिक संस्था है। इसमें इस्लामी शिक्षा, मध्य एशियाई एवं मध्यकालीन भारतीय इतिहास की असंख्य दुर्लभ पांडुलिपियाँ तथा राजपूत एव मुग़लकालीन चित्रकला के उत्कृष्ट नमूनों का संग्रह है।

जनसंख्या

पटना ज़िले की कुल जनसंख्या (2001 की गणना के अनुसार) कुल 47,09,851 है। नगर की जनसंख्या 13,76,950 है।

पर्यटन

पटना का बिहार के पर्यटन स्थलों में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। पटना शहर को ऐतिहासिक इमारतों के लिए भी जाना जाता है। पटना का भारतीय पर्यटन मानचित्र में प्रमुख स्‍थान है। पटना और आसपास स्थित अन्य स्मारकों में सती मंदिर, सेंट जोसेफ़ रोमन कैथॅलिक चर्च, प्रोटेस्टेंट चर्च, पत्थर की मस्जिद, भवानी पुरी का मठ और ऐतिहासिक तथा प्रशासनिक महत्त्व की कई अन्य इमारतें हैं। पटना के ऐतिहासिक स्मारकों में बंगाल के हुसैन शाह (1499) की मस्जिद।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पटना (हिन्दी) यात्रा सलाह। अभिगमन तिथि: 15 जून, 2010।
  2. पटना: अब वो बात कहां (हिन्दी) भारतीय पक्ष। अभिगमन तिथि: 15 जून, 2010।

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