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गेटवे ऑफ़ इंडिया की आधारशिला बम्‍बई (मुम्‍बई) के राज्‍य पाल द्वारा [[31 मार्च]] [[1913]] को रखी गई थी। यह स्‍मारक 26 मीटर ऊंचा है और इसमें 4 मीनारें हैं और पत्‍थरों पर खोदी गई बारीक पच्‍चीकारी है। इसका केवल गुम्‍बद निर्मित करने में 21 लाख रु. का खर्च आया था। यह भारतीय - सार्सैनिक शैली में निर्मित भवन है, जबकि इसकी [[वास्तुकला]]  में गुजराती शैली का भी कुछ प्रभाव दिखाई देता है। यह संरचना अपने आप में ही अत्‍यंत मनमोहक और पेरिस में स्थित आर्क डी ट्रायम्‍फ की प्रतिकृति है।<ref name="balliacity"/>[[चित्र:Gateway-Of-India-And-Taj-Mahal-Hotel.jpg|thumb|left|[[ताजमहल होटल मुंबई|ताजमहल होटल]] और गेटवे ऑफ़़ इंडिया, [[मुंबई]]]]
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==वास्तुकार==
==वास्तुकार==
गेटवे ऑफ़़ इंडिया अब मुम्‍बई शहर का पर्यायवाची बन गया है। यह मुम्‍बई का सबसे अधिक प्रसिद्ध स्‍मारक है और यह शहर में पर्यटन की दृष्टि से आने वाले अधिकांश लोगों का आरंभिक बिन्‍दु है। गेटवे ऑफ़ इंडिया एक महान ऐतिहासिक स्‍मारक है, जिसे देश में ब्रिटिश राज के दौरान निर्मित कराया गया था। यह पंचम किंग जॉर्ज और महारानी मेरी के मुम्‍बई (तत्‍कालीन [[बंबई]]) आगमन के अवसर पर उन्‍हें सम्‍मानित करने के लिए बनाया गया विशाल स्‍मारक था। गेटवे ऑफ़ इंडिया का निर्माण अपोलो बंदर पर कराया गया था जो मेल जोल का एक लोकप्रिय स्‍थान है। इसे ब्रिटिश वास्‍तुकार जॉर्ज विटेट ने डिज़ाइन किया था।<ref name="balliacity"/>
गेटवे ऑफ़़ इंडिया अब मुम्‍बई शहर का पर्यायवाची बन गया है। यह मुम्‍बई का सबसे अधिक प्रसिद्ध स्‍मारक है और यह शहर में पर्यटन की दृष्टि से आने वाले अधिकांश लोगों का आरंभिक बिन्‍दु है। गेटवे ऑफ़ इंडिया एक महान् ऐतिहासिक स्‍मारक है, जिसे देश में ब्रिटिश राज के दौरान निर्मित कराया गया था। यह पंचम किंग जॉर्ज और महारानी मेरी के मुम्‍बई (तत्‍कालीन [[बंबई]]) आगमन के अवसर पर उन्‍हें सम्‍मानित करने के लिए बनाया गया विशाल स्‍मारक था। गेटवे ऑफ़ इंडिया का निर्माण अपोलो बंदर पर कराया गया था जो मेल जोल का एक लोकप्रिय स्‍थान है। इसे ब्रिटिश वास्‍तुकार जॉर्ज विटेट ने डिज़ाइन किया था।<ref name="balliacity"/>
==मुख्य बिंदु==
==मुख्य बिंदु==
*गेटवे ऑफ़़ इंडिया का प्रवेशद्वार असिताश्म का बना हुआ स्थापत्य है, जिसकी ऊंचाई 26 मीटर है।
*गेटवे ऑफ़़ इंडिया का प्रवेशद्वार असिताश्म का बना हुआ स्थापत्य है, जिसकी ऊंचाई 26 मीटर है।

14:00, 30 जून 2017 के समय का अवतरण

गेटवे ऑफ़ इंडिया
गेटवे ऑफ़ इंडिया, मुम्बई
गेटवे ऑफ़ इंडिया, मुम्बई
विवरण गेटवे ऑफ़़ इंडिया मुम्बई का बहुत ही प्रसिद्ध स्थान है। यह अपोलो बन्दर के समीप स्थित है।
राज्य महाराष्ट्र
ज़िला मुम्बई उपनगर
निर्माता पंचम किंग जार्ज और क्वीन मैरी
निर्माण काल 31 मार्च, 1911
स्थापना 4 दिसंबर, 1924
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 18.921836°, पूर्व- 72.834705°
मार्ग स्थिति गेटवे ऑफ़़ इंडिया, बैरिस्टर नाथ पै मार्ग और पी. डी. मेलो मार्ग से लगभग 12.0 किमी की दूरी पर स्थित है।
कैसे पहुँचें हवाई जहाज़, रेल, बस आदि
हवाई अड्डा छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, दादर स्टेशन, लोकमान्य तिलक टर्मिनस, मुंबई सेंट्रल स्टेशन, बांद्रा टर्मिनस
यातायात ऑटो-रिक्शा, टैक्सी, सिटी बस
कहाँ ठहरें होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह
एस.टी.डी. कोड 022
ए.टी.एम लगभग सभी
गूगल मानचित्र
संबंधित लेख एलिफेंटा की गुफाएँ, एसेल वर्ल्‍ड मुंबई, कन्हेरी गुफ़ाएँ, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, जुहू चौपाटी, ताजमहल होटल, नरीमन पाइंट भाषा मराठी, हिन्दी, अंग्रेज़ी और गुजराती
अन्य जानकारी यह स्‍मारक 26 मीटर ऊंचा है और इसमें 4 मीनारें हैं और पत्‍थरों पर खोदी गई बारीक पच्‍चीकारी है।

गेटवे ऑफ़़ इंडिया (अंग्रेज़ी: Gateway of India) भारत का एक ऐतिहासिक स्मारक है जो मुम्बई में होटल ताज महल के ठीक सामने स्थित है। यह स्मारक साउथ मुंबई के अपोलो बन्दर क्षेत्र में अरब सागर के बंदरगाह पर स्थित है। यह एक बड़ा सा द्वार है जिसकी उंचाई 26 मीटर (85 फीट) है। अरब सागर के समुद्री मार्ग से आने वाले जहाजों आदि के लिए यह भारत का द्वार कहलाता है तथा मुंबई के कुछ उच्च पर्यटन स्थलों में से से एक है।

भारत का द्वार

पिछले समय में गेटवे ऑफ़ इंडिया का उपयोग पश्चिम से आने वाले अतिथियों के लिए आगमन बिन्‍दु के रूप में होता था। विडम्‍बना यह है कि जब 1947 में ब्रिटिश राज समाप्‍त हुआ तो यह उप निवेश का प्रतीक भी एक प्रकार का स्‍मृति लेख बन गया, जब ब्रिटिश राज का अंतिम जहाज यहां से इंग्लैंड की ओर रवाना हुआ। आज यह उपनिवेश काल का संकेत पूरी तरह से भारतीय कृत हो गया है, जिसमें ढेरों स्‍थानीय पर्यटक और नागरिक आते हैं।

ताजमहल होटल और गेटवे ऑफ़़ इंडिया, मुंबई

गेटवे ऑफ़ इंडिया विशाल अरब सागर की ओर बनाया गया है, जो मुम्‍बई शहर के एक अन्‍य आकर्षण मरीन ड्राइव से जुड़ा है, यह एक सड़क है जो समुद्र के समानांतर चलती है। यह भव्‍य स्‍मारक रात के समय देखने योग्‍य होता है जब इसकी विशाल भव्‍यता समुद्र की पृष्‍ठभूमि में दिखाई देती है। इसमें प्रतिवर्ष दुनिया भर के लाखों लोग आते हैं और यह मुम्‍बई के लोगों की ज़िंदगी का एक महत्‍वपूर्ण स्‍थान है, क्‍योंकि यह शहर की संस्‍कृति को परिभाषित करता है, जो ऐतिहासिक और आधुनिक सांस्‍कृतिक परिवेश का अनोखा संगम है।[1]

निर्माण काल

गेटवे ऑफ़ इंडिया की आधारशिला बम्‍बई (मुम्‍बई) के राज्‍य पाल द्वारा 31 मार्च 1913 को रखी गई थी। यह स्‍मारक 26 मीटर ऊंचा है और इसमें 4 मीनारें हैं और पत्‍थरों पर खोदी गई बारीक पच्‍चीकारी है। इसका केवल गुम्‍बद निर्मित करने में 21 लाख रु. का खर्च आया था। यह भारतीय - सार्सैनिक शैली में निर्मित भवन है, जबकि इसकी वास्तुकला में गुजराती शैली का भी कुछ प्रभाव दिखाई देता है। यह संरचना अपने आप में ही अत्‍यंत मनमोहक और पेरिस में स्थित आर्क डी ट्रायम्‍फ की प्रतिकृति है।[1]

ताजमहल होटल और गेटवे ऑफ़़ इंडिया, मुंबई

वास्तुकार

गेटवे ऑफ़़ इंडिया अब मुम्‍बई शहर का पर्यायवाची बन गया है। यह मुम्‍बई का सबसे अधिक प्रसिद्ध स्‍मारक है और यह शहर में पर्यटन की दृष्टि से आने वाले अधिकांश लोगों का आरंभिक बिन्‍दु है। गेटवे ऑफ़ इंडिया एक महान् ऐतिहासिक स्‍मारक है, जिसे देश में ब्रिटिश राज के दौरान निर्मित कराया गया था। यह पंचम किंग जॉर्ज और महारानी मेरी के मुम्‍बई (तत्‍कालीन बंबई) आगमन के अवसर पर उन्‍हें सम्‍मानित करने के लिए बनाया गया विशाल स्‍मारक था। गेटवे ऑफ़ इंडिया का निर्माण अपोलो बंदर पर कराया गया था जो मेल जोल का एक लोकप्रिय स्‍थान है। इसे ब्रिटिश वास्‍तुकार जॉर्ज विटेट ने डिज़ाइन किया था।[1]

मुख्य बिंदु

  • गेटवे ऑफ़़ इंडिया का प्रवेशद्वार असिताश्म का बना हुआ स्थापत्य है, जिसकी ऊंचाई 26 मीटर है।
  • गेटवे ऑफ़़ इंडिया की रूपरेखा जार्ज विटेट ने तैयार की थी।
  • इसका निर्माण किंग जार्ज और क्वीन मैरी ने 1911 में करवाया था।
  • इस प्रवेशद्वार के पास ही पर्यटकों के समुद्र भ्रमण हेतु नौका-सेवा भी उपल्ब्ध है।
  • मुंबई के कोलाबा में स्थित गेटवे ऑफ़ इंडिया वास्तुशिल्प का चमत्कार है और इसकी ऊँचाई लगभग आठ मंजिल के बराबर है।
  • वास्तुकला के हिंदू और मुस्लिम दोनों प्रकारों को ध्यान में रखते हुए इसका निर्माण सन 1911 में राजा की यात्रा के स्मरण निमित्त किया गया।
  • गेटवे ऑफ़ इंडिया ख़रीददारों के स्वर्ग कॉज़वे और दक्षिण मुंबई के कुछ प्रसिद्द रेस्टारेंट जैसे बड़े मियाँ, कैफ़े मोंदेगर और प्रसिद्द कैफ़े लियोपोल्ड के निकट है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 गेटवे ऑफ़ इंडिया (हिंदी) (पी.एच.पी) balliacity.com। अभिगमन तिथि: 17 मई, 2013।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख