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'''शीरीं फ़रहाद''' ([[अंग्रेजी]]; Shirin Farhad) एक प्रसिद्ध प्रेमकथा है। [[फ़ारस]] की पृष्ठभूमि में जन्मी इस कहानी का पात्र फ़रहाद एक शिल्पकार था, जो राजकुमारी शीरीं से बेइंतहा मुहब्बत करता था, लेकिन राजकुमारी इस प्रेम से अनभिज्ञ थी।  
'''शीरीं फ़रहाद''' ([[अंग्रेजी]]: Shirin Farhad) एक प्रसिद्ध प्रेमकथा है। [[फ़ारस]] की पृष्ठभूमि में जन्मी इस कहानी का पात्र फ़रहाद एक शिल्पकार था, जो राजकुमारी शीरीं से बेइंतहा मुहब्बत करता था, लेकिन राजकुमारी इस प्रेम से अनभिज्ञ थी।  


===प्रेमकथा===
===प्रेमकथा===
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खुसरो ने फरहाद को बुलवाया और शीरी से मिलवाया ताकि उसकी सलाह पर फरहाद नहर की खुदाई कर सके। शीरी को देखते ही फरहाद उसका दीवाना हो गया। नहर खोदते-खोदते फरहाद शीरी के नाम की रट लगाने लगा। एक दिन जब शीरी वहाँ आई तो फरहाद ने उसके कदमों पर झुकते हुए अपने प्रेम का इजहार किया, लेकिन शीरी ने उसे झिड़क दिया।<ref name="aa"/>  
खुसरो ने फरहाद को बुलवाया और शीरी से मिलवाया ताकि उसकी सलाह पर फरहाद नहर की खुदाई कर सके। शीरी को देखते ही फरहाद उसका दीवाना हो गया। नहर खोदते-खोदते फरहाद शीरी के नाम की रट लगाने लगा। एक दिन जब शीरी वहाँ आई तो फरहाद ने उसके कदमों पर झुकते हुए अपने प्रेम का इजहार किया, लेकिन शीरी ने उसे झिड़क दिया।<ref name="aa"/>  


लेकिन प्रेम हार कहाँ मानता है। शीरी का नाम लेते-लेते फरहाद ने समय से पहले नहर तो खोद डाली, लेकिन वह शीरी के इश्क में दीवाना हो गया। जब खुसरो को इसकी जानकारी मिली तो वह आगबबूला हो गया। लेकिन फरहाद ने बिना डरे दिल की बात कह डाली कि मैं शीरी की मोहब्बत में इतना दीवाना हो गया हूँ कि अपने दिलो दिमाग पर नियंत्रण ही नहीं रहा। इस पर खुसरो ने तलवार से उसे मारना चाहा तो उसके वजीर ने रोक लिया और सलाह दी कि यदि वह अपनी मेहनत से पहाड़ियों के आर-पार सड़क बना देगा तो शीरी से उसका निकाह कर दिया जाएगा। वह जानता था कि फरहाद यह नहीं कर पाएगा। लेकिन दीवाने फरहाद ने यह शर्त स्वीकार कर ली। सड़क बनाते-बनाते फरहाद ने खाना-पीना छोड़ दिया।<ref name="aa">{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/love-stories/%E0%A4%85%E0%A4%AE%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%AE-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%81-%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A6-%E0%A4%85%E0%A4%AE%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%AE%E0%A5%80-%E0%A4%B6%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%AB%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A6-107080800027_1.htm|title= अमर प्रेम की दिलाएँ याद : अमर प्रेमी शीरी-फरहाद  |accessmonthday= 15 जुलाई|accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=hindi.webdunia.com|language=हिन्दी}}</ref>
शीरी का नाम लेते-लेते फरहाद ने समय से पहले नहर तो खोद डाली, लेकिन वह शीरी के इश्क में दीवाना हो गया। जब खुसरो को इसकी जानकारी मिली तो वह आगबबूला हो गया। लेकिन फरहाद ने बिना डरे दिल की बात कह डाली कि मैं शीरी की मोहब्बत में इतना दीवाना हो गया हूँ कि अपने दिलो दिमाग पर नियंत्रण ही नहीं रहा। इस पर खुसरो ने तलवार से उसे मारना चाहा तो उसके वजीर ने रोक लिया और सलाह दी कि यदि वह अपनी मेहनत से पहाड़ियों के आर-पार सड़क बना देगा तो शीरी से उसका निकाह कर दिया जाएगा। वह जानता था कि फरहाद यह नहीं कर पाएगा। लेकिन दीवाने फरहाद ने यह शर्त स्वीकार कर ली। सड़क बनाते-बनाते फरहाद ने खाना-पीना छोड़ दिया।<ref name="aa">{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/love-stories/%E0%A4%85%E0%A4%AE%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%AE-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%81-%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A6-%E0%A4%85%E0%A4%AE%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%AE%E0%A5%80-%E0%A4%B6%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%AB%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A6-107080800027_1.htm|title= अमर प्रेम की दिलाएँ याद : अमर प्रेमी शीरी-फरहाद  |accessmonthday= 15 जुलाई|accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=hindi.webdunia.com|language=हिन्दी}}</ref>


उसकी बेइंतहा मोहब्बत ने आखिर शीरी का दिल जीत लिया। इस बीच सड़क पूरी होते देख खुसरो घबराया। उसने फरहाद के पास यह झूठी खबर पहुँचा दी कि शीरी ने  आत्महत्या कर ली। यह सुनते ही फरहाद दीवारों से सिर पटक-पटककर चिल्लाने लगा और अपने सिर पर कुल्हाड़ी मारकर दम तोड़ दिया। जब शीरी को फरहाद की मौत की खबर सुनाई गई तो वह दौड़कर उस जगह पहुँची जहाँ फरहाद ने दम तोड़ा था। और जब उसे खुसरो के छल का पता चला तो उसने महल में लौटने से इनकार कर दिया और फरहाद के कदमों पर दम तोड़ दिया। इन दो अमर प्रेमियों को एक साथ दफन किया गया। ये भले ही दुनिया से कूच कर गए हों, लेकिन इनकी मोहब्बत आज भी जिंदा है और कयामत तक जिंदा रहेगी।<ref name="aa"/>
उसकी बेइंतहा मोहब्बत ने आखिर शीरी का दिल जीत लिया। इस बीच सड़क पूरी होते देख खुसरो घबराया। उसने फरहाद के पास यह झूठी खबर पहुँचा दी कि शीरी ने  आत्महत्या कर ली। यह सुनते ही फरहाद दीवारों से सिर पटक-पटककर चिल्लाने लगा और अपने सिर पर कुल्हाड़ी मारकर दम तोड़ दिया। जब शीरी को फरहाद की मौत की खबर सुनाई गई तो वह दौड़कर उस जगह पहुँची जहाँ फरहाद ने दम तोड़ा था। और जब उसे खुसरो के छल का पता चला तो उसने महल में लौटने से इनकार कर दिया और फरहाद के कदमों पर दम तोड़ दिया। इन दो अमर प्रेमियों को एक साथ दफन किया गया। ये भले ही दुनिया से कूच कर गए हों, लेकिन इनकी मोहब्बत आज भी किस्से कहानियों में जिंदा है <ref name="aa"/>





12:57, 28 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

शीरीं फ़रहाद

शीरीं फ़रहाद (अंग्रेजी: Shirin Farhad) एक प्रसिद्ध प्रेमकथा है। फ़ारस की पृष्ठभूमि में जन्मी इस कहानी का पात्र फ़रहाद एक शिल्पकार था, जो राजकुमारी शीरीं से बेइंतहा मुहब्बत करता था, लेकिन राजकुमारी इस प्रेम से अनभिज्ञ थी।

प्रेमकथा

आर्मेनिया के बादशाह की पुत्री शीरी बेइंतहा खूबसूरत थी। उसकी तस्वीर देखकर ही पर्शिया के बादशाह खुसरो उस पर फिदा हो गए थे। उन्होंने अपने सिपहसालार को शीरी के सामने शादी का प्रस्ताव लेकर भिजवाया। खुसरो का प्रस्ताव शीरी ने मान तो लिया साथ ही शर्त भी रख दी कि वह पर्शिया के लोगों तथा उसके लिए दूध का दरिया लाकर दे दे। नहर खुदवाने का काम जिस शख्स को सौंपा गया वह था फरहाद। इस बीच खुसरो ने शीरी से निकाह कर लिया था खुसरो ने फरहाद को बुलवाया और शीरी से मिलवाया ताकि उसकी सलाह पर फरहाद नहर की खुदाई कर सके। शीरी को देखते ही फरहाद उसका दीवाना हो गया। नहर खोदते-खोदते फरहाद शीरी के नाम की रट लगाने लगा। एक दिन जब शीरी वहाँ आई तो फरहाद ने उसके कदमों पर झुकते हुए अपने प्रेम का इजहार किया, लेकिन शीरी ने उसे झिड़क दिया।[1]

शीरी का नाम लेते-लेते फरहाद ने समय से पहले नहर तो खोद डाली, लेकिन वह शीरी के इश्क में दीवाना हो गया। जब खुसरो को इसकी जानकारी मिली तो वह आगबबूला हो गया। लेकिन फरहाद ने बिना डरे दिल की बात कह डाली कि मैं शीरी की मोहब्बत में इतना दीवाना हो गया हूँ कि अपने दिलो दिमाग पर नियंत्रण ही नहीं रहा। इस पर खुसरो ने तलवार से उसे मारना चाहा तो उसके वजीर ने रोक लिया और सलाह दी कि यदि वह अपनी मेहनत से पहाड़ियों के आर-पार सड़क बना देगा तो शीरी से उसका निकाह कर दिया जाएगा। वह जानता था कि फरहाद यह नहीं कर पाएगा। लेकिन दीवाने फरहाद ने यह शर्त स्वीकार कर ली। सड़क बनाते-बनाते फरहाद ने खाना-पीना छोड़ दिया।[1]

उसकी बेइंतहा मोहब्बत ने आखिर शीरी का दिल जीत लिया। इस बीच सड़क पूरी होते देख खुसरो घबराया। उसने फरहाद के पास यह झूठी खबर पहुँचा दी कि शीरी ने आत्महत्या कर ली। यह सुनते ही फरहाद दीवारों से सिर पटक-पटककर चिल्लाने लगा और अपने सिर पर कुल्हाड़ी मारकर दम तोड़ दिया। जब शीरी को फरहाद की मौत की खबर सुनाई गई तो वह दौड़कर उस जगह पहुँची जहाँ फरहाद ने दम तोड़ा था। और जब उसे खुसरो के छल का पता चला तो उसने महल में लौटने से इनकार कर दिया और फरहाद के कदमों पर दम तोड़ दिया। इन दो अमर प्रेमियों को एक साथ दफन किया गया। ये भले ही दुनिया से कूच कर गए हों, लेकिन इनकी मोहब्बत आज भी किस्से कहानियों में जिंदा है [1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 अमर प्रेम की दिलाएँ याद : अमर प्रेमी शीरी-फरहाद (हिन्दी) hindi.webdunia.com। अभिगमन तिथि: 15 जुलाई, 2017।

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