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'''लोकराम नयनराम शर्मा'''(जन्म: [[1890]] [[हैदराबाद]] ;मृत्यु: [[29 मई]] [[1933]]) [[भारत]] के स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार और संगठनकर्त्ता थे।
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==जन्म एवं शिक्षा==
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सिंध प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार और संगठनकर्त्ता लोकराम नयनराम शर्मा का जन्म [[1890 ]] मैं,  [[हैदराबाद]] (सिंध) के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पारिवारिक प्रभाव से लोकराम नयनराम शर्मा ने छोटी उम्र में ही प्राचीन भारतीय साहित्य का अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लिया था। संस्कृत भाषा के प्रति इनकी विशेष रुचि थी। इसी रुची के कारण ये 15 वर्ष की उम्र में अपने मित्र गुरुदास के साथ संस्कृत का अध्ययन करने के लिए वाराणसी गये। [[1905]] से [[1907]] तक ये वाराणसी रहे।
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==आदोंलन==
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लोकराम नयनराम शर्मा जब [[वाराणसी]] में रह रहे थे तभी इनका परिचय बंग-भंग विरोधी और स्वेदेशी आंदोलन से हुआ। [[1907]] में वापस [[सिंध]] पहुंचने तक ये राष्ट्रीय भावनाओं से ओत-प्रोत थे। लोकराम की लेखनी राष्ट्रीय आकांक्षाओं का जोरदार समर्थन करती थी। इसलिए कई बार सरकार ने इनके पत्रों पर लोक लगाई, प्रेस को जब्त किया और इन्हें जेल की सजाएं भी भोगनी पड़ी। इनके प्रयत्नों से बने वातावरण में ही [[1931]] में [[कराची]] में [[कांग्रेस]] का अधिवेशन हो पाया था। इन्होने नमक सत्याग्रह में भी भाग लिया था।
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==विचारों के प्रचार के लिये ==
<quiz display=simple>
लोकराम नयनराम शर्मा ने अपने विचारों के प्रचार के लिए पहले कुछ प्रपत्र प्रकाशित किए और 'रास मंडली' नामक सांस्कृतिक संस्था बनाई। फिर सिंध में राष्ट्रीय पत्र की कमी दूर करने के लिए 'सिंध भास्कर' पत्र का प्रकाशन आरंभ किया। इस पत्र को इन्होंने अरबी लिपि के स्थान पर देवनागरी लिपि में निकाला था। कुछ समय बाद इसका नाम बदल कर 'हिंन्दू' कर दिया गया। इसी समय लोकराम सिंध के प्रमुख नेता चोइथराम गिडवानी, जयराम दास दौलतराम आदि के संपर्क में आए। बाद में जब 'हिंदू' का 'वंदेमातरम' नाम से [[अंग्रेज़ी]] संस्करण निकला तो कुछ समय तक जयराम दास दौलतराम ने उसका संपादन किया था।
{किस राजपूत रानी ने [[हुमायूँ]] के पास [[राखी]] भेजकर [[बहादुर शाह]] के विरुद्ध सहायता माँगी थी?
==मृत्यु==
|type="()"}
लोकराम नयनराम शर्मा का जेल से खराब स्वास्थय लेकर आने पर 29 मई, 1933 को इनका देहांत हो गया।
+[[रानी कर्णावती]]
-[[संयोगिता]]
-हाड़ारानी
-रानी अनारा
 
{जो सम्बंध स्त्रियों के झुमकों का [[कान|कानों]] से है, वही पुरुषों में-
|type="()"}
-बाली का [[कान|कानों]] से है।
-बोर का कानों से है।
-पुन्छा का कानों से है।
+मुरकियों का कानों से है।
</quiz>
|}
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12:36, 5 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण

1 किस राजपूत रानी ने हुमायूँ के पास राखी भेजकर बहादुर शाह के विरुद्ध सहायता माँगी थी?

रानी कर्णावती
संयोगिता
हाड़ारानी
रानी अनारा

2 जो सम्बंध स्त्रियों के झुमकों का कानों से है, वही पुरुषों में-

बाली का कानों से है।
बोर का कानों से है।
पुन्छा का कानों से है।
मुरकियों का कानों से है।