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| '''श्वेतकेतु''' की कथा [[उपनिषद]] में मूलत: आती है। एक तत्वज्ञानी आचार्य जिनका उल्लेख शतपथ ब्राह्मण, छान्दोग्य, वृहदारण्यक आदि उपनिषदों में मिलता है। कौशीतकि उपनिषद के अनुसार ये [[गौतम ऋषि]] के वंशज और [[आरुणि]] के पुत्र थे। छांदोग्य में इसको उद्दालक आरुणि का पुत्र बताया गया है। ये [[पांचाल]] देश के निवासी थे और विदेहराज जनक की सभा में भी गए थे। अद्वैत वेदांत के महावाक्य 'तत्वमसि' क, जिसका उल्लेख छांदोग्य उपनिषद में है, उपदेश इन्हें अपने पिता से मिला था। इसके एक प्रश्न के उत्तर में पिता ने कहा था- "तुम एवं इस सृष्टि की सारी चराचर वस्तुएं एक है एवं इन सारी वस्तुओं का तू ही है (तत्त्वमसि)।"
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| इन्होंने एक बार ब्राह्मणों के साथ दुर्व्यवहार किया जिससे इनके पिता ने इनका परित्याग कर दिया था।
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| ==समाज सुधारक==
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| श्वेतकेतु का समय पाणिनी से पहले माना जाता है। ये देश के प्रथम समाज सुधारक थे। समाज कल्याण की दृष्टि से इन्होंने अनेक नियमों की स्थापना की। एक [[महाभारत]] में आए उल्लेख के अनुसार एक [[ब्राह्मण]] ने इनकी माता का हरण कर लिया था। इसी पर श्वेतेकेतु ने पुरुषों के लिए एक पत्नी व्रत और महिलाओं के लिए प्रतिव्रत का नियम बनाया और परस्त्री गमन पर रोक लगाई। इन्होंने यह नियम प्रचारित किया कि पति को छोड़कर पर पुरुष के पास जानेवाली स्त्री तथा अपनी पत्नी को छोड़कर दूसरी स्त्री से संबंध कर लेनेवाला पुरुष दोनों ही भ्रूणहत्या के अपराधी माने जाएँ। इनकी कथा महाभारत के आदिपर्व में है और उनके द्वारा प्रचारित यह नियम धर्मशास्त्र में अब तक मान्य है। एक बार अतिथि सत्कार में उद्दालक ने अपनी पत्नी को भी अर्पित कर दिया। इस दूषित प्रथा का विरोध श्वेतकेतु ने किया। वास्तव में कुछ पर्वतीय [[आरण्यक]] लोगों में आदिम जीवन के कुछ अवशेष कहीं-कहीं अब भी चले आ रहे थे, जिनके अनुसार स्त्रियाँ अपने पति के अतिरिक्त अन्य पुरुषों के साथ भी सम्बन्ध कर सकती थीं। इस प्रथा को श्वेतकेतु ने बन्द कराया। इनका [[विवाह]] देवल श्रषि की कन्या सुवर्चला के साथ हुआ था और अष्टावक्र इनके मामा थे।
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| | <quiz display=simple> |
| | {किस राजपूत रानी ने [[हुमायूँ]] के पास [[राखी]] भेजकर [[बहादुर शाह]] के विरुद्ध सहायता माँगी थी? |
| | |type="()"} |
| | +[[रानी कर्णावती]] |
| | -[[संयोगिता]] |
| | -हाड़ारानी |
| | -रानी अनारा |
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| | {जो सम्बंध स्त्रियों के झुमकों का [[कान|कानों]] से है, वही पुरुषों में- |
| | |type="()"} |
| | -बाली का [[कान|कानों]] से है। |
| | -बोर का कानों से है। |
| | -पुन्छा का कानों से है। |
| | +मुरकियों का कानों से है। |
| | </quiz> |
| | |} |
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