"अकीबा": अवतरणों में अंतर
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*अकीबा को बहुत यातनाएँ दी गईं और उसकी खाल खिंचवा ली गई, किंतु उसने हँसते-हँसते मृत्यु का आलिंगन किया। | *अकीबा को बहुत यातनाएँ दी गईं और उसकी खाल खिंचवा ली गई, किंतु उसने हँसते-हँसते मृत्यु का आलिंगन किया। | ||
*[[यहूदी]] जिन दस शहीदों को अब तक प्रार्थना के समय याद करते हैं, उनमें से एक शहीद अकीबा भी है।<ref>{{cite web |url=http:// | *[[यहूदी]] जिन दस शहीदों को अब तक प्रार्थना के समय याद करते हैं, उनमें से एक शहीद अकीबा भी है।<ref>{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%85%E0%A4%95%E0%A5%80%E0%A4%AC%E0%A4%BE|title=अकीबा|accessmonthday= 01 फ़रवरी|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language= हिन्दी}}</ref> | ||
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12:23, 25 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण
अकीबा (सन 50-132 ई.) फिलस्तीन का यहूदी रब्बी और जाफा के रब्बानो विद्यालय का मुख्य अध्यापक था। कहा जाता है कि उसके 24 हज़ार शिष्य थे, जिनमें रब्बी मेअर प्रमुख था।
- सन 132 ई. में फिलस्तीन के यहूदियों ने अपने धर्म और अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए बहुत प्रयत्न किया। इस संग्राम का नेता बरकोकबा था।
- धर्माचार्य अकीबा ने बरकोकबा को यहूदियों का मसीहा घोषित कर दिया था।
- तीन वर्ष के संग्राम के बाद रोमन सेना विजयी हुई और येरुसलम के एक-एक बच्चे का कत्ल कर दिया गया और शहर की समस्त भूमि पर हल चलवाकर उसे बराबर करवा दिया गया।
- अकीबा को बहुत यातनाएँ दी गईं और उसकी खाल खिंचवा ली गई, किंतु उसने हँसते-हँसते मृत्यु का आलिंगन किया।
- यहूदी जिन दस शहीदों को अब तक प्रार्थना के समय याद करते हैं, उनमें से एक शहीद अकीबा भी है।[1]
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