"उच्चाटन": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(''''उच्चाटन''' तांत्रिक क्रियाओं का एक प्रकार का मंत्र...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "khoj.bharatdiscovery.org" to "bharatkhoj.org") |
||
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''उच्चाटन''' तांत्रिक क्रियाओं का एक प्रकार का [[मंत्र]] प्रयोग है। इसका प्रयोग भूत-प्रेत, [[पिशाच]], डाकिनी आदि के निवारण या नियंत्रण हेतु किया जाता है। इस [[मंत्र]] के अनेक प्रकार बतलाये गए हैं। | '''उच्चाटन''' तांत्रिक क्रियाओं का एक प्रकार का [[मंत्र]] प्रयोग है। इसका प्रयोग भूत-प्रेत, [[पिशाच]], डाकिनी आदि के निवारण या नियंत्रण हेतु किया जाता है। इस [[मंत्र]] के अनेक प्रकार बतलाये गए हैं। | ||
*विश्वास किया जाता है कि प्रेत या डाकिनी के उत्पात या कुदृष्टि से अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं। 'उच्चाटन' से रोगों का शमन और दु:ख का निवारण हो सकता है। यह विश्वास अत्यंत प्राचीन और सार्वभौम है। | *विश्वास किया जाता है कि प्रेत या डाकिनी के उत्पात या कुदृष्टि से अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं। 'उच्चाटन' से रोगों का शमन और दु:ख का निवारण हो सकता है। यह विश्वास अत्यंत प्राचीन और सार्वभौम है। | ||
*[[विज्ञान]] के प्रसार के साथ-साथ उच्चाटन का प्रयोग कम भले ही हुआ है, किंतु कितने ही देशों में यह अब भी प्रचलित है। | *[[विज्ञान]] के प्रसार के साथ-साथ उच्चाटन का प्रयोग कम भले ही हुआ है, किंतु कितने ही देशों में यह अब भी प्रचलित है। | ||
*दूसरे के मन को अन्यत्र लगा देना, उसे अन्यमनस्क कर देना भी उच्चाटन की एक क्रिया मानी जाती है। | *दूसरे के मन को अन्यत्र लगा देना, उसे अन्यमनस्क कर देना भी उच्चाटन की एक क्रिया मानी जाती है। | ||
*उच्चाटन की विविध क्रियाएँ हैं, जिनका प्रयोग बिना [[मंत्र]] के और मंत्र के साथ भी किया जाता है। | *उच्चाटन की विविध क्रियाएँ हैं, जिनका प्रयोग बिना [[मंत्र]] के और मंत्र के साथ भी किया जाता है। | ||
*विधिपूर्वक उच्चाटन का प्रयोग करना अनेक लोगों का व्यवसाय है। ये लोग दावा करते हैं कि मंत्र के द्वारा भूत, प्रेत और [[पिशाच]] भगाए जा सकते हैं और डाकिनी को नियंत्रित तथा निष्क्रिय किया जा सकता है।<ref>{{cite web |url=http:// | *विधिपूर्वक उच्चाटन का प्रयोग करना अनेक लोगों का व्यवसाय है। ये लोग दावा करते हैं कि मंत्र के द्वारा भूत, प्रेत और [[पिशाच]] भगाए जा सकते हैं और डाकिनी को नियंत्रित तथा निष्क्रिय किया जा सकता है।<ref>{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%89%E0%A4%9A%E0%A5%8D%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%9F%E0%A4%A8 |title=उच्चाटन|accessmonthday=02 फ़रवरी|accessyear=2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> | ||
{{seealso|तंत्र|डाकन प्रथा|चौंसठ कलाएँ}} | {{seealso|तंत्र|डाकन प्रथा|चौंसठ कलाएँ}} | ||
पंक्ति 14: | पंक्ति 13: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
[[Category: | [[Category:मंत्र-तंत्र]][[Category:हिन्दू धर्म]][[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:हिन्दी विश्वकोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
12:28, 25 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण
उच्चाटन तांत्रिक क्रियाओं का एक प्रकार का मंत्र प्रयोग है। इसका प्रयोग भूत-प्रेत, पिशाच, डाकिनी आदि के निवारण या नियंत्रण हेतु किया जाता है। इस मंत्र के अनेक प्रकार बतलाये गए हैं।
- विश्वास किया जाता है कि प्रेत या डाकिनी के उत्पात या कुदृष्टि से अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं। 'उच्चाटन' से रोगों का शमन और दु:ख का निवारण हो सकता है। यह विश्वास अत्यंत प्राचीन और सार्वभौम है।
- विज्ञान के प्रसार के साथ-साथ उच्चाटन का प्रयोग कम भले ही हुआ है, किंतु कितने ही देशों में यह अब भी प्रचलित है।
- दूसरे के मन को अन्यत्र लगा देना, उसे अन्यमनस्क कर देना भी उच्चाटन की एक क्रिया मानी जाती है।
- उच्चाटन की विविध क्रियाएँ हैं, जिनका प्रयोग बिना मंत्र के और मंत्र के साथ भी किया जाता है।
- विधिपूर्वक उच्चाटन का प्रयोग करना अनेक लोगों का व्यवसाय है। ये लोग दावा करते हैं कि मंत्र के द्वारा भूत, प्रेत और पिशाच भगाए जा सकते हैं और डाकिनी को नियंत्रित तथा निष्क्रिय किया जा सकता है।[1]
इन्हें भी देखें: तंत्र, डाकन प्रथा एवं चौंसठ कलाएँ
|
|
|
|
|