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| == त्रिवेंद्र सिन्ह रावत==
| | {| class="bharattable-pink" width="100%" |
| {{सूचना बक्सा राजनीतिज्ञ
| | |- |
| |चित्र=Trivendra-Singh-Rawat.jpg | | | valign="top"| |
| |चित्र का नाम=त्रिवेंद्र सिंह रावत
| | {| width="100%" |
| |पूरा नाम=त्रिवेंद्र सिंह रावत | | | |
| |अन्य नाम= | | <quiz display=simple> |
| |जन्म=[[20 दिसंबर]], [[1960]] | | {[[भारत सरकार अधिनियम- 1919|1919 के अधिनियम]] में [[द्वैध शासन पद्धति|द्वैध शासन धारणा]] को जिस व्यक्ति ने परिचित कराया, वे कौन थे? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-102,प्रश्न-21 |
| |जन्म भूमि=पौड़ी, [[गढ़वाल]], [[उत्तराखंड]] | | |type="()"} |
| |मृत्यु= | | -माण्टेग्यू |
| |मृत्यु स्थान=
| | -तेज बहादुर सप्रू |
| |मृत्यु कारण=
| | -लॉर्ड मिण्टों |
| |अभिभावक=प्रताप सिंह, बोद्धा देवी
| | +चेम्सफ़ोर्ड |
| |पति/पत्नी=सुनीता रावत
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| |संतान=दो पुत्रियाँ
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| |स्मारक=
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| |क़ब्र=
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| |नागरिकता=भारतीय
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| |प्रसिद्धि=राजनेता
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| |पार्टी=[[भारतीय जनता पार्टी]]
| |
| |पद=वर्तमान [[मुख्यमंत्री]], [[उत्तराखंड]] | |
| |कार्य काल=[[18 मार्च]], [[2017]] - अब तक | |
| |शिक्षा=स्नातक, पत्रकारिता
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| |भाषा=
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| |विद्यालय=राजकीय महाविद्यालय जयहरीखाल, गढ़वाल विश्वविद्यालय, [[श्रीनगर]]
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| |जेल यात्रा=
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| |पुरस्कार-उपाधि=
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| |विशेष योगदान=[[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ]] में उन्होनें अपना विशेष योगदान दिया है। वह संघ प्रसिद्ध के प्रचारक हैं। संघ से ही वह [[भारतीय जनता पार्टी]] में शामिल हुए थे।
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| |संबंधित लेख=[[नरेंद्र मोदी]], [[अमित शाह]]
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| |शीर्षक 1=
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| |पाठ 1=
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| |शीर्षक 2=
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| |पाठ 2=
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| |अन्य जानकारी=
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| |बाहरी कड़ियाँ=
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| |अद्यतन={{अद्यतन|18:21, 19 मार्च 2017 (IST)}} | |
| }}
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| '''त्रिवेंद्र सिंह रावत''' ([[अंग्रेज़ी]]:''Trivendra Singh Rawat''; जन्म- [[20 दिसंबर]], [[1960]], पौड़ी, [[गढ़वाल]], [[उत्तराखंड]] भारतीय राजनेता एवं [[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ]] के प्रचारक हैं। वह डोईवाला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से [[उत्तराखंड]] विधान सभा के लिए [[भारतीय जनता पार्टी]] के उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए तथा [[17 मार्च]] [[2017]] को उत्तराखंड के आठवें मुख्यमंत्री नियुक्त हुए।
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| ==परिचय==
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| त्रिवेंद्र सिंह रावत का जन्म [[20 दिसंबर]], [[1960]] को [[उत्तराखंड]] के पौड़ी, [[गढ़वाल]] में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रताप सिंह और माता का नाम बोद्धा देवी है। उनके पिता प्रताप सिंह रावत गढ़वाल राइफल्स में सैनिक रहते हुए दूसरे विश्वयुद्ध में जंग लड़ चुके हैं। आठ भाई और एक बहन में त्रिवेंद्र सबसे छोटे हैं। उनके एक भाई बृजमोहन सिंह रावत खैरासैंण स्थित गांव के पोस्ट ऑफिस में पोस्टमास्टर हैं जो परिवार समेत गांव में ही रहते हैं। त्रिवेंद्र के दो बड़े भाइयों का निधन हो चुका है। त्रिवेंद्र का परिवार गांव के पैतृक घर में ही रहता है।
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| त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आठवीं तक की पढ़ाई अपने मूल गांव खैरासैंण के ही स्कूल में की। इसके बाद 10वीं की पढ़ाई सतपूली इंटर कॉलेज और फिर 12वीं इंटर कॉलेज एकेश्वर से की। त्रिवेंद्र ने स्नातक राजकीय महाविद्यालय जयहरीखाल से किया, जबकि पत्रकारिता की पढ़ाई गढ़वाल विश्वविद्यालय, [[श्रीनगर]] कैम्पस से की। उत्तराखंड स्थित गढ़वाल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान त्रिवेंद्र सिंह रावत बीजेपी के छात्र संगठन एबीवीपी से जुड़ गए थे। उनके साथी बताते हैं कि उस वक्त से ही वह संघ प्रचारकों के चहेते थे।<ref name="a">{{cite web |url=http://navbharattimes.indiatimes.com/assembly-elections/uttarakhand/this-is-how-trivendra-singh-rawat-became-bjp-favourite-to-be-the-next-cm-of-uttarakhand/articleshow/57694610.cms |title=त्रिवेंद्र सिंह रावत: RSS के 'अपने आदमी' ने यूं तय किया सीएम की कुर्सी तक का सफर |accessmonthday= 19 मार्च|accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=navbharattimes.indiatimes.com |language=हिंदी }}</ref>
| | {'फीनीक्स फार्म' की स्थापना किसने की? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-105,प्रश्न-99 |
| === विवाह ===
| | |type="()"} |
| त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ रहे एक संघ प्रचारक ने बताया कि जब बाबरी मस्जिद गिरी थी तब उसके बाद [[उत्तर प्रदेश]] में तनाव का माहौल था और कर्फ्यू लगा हुआ था। ऐसे माहौल में वह रावत की शादी में शामिल होने गए थे। कर्फ्यू के दौरान ही [[दिसंबर]] [[1992]] को उनकी शादी हुई। उनकी पत्नी सुनीता रावत टीचर हैं और उनकी दो बेटियां भी हैं।<ref name="a"/>
| | -[[विनोबा भावे]] |
| ==राजनीतिक कॅरियर==
| | +[[महात्मा गांधी]] |
| त्रिवेंद्र सिंह रावत को [[1993]] में संघ की ओर से भारतीय जनता पार्टी में संगठन मंत्री की जिम्मेदारी दी गई। उत्तराखंड आंदोलन में भी त्रिवेंद्र की अहम भूमिका रही। वह कई बार गिरफ्तार हुए और जेल भी गए। [[1997]] से [[2002]] तक वह प्रदेश संगठन मंत्री रहे। संगठन मंत्री का पद संघ के किसी ऐसे व्यक्ति को ही दिया जाता है, जिसका काम बीजेपी और संघ के बीच समन्वय बनाना होता है। रावत ने कुछ समय तक उत्तर प्रदेश में [[लालजी टंडन]] के ओएसडी के रूप में भी काम किया। [[उत्तराखंड]] बनने के बाद 2002 में रावत पहली बार डोईवाला सीट से विधायक चुने गए थे। [[2007]] में डोईवाला से दोबारा रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की और कृषि मंत्री बने। इस दौरान बीजेपी ने विधानसभा, लोकसभा और विधान परिषद चुनावों में बड़ी सफलताएं हासिल कीं। [[2012]] में उन्होंने राज्य की [[रायपुर]] सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए। [[2013]] में पार्टी ने त्रिवेंद्र रावत को राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी दी। [[2014]] में डोईवाला के उपचुनाव में उन्हें हार मिली, जबकि [[2017]] में हुए चुनाव में वह डोईवाला से जीत गए और उत्तराखण्ड के आठवें मुख्यमंत्री नियुक्त किये गये।<ref name="a"/>
| | -[[अरविंद घोष]] |
| ==राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक==
| | -इनमें से कोई नहीं |
| त्रिवेंद्र सिंह रावत करीब 14 साल तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे। [[20 दिसंबर]] [[1960]] को पौड़ी [[गढ़वाल]] के जहरीखाल ब्लाक के खैरासैंण गांव में फौजी परिवार में जन्मे रावत 19 साल की उम्र में संघ से जुड़ गए थे। इसके बाद वह संघ की शाखाओं में नियमित रूप से जाने लगे। [[1981]] में संघ की विचारधारा का उन पर ऐसा असर पड़ा कि उन्होंने बतौर प्रचारक ही काम करने का फ़ैसला कर लिया। वह पढ़ाई के बाद मेरठ में तहसील प्रचारक बन गए और संघ की विचारधारा का प्रचार करने लगे। [[1985]] में उन्हें [[देहरादून|देहरादून महानगर]] का प्रचारक बनाया गया।<ref name="a"/>
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| ==झारखंड चुनाव में अहम भूमिका==
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| [[2014]] के लोकसभा चुनाव में जब [[भारतीय जनता पार्टी|बीजेपी]] के राष्ट्रीय अध्यक्ष [[अमित शाह]] [[उत्तर प्रदेश]] के प्रभारी थे तो त्रिवेंद्र पर भरोसा करते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश का सह-प्रभारी बनाया। इस दौरान उन्हें अमित शाह के साथ काम करने का मौका मिला। संघ के सूत्रों के मुताबिक, रावत ने संघ प्रचारक रहने के दौरान उत्तर प्रदेश में जिस तरह घर-घर जाकर संपर्क किया था, उसी वजह से उन्हें उत्तर प्रदेश का सह-प्रभारी बनाया गया। उनके संघ के अनुभव ने ही उत्तर प्रदेश की जीत में बड़ी भूमिका निभाई। शाह की वजह से ही त्रिवेंद्र रावत पीएम मोदी के करीब भी पहुंचे। [[अक्टूबर]] [[2014]] में उन्हें [[झारखंड]] का प्रदेश प्रभारी बनाया गया। सूत्रों के मुताबिक, उस वक्त रावत ने टिकट बंटवारे से लेकर प्रचार तक में रणनीतिकार की भूमिका निभाई और जीत की जमीन तैयार की। इसके बाद बीजेपी ने झारखंड में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। इस कामयाबी की वजह से ही उनकी संगठन क्षमता का लोहा राष्ट्रीय नेतृत्व ने भी माना।<ref name="a"/>
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| ==सेना से लगाव==
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| त्रिवेंद्र सिंह रावत के पिता प्रताप सिंह रावत सेना की रुड़की कोर में सेवा दे चुके हैं। रावत का सेना से खासा लगाव है। उन्होंने कई शहीद सैनिकों की बेटियों को गोद ले रखा है। वह सेना और भूतपूर्व सैनिकों से जुड़े कार्यक्रम में जाने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं।<ref name="b">{{cite web |url=http://aajtak.intoday.in/story/trivendra-singh-rawat-will-take-oath-today-as-uttarakhand-cm-his-real-identity-1-918185.html |title=त्रिवेंद्र रावत ने ली उत्तराखंड CM पद की शपथ, सतपाल महाराज समेत 9 मंत्री शामिल |accessmonthday= 19 मार्च|accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=navbharattimes.indiatimes.com |language=हिंदी }}</ref>
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| ==नरेंद्र मोदी और अमित शाह के करीबी==
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| त्रिवेंद्र सिंह रावत संघ के साथ ही [[प्रधानमंत्री]] [[नरेंद्र मोदी]] और बीजेपी अध्यक्ष [[अमित शाह]] के करीबी माने जाते हैं। मोदी एवं शाह के नजदीकी होने और संघ के भरोसेमंद स्वयंसेवक होने के कारण त्रिवेंद्र रावत आज [[उत्तराखंड के मुख्यमंत्री]] की कुर्सी तक पहुंचे हैं। पार्टी संगठन को हमेशा से त्रिवेन्द्र सिंह रावत की नेतृत्व क्षमता पर पूरा भरोसा रहा। लिहाजा उनको पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया। साथ ही [[झारखंड]] जैसे राज्य का प्रभारी और लोकसभा चुनाव के दौरान [[उत्तर प्रदेश]] के सहप्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया।<ref name="b"/>
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| | {किसने [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के विरुद्ध 'अनुनय, विनय और विरोध' की राजनीति का दोष लगाया था? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-100,प्रश्न-55 |
| | |type="()"} |
| | +[[बाल गंगाधर तिलक]] |
| | -[[एम. ए. जिन्ना]] |
| | -[[सुभाष चन्द्र बोस]] |
| | -[[ऐनी बेसेंट]] |
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| {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक2|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | | {[[मॉर्ले-मिण्टो सुधार|मॉर्ले-मिण्टो रिफॉर्म्स]] को किस वर्ष में प्रस्तुत किया गया था? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-98,प्रश्न-10 |
| ==टीका-टिप्पणी और संदर्भ==
| | |type="()"} |
| <references/>
| | +[[1909]] |
| ==संबंधित लेख==
| | -[[1919]] |
| {{उत्तराखंड के मुख्यमंत्री}} | | -[[1935]] |
| [[Category:उत्तराखंड के मुख्यमंत्री]][[Category:मुख्यमंत्री]][[Category:उत्तराखंड के लोकसभा सांसद]][[Category:लोकसभा]][[Category:लोकसभा सांसद]][[Category:राजनीति कोश]] | | -[[1942]] |
| __INDEX__
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| __NOTOC__
| | {[[स्वराज पार्टी]] की स्थापना किस वर्ष की गई थी? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-103,प्रश्न-51 |
| | |type="()"} |
| | -[[1919]] |
| | -[[1920]] |
| | -[[1922]] |
| | +[[1923]] |
| | |
| | {'दीन-ए-एलाही' नामक नया धर्म किसके द्वारा शुरु किया गया था? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-54,प्रश्न-9 |
| | |type="()"} |
| | -[[हुमायूँ]] |
| | -[[जहाँगीर]] |
| | +[[अकबर]] |
| | -[[शाहजहाँ]] |
| | |
| | {[[शाहजहाँ]] ने किसे 'शाह बुलंद' की उपाधि दी थी? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-60,प्रश्न-177 |
| | |type="()"} |
| | +[[दारा शिकोह]] |
| | -शाह शुजा |
| | -[[औरंगज़ेब]] |
| | -मुराद |
| | |
| | {अंतिम रूप से [[जज़िया कर]] समाप्त करने वाला मुग़ल बदशाह कौन था? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-60,प्रश्न-189 |
| | |type="()"} |
| | -[[अकबर]] |
| | -[[जहाँगीर]] |
| | -[[शाहजहाँ]] |
| | +मुहम्मद शाह 'रंगीला' |
| | |
| | {पहली बार किस कारख़ाना अधिनियम में बच्चों की सुरक्षा के उपाय के प्रावधान किए गए? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-91,प्रश्न-95 |
| | |type="()"} |
| | +भारतीय कारख़ाना अधिनियम, [[1881]] |
| | -भारतीय कारख़ाना अधिनियम, [[1891]] |
| | -भारतीय कारख़ाना अधिनियम, [[1911]] |
| | -इनमें से कोई नहीं |
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| | {[[भारत]] में 'ट्रेड यूनियन आंदोलन' के जन्मदाता कौन थे? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-91,प्रश्न-97 |
| | |type="()"} |
| | -एन. एम. लोखाण्डे |
| | -बी. पी. वाडिया |
| | +[[एन. एम. जोशी]] |
| | -[[एम. एन. राय]] |
| | </quiz> |
| | |} |