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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {[[भारत]] में हिन्द-यूनानी शासन की स्थापना से पूर्व सिक्कों का प्रसारण किसके द्वारा किया जाता था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-218,प्रश्न-759 | | {[[भारत सरकार अधिनियम- 1919|1919 के अधिनियम]] में [[द्वैध शासन पद्धति|द्वैध शासन धारणा]] को जिस व्यक्ति ने परिचित कराया, वे कौन थे? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-102,प्रश्न-21 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -शासकों | | -माण्टेग्यू |
| -व्यक्तिगत व्यापारियों | | -तेज बहादुर सप्रू |
| -व्यापारिक निगमों | | -लॉर्ड मिण्टों |
| +उपर्युक्त सभी | | +चेम्सफ़ोर्ड |
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| {[[गुप्तकाल|गुप्तकालीन]] जनपदों की सूची में प्रथम जनपद का सम्मान निम्न में से किसे दिया गया? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-944 | | {'फीनीक्स फार्म' की स्थापना किसने की? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-105,प्रश्न-99 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +[[मालवा]]
| | -[[विनोबा भावे]] |
| -[[मगध]]
| | +[[महात्मा गांधी]] |
| -[[प्रयाग]] | | -[[अरविंद घोष]] |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं | | -इनमें से कोई नहीं |
| ||[[मालवा]] ज्वालामुखी के उद्गार से बना [[पश्चिमी भारत]] का एक अंचल है जो वर्तमान में [[मध्य प्रदेश]] प्रांत के पश्चिमी भाग में स्थित है। इसे प्राचीनकाल में मालवा या मालव के नाम से जाना जाता था। मालव 'देवी [[लक्ष्मी]] के आवास का हिस्सा' कहलाता है। समुद्र तल से इसकी औसत ऊँचाई 496 मीटर है। [[आकरअवंति]] पूर्व तथा पश्चिम मालवा का संयुक्त नाम है। यह [[कर्क रेखा]] द्वारा दो हिस्सों में विभाजित है। इस क्षेत्र में [[इंदौर]], [[भोपाल]], [[ग्वालियर]] व [[जबलपुर]] संभागों के लगभग 18 ज़िले और [[महाराष्ट्र]] व [[राजस्थान]] के कुछ हिस्से शामिल हैं।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें''':-[[मालवा]]
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| | {किसने [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के विरुद्ध 'अनुनय, विनय और विरोध' की राजनीति का दोष लगाया था? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-100,प्रश्न-55 |
| | |type="()"} |
| | +[[बाल गंगाधर तिलक]] |
| | -[[एम. ए. जिन्ना]] |
| | -[[सुभाष चन्द्र बोस]] |
| | -[[ऐनी बेसेंट]] |
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| {[[कालिदास]] के किस [[ग्रंथ]] में प्रत्यभिज्ञा दर्शन का निरूपण हुआ है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-861 | | {[[मॉर्ले-मिण्टो सुधार|मॉर्ले-मिण्टो रिफॉर्म्स]] को किस वर्ष में प्रस्तुत किया गया था? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-98,प्रश्न-10 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[रघुवंश महाकाव्य|रघुवंश]]
| | +[[1909]] |
| -[[कुमारसम्भव]] | | -[[1919]] |
| +[[अभिज्ञान शाकुंतलम्|अभिज्ञान शाकुंतलम]]
| | -[[1935]] |
| -[[मेघदूत]] | | -[[1942]] |
| ||[[अभिज्ञान शाकुन्तलम्]] न केवल [[संस्कृत साहित्य]] का, अपितु विश्वसाहित्य का सर्वोत्कृष्ट नाटक है। यह [[कालिदास]] की अन्तिम रचना है। इसके सात अंकों में [[दुष्यन्त|राजा दुष्यन्त]] और [[शकुन्तला]] की प्रणय-कथा का वर्णन है। इसका कथानक [[महाभारत]] के [[आदि पर्व महाभारत|आदि पर्व]] के शकुन्तलोपाख्यान से लिया गया है। [[कण्व]] के माध्यम से एक पिता का पुत्री को दिया गया उपदेश आज 2,000 वर्षों के बाद भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है जितना उस समय में था। {{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें''':-[[अभिज्ञान शाकुन्तलम्]]
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| {आरम्भिक तमिल लेखों पर किन [[भाषा|भाषाओं]] का प्रभाव नहीं था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-915 | | {[[स्वराज पार्टी]] की स्थापना किस वर्ष की गई थी? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-103,प्रश्न-51 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] | | -[[1919]] |
| -[[प्राकृत भाषा|प्राकृत]] | | -[[1920]] |
| -[[पालि भाषा|पालि]] | | -[[1922]] |
| +[[कन्नड़]] | | +[[1923]] |
| ||[[कन्नड़ भाषा]] कन्नड़ी भी कहलाती है। दक्षिण-पश्चिम [[भारत]] के [[कर्नाटक|कर्नाटक राज्य]] की राजभाषा, जो दक्षिण द्रविड़ शाखा से सम्बद्ध है और साहित्यिक परम्परा वाली चार प्रधान द्रविड़ भाषाओं में दूसरी सबसे प्राचीन [[भाषा]] है। हालमिदी स्थित पहला कन्नड़ अभिलेख 450 ई. का है।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें''':-[[कन्नड़]]
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| {[[गुप्तोत्तर काल|गुप्तोत्तरकालीन]] भूमि व्यवस्था के बारे में कौन-सा कथन सत्य है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1002 | | {'दीन-ए-एलाही' नामक नया धर्म किसके द्वारा शुरु किया गया था? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-54,प्रश्न-9 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -अर्थव्यवस्था कृषि मूलक थी। | | -[[हुमायूँ]] |
| -राज सत्ता भू-सम्पत्ति से घनिष्ठ रूप से संबद्ध हो गयी। | | -[[जहाँगीर]] |
| -अभिलेखों में सामूहिक स्वामित्व के साक्ष्य प्राप्त होते हैं। | | +[[अकबर]] |
| +उपर्युक्त सभी
| | -[[शाहजहाँ]] |
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| {[[दीनार]] के विषय में निम्नलिखित कथनों में से कौन सही है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-239,प्रश्न-1074 | | {[[शाहजहाँ]] ने किसे 'शाह बुलंद' की उपाधि दी थी? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-60,प्रश्न-177 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -इसका आशय एक स्वर्ण सिक्के से था।
| | +[[दारा शिकोह]] |
| -इसका आशय [[गुप्तकाल]] में प्रचालित एक सिक्के से था।
| | -शाह शुजा |
| -इसका प्रयोग केवल भूमि के क्रय-विक्रय के लिए होता था। | | -[[औरंगज़ेब]] |
| +उपर्युक्त सभी
| | -मुराद |
| ||[[दीनार]] स्वर्ण का सिक्का, जो प्राचीन समय में [[एशिया]] तथा [[यूरोप]] में प्रमुखता से चलता था। [[संस्कृत]] में दीनार का उल्लेख 'दीनारः' के रूप में मिलता है। [[कुषाण काल|कुषाण शासन काल]] के सोने के सिक्के का वज़न 124 ग्रेन होता था, जबकि [[गुप्त काल]] में इस सिक्के का वज़न 144 ग्रेन था। यह [[कुषाण]] के सिक्कों पर आधारित था। अपने रोमन रूप में दीनार का मूल्य क़रीब साढ़े चार ग्राम स्वर्ण के बराबर था। आज दुनिया के तमाम मुल्कों में दीनार [[धातु]] की मुद्रा की बजाय [[काग़ज़]] के नोट के रूप में डटी हुई है।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें''':-[[दीनार]]
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| {[[चोल|चोलों]] ने निम्न में से किसके सिक्के चलवाये? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-243,प्रश्न-1125 | | {अंतिम रूप से [[जज़िया कर]] समाप्त करने वाला मुग़ल बदशाह कौन था? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-60,प्रश्न-189 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +[[सोना]], [[चाँदी]], [[ताँबा]]
| | -[[अकबर]] |
| -सोना, चाँदी, राँगा
| | -[[जहाँगीर]] |
| -चाँदी, राँगा, ताँबा
| | -[[शाहजहाँ]] |
| -[[सीसा]], [[सोना]], [[चाँदी]] | | +मुहम्मद शाह 'रंगीला' |
| ||[[चोल साम्राज्य]] का अभ्युदय नौवीं शताब्दी में हुआ और दक्षिण प्राय:द्वीप का अधिकांश भाग इसके अधिकार में था। [[चोल राजवंश|चोल शासकों]] ने [[श्रीलंका]] पर भी विजय प्राप्त कर ली थी और [[मालदीव|मालदीव द्वीपों]] पर भी इनका अधिकार था। कुछ समय तक इनका प्रभाव [[कलिंग]] और [[तुंगभद्रा नदी|तुंगभद्र]] [[दोआब]] पर भी छाया था। इनके पास शक्तिशाली नौसेना थी और ये दक्षिण पूर्वी एशिया में अपना प्रभाव क़ायम करने में सफल हो सके।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें''':-[[चोल साम्राज्य]]
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| {[[पाल वंश|पालों]] एवं [[प्रतिहार साम्राज्य|प्रतिहारों]] के अंतर्गत '[[पट्टला]]' से आशय क्या था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-247,प्रश्न-1169 | | {पहली बार किस कारख़ाना अधिनियम में बच्चों की सुरक्षा के उपाय के प्रावधान किए गए? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-91,प्रश्न-95 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +विषय से छोटे एकाश | | +भारतीय कारख़ाना अधिनियम, [[1881]] |
| -भुक्ति से छोटे एकाश | | -भारतीय कारख़ाना अधिनियम, [[1891]] |
| -मंडल से छोटे एकाश | | -भारतीय कारख़ाना अधिनियम, [[1911]] |
| -इनमें से कोई नहीं | | -इनमें से कोई नहीं |
| ||[[उत्तर भारत]] में 'प्राचीन भारतीय कृषिजन्य व्यवस्था एवं राजस्व संबंधी पारिभाषिक शब्दावली' के अनुसार [[पट्टला]] का अर्थ एक जनपद का उपखंड है।
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| {[[बुद्ध]] के अनुसार सभी मानवीय दु:खों का कारण तृष्णा है, जिसका अर्थ है- (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-202,प्रश्न-486
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| |type="()"}
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| -सांसारिक वस्तुओं की [[इच्छा]]
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| +भौतिक सुखों एवं सांसारिक भोग-विलास की इच्छा
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| -सांसारिक या भौतिक अनुरक्ति
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| -मन की अतिशय क्रियाशीलता
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| {[[मौर्य काल|मौर्य]] शासन-व्यवस्था में [[रूपदर्शक]] अधिकारी था- (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-212,प्रश्न-654 | | {[[भारत]] में 'ट्रेड यूनियन आंदोलन' के जन्मदाता कौन थे? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-91,प्रश्न-97 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[चाँदी]] तथा अन्य धातुओं का परीक्षा | | -एन. एम. लोखाण्डे |
| -गणिकाओं का अध्यक्ष | | -बी. पी. वाडिया |
| -[[रंगमंच]] का प्रबन्धक
| | +[[एन. एम. जोशी]] |
| +सिक्कों का प्रबन्धक
| | -[[एम. एन. राय]] |
| ||[[उत्तर भारत]] में 'प्राचीन भारतीय कृषिजन्य व्यवस्था एवं राजस्व संबंधी पारिभाषिक शब्दावली' के अनुसार [[रूपदर्शक]] का अर्थ है टकसाल अधीक्षक के निर्देशन में सिक्कों का परीक्षण।
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