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{[[द्रौपदी]] के पिता [[द्रुपद]] का वध किसने किया?
{[[भारत सरकार अधिनियम- 1919|1919 के अधिनियम]] में [[द्वैध शासन पद्धति|द्वैध शासन धारणा]] को जिस व्यक्ति ने परिचित कराया, वे कौन थे? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-102,प्रश्न-21
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+[[द्रोणाचार्य]]
-माण्टेग्यू
-[[कृपाचार्य]]
-तेज बहादुर सप्रू
-[[भीष्म]]
-लॉर्ड मिण्टों
-[[अश्वत्थामा]]
+चेम्सफ़ोर्ड
||[[द्रुपद]] [[पांचाल]] के राजा और परिशत के पुत्र थे। ये [[शिखंडी]], [[धृष्टद्युम्न]] व [[द्रौपदी]] के पिता थे। द्रुपद [[परशुराम]] के शिष्य थे। द्रुपद से प्रतिशोध लेने के लिए [[द्रोणाचार्य]] ने [[महाभारत]] युद्ध में द्रुपद का वध किया था?{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[द्रुपद]]


{निम्न में से कौन [[अर्जुन]] के पुत्र [[इरावत]] की माता थी?
{'फीनीक्स फार्म' की स्थापना किसने की? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-105,प्रश्न-99
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-[[चित्रांगदा]]
-[[विनोबा भावे]]
+[[उलूपी]]
+[[महात्मा गांधी]]
-[[द्रौपदी]]
-[[अरविंद घोष]]
-[[सुभद्रा]]
-इनमें से कोई नहीं
||[[इरावत]] [[अर्जुन]] तथा नागराज की कन्या [[उलूपी]] का पुत्र था। इरावत ने [[महाभारत]] के युद्ध में महाबली राजकुमार विंद और अनुविंद को हराया था। महाभारत के युद्ध में उसने [[सुबल]] के पुत्रों अर्थात् [[शकुनि]] के भाइयों का हनन कर डाला था। अलंबुष से युद्ध के दौरान इरावत ने [[शेषनाग]] के समान विशाल रूप धारण कर लिया तथा बहुत से [[नाग|नागों]] के द्वारा उस राक्षस को आच्छादित कर दिया। राक्षस ने [[गरुड़]] का रूप धारण कर समस्त नागों का नाश कर दिया तथा इरावत को भी मार डाला।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[इरावत]]


{[[कर्ण]] के वध के पश्चात किसने [[दुर्योधन]] को [[पाण्डव|पाण्डवों]] से संधि का विचार दिया?
{किसने [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के विरुद्ध 'अनुनय, विनय और विरोध' की राजनीति का दोष लगाया था? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-100,प्रश्न-55
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-[[अश्वत्थामा]]
+[[बाल गंगाधर तिलक]]
-[[कृतवर्मा]]
-[[एम. ए. जिन्ना]]
+[[कृपाचार्य]]
-[[सुभाष चन्द्र बोस]]
-इनमें से कोई नहीं
-[[ऐनी बेसेंट]]
||[[कृपाचार्य]] [[शरद्वान गौतम|महर्षि शरद्वान गौतम]] के पुत्र थे। [[महाभारत]] के युद्ध में कृपाचार्य [[कौरव|कौरवों]] की ओर से सक्रिय थे। [[कर्ण]] के वधोपरांत उन्होंने [[दुर्योधन]] को बहुत समझाया कि उसे [[पांडव|पांडवों]] से संधि कर लेनी चाहिए; किंतु दुर्योधन ने अपने किये हुए अन्यायों को याद कर कहा कि न [[पांडव]] इन बातों को भूल सकते हैं और न उसे क्षमा कर सकते हैं। युद्ध में मारे जाने के सिवा अब कोई भी चारा उसके लिए शेष नहीं है। अन्यथा उसकी सद्गति भी असंभव है। कौरवों के नष्ट हो जाने पर कृपाचार्य पांडवों के पास आ गए। बाद में इन्होंने [[परीक्षित]] को अस्त्र विद्या सिखाई। '[[भागवत]]' के अनुसार सावर्णि मनु के समय कृपाचार्य की गणना [[सप्तर्षि|सप्तर्षियों]] में होती थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[कृपाचार्य]]


{मगधनरेश [[जरासंध]] ने [[मथुरा]] पर कितनी बार चढ़ाई की थी?
{[[मॉर्ले-मिण्टो सुधार|मॉर्ले-मिण्टो रिफॉर्म्स]] को किस वर्ष में प्रस्तुत किया गया था? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-98,प्रश्न-10
|type="()"}
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+18
+[[1909]]
-16
-[[1919]]
-17
-[[1935]]
-19
-[[1942]]
||[[जरासंध]] बृहद्रथ-वंश का सबसे प्रतापी शासक था, जो [[बृहद्रथ]] का पुत्र था। वह अत्यन्त पराक्रमी एवं साम्राज्यवादी प्रवृत्ति का शासक था। [[हरिवंश पुराण]] से ज्ञात होता है कि उसने [[काशी]], [[कोशल]], [[चेदि]], [[मालवा]], [[विदेह]], [[अंग महाजनपद|अंग]], [[वंग]], [[कलिंग]], [[पांडय]], [[सौबिर]], [[मद्र]], [[काश्मीर]] और [[गांधार]] के राजाओं को परास्त किया। [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार जरासंध ने अठारह बार [[मथुरा]] पर चढ़ाई की। सत्रह बार यह असफल रहा। अंतिम चढ़ाई में उसने एक विदेशी शक्तिशाली शासन [[कालयवन]] को भी मथुरा पर आक्रमण करने के लिए प्रेरित किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जरासंध]]


{[[दुशासन]] की छाती का रक्त पीने का प्रण किस [[पाण्डव]] ने किया था?
{[[स्वराज पार्टी]] की स्थापना किस वर्ष की गई थी? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-103,प्रश्न-51
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-[[अर्जुन]]
-[[1919]]  
+[[भीम]]
-[[1920]]  
-[[नकुल]]
-[[1922]]  
-[[सहदेव]]
+[[1923]]  
||[[पांडु]] के पाँच में से दूसरे पुत्र का पुत्र का नाम [[भीम]] अथवा भीमसेन था। भीम में दस हज़ार [[हाथी|हाथियों]] का बल था और वह गदा युद्ध में पारंगत था। [[दुर्योधन]] की ही तरह भीम ने भी गदा युद्ध की शिक्षा श्री [[कृष्ण]] के बड़े भाई [[बलराम]] से ली थी। [[महाभारत]] में उसने ही दुर्योधन और [[दुशासन|दुःशासन]] सहित [[गांधारी]] के सौ पुत्रों को मारा था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[भीम]]


{किसके कहने पर [[दुर्योधन]] ने [[शल्य]] को [[सेनापति]] नियुक्त किया था?
{'दीन-ए-एलाही' नामक नया धर्म किसके द्वारा शुरु किया गया था? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-54,प्रश्न-9
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+[[अश्वत्थामा]]
-[[हुमायूँ]]
-[[कृपाचार्य]]
-[[जहाँगीर]]
-[[कृतवर्मा]]
+[[अकबर]]
-इनमें से कोई नहीं
-[[शाहजहाँ]]
||[[शल्य]], मद्रराज महारथी था। [[पांडव|पांडवों]] ने [[माद्री]] के भाई, मामा शल्य को युद्ध में सहायतार्थ आमन्त्रित किया। शल्य अपनी विशाल सेना के साथ पांडवों की ओर जा रहा था। मार्ग में [[दुर्योधन]] ने उन सबका अतिथि-सत्कार कर उन्हें प्रसन्न किया और [[कौरव सेना]] में शामिल कर लिया। शल्य ने [[महाभारत]]-युद्ध में सक्रिय भाग लिया। कर्ण-वध के उपरांत कौरवों ने [[अश्वत्थामा]] के कहने से शल्य को सेनापति बनाया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[अश्वत्थामा]]


{पितामह [[भीष्म]] ने कितने दिनों तक शर-शैय्या पर पड़े रहने के बाद अपने प्राणों का त्याग किया?
{[[शाहजहाँ]] ने किसे 'शाह बुलंद' की उपाधि दी थी? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-60,प्रश्न-177
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-57
+[[दारा शिकोह]]
-59
-शाह शुजा
-60
-[[औरंगज़ेब]]  
+58
-मुराद
||अठारह दिनों के युद्ध में दस दिनों तक अकेले घमासान युद्ध करके [[भीष्म]] ने [[पांडव सेना|पाण्डव पक्ष]] को व्याकुल कर दिया और अन्त में [[शिखण्डी]] के माध्यम से अपनी मृत्यु का उपाय स्वयं बताकर [[महाभारत]] के इस अद्भुत योद्धा ने शरशय्या पर शयन किया। अट्ठावन दिन तक शर-शैय्या पर पड़े रहने के बाद [[सूर्य]] के [[उत्तरायण]] होने पर पीताम्बरधारी [[श्रीकृष्ण]] की छवि को अपनी आँखों में बसाकर महात्मा भीष्म ने अपने नश्वर शरीर का त्याग किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[भीष्म]]


{रणभूमि में [[श्रीकृष्ण]] के विराट स्वरूप के दर्शन [[अर्जुन]] के अतिरिक्त और किसने किये थे?
{अंतिम रूप से [[जज़िया कर]] समाप्त करने वाला मुग़ल बदशाह कौन था? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-60,प्रश्न-189
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-[[कर्ण]]
-[[अकबर]]  
+[[संजय]]
-[[जहाँगीर]]
-[[युधिष्ठिर]]
-[[शाहजहाँ]]
-[[धृतराष्ट्र]]
+मुहम्मद शाह 'रंगीला'
||[[संजय]] महर्षि [[व्यास]] के शिष्य तथा [[धृतराष्ट्र]] की राजसभा के सम्मानित सदस्य थे। ये विद्वान [[गवल्गण]] नामक सूत के पुत्र धृतराष्ट्र के मन्त्री तथा [[श्रीकृष्ण]] के परमभक्त थे। संजय को [[वेदव्यास|श्रीकृष्ण द्वैपायन व्यास]] द्वारा दिव्य दृष्टि का वरदान दिया गया था। जिससे [[महाभारत]] युद्ध में होने वाली घटनाओं का आँखों देखा हाल बताने में संजय, सक्षम थे। श्रीमद्भागवत् [[गीता]] का उपदेश जो कृष्ण ने [[अर्जुन]] को दिया, वह भी संजय द्वारा ही सुनाया गया। श्रीकृष्ण का विराट स्वरूप, जो कि केवल अर्जुन को ही दिखाई दे रहा था, संजय ने उस रूप को भी दिव्य दृष्टि से देख लिया था। संजय को दिव्य दृष्टि मिलने का कारण, संजय का ईश्वर में नि;स्वार्थ विश्वास था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[संजय]]


{[[महाभारत]] के अनुसार [[सुषेण (कर्ण पुत्र)|सुषेण]] किसका पुत्र था?
{पहली बार किस कारख़ाना अधिनियम में बच्चों की सुरक्षा के उपाय के प्रावधान किए गए? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-91,प्रश्न-95
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-[[अर्जुन]]
+भारतीय कारख़ाना अधिनियम, [[1881]]
-[[दुर्योधन]]
-भारतीय कारख़ाना अधिनियम, [[1891]]
+[[कर्ण]]
-भारतीय कारख़ाना अधिनियम, [[1911]]
-[[भीम]]
-इनमें से कोई नहीं
||[[महाभारत]] के अनुसार [[सुषेण (कर्ण पुत्र)|सुषेण]] [[कर्ण]] का बेटा था, जिसका वध [[उत्तमौजा]] के हाथों हुआ। उत्तमौजा ने उसका मस्तक काटकर उसे मार डाला था।


{[[युधिष्ठिर]] के [[राजसूय यज्ञ]] में [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] के चरण धोने का कार्य किसने किया था?
{[[भारत]] में 'ट्रेड यूनियन आंदोलन' के जन्मदाता कौन थे? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-91,प्रश्न-97
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+[[श्रीकृष्ण]]
-एन. एम. लोखाण्डे
-[[अर्जुन]]
-बी. पी. वाडिया
-[[सहदेव]]
+[[एन. एम. जोशी]]
-[[नकुल]]
-[[एम. एन. राय]]
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12:06, 9 जनवरी 2018 के समय का अवतरण

1 1919 के अधिनियम में द्वैध शासन धारणा को जिस व्यक्ति ने परिचित कराया, वे कौन थे? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-102,प्रश्न-21

माण्टेग्यू
तेज बहादुर सप्रू
लॉर्ड मिण्टों
चेम्सफ़ोर्ड

2 'फीनीक्स फार्म' की स्थापना किसने की? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-105,प्रश्न-99

विनोबा भावे
महात्मा गांधी
अरविंद घोष
इनमें से कोई नहीं

3 किसने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विरुद्ध 'अनुनय, विनय और विरोध' की राजनीति का दोष लगाया था? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-100,प्रश्न-55

बाल गंगाधर तिलक
एम. ए. जिन्ना
सुभाष चन्द्र बोस
ऐनी बेसेंट

4 मॉर्ले-मिण्टो रिफॉर्म्स को किस वर्ष में प्रस्तुत किया गया था? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-98,प्रश्न-10

1909
1919
1935
1942

5 स्वराज पार्टी की स्थापना किस वर्ष की गई थी? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-103,प्रश्न-51

1919
1920
1922
1923

6 'दीन-ए-एलाही' नामक नया धर्म किसके द्वारा शुरु किया गया था? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-54,प्रश्न-9

हुमायूँ
जहाँगीर
अकबर
शाहजहाँ

7 शाहजहाँ ने किसे 'शाह बुलंद' की उपाधि दी थी? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-60,प्रश्न-177

दारा शिकोह
शाह शुजा
औरंगज़ेब
मुराद

8 अंतिम रूप से जज़िया कर समाप्त करने वाला मुग़ल बदशाह कौन था? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-60,प्रश्न-189

अकबर
जहाँगीर
शाहजहाँ
मुहम्मद शाह 'रंगीला'

9 पहली बार किस कारख़ाना अधिनियम में बच्चों की सुरक्षा के उपाय के प्रावधान किए गए? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-91,प्रश्न-95

भारतीय कारख़ाना अधिनियम, 1881
भारतीय कारख़ाना अधिनियम, 1891
भारतीय कारख़ाना अधिनियम, 1911
इनमें से कोई नहीं

10 भारत में 'ट्रेड यूनियन आंदोलन' के जन्मदाता कौन थे? (लुसेंट सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-91,प्रश्न-97

एन. एम. लोखाण्डे
बी. पी. वाडिया
एन. एम. जोशी
एम. एन. राय