"भारतीय नाप-तौल एवं इकाई": अवतरणों में अंतर

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मनुष्य जीवन में नापतौल की बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका है। यह कहना कठिन है कि नापतौल पद्धति का आविष्कार कब और कैसे हुआ होगा किन्तु अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि मनुष्य के बौद्धिक विकास के साथ-साथ आपसी लेन-देन की परम्परा आरम्भ हुई और इस लेन-देन के लिए उसे नापतौल की आवश्यकता पड़ी। [[प्रागैतिहासिक काल]] से ही मनुष्य नापतौल पद्धतियों का प्रयोग करता रहा है। समय मापने के लिए वृक्षों की छाया को नापने के चलन से लेकर [[कोणार्क]] के [[सूर्य मन्दिर कोणार्क|सूर्य मन्दिर]] के चक्र तक अनेक पद्धतियों का प्रयोग किया जाता रहा है।  
मनुष्य जीवन में नापतौल की बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका है। यह कहना कठिन है कि नापतौल पद्धति का आविष्कार कब और कैसे हुआ होगा किन्तु अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि मनुष्य के बौद्धिक विकास के साथ-साथ आपसी लेन-देन की परम्परा आरम्भ हुई और इस लेन-देन के लिए उसे नापतौल की आवश्यकता पड़ी। [[प्रागैतिहासिक काल]] से ही मनुष्य नापतौल पद्धतियों का प्रयोग करता रहा है। समय मापने के लिए वृक्षों की छाया को नापने के चलन से लेकर [[कोणार्क]] के [[सूर्य मन्दिर कोणार्क|सूर्य मन्दिर]] के चक्र तक अनेक पद्धतियों का प्रयोग किया जाता रहा है।  
{| width="100%"
|- valign="top"
|
{| width="100%" class="bharattable-green"
|-
! भारतीय लम्बाई का परिमाण
|-
| 72 बिन्दु = 1 इंच
|-
| 9 इंच  = 1 बित्ता या बालिश्त
|-
| 2 बित्ता  = 18 इंच
|-
| 18 इंच  = 1 हाथ
|-
| 2 बित्ता = 1 हाथ
|-
| 2 हाथ = 1 गज
|-
| 1 गज =  0.9144 मी.
|-
| 1 वर्ग गज = 0.8361 मी. (0.9144 X 0.9144) 
|-
! सूचिकारों या दर्जियों की रीति
|-
| 21 इंच  = 1 गिरह
|-
| 4 गिरह  = 1 बित्ता या बालिश्त
|-
| 16 गिरह = 1 गज
|-
! भूमि की लम्बाई नापने का परिमाण
|-
| 22 गज या चार पोल या लाठा = 1 जरीब या चेन (Cubit)
|-
| 1 जरीब या चेन (Cubit) = 100 कड़ी
|-
! [[उत्तर प्रदेश]] में भूमि नापने की रीति
|-
| एक लाठा = 99 इंच या 8 फ़ीट 3 इंच
|-
| 20 आनवाँसी = 1 कचवाँसी
|-
| 20 कचवाँसी = 1 बिस्वाँसी (1 वर्ग लाठा)
|-
| 20 बिस्वाँसी या 20 वर्ग लाठा = 1 बिस्वा या 1361 ¼ वर्गफीट
|-
| 20 बिस्वा = 1 बीघा या 3025 वर्ग गज
|-
| 1 गज इलाही = 33 इंच
|-
| 66 गज इलाही = 55 गज
|-
| 1 बीघा = (60×60) वर्ग गज इलाही
|-
| 1 बीघा = (55×55) वर्ग गज = 3025 वर्ग गज
|-
| 8 बीघा = 5 एकड़ =  4840×5 या 24,200 वर्ग गज
|-
! [[पश्चिम बंगाल]] की भूमि नापने की रीति
|-
| 1 वर्ग हाथ = 1 गण्डा
|-
| 20 गण्डा = 1 छटाँक
|-
| 16 छटाँक = 1 काठा
|-
| 1 काठा = 80 वर्ग गज
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| 80 वर्ग गज (10 गज × 8 गज) या (30 फीट × 24 फीट)
|-
| 20 काठा = 1 बीघा
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| 1 बीघा = 1600 वर्ग गज
|-
| 121 बीघा = 40 एकड़
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| 1936 बीघा = 1 वर्ग मील
|-
| 1 एकड़ = 121/40 बीघा = 3 बीघा 8 छटाँक
|-
! [[पंजाब]] राज्य की भूमि नापने की रीति
|-
| 1 करम = 3 हाथ
|-
| 9 वर्ग करम या 9 सरसाई = 1 मरला
|-
| 20 मरला = 1 कनाल
|-
| 4 कनाल = 1 बीघा या 1620 वर्ग गज
|-
| 2 बीघा = 1 घूमा
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! मद्रास राज्य की भूमि नापने की रीति
|-
| 144 वर्ग इंच = 1 वर्ग फीट
|-
| 2400 वर्ग फीट = 1 मनाई या ग्राउण्ड
|-
| 24 मनाई या ग्राउण्ड = 1 काणी या 6400 वर्ग गज
|-
| 484 काणी = 1 वर्ग मील
|-
| 121 काणी = 160 एकड़
|-
! [[मुम्बई]] राज्य की भूमि नापने की रीति
|-
| 39 ¼ वर्ग हाथ = 1 काठी
|-
| 20 काठी = 1 पाण्ड
|-
| 20 पाण्ड = 1 बीघा या 3925 वर्ग गज
|-
| 6 बीघा = 1 रुके
|-
| 20 रुके =1 चहर
|}
|
{| width="100%" class="bharattable-pink"
|-
! भारतीय काल या समय परिमाण
|-
| 60 अनुपल = 1 विपल
|-
| 60 विपल = 1 पल या 24 सेकण्ड
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| 60 पल =1 घड़ी या दण्ड या 24 मिनट
|-
| 2।। घड़ी = 1 घण्टा
|-
| 7।। घड़ी या 3 घण्टा = 1 पहर (प्रहर)
|-
| 8 पहर या 60 घड़ी = 1 दिन (दिवस)
|-
| एक चन्द्र मास = 29 दिन, 31 घड़ी, 50 पल और 7 विपल
|-
| 7 दिन = 1 [[सप्ताह]]
|-
| 15 दिन = 1 [[पक्ष]] या पाख
|-
| 30 दिन = 1 [[मास]] या महीना
|-
| 12 मास = 1 [[वर्ष]] या साल
|-
| 12 वर्ष = 1 युग
|-
| 100 वर्ष = 1 शताब्दी या [[सदी]]
|}
|
{| width="100%" class="bharattable-green"
|-
! संख्या की गणना प्रणाली
|-
| 12 units = 1 dozen  या 12 इकाई = 1 दर्जन
|-
| 12 dozens =1 gross  या 12 दर्जन = 1 ग्रोस
|-
| 20 units = kori या 20 इकाई = 1 कोड़ी
|-
| 20 sheets of paper = 1 quire
|-


| 20 ताव [[काग़ज़]] = 1 दस्ता या जिस्ता
{{seealso|भारतीय लम्बाई का परिमाण|भारतीय समय का परिमाण|भारतीय तौल की माप|संख्या की गणना प्रणाली|डॉक्टरी नाप}}
|-
| 20 qrires of paper = 1 ream या 20 दस्ता = 1 रीम
|-
| 10 reams of paper = 1 gattha या 20 रीम = 1 गट्ठा
|}
|
{| width="100%" class="bharattable-pink"
|-
! डॉक्टरी नाप
|-
| 60 मिनिम या बूँद = 1 ड्राम
|-
| 8 ड्राम = 1 आउन्स
|-
| 20 आउन्स = 1 पाइण्ट
|-
| 8 पाइण्ट = 1 गैलेन
|-
| 1 छोटा चम्मच = 1 ड्राम
|-
| 1 मध्यम श्रेणी का = 2।। ड्राम
|-
| 1 बड़ा चम्मच = 4 ड्राम
|}
|}


{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक=|माध्यमिक=|पूर्णता= |शोध= }}
 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
 
{{इकाई और मात्रक}}
[[Category:इकाई और मात्रक]]
[[Category:सामान्य ज्ञान]]
[[Category:भौतिक विज्ञान]]
[[Category:विज्ञान कोश]]
__INDEX__
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__NOTOC__
__NOTOC__
[[Category:इकाई और मात्रक]]
[[Category:विज्ञान कोश]]
[[Category:सामान्य ज्ञान]]

11:19, 14 जनवरी 2018 के समय का अवतरण

मनुष्य जीवन में नापतौल की बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका है। यह कहना कठिन है कि नापतौल पद्धति का आविष्कार कब और कैसे हुआ होगा किन्तु अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि मनुष्य के बौद्धिक विकास के साथ-साथ आपसी लेन-देन की परम्परा आरम्भ हुई और इस लेन-देन के लिए उसे नापतौल की आवश्यकता पड़ी। प्रागैतिहासिक काल से ही मनुष्य नापतौल पद्धतियों का प्रयोग करता रहा है। समय मापने के लिए वृक्षों की छाया को नापने के चलन से लेकर कोणार्क के सूर्य मन्दिर के चक्र तक अनेक पद्धतियों का प्रयोग किया जाता रहा है।

इन्हें भी देखें: भारतीय लम्बाई का परिमाण, भारतीय समय का परिमाण, भारतीय तौल की माप, संख्या की गणना प्रणाली एवं डॉक्टरी नाप


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख