"दिनशा वाचा का राजनीतिक जीवन": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{{सूचना बक्सा राजनीतिज्ञ |चित्र=Dinshaw-Edulji-Wacha.jpg |चित्र का...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{दिनशा वाचा विषय सूची}}
{{सूचना बक्सा राजनीतिज्ञ
{{सूचना बक्सा राजनीतिज्ञ
|चित्र=Dinshaw-Edulji-Wacha.jpg   
|चित्र=Dinshaw-Edulji-Wacha.jpg   
पंक्ति 24: पंक्ति 25:
|जेल यात्रा=
|जेल यात्रा=
|पुरस्कार-उपाधि=
|पुरस्कार-उपाधि=
|विशेष योगदान= [[फ़िरोजशाह मेहता|फ़िरोजशाह मेहता]] तथा [[दादा भाई नौरोजी]] के सहयोग से सर दिनशा वाचा ने [[भारत]] की गरीबी और गरीब जनता से सरकारी करों के रूप में वसूल किए गए धन के अपव्यय के विरुद्ध स्वदेश में और शासक [[ब्रिटेन|देश ब्रिटेन]] में लोकमत जगाने के लिए अथक परिश्रम किया।
|विशेष योगदान=
|संबंधित लेख= [[दादाभाई नौरोजी]], [[फ़िरोजशाह मेहता|फ़िरोजशाह मेहता]], [[मुंबई]], [[सुरेंद्रनाथ बनर्जी]]  
|संबंधित लेख= [[दादाभाई नौरोजी]], [[फ़िरोजशाह मेहता|फ़िरोजशाह मेहता]], [[मुंबई]], [[सुरेंद्रनाथ बनर्जी]]  
|शीर्षक 1=
|शीर्षक 1=
पंक्ति 35: पंक्ति 36:
}}
}}


 
दिनशा वाचा की, आर्थिक विशेषज्ञ के रूप में धाक जम गई और भारतीय नेताओं में उन्हें विशिष्ट एवं प्रमुख स्थान प्राप्त हुआ। सन [[1901]] में दिनशा को [[मुंबई]] म्यूनिसिपल कार्पोरेशन के [[अध्यक्ष]] चुना गया और उसी वर्ष वे [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के वार्षिक अधिवेशन के अध्यक्ष बनाए गए।  
दिनशा वाचा की, आर्थिक विशेषज्ञ के रूप में धाक जम गई और भारतीय नेताओं में उन्हें विशिष्ट एवं प्रमुख स्थान प्राप्त हुआ। सन [[1901]] में दिनशा को [[मुंबई]] म्यूनिसिपल कार्पोरेशन के [[अध्यक्ष]] चुना गया और उसी वर्ष वे [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के वार्षिक अधिवेशन के अध्यक्ष बनाए गए। वाचा ने अपने [[कांग्रेस]] के अध्यक्षीय भाषण में भारत में अकाल पड़ने के कारणों का बड़ा मार्मिक विवेचन किया। बंबई कार्पोरेशन के प्रतिनिधि के रूप में वाचा मुंबई प्रदेशीय कौंसिल के सदस्य चने गए। कुछ समय बाद वे देश की तत्कालीन व्यवस्थापिका सभा, इंपीरियल लेजिस्लेटिव कौंसिल के सदस्य चुने गए। वहाँ भी उन्होंने देश की वित्तीय स्थिति सुधारे जाने के पक्ष में अपना आंदोलन जारी रखा।
== कांग्रेस सदस्य व महामंत्री ==
== कार्यकाल ==
दिनशा वाचा ने अपने [[कांग्रेस]] के अध्यक्षीय भाषण में भारत में अकाल पड़ने के कारणों का बड़ा मार्मिक विवेचन किया। बंबई कार्पोरेशन के प्रतिनिधि के रूप में वाचा मुंबई प्रदेशीय कौंसिल के सदस्य चने गए। कुछ समय बाद वे देश की तत्कालीन व्यवस्थापिका सभा, इंपीरियल लेजिस्लेटिव कौंसिल के सदस्य चुने गए। वहाँ भी उन्होंने देश की वित्तीय स्थिति सुधारे जाने के पक्ष में अपना आंदोलन जारी रखा। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख सदस्य वे उसकी स्थापना के समय से ही रहे ओर 13 वर्ष तक उसके महामंत्री भी रहे। यद्यपि सन [[1920]] में वे [[कांग्रेस]] छोड़कर लिबरल (उदार) दल के संस्थापकों में सम्मिलित हुए परंतु 25 वर्ष से अधिक काल तक वे कांग्रेस के दहकते अग्निपुंज के रूप में विख्यात रहे।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख सदस्य वे उसकी स्थापना के समय से ही रहे ओर 13 वर्ष तक उसके महामंत्री भी रहे। यद्यपि सन [[1920]] में वे [[कांग्रेस]] छोड़कर लिबरल (उदार) दल के संस्थापकों में सम्मिलित हुए परंतु 25 वर्ष से अधिक काल तक वे कांग्रेस के दहकते अग्निपुंज के रूप में विख्यात रहे।
 
{{लेख क्रम2 |पिछला=दिनशा वाचा का परिचय  |पिछला शीर्षक=दिनशा वाचा का परिचय |अगला शीर्षक=दिनशा वाचा |अगला=दिनशा वाचा}}
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{दिनशा वाचा विषय सूची}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
पंक्ति 48: पंक्ति 47:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस}}{{भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के अध्यक्ष}}
{{भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस}}{{भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के अध्यक्ष}}
[[Category:भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस अध्यक्ष]][[Category:भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस]]
[[Category:भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस]][[Category:राजनीति कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

14:03, 7 मार्च 2018 के समय का अवतरण

दिनशा वाचा विषय सूची
दिनशा वाचा का राजनीतिक जीवन
दिनशा इडलजी वाचा
दिनशा इडलजी वाचा
पूरा नाम दिनशा इडलजी वाचा
अन्य नाम दिनशा वाचा
जन्म 1844
मृत्यु 1936
नागरिकता भारतीय
पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
संबंधित लेख दादाभाई नौरोजी, फ़िरोजशाह मेहता, मुंबई, सुरेंद्रनाथ बनर्जी
अन्य जानकारी दिनशा इडलजी वाचा भारत में ब्रिटिश शासन के विशेषत: ब्रिटेन द्वारा भारत के आर्थिक शोषण के अत्यंत कटु आलोचक थे। वे इस विषय के विभिन्न पहलुओं पर लेख लिखकर और भाषण देकर लोगों का ध्यान आकर्षित करते थे।
अद्यतन‎ 04:42, 4 जून 2017 (IST)

दिनशा वाचा की, आर्थिक विशेषज्ञ के रूप में धाक जम गई और भारतीय नेताओं में उन्हें विशिष्ट एवं प्रमुख स्थान प्राप्त हुआ। सन 1901 में दिनशा को मुंबई म्यूनिसिपल कार्पोरेशन के अध्यक्ष चुना गया और उसी वर्ष वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन के अध्यक्ष बनाए गए।

कांग्रेस सदस्य व महामंत्री

दिनशा वाचा ने अपने कांग्रेस के अध्यक्षीय भाषण में भारत में अकाल पड़ने के कारणों का बड़ा मार्मिक विवेचन किया। बंबई कार्पोरेशन के प्रतिनिधि के रूप में वाचा मुंबई प्रदेशीय कौंसिल के सदस्य चने गए। कुछ समय बाद वे देश की तत्कालीन व्यवस्थापिका सभा, इंपीरियल लेजिस्लेटिव कौंसिल के सदस्य चुने गए। वहाँ भी उन्होंने देश की वित्तीय स्थिति सुधारे जाने के पक्ष में अपना आंदोलन जारी रखा। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख सदस्य वे उसकी स्थापना के समय से ही रहे ओर 13 वर्ष तक उसके महामंत्री भी रहे। यद्यपि सन 1920 में वे कांग्रेस छोड़कर लिबरल (उदार) दल के संस्थापकों में सम्मिलित हुए परंतु 25 वर्ष से अधिक काल तक वे कांग्रेस के दहकते अग्निपुंज के रूप में विख्यात रहे।

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध
दिनशा वाचा विषय सूची

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख