"पहेली सितंबर 2014": अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - " जगत " to " जगत् ") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "इन्होने " to "इन्होंने ") |
||
(इसी सदस्य द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 134: | पंक्ति 134: | ||
||[[चित्र:Motilal-nehru.jpg|right|100px|मोतीलाल नेहरू]]'मोतीलाल नेहरू' [[भारत]] के प्रथम [[प्रधानमंत्री]] [[जवाहरलाल नेहरू]] के [[पिता]] थे। ये कश्मीरी ब्राह्मण थे। इनकी पत्नी का नाम 'स्वरूप रानी' था। भारत के [[स्वतंत्रता आंदोलन]] में [[मोतीलाल नेहरू]] एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने न केवल अपनी ज़िंदगी की शानो-शौकत को पूरी तरह से ताक पर रख दिया, बल्कि देश के लिए परिजनों सहित अपना सब कुछ दाँव पर लगा दिया। मोतीलाल नेहरू अपने समय में देश के प्रमुख वकीलों में थे। वह पश्चिमी रहन-सहन, वेषभूषा और विचारों से काफ़ी प्रभावित थे। किंतु बाद में वह जब [[महात्मा गांधी]] के संपर्क में आए तो उनके जीवन में परिर्वतन आ गया। वह [[1919]] और [[1920]] में दो बार [[कांग्रेस]] के अध्यक्ष चुने गए थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मोतीलाल नेहरू]] | ||[[चित्र:Motilal-nehru.jpg|right|100px|मोतीलाल नेहरू]]'मोतीलाल नेहरू' [[भारत]] के प्रथम [[प्रधानमंत्री]] [[जवाहरलाल नेहरू]] के [[पिता]] थे। ये कश्मीरी ब्राह्मण थे। इनकी पत्नी का नाम 'स्वरूप रानी' था। भारत के [[स्वतंत्रता आंदोलन]] में [[मोतीलाल नेहरू]] एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने न केवल अपनी ज़िंदगी की शानो-शौकत को पूरी तरह से ताक पर रख दिया, बल्कि देश के लिए परिजनों सहित अपना सब कुछ दाँव पर लगा दिया। मोतीलाल नेहरू अपने समय में देश के प्रमुख वकीलों में थे। वह पश्चिमी रहन-सहन, वेषभूषा और विचारों से काफ़ी प्रभावित थे। किंतु बाद में वह जब [[महात्मा गांधी]] के संपर्क में आए तो उनके जीवन में परिर्वतन आ गया। वह [[1919]] और [[1920]] में दो बार [[कांग्रेस]] के अध्यक्ष चुने गए थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मोतीलाल नेहरू]] | ||
{'शिमला का | {'शिमला का संन्यासी' के नाम से कौन विख्यात है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[ह्यूम, ए. ओ.|ए.ओ. ह्यूम]] | +[[ह्यूम, ए. ओ.|ए.ओ. ह्यूम]] | ||
पंक्ति 140: | पंक्ति 140: | ||
-जॉन स्ट्रेची | -जॉन स्ट्रेची | ||
-[[एनी बेसेन्ट]] | -[[एनी बेसेन्ट]] | ||
||'ए.ओ. ह्यूम', जिनका पूरा नाम 'एलेन ऑक्टेवियन ह्यूम' था, एक अवकाश प्राप्त [[अंग्रेज़]] अधिकारी थे। ह्यूम '[[भारतीय स्वतंत्रता संग्राम]]' के इतिहास में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले अंग्रेज़ राजनीतिज्ञ थे। यह भी उल्लेखनीय है कि [[भारत]] के सबसे बड़े राजनीतिक दल '[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]]' की स्थापना भी ह्यूम ने ही [[28 दिसम्बर]], [[1885]] में की थी। [[1912]] ई. में उनकी मृत्यु हो जाने पर कांग्रेस ने ह्यूम को अपना जन्मदाता और संस्थापक घोषित किया था। [[1859]] ई. में ए.ओ. ह्यूम ने 'लोकमित्र' नाम के एक समाचार-पत्र के प्रकाशन में भी सहयोग दिया था। [[1870]] से [[1879]] ई. तक | ||'ए.ओ. ह्यूम', जिनका पूरा नाम 'एलेन ऑक्टेवियन ह्यूम' था, एक अवकाश प्राप्त [[अंग्रेज़]] अधिकारी थे। ह्यूम '[[भारतीय स्वतंत्रता संग्राम]]' के इतिहास में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले अंग्रेज़ राजनीतिज्ञ थे। यह भी उल्लेखनीय है कि [[भारत]] के सबसे बड़े राजनीतिक दल '[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]]' की स्थापना भी ह्यूम ने ही [[28 दिसम्बर]], [[1885]] में की थी। [[1912]] ई. में उनकी मृत्यु हो जाने पर कांग्रेस ने ह्यूम को अपना जन्मदाता और संस्थापक घोषित किया था। [[1859]] ई. में ए.ओ. ह्यूम ने 'लोकमित्र' नाम के एक समाचार-पत्र के प्रकाशन में भी सहयोग दिया था। [[1870]] से [[1879]] ई. तक इन्होंने लेफ्टिनेंट गर्वनर के पद को इसलिए अस्वीकार कर दिया, क्योंकि इस पद पर रहकर वे भारतीयों की सच्चे मन से सेवा नहीं कर सकते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ह्यूम, ए. ओ.|ए.ओ. ह्यूम]] | ||
{[[भारत]] के किस राज्य में 'नागार्जुन सागर परियोजना' है? | {[[भारत]] के किस राज्य में 'नागार्जुन सागर परियोजना' है? | ||
पंक्ति 163: | पंक्ति 163: | ||
-[[शरद जोशी]] | -[[शरद जोशी]] | ||
+[[सर्वपल्ली राधाकृष्णन]] | +[[सर्वपल्ली राधाकृष्णन]] | ||
||[[चित्र:Sarvepalli-Radhakrishnan.jpg|right|100px]] डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन स्वतंत्र [[भारत]] के प्रथम [[उपराष्ट्रपति]] और दूसरे [[राष्ट्रपति]] थे। इनका जन्म दिवस 5 सितंबर आज भी पूरा राष्ट्र 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाता है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के ज्ञानी, एक | ||[[चित्र:Sarvepalli-Radhakrishnan.jpg|right|100px]] डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन स्वतंत्र [[भारत]] के प्रथम [[उपराष्ट्रपति]] और दूसरे [[राष्ट्रपति]] थे। इनका जन्म दिवस 5 सितंबर आज भी पूरा राष्ट्र 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाता है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के ज्ञानी, एक महान् शिक्षाविद, महान् दार्शनिक, महान् वक्ता होने के साथ ही साथ विज्ञानी हिन्दू विचारक थे। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सर्वपल्ली राधाकृष्णन]] | ||
{'शेष कादम्बरी' के रचयिता कौन हैं? | {'शेष कादम्बरी' के रचयिता कौन हैं? |
12:15, 27 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
वर्ष 2013 >> जुलाई 2013 • अगस्त 2013 • सितंबर 2013 • अक्तूबर 2013 • नवंबर 2013 • दिसंबर 2013
वर्ष 2014 >> जनवरी 2014 • फ़रवरी 2014 • मार्च 2014 • अप्रॅल 2014 • मई 2014 • जून 2014 • जुलाई 2014 • अगस्त 2014 • सितंबर 2014 • अक्टूबर 2014 • नवम्बर 2014 • दिसम्बर 2014
वर्ष 2015 >> जनवरी 2015 • फ़रवरी 2015 • मार्च 2015 • अप्रॅल 2015 • मई 2015 • जून 2015 • जुलाई 2015 • अगस्त 2015 • सितंबर 2015 • अक्टूबर 2015 • नवम्बर 2015 • दिसम्बर 2015
वर्ष 2016 >> जनवरी 2016 • फ़रवरी 2016 • मार्च 2016 • अप्रैल 2016 • मई 2016 • जून 2016 • जुलाई 2016 • अगस्त 2016 • सितंबर 2016 • अक्टूबर 2016 • नवंबर 2016 • दिसंबर 2016
वर्ष 2017 >> जनवरी 2017 • फ़रवरी 2017 • मार्च 2017 • अप्रैल 2017 • मई 2017 • जून 2017 • जुलाई 2017 • अगस्त 2017 • सितम्बर 2017 • अक्टूबर 2017 • नवम्बर 2017 • दिसम्बर 2017
वर्ष 2018 >> जनवरी 2018
|
पहेली अगस्त 2014 | पहेली सितंबर 2014 | पहेली अक्टूबर 2014 |
संबंधित लेख