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'''असितांजन''' घटजातक<ref>कॉवेल सं. 454</ref> में वर्णित एक नगर जिसकी स्थिति [[उत्तरापथ]] में मानी गई है।  
*असितांजन को [[कंस]]<ref>[[वासुदेव]] [[कृष्ण]] का शत्रु</ref> की राजधानी माना गया है।  
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*असितांजन नामक नगर का अस्तित्व वास्तविक जान पड़ता है।  


{{संदर्भ ग्रंथ}}
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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<references/>
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==बाहरी कड़ियाँ==
*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 53| विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
 
 


==संबंधित लेख==
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10:18, 4 मई 2018 के समय का अवतरण

असितांजन एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- असितांजन (बहुविकल्पी)

असितांजन घटजातक[1] में वर्णित एक नगर जिसकी स्थिति उत्तरापथ में मानी गई है।

  • असितांजन को कंस[2] की राजधानी माना गया है।
  • कृष्ण ने कंस को मारकर असितांजन पर अधिकार कर लिया था। इसे उत्तर-मधुरा मथुरा से भिन्न माना गया है।
  • असितांजन नामक नगर का अस्तित्व वास्तविक जान पड़ता है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कॉवेल सं. 454
  2. वासुदेव कृष्ण का शत्रु
  • ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 53| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार


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