"आनन्दपुर साहिब": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Anandpur-Sahib.jpg|thumb|250px|आनन्दपुर साहिब, [[पंजाब]]]]
{{सूचना बक्सा पर्यटन
'''आनन्दपुर साहिब''' [[पंजाब]] के [[अमृतसर]] में स्थित एक गुरुद्वारा है। आनन्दपुर साहिब गुरुद्वारे की स्थापना [[सिक्ख|सिक्खों]] के नवें गुरु [[तेगबहादुर सिंह गुरु]] ने 1664 ई.में की थी।  
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*आनन्दपुर साहिब की विशेष ख्याति उसके सिख खालसा पंथ का जन्मस्थान होने के नाते है।
|चित्र का नाम=आनन्दपुर साहिब, रूपनगर
|विवरण=आनन्दपुर साहिब की विशेष ख्याति उसके सिख खालसा पंथ का जन्मस्थान होने के नाते है।
|राज्य=[[पंजाब]]
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|मार्ग स्थिति=आनन्दपुर साहिब, आनन्दपुर साहिब रेलवे स्टेशन से लगभग 1 से 2 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
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|कैसे पहुँचें=हवाई जहाज़, रेल, बस आदि
|हवाई अड्डा=राजा सांसी हवाई अड्डा, श्री गुरु राम दास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
|रेलवे स्टेशन=अमृतसर रेलवे स्टेशन, आनन्दपुर साहिब रेलवे स्टेशन
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|क्या ख़रीदें=
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|संबंधित लेख=[[जलियाँवाला बाग़]], [[खरउद्दीन मस्जिद अमृतसर|खरउद्दीन मस्जिद]], [[बाघा बॉर्डर अमृतसर|बाघा बॉर्डर]], [[हाथी गेट मंदिर अमृतसर|हाथी गेट मंदिर]], [[अकाल तख्त]], [[दुर्गियाना मंदिर]], [[श्री केशगढ़ साहिब]]
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'''आनन्दपुर साहिब''' [[पंजाब]] के [[अमृतसर]] में स्थित एक गुरुद्वारा है। '''आनन्दपुर साहिब गुरुद्वारे''' की स्थापना [[सिक्ख|सिक्खों]] के नवें गुरु [[तेगबहादुर सिंह गुरु]] ने 1664 ई.में की थी।  
*आनन्दपुर साहिब की विशेष ख्याति उसके [[सिख]] [[खालसा पंथ]] का जन्मस्थान होने के नाते है।
*[[शिवालिक की पहाड़ियाँ|शिवालिक पहाड़ियों]] की गोद में [[सतलुज नदी]] के पूर्वी किनारे पर बसा आनन्दपुर साहिब प्रसिद्ध सिक्ख धर्मस्थल है।  
*[[शिवालिक की पहाड़ियाँ|शिवालिक पहाड़ियों]] की गोद में [[सतलुज नदी]] के पूर्वी किनारे पर बसा आनन्दपुर साहिब प्रसिद्ध सिक्ख धर्मस्थल है।  
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*सिखों के दसवें [[गुरु गोविंद सिंह]] ने [[औरंगजेब]] की [[हिंदू]] विद्वेषी नीति से हिंदुओं की रक्षा करने के लिए ही खालसा पंथ की स्थापना करके सिख-संप्रदाय को सुदृढ़ एवं संगठित रूप प्रदान किया था। उन्होंने ही इस ग्राम का नामकरण भी किया था।
*सिखों के दसवें [[गुरु गोविंद सिंह]] ने [[औरंगजेब]] की [[हिंदू]] विद्वेषी नीति से हिंदुओं की रक्षा करने के लिए ही खालसा पंथ की स्थापना करके सिख-संप्रदाय को सुदृढ़ एवं संगठित रूप प्रदान किया था। उन्होंने ही इस ग्राम का नामकरण भी किया था।
[[चित्र:Anandpur-Sahib.jpg|thumb|250|left|आनन्दपुर साहिब, रूपनगर]]


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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 63| विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
<references/>
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==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{पंजाब के पर्यटन स्थल}}
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[[Category:पर्यटन कोश]]  
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[[Category:सिक्ख धार्मिक स्थल]]
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[[Category:गुरुद्वारा]]
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आनन्दपुर साहिब
आनन्दपुर साहिब, रूपनगर
आनन्दपुर साहिब, रूपनगर
विवरण आनन्दपुर साहिब की विशेष ख्याति उसके सिख खालसा पंथ का जन्मस्थान होने के नाते है।
राज्य पंजाब
ज़िला रूपनगर
निर्माता तेगबहादुर सिंह गुरु
स्थापना 1665 ई.
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 31° 13' 48.00", पूर्व- 76° 30' 0.00"
मार्ग स्थिति आनन्दपुर साहिब, आनन्दपुर साहिब रेलवे स्टेशन से लगभग 1 से 2 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
कैसे पहुँचें हवाई जहाज़, रेल, बस आदि
हवाई अड्डा राजा सांसी हवाई अड्डा, श्री गुरु राम दास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन अमृतसर रेलवे स्टेशन, आनन्दपुर साहिब रेलवे स्टेशन
बस अड्डा अमृतसर बस अड्डा, आनन्दपुर साहिब बस अड्डा
यातायात टैक्सी, ऑटो रिक्शा, रिक्शा
कहाँ ठहरें होटल, अतिथि ग्रह, धर्मशाला
एस.टी.डी. कोड 0183
ए.टी.एम लगभग सभी
गूगल मानचित्र
संबंधित लेख जलियाँवाला बाग़, खरउद्दीन मस्जिद, बाघा बॉर्डर, हाथी गेट मंदिर, अकाल तख्त, दुर्गियाना मंदिर, श्री केशगढ़ साहिब


अन्य जानकारी सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह ने औरंगजेब की हिंदू विद्वेषी नीति से हिंदुओं की रक्षा करने के लिए ही खालसा पंथ की स्थापना करके सिख-संप्रदाय को सुदृढ़ एवं संगठित रूप प्रदान किया था। उन्होंने ही इस ग्राम का नामकरण भी किया था।
अद्यतन‎

आनन्दपुर साहिब पंजाब के अमृतसर में स्थित एक गुरुद्वारा है। आनन्दपुर साहिब गुरुद्वारे की स्थापना सिक्खों के नवें गुरु तेगबहादुर सिंह गुरु ने 1664 ई.में की थी।

  • आनन्दपुर साहिब की विशेष ख्याति उसके सिख खालसा पंथ का जन्मस्थान होने के नाते है।
  • शिवालिक पहाड़ियों की गोद में सतलुज नदी के पूर्वी किनारे पर बसा आनन्दपुर साहिब प्रसिद्ध सिक्ख धर्मस्थल है।
  • आनन्दपुर साहिब में वैशाखी के दिन 1699 ई.में सिक्ख पंथ की स्थापना हुई थी।
  • सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह ने औरंगजेब की हिंदू विद्वेषी नीति से हिंदुओं की रक्षा करने के लिए ही खालसा पंथ की स्थापना करके सिख-संप्रदाय को सुदृढ़ एवं संगठित रूप प्रदान किया था। उन्होंने ही इस ग्राम का नामकरण भी किया था।
आनन्दपुर साहिब, रूपनगर


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 63| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख