"अखिलेश यादव": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replace - "तिथी" to "तिथि")
No edit summary
 
(3 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 8 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 9: पंक्ति 9:
|मृत्यु स्थान=
|मृत्यु स्थान=
|मृत्यु कारण=
|मृत्यु कारण=
|अविभावक=[[मुलायम सिंह यादव]] और मालती देवी
|अभिभावक=[[मुलायम सिंह यादव]] और मालती देवी
|पति/पत्नी=[[डिम्पल यादव]]  
|पति/पत्नी=[[डिम्पल यादव]]  
|संतान=अदिति, टीना और अर्जुन  
|संतान=अदिति, टीना और अर्जुन  
पंक्ति 17: पंक्ति 17:
|प्रसिद्धि=
|प्रसिद्धि=
|पार्टी=[[समाजवादी पार्टी]]  
|पार्टी=[[समाजवादी पार्टी]]  
|पद=[[मुख्यमंत्री]] ([[उत्तर प्रदेश]])  
|पद=पूर्व [[मुख्यमंत्री]] ([[उत्तर प्रदेश]])  
|भाषा=[[हिन्दी]] और [[अंग्रेज़ी]]
|भाषा=[[हिन्दी]] और [[अंग्रेज़ी]]
|जेल यात्रा=
|जेल यात्रा=
|कार्य काल=
|कार्य काल=[[15 मार्च]], [[2012]] – [[19 मार्च]], [[2017]] (5 वर्ष)
|विद्यालय=एस.जे. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, [[मैसूर]]; सिडनी विश्वविद्यालय, [[ऑस्ट्रेलिया]]  
|विद्यालय=एस.जे. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, [[मैसूर]]; सिडनी विश्वविद्यालय, [[ऑस्ट्रेलिया]]  
|शिक्षा=स्नातक, स्नाताकोत्तर (अभियान्त्रिकी)
|शिक्षा=स्नातक, स्नाताकोत्तर (अभियान्त्रिकी)
पंक्ति 32: पंक्ति 32:
|अन्य जानकारी=
|अन्य जानकारी=
|बाहरी कड़ियाँ=अखिलेश यादव [[उत्तर प्रदेश]] के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिनके पिता मुलायम सिंह यादव भी इस पद पर आसीन रह चुके हैं।
|बाहरी कड़ियाँ=अखिलेश यादव [[उत्तर प्रदेश]] के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिनके पिता मुलायम सिंह यादव भी इस पद पर आसीन रह चुके हैं।
|अद्यतन={{अद्यतन|12:37, 16 मार्च 2012 (IST)}}
|अद्यतन={{अद्यतन|19:43, 18 मार्च 2017 (IST)}}
}}
}}
'''अखिलेश यादव''' (जन्म: [[1 जुलाई]] [[1973]] [[इटावा]], [[उत्तर प्रदेश]]) [[समाजवादी पार्टी]] के राष्ट्रीय अध्यक्ष [[मुलायम सिंह यादव]] के पुत्र जिन्होंने 2012 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व किया। पार्टी के राज्य में आए स्पष्ट बहुमत के बाद, [[15 मार्च]], [[2012]] को अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के सबसे युवा [[मुख्यमंत्री]] बने। अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिनके पिता मुलायम सिंह यादव भी इस पद पर आसीन रह चुके हैं।
'''अखिलेश यादव''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Akhilesh Yadav'', जन्म: [[1 जुलाई]], [[1973]], [[इटावा]], [[उत्तर प्रदेश]]) [[समाजवादी पार्टी]] के राष्ट्रीय अध्यक्ष [[मुलायम सिंह यादव]] के पुत्र हैं, जिन्होंने [[2012]] के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व किया। पार्टी के राज्य में आए स्पष्ट बहुमत के बाद [[15 मार्च]], [[2012]] को अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के सबसे युवा [[मुख्यमंत्री]] बनने वाले पुरुष रहे। अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री रहे, जिनके पिता मुलायम सिंह यादव भी इस पद पर आसीन रह चुके हैं।
==जीवन परिचय==
==जीवन परिचय==
अखिलेश यादव का जन्म [[1 जुलाई]] 1973 को [[इटावा ज़िला|इटावा ज़िले]] के सैफई गाँव में समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी के यहाँ हुआ। इनकी माँ का देहांत बचपन में ही हो गया था। अखिलेश यादव विवाहित हैं और तीन बच्चों के पिता हैं। [[डिम्पल यादव]] उनकी पत्नी हैं जिन्होंने एक बार फ़िरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा था किन्तु सफल नहीं हुई किंतु [[2012]] के उपचुनाव में [[कन्नौज]] से निर्विरोध सांसद चुनी गईं।   
अखिलेश यादव का जन्म [[1 जुलाई]] 1973 को [[इटावा ज़िला|इटावा ज़िले]] के सैफई गाँव में समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी के यहाँ हुआ। इनकी माँ का देहांत बचपन में ही हो गया था। अखिलेश यादव विवाहित हैं और तीन बच्चों के पिता हैं। [[डिम्पल यादव]] उनकी पत्नी हैं जिन्होंने एक बार फ़िरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा था किन्तु सफल नहीं हुई किंतु [[2012]] के उपचुनाव में [[कन्नौज]] से निर्विरोध सांसद चुनी गईं।   
पंक्ति 44: पंक्ति 44:
अखिलेश यादव का चुनाव क्षेत्र [[कन्नौज]], [[उत्तर प्रदेश]] है। [[लोकसभा]] सदस्य अखिलेश यादव [[:श्रेणी:तेरहवीं लोकसभा सांसद|तेरहवीं]] और [[:श्रेणी:पंद्रहवीं लोकसभा सांसद|पंद्रहवीं]] लोकसभा के सदस्य रहे हैं।
अखिलेश यादव का चुनाव क्षेत्र [[कन्नौज]], [[उत्तर प्रदेश]] है। [[लोकसभा]] सदस्य अखिलेश यादव [[:श्रेणी:तेरहवीं लोकसभा सांसद|तेरहवीं]] और [[:श्रेणी:पंद्रहवीं लोकसभा सांसद|पंद्रहवीं]] लोकसभा के सदस्य रहे हैं।
==मुख्यमंत्री के रूप में==
==मुख्यमंत्री के रूप में==
विधानसभा चुनाव [[2012]] में [[बहुजन समाज पार्टी]] (बसपा) की हार के कारणों में जहां जानकार मुख्यमंत्री रहने के दौरान [[मायावती]] की जनता से दूरी गिना रहे हैं, वहीं नए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आम जनता से नजदीकी को अपनी ताकत बना रहे हैं। जनता दरबार लगाने का फैसला, मुख्यमंत्री आवास- 5 कालीदास मार्ग की सड़क आम आदमी के लिए खोलना, लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए अपने काफिले में वाहनों की संख्या कम करने, जैसे कई कदम हैं जो बताते हैं कि युवा मुख्यमंत्री अखिलेश अपनी सरकार में आम आदमी को केंद्र में रखकर उससे निकटता को अपनी ताकत बनाना चाहते हैं। 2007 में मायावती के मुख्यमंत्री बनते ही कालीदास मार्ग आम जनता के लिए बंद कर दिया गया था। जनता तो दूर सरकारी अधिकारियों तक को उस मार्ग से जाने की पाबंदी थी। अखिलेश ने मुख्यमंत्री बनने के बाद करीब एक किलोमीटर लंबे इस रास्ते को आम लोगों के लिए खोलकर स्थानीय जनता को बड़ी राहत दी। मायावती के बारे में कहा जाता है कि मुख्यमंत्री रहते आम जनता तो दूर उनसे बसपा के विधायक व सांसद और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तक नहीं मिल पाते थे। अखिलेश यादव पद संभालने के बाद लगातार लोगों से मिल रहे हैं। सपा की सरकार आने के बाद सूबे में लोकतंत्र बहाल हुआ और आम आदमी को तानाशाह मुख्यमंत्री के कुशासन से मुक्ति मिली है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश ने दहशत पैदा करने वाले पुराने सुरक्षा काफिले में भी कमी कर दी और अपने आवागमन के समय यातायात रोकने की प्रथा भी बंद करा दी। अब मुख्यमंत्री आवास वाली सड़क पर कर्फ्यू जैसे हालात नहीं रहते। उनके कार्यालय के दरवाज़े पहले की तरह आम लोगों के लिए बंद नहीं रहते। मुख्यमंत्री अखिलेश ने विधानसभा के सामने पुराने धरना स्थल को फिर से बहाल कर दिया। साथ ही मायावती के निजी आवास 13-मॉल एवेन्यू में पिछले पांच साल से लगे बैरियर को हटवा दिया। इस मार्ग पर अभी तक आम लोगों की आवाजाही पर पाबंदी थी। जिसके चलते स्थानीय लोगों को कई किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ता था। राजनीतिक विश्लेषक एवं लखनऊ विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर रमेश दीक्षित ने कहा कि मायावती की जनता से कथित दूरी के उलट अखिलेश की रणनीति आम लोगों के लिए आसानी से सुलभ मुख्यमंत्री के रूप में खुद को पेश कर जनहित मुख्यमंत्री की छवि बनाने की है।<ref>{{cite web |url=http://www.nayaindia.net/news/36056-%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A4%A4-%E0%A4%95-%E0%A4%95%E0%A4%B0-%E0%A4%AC-%E0%A4%B0%E0%A4%B9-%E0%A4%97-%E0%A4%85%E0%A4%96-%E0%A4%B2-%E0%A4%B6.html |title=जनता के करीब ही रहेंगे अखिलेश यादव |accessmonthday=4 दिसम्बर |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=नया इंडिया डॉट कॉम |language= हिंदी}}</ref>
विधानसभा चुनाव [[2012]] में [[बहुजन समाज पार्टी]] (बसपा) की हार के कारणों में जहां जानकार मुख्यमंत्री रहने के दौरान [[मायावती]] की जनता से दूरी गिना रहे हैं, वहीं नए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आम जनता से नजदीकी को अपनी ताकत बना रहे हैं। जनता दरबार लगाने का फैसला, मुख्यमंत्री आवास- 5 कालीदास मार्ग की सड़क आम आदमी के लिए खोलना, लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए अपने काफिले में वाहनों की संख्या कम करने, जैसे कई कदम हैं जो बताते हैं कि युवा मुख्यमंत्री अखिलेश अपनी सरकार में आम आदमी को केंद्र में रखकर उससे निकटता को अपनी ताकत बनाना चाहते हैं। 2007 में मायावती के मुख्यमंत्री बनते ही कालीदास मार्ग आम जनता के लिए बंद कर दिया गया था। जनता तो दूर सरकारी अधिकारियों तक को उस मार्ग से जाने की पाबंदी थी। अखिलेश ने मुख्यमंत्री बनने के बाद क़रीब एक किलोमीटर लंबे इस रास्ते को आम लोगों के लिए खोलकर स्थानीय जनता को बड़ी राहत दी। मायावती के बारे में कहा जाता है कि मुख्यमंत्री रहते आम जनता तो दूर उनसे बसपा के विधायक व सांसद और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तक नहीं मिल पाते थे। अखिलेश यादव पद संभालने के बाद लगातार लोगों से मिल रहे हैं। सपा की सरकार आने के बाद सूबे में लोकतंत्र बहाल हुआ और आम आदमी को तानाशाह मुख्यमंत्री के कुशासन से मुक्ति मिली है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश ने दहशत पैदा करने वाले पुराने सुरक्षा काफिले में भी कमी कर दी और अपने आवागमन के समय यातायात रोकने की प्रथा भी बंद करा दी। अब मुख्यमंत्री आवास वाली सड़क पर कर्फ्यू जैसे हालात नहीं रहते। उनके कार्यालय के दरवाज़े पहले की तरह आम लोगों के लिए बंद नहीं रहते। मुख्यमंत्री अखिलेश ने विधानसभा के सामने पुराने धरना स्थल को फिर से बहाल कर दिया। साथ ही मायावती के निजी आवास 13-मॉल एवेन्यू में पिछले पांच साल से लगे बैरियर को हटवा दिया। इस मार्ग पर अभी तक आम लोगों की आवाजाही पर पाबंदी थी। जिसके चलते स्थानीय लोगों को कई किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ता था। राजनीतिक विश्लेषक एवं लखनऊ विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर रमेश दीक्षित ने कहा कि मायावती की जनता से कथित दूरी के उलट अखिलेश की रणनीति आम लोगों के लिए आसानी से सुलभ मुख्यमंत्री के रूप में खुद को पेश कर जनहित मुख्यमंत्री की छवि बनाने की है।<ref>{{cite web |url=http://www.nayaindia.net/news/36056-%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A4%A4-%E0%A4%95-%E0%A4%95%E0%A4%B0-%E0%A4%AC-%E0%A4%B0%E0%A4%B9-%E0%A4%97-%E0%A4%85%E0%A4%96-%E0%A4%B2-%E0%A4%B6.html |title=जनता के क़रीब ही रहेंगे अखिलेश यादव |accessmonthday=4 दिसम्बर |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=नया इंडिया डॉट कॉम |language= हिंदी}}</ref>
====जनता दरबार====
====जनता दरबार====
18 अप्रैल 2012 से वह हर [[बुधवार]] को जनता दरबार आरम्भ हुआ, जिसमें लोग सीधे मुख्यमंत्री से संवाद कर उन्हें अपनी समस्याएं बता सकते हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण के साथ ही वे सारी जंजीरें तोड़ दी जिनके भार से जनता कराह रही थी।  
18 अप्रैल 2012 से वह हर [[बुधवार]] को जनता दरबार आरम्भ हुआ, जिसमें लोग सीधे मुख्यमंत्री से संवाद कर उन्हें अपनी समस्याएं बता सकते हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण के साथ ही वे सारी जंजीरें तोड़ दी जिनके भार से जनता कराह रही थी।  
==आकर्षक व्यक्तित्व==
==आकर्षक व्यक्तित्व==
अखिलेश यादव में अपने पिता मुलायम सिंह यादव की तरह से ग्रामीण वातावरण का असर दिखता है। वे समाजवादी पार्टी के भविष्य के नेताओं में शामिल हैं। आकर्षक व्यक्तित्व के धनी अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी का नया चेहरा समझा जा सकता है। वे अपने पिता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की तरह पहलवानी के शौकीन नहीं हैं वरन् उन्हें फुटबॉल खेलने, देखने और [[अमिताभ बच्चन]] की फिल्में ‍देखने में मजा आता है। वर्ष 2004 में उन्होंने कन्नौज संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था और बसपा के नेता अकबर अहमद डम्पी को हराकर चुने गए थे। 'ब्लैकबेरी' उनका पसंदीदा 'खिलौना' है। सोशल साइट्स पर उनके हजारों फालोअर और दोस्त हैं। 'साइबेरिया' [साइबर जगत] में इस उनकी जितनी चर्चा है शायद ही किसी अन्य की हो। लैपटॉप में अपने चुनाव क्षेत्र के आँकड़ों की जानकारी रखने वाले अखिलेश को ग्रामीण क्षेत्र में साइकिल की सवारी करते भी देखा जा सकता है। सांसद के रूप में उन्होंने लोकसभा में बहुत सारे मुद्दों को उठाया और बहुत से महत्वपूर्ण विषयों पर सवाल पूछने का सिलसिला भी जारी रखा है। वे इस बार के संसदीय चुनावों में भी कन्नौज से पार्टी के उम्मीदवार हैं और समूचे राज्य में समाजवादी पार्टी का प्रचार करने में जुटे हुए हैं।<ref>{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/%E0%A4%B8%E0%A4%AA%E0%A4%BE-%E0%A4%AF%E0%A5%81%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C-%E0%A4%85%E0%A4%96%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%B6/%E0%A4%B8%E0%A4%AA%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%AF%E0%A5%81%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C-%E0%A4%85%E0%A4%96%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%B6-%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A4%B5-1090408002_1.htm |title=सपा के युवराज अखिलेश यादव |accessmonthday=4 दिसम्बर |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=वेबदुनिया हिंदी |language= हिंदी}}</ref>  
अखिलेश यादव में अपने पिता मुलायम सिंह यादव की तरह से ग्रामीण वातावरण का असर दिखता है। वे समाजवादी पार्टी के भविष्य के नेताओं में शामिल हैं। आकर्षक व्यक्तित्व के धनी अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी का नया चेहरा समझा जा सकता है। वे अपने पिता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की तरह पहलवानी के शौकीन नहीं हैं वरन् उन्हें फुटबॉल खेलने, देखने और [[अमिताभ बच्चन]] की फ़िल्में ‍देखने में मजा आता है। वर्ष 2004 में उन्होंने कन्नौज संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था और बसपा के नेता अकबर अहमद डम्पी को हराकर चुने गए थे। 'ब्लैकबेरी' उनका पसंदीदा 'खिलौना' है। सोशल साइट्स पर उनके हजारों फालोअर और दोस्त हैं। 'साइबेरिया' [साइबर जगत] में इस उनकी जितनी चर्चा है शायद ही किसी अन्य की हो। लैपटॉप में अपने चुनाव क्षेत्र के आँकड़ों की जानकारी रखने वाले अखिलेश को ग्रामीण क्षेत्र में साइकिल की सवारी करते भी देखा जा सकता है। सांसद के रूप में उन्होंने लोकसभा में बहुत सारे मुद्दों को उठाया और बहुत से महत्त्वपूर्ण विषयों पर सवाल पूछने का सिलसिला भी जारी रखा है। वे इस बार के संसदीय चुनावों में भी कन्नौज से पार्टी के उम्मीदवार हैं और समूचे राज्य में समाजवादी पार्टी का प्रचार करने में जुटे हुए हैं।<ref>{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/%E0%A4%B8%E0%A4%AA%E0%A4%BE-%E0%A4%AF%E0%A5%81%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C-%E0%A4%85%E0%A4%96%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%B6/%E0%A4%B8%E0%A4%AA%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%AF%E0%A5%81%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C-%E0%A4%85%E0%A4%96%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%B6-%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A4%B5-1090408002_1.htm |title=सपा के युवराज अखिलेश यादव |accessmonthday=4 दिसम्बर |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=वेबदुनिया हिंदी |language= हिंदी}}</ref>  
==सबसे युवा मुख्यमंत्री==
==सबसे युवा मुख्यमंत्री==
अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं। पहले यह रिकार्ड मायावती के नाम था। 15 मार्च 2012 को जब वह मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, उस रोज वह 38 साल आठ महीने और 14 दिन के थे। अखिलेश यादव की जन्म तिथि 1 जुलाई 1973 है। मायावती जब पहली बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थीं तो उनकी उम्र 39 साल चार महीने और 18 दिन थी। कौन किस उम्र में बना मुख्यमंत्री, उसका विवरण निम्नवत है:  
अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं। पहले यह रिकार्ड मायावती के नाम था। 15 मार्च 2012 को जब वह मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, उस रोज वह 38 साल आठ महीने और 14 दिन के थे। अखिलेश यादव की जन्म तिथि 1 जुलाई 1973 है। मायावती जब पहली बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थीं तो उनकी उम्र 39 साल चार महीने और 18 दिन थी। कौन किस उम्र में बना मुख्यमंत्री, उसका विवरण निम्नवत है:  
{| width="६0%" cellpadding=2 cellspacing=2 class="bharattable-pink"
{| width="60%" cellpadding=2 cellspacing=2 class="bharattable-pink"
! मुख्यमंत्री  
! मुख्यमंत्री  
! जन्म तिथि
! जन्म तिथि
पंक्ति 132: पंक्ति 132:
| 62 वर्ष   
| 62 वर्ष   
|-
|-
| सम्पूर्णानंद  
| [[सम्पूर्णानंद]]
| 1 जनवरी 1891
| 1 जनवरी 1891
| 28 दिसंबर 1954  
| 28 दिसंबर 1954  
पंक्ति 199: पंक्ति 199:
*[http://164.100.47.132/loksabha_hindi/Members/Biography.aspx?mpsno=564 लोकसभा सदस्य]
*[http://164.100.47.132/loksabha_hindi/Members/Biography.aspx?mpsno=564 लोकसभा सदस्य]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री}}
{{उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री}}{{भारतीय राज्यों के मुख्यमंत्री}}
[[Category:राजनीति_कोश]]
[[Category:राजनीति_कोश]]
[[Category:लोकसभा]]
[[Category:लोकसभा]]
पंक्ति 208: पंक्ति 208:
[[Category:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री]]
[[Category:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री]]
[[Category:समाजवादी पार्टी]]
[[Category:समाजवादी पार्टी]]
[[Category:मुख्यमंत्री]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

07:54, 4 फ़रवरी 2020 के समय का अवतरण

अखिलेश यादव
अखिलेश यादव
अखिलेश यादव
पूरा नाम अखिलेश यादव
जन्म 1 जुलाई 1973
जन्म भूमि इटावा, उत्तर प्रदेश
अभिभावक मुलायम सिंह यादव और मालती देवी
पति/पत्नी डिम्पल यादव
संतान अदिति, टीना और अर्जुन
नागरिकता भारतीय
पार्टी समाजवादी पार्टी
पद पूर्व मुख्यमंत्री (उत्तर प्रदेश)
कार्य काल 15 मार्च, 201219 मार्च, 2017 (5 वर्ष)
शिक्षा स्नातक, स्नाताकोत्तर (अभियान्त्रिकी)
विद्यालय एस.जे. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, मैसूर; सिडनी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया
भाषा हिन्दी और अंग्रेज़ी
विदेश भ्रमण ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमरीका, यूनाइटेड किंगडम, चीन, स्विटजरलैंड, फ्रांस, ऑस्ट्रिया, कनाडा, जापान
शौक फ़िल्में देखने के अतिरिक्त फुटबाल मैच खेलने व देखने का शौक, क्रिकेट में भी दिलचस्पी
बाहरी कड़ियाँ अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिनके पिता मुलायम सिंह यादव भी इस पद पर आसीन रह चुके हैं।
अद्यतन‎

अखिलेश यादव (अंग्रेज़ी: Akhilesh Yadav, जन्म: 1 जुलाई, 1973, इटावा, उत्तर प्रदेश) समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के पुत्र हैं, जिन्होंने 2012 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व किया। पार्टी के राज्य में आए स्पष्ट बहुमत के बाद 15 मार्च, 2012 को अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री बनने वाले पुरुष रहे। अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री रहे, जिनके पिता मुलायम सिंह यादव भी इस पद पर आसीन रह चुके हैं।

जीवन परिचय

अखिलेश यादव का जन्म 1 जुलाई 1973 को इटावा ज़िले के सैफई गाँव में समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी के यहाँ हुआ। इनकी माँ का देहांत बचपन में ही हो गया था। अखिलेश यादव विवाहित हैं और तीन बच्चों के पिता हैं। डिम्पल यादव उनकी पत्नी हैं जिन्होंने एक बार फ़िरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा था किन्तु सफल नहीं हुई किंतु 2012 के उपचुनाव में कन्नौज से निर्विरोध सांसद चुनी गईं।

शिक्षा

अखिलेश यादव ने राजस्थान मिलिट्री स्कूल धौलपुर से शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने मैसूर के एस.जे. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से अभियान्त्रिकी में स्नातक की उपाधि ली और बाद में ऑस्ट्रेलिया चले गये जहाँ सिडनी विश्वविद्यालय से पर्यावरण अभियान्त्रिकी में स्नातकोत्तर किया।

राजनीतिक परिचय

अखिलेश यादव ने मई 2009 के लोकसभा उप-चुनाव में फ़िरोजाबाद सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी एस.पी.सिंह बघेल (सत्य प्रकाश सिंह बघेल) को 67,301 मतों से हराकर सफलता प्राप्त की। इसके अतिरिक्त वे कन्नौज से भी जीते। बाद में उन्होंने फ़िरोजाबाद सीट से त्यागपत्र दे दिया और कन्नौज सीट अपने पास रखी।

चुनाव क्षेत्र

अखिलेश यादव का चुनाव क्षेत्र कन्नौज, उत्तर प्रदेश है। लोकसभा सदस्य अखिलेश यादव तेरहवीं और पंद्रहवीं लोकसभा के सदस्य रहे हैं।

मुख्यमंत्री के रूप में

विधानसभा चुनाव 2012 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की हार के कारणों में जहां जानकार मुख्यमंत्री रहने के दौरान मायावती की जनता से दूरी गिना रहे हैं, वहीं नए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आम जनता से नजदीकी को अपनी ताकत बना रहे हैं। जनता दरबार लगाने का फैसला, मुख्यमंत्री आवास- 5 कालीदास मार्ग की सड़क आम आदमी के लिए खोलना, लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए अपने काफिले में वाहनों की संख्या कम करने, जैसे कई कदम हैं जो बताते हैं कि युवा मुख्यमंत्री अखिलेश अपनी सरकार में आम आदमी को केंद्र में रखकर उससे निकटता को अपनी ताकत बनाना चाहते हैं। 2007 में मायावती के मुख्यमंत्री बनते ही कालीदास मार्ग आम जनता के लिए बंद कर दिया गया था। जनता तो दूर सरकारी अधिकारियों तक को उस मार्ग से जाने की पाबंदी थी। अखिलेश ने मुख्यमंत्री बनने के बाद क़रीब एक किलोमीटर लंबे इस रास्ते को आम लोगों के लिए खोलकर स्थानीय जनता को बड़ी राहत दी। मायावती के बारे में कहा जाता है कि मुख्यमंत्री रहते आम जनता तो दूर उनसे बसपा के विधायक व सांसद और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तक नहीं मिल पाते थे। अखिलेश यादव पद संभालने के बाद लगातार लोगों से मिल रहे हैं। सपा की सरकार आने के बाद सूबे में लोकतंत्र बहाल हुआ और आम आदमी को तानाशाह मुख्यमंत्री के कुशासन से मुक्ति मिली है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश ने दहशत पैदा करने वाले पुराने सुरक्षा काफिले में भी कमी कर दी और अपने आवागमन के समय यातायात रोकने की प्रथा भी बंद करा दी। अब मुख्यमंत्री आवास वाली सड़क पर कर्फ्यू जैसे हालात नहीं रहते। उनके कार्यालय के दरवाज़े पहले की तरह आम लोगों के लिए बंद नहीं रहते। मुख्यमंत्री अखिलेश ने विधानसभा के सामने पुराने धरना स्थल को फिर से बहाल कर दिया। साथ ही मायावती के निजी आवास 13-मॉल एवेन्यू में पिछले पांच साल से लगे बैरियर को हटवा दिया। इस मार्ग पर अभी तक आम लोगों की आवाजाही पर पाबंदी थी। जिसके चलते स्थानीय लोगों को कई किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ता था। राजनीतिक विश्लेषक एवं लखनऊ विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर रमेश दीक्षित ने कहा कि मायावती की जनता से कथित दूरी के उलट अखिलेश की रणनीति आम लोगों के लिए आसानी से सुलभ मुख्यमंत्री के रूप में खुद को पेश कर जनहित मुख्यमंत्री की छवि बनाने की है।[1]

जनता दरबार

18 अप्रैल 2012 से वह हर बुधवार को जनता दरबार आरम्भ हुआ, जिसमें लोग सीधे मुख्यमंत्री से संवाद कर उन्हें अपनी समस्याएं बता सकते हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण के साथ ही वे सारी जंजीरें तोड़ दी जिनके भार से जनता कराह रही थी।

आकर्षक व्यक्तित्व

अखिलेश यादव में अपने पिता मुलायम सिंह यादव की तरह से ग्रामीण वातावरण का असर दिखता है। वे समाजवादी पार्टी के भविष्य के नेताओं में शामिल हैं। आकर्षक व्यक्तित्व के धनी अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी का नया चेहरा समझा जा सकता है। वे अपने पिता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की तरह पहलवानी के शौकीन नहीं हैं वरन् उन्हें फुटबॉल खेलने, देखने और अमिताभ बच्चन की फ़िल्में ‍देखने में मजा आता है। वर्ष 2004 में उन्होंने कन्नौज संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था और बसपा के नेता अकबर अहमद डम्पी को हराकर चुने गए थे। 'ब्लैकबेरी' उनका पसंदीदा 'खिलौना' है। सोशल साइट्स पर उनके हजारों फालोअर और दोस्त हैं। 'साइबेरिया' [साइबर जगत] में इस उनकी जितनी चर्चा है शायद ही किसी अन्य की हो। लैपटॉप में अपने चुनाव क्षेत्र के आँकड़ों की जानकारी रखने वाले अखिलेश को ग्रामीण क्षेत्र में साइकिल की सवारी करते भी देखा जा सकता है। सांसद के रूप में उन्होंने लोकसभा में बहुत सारे मुद्दों को उठाया और बहुत से महत्त्वपूर्ण विषयों पर सवाल पूछने का सिलसिला भी जारी रखा है। वे इस बार के संसदीय चुनावों में भी कन्नौज से पार्टी के उम्मीदवार हैं और समूचे राज्य में समाजवादी पार्टी का प्रचार करने में जुटे हुए हैं।[2]

सबसे युवा मुख्यमंत्री

अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं। पहले यह रिकार्ड मायावती के नाम था। 15 मार्च 2012 को जब वह मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, उस रोज वह 38 साल आठ महीने और 14 दिन के थे। अखिलेश यादव की जन्म तिथि 1 जुलाई 1973 है। मायावती जब पहली बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थीं तो उनकी उम्र 39 साल चार महीने और 18 दिन थी। कौन किस उम्र में बना मुख्यमंत्री, उसका विवरण निम्नवत है:

मुख्यमंत्री जन्म तिथि मुख्यमंत्री पद की शपथ तिथि आयु
अखिलेश यादव 1 जुलाई 1973 15 मार्च 2012 38 वर्ष 8 महीने और 14 दिन
मायावती 15 जनवरी, 1956 3 जून 1995 39 वर्ष 4 महीने और 18 दिन की उम्र में पहली बार मुख्यमंत्री बनीं।
मुलायम सिंह यादव 22 नवंबर 1936 5 दिसंबर 1989 53 वर्ष की उम्र में पहली बार मुख्यमंत्री बने।
राजनाथ सिंह 10 जुलाई 1951 28 अक्टूबर 2000 49 वर्ष
रामनरेश यादव 1 जुलाई 1928 23 जून 1977 49 वर्ष
वीर बहादुर सिंह 18 फरवरी 1935 24 सितंबर 1985 50 वर्ष
एनडी तिवारी 18 अक्टूबर 1925 21 जनवरी 1976 51 वर्ष की आयु में पहली बार मुख्यमंत्री बने।
हेमवती नन्दन बहुगुणा 25 अप्रैल 1919 8 नवंबर 1973 54 वर्ष
सुचेता कृपलानी 25 जून 1908 2 अक्टूबर 1963 55 वर्ष
चन्द्रभानु गुप्ता 14 जुलाई 1902 7 दिसंबर 1960 58 वर्ष
गोविन्द बल्लभ पंत 10 सितंबर 1887 1 अप्रैल 1946 59 वर्ष
श्रीपति मिश्र 4 दिसंबर 1923 19 जुलाई 1982 59 वर्ष
वीपी सिंह 25 जून 1931 9 जून 1980 59 वर्ष
कल्याण सिंह 5 जनवरी 1932 24 जून 1991 59 वर्ष की आयु में पहली बार मुख्यमंत्री बने।
बनारसी दास 5 नवंबर 1917 28 फरवरी 1979 62 वर्ष
सम्पूर्णानंद 1 जनवरी 1891 28 दिसंबर 1954 63 वर्ष
चौधरी चरण सिंह 23 दिसंबर 1902 3 अप्रैल 1967 65 वर्ष
टीएन सिंह 8 अगस्त 1904 18 अक्टूबर 1970 66 वर्ष
कमलापति त्रिपाठी 3 सितंबर 1905 4 अप्रैल 1971 66 वर्ष
राम प्रकाश गुप्ता 26 अक्टूबर 1923 12 नवंबर 1999 76 वर्ष

राजनीतिक एवं प्रशासनिक अनुभव

राजनीतिक एवं प्रशासनिक अनुभव[3]
वर्ष विवरण
2000 उपचुनाव में 13वीं लोकसभा के लिये निर्वाचित, खाद्य, रसद एवं सार्वजनिक वितरण समिति के सदस्य
2000-2001 आचारनीति समिति के सदस्य
2002-2004 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण व वन समिति के सदस्य
2004-2009 14वीं लोकसभा के लिये पुन: निर्वाचित (दूसरा कार्यकाल), सदस्य, प्राक्कलन समिति, सदस्य नगर विकास समिति, सदस्य, सांसदों, राजनीतिक दलों के कार्यालयों व लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों हेतु कम्प्यूटर व्यवस्था सम्बन्धी समिति, सदस्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण व वन समिति (2007)
2009 15वीं लोकसभा के लिये पुन: निर्वाचित (तीसरा कार्यकाल)
2009-2012 सदस्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण एवं वन समिति, सदस्य, 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाला संयुक्त संसदीय समिति
10 मार्च, 2012 उत्तर प्रदेश की नवगठित 16वीं विधान सभा के लिये सर्वसम्मति से समाजवादी पार्टी विधायक दल के नेता चुने गये तथा प्रदेश के 33वें मुख्यमंत्री मनोनीत हुये
15 मार्च, 2012 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की
2 मई, 2012 पंद्रहवीं लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जनता के क़रीब ही रहेंगे अखिलेश यादव (हिंदी) नया इंडिया डॉट कॉम। अभिगमन तिथि: 4 दिसम्बर, 2012।
  2. सपा के युवराज अखिलेश यादव (हिंदी) वेबदुनिया हिंदी। अभिगमन तिथि: 4 दिसम्बर, 2012।
  3. अखिलेश यादव व्यक्तित्व (हिंदी) उत्तर प्रदेश विधान सभा आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 4 दिसम्बर, 2012।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

भारतीय राज्यों में पदस्थ मुख्यमंत्री
क्रमांक राज्य मुख्यमंत्री तस्वीर पार्टी पदभार ग्रहण
1. अरुणाचल प्रदेश पेमा खांडू
भाजपा 17 जुलाई, 2016
2. असम हिमंता बिस्वा सरमा
भाजपा 10 मई, 2021
3. आंध्र प्रदेश वाई एस जगनमोहन रेड्डी
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी 30 मई, 2019
4. उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ
भाजपा 19 मार्च, 2017
5. उत्तराखण्ड पुष्कर सिंह धामी
भाजपा 4 जुलाई, 2021
6. ओडिशा नवीन पटनायक
बीजू जनता दल 5 मार्च, 2000
7. कर्नाटक सिद्धारमैया
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 20 मई, 2023
8. केरल पिनाराई विजयन
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी 25 मई, 2016
9. गुजरात भूपेन्द्र पटेल
भाजपा 12 सितम्बर, 2021
10. गोवा प्रमोद सावंत
भाजपा 19 मार्च, 2019
11. छत्तीसगढ़ विष्णु देव साय
भारतीय जनता पार्टी 13 दिसम्बर, 2023
12. जम्मू-कश्मीर रिक्त (राज्यपाल शासन) लागू नहीं 20 जून, 2018
13. झारखण्ड हेमन्त सोरेन
झारखंड मुक्ति मोर्चा 29 दिसम्बर, 2019
14. तमिल नाडु एम. के. स्टालिन
द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम 7 मई, 2021
15. त्रिपुरा माणिक साहा
भाजपा 15 मई, 2022
16. तेलंगाना अनुमुला रेवंत रेड्डी
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस 7 दिसंबर, 2023
17. दिल्ली अरविन्द केजरीवाल
आप 14 फ़रवरी, 2015
18. नागालैण्ड नेफियू रियो
एनडीपीपी 8 मार्च, 2018
19. पंजाब भगवंत मान
आम आदमी पार्टी 16 मार्च, 2022
20. पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी
तृणमूल कांग्रेस 20 मई, 2011
21. पुदुचेरी एन. रंगास्वामी
कांग्रेस 7 मई, 2021
22. बिहार नितीश कुमार
जदयू 27 जुलाई, 2017
23. मणिपुर एन. बीरेन सिंह
भाजपा 15 मार्च, 2017
24. मध्य प्रदेश मोहन यादव
भाजपा 13 दिसंबर, 2023
25. महाराष्ट्र एकनाथ शिंदे
शिव सेना 30 जून, 2022
26. मिज़ोरम लालदुहोमा
जोरम पीपल्स मूवमेंट 8 दिसम्बर, 2023
27. मेघालय कॉनराड संगमा
एनपीपी 6 मार्च, 2018
28. राजस्थान भजन लाल शर्मा
भारतीय जनता पार्टी 15 दिसम्बर, 2023
29. सिक्किम प्रेम सिंह तमांग
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा 27 मई, 2019
30. हरियाणा नायब सिंह सैनी
भाजपा 12 मार्च, 2024
31. हिमाचल प्रदेश सुखविंदर सिंह सुक्खू
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 11 दिसम्बर, 2022