"विजय बहुगुणा": अवतरणों में अंतर
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11:03, 16 फ़रवरी 2020 के समय का अवतरण
विजय बहुगुणा
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पूरा नाम | विजय बहुगुणा |
जन्म | 28 फ़रवरी, 1947 |
जन्म भूमि | इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश |
अभिभावक | पिता- हेमवतीनंदन बहुगुणा, माता- कमला बहुगुणा |
पति/पत्नी | सुधा बहुगुणा |
संतान | दो पुत्र व एक पुत्री |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | कांग्रेस |
पद | भूतपूर्व मुख्यमंत्री, उत्तराखंड |
कार्य काल | मुख्यमंत्री - 13 मार्च 2012 से 31 जनवरी 2014 तक |
अन्य जानकारी | न्यायिक सेवा छोड़कर सक्रिय राजनीति में आए विजय बहुगुणा को साल 2002 में मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के कार्यकाल में उत्तराखंड योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया था। |
अद्यतन | 16:33, 16 फ़रवरी 2020 (IST)
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विजय बहुगुणा (अंग्रेज़ी: Vijay Bahuguna, जन्म- 28 फ़रवरी, 1947, इलाहाबाद) भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से हैं। वह 13 मार्च 2012 से 31 जनवरी 2014 तक उत्तराखण्ड राज्य के सातवें मुख्यमंत्री रह चुके हैं। विजय बहुगुणा कांग्रेस में परिवार की परंपरा से निकले राजनेताओं में से एक हैं। उनका शुरुआती कॅरियर अधिवक्ता और न्यायाधीश के रूप में रहा और इसके बाद उन्होंने राजनीतिक पारी की शुरुआत की।
परिचय
विजय बहुगुणा का जन्म 28 फ़रवरी, सन 1947 को हुआ था। उनके पिता का नाम हेमवतीनंदन बहुगुणा और माता कमला बहुगुणा थीं। विजय बहुगुणा ने बीए तथा एलएलबी की डिग्री इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्राप्त की है। वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय तथा मुम्बई उच्च न्यायालय में न्यायाधीश रहे हैं। उनके परिवार में दो पुत्र व एक पुत्री है। उनकी बहन रीता बहुगुणा जोशी हैं, जो स्वयं भी प्रसिद्ध महिला राजनीतिज्ञ हैं।
राजनीतिक सफर
न्यायिक सेवा छोड़कर सक्रिय राजनीति में आए विजय बहुगुणा को साल 2002 में मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के कार्यकाल में उत्तराखंड योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया था। 2007 में वह 14वीं लोकसभा के लिए चुने गए। इसके बाद 2009 में वह 15वीं लोकसभा के लिए टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट से चुन लिए गए। वह कई संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे हैं।
महाराष्ट्र में न्यायाधीश रहने के दौरान ही उन्होंने राजनीति में आने का विचार बनाया और त्यागपत्र देकर इलाहाबाद लौट आए और राजनीति में कदम रखा। उत्तर प्रदेश में वह कुछ असर छोड़ पाने में विफल रहे। इसके बाद वह उत्तराखंड लौट गए और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बन गए। 1997 में उन्हें 'अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी' का सदस्य बनाया गया। उनके पिता दिवंगत हेमवतीनंदन बहुगुणा कांग्रेस के उन बड़े नेताओं में थे, जिन्होंने कांग्रेस के भीतर रहते हुए भी तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सत्ता के समक्ष पूरा समर्पण कभी नहीं किया। वे उन चंद नेताओं में से थे, जिनका स्वयं बड़ा जनाधार था।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ विजय बहुगुणा का जज से मुख्यमंत्री तक का सफर (हिंदी) hindi.news18। अभिगमन तिथि: 14 फरवरी, 2020।
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क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |