"मोतीलाल वोरा": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('thumb|200px|मोतीलाल वोरा '''मोतीलाल वोरा''' (अं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
(3 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र:Motilal-Vora.jpg|thumb|200px|मोतीलाल वोरा]]
{{सूचना बक्सा राजनीतिज्ञ
'''मोतीलाल वोरा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Motilal Vora'' जन्म- [[20 दिसम्बर]], [[1928]], [[नागौर ज़िला]], [[राजस्थान]]) [[मध्य प्रदेश]] के मुख्यमंत्री व [[उत्तर प्रदेश]] के [[राज्यपाल]] थे।<ref>{{cite web |url=http://upgovernor.gov.in/hindi_version/vorabio_H.htm |title=श्री मोतीलाल वोरा |accessmonthday= 08 अक्टूबर|accessyear= 2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=upgovernor.gov.in |language=हिंदी }}</ref>
|चित्र=Motilal-Vora.jpg
|चित्र का नाम=मोतीलाल वोरा
|पूरा नाम=मोतीलाल वोरा
|अन्य नाम=
|जन्म=[[20 दिसम्बर]], [[1928]]
|जन्म भूमि= [[नागौर ज़िला]], [[राजस्थान]]
|मृत्यु=[[21 दिसंबर]], [[2020]]
|मृत्यु स्थान=[[दिल्ली]]
|मृत्यु कारण=
|अभिभावक= पिता- मोहनलाल वोरा, माता- अंबा बाई
|पति/पत्नी= पत्नी- शांति देवी वोरा
|संतान=
|स्मारक=
|क़ब्र=
|नागरिकता=भारतीय
|प्रसिद्धि=
|पार्टी=
|पद=
|भाषा=
|जेल यात्रा=
|कार्य काल=[[मुख्यमंत्री]], [[मध्य प्रदेश]] (दो बार)<br />
प्रथम- [[13 मार्च]] [[1985]] से [[13 फ़रवरी]] [[1988]] तक<br />
द्वितीय- [[25 जनवरी]] [[1989]] से [[8 दिसंबर]] [[1989]] तक<br />
[[राज्यपाल]], [[उत्तर प्रदेश]] - [[26 मई]], [[1993]] से [[3 मई]], [[1996]] तक
|विद्यालय=
|शिक्षा=
|पुरस्कार-उपाधि=
|विशेष योगदान=
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=
|पाठ 1=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी= [[13 मार्च]], [[1985]] में मोतीलाल वोरा [[मध्य प्रदेश]] के [[मुख्यमंत्री]] बने तथा [[13 फ़रवरी]], [[1988]] में इन्होंने मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र दे दिया।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन={{अद्यतन|17:03, 20 अक्टूबर 2016 (IST)}}
}}'''मोतीलाल वोरा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Motilal Vora'' जन्म- [[20 दिसम्बर]], [[1928]], [[नागौर ज़िला]], [[राजस्थान]]; मृत्यु- [[21 दिसंबर]], [[2020]], [[दिल्ली]]) [[मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री]] व [[उत्तर प्रदेश]] के [[राज्यपाल]] थे।<ref>{{cite web |url=http://upgovernor.gov.in/hindi_version/vorabio_H.htm |title=श्री मोतीलाल वोरा |accessmonthday= 08 अक्टूबर|accessyear= 2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=upgovernor.gov.in |language=हिंदी }}</ref> वे दो बार [[मध्य प्रदेश]] के [[मुख्यमंत्री]] रहे। वर्ष [[2000]] से [[2018]] तक वह पार्टी के कोषाध्यक्ष भी रहे थे। मोतीलाल वोरा के बाद [[अहमद पटेल]] को कोषाध्यक्ष बनाया गया था। [[1972]] में मोतीलाल वोरा ने मध्य प्रदेश विधान सभा से चुनाव जीता और मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के उपाध्यक्ष नियुक्त हुए। बाद में [[1977]] और [[1980]] में पुनः मध्य प्रदेश विधान सभा में चुने गये थे। सन [[1980]] में [[अर्जुन सिंह]] मंत्रिमण्डल में उन्हें उच्च शिक्षा विभाग का दायित्व सौंपा गया था।
==परिचय==
मोतीलाल वोरा का जन्म [[राजस्थान]] के [[नागौर ज़िला|नागौर जिले]] में [[20 दिसम्बर]], [[1928]] में हुआ था। उन्होंने [[रायपुर]] और [[कलकत्ता]] से शिक्षा प्राप्त की। उनके [[माता]]-[[पिता]] मोहनलाल वोरा और अंबा बाई थे। मोतीलाल वोरा का [[विवाह]] शांति देवी वोरा से हुआ। अनेक वर्षो तक पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करते हुए मोतीलाल वोरा ने कई समाचार पत्रों का प्रतिनिधित्व किया। सन [[1968]] में वे राजनीतिक क्षितिज पर उभर कर आये।


*इनका जन्म राजस्थान के नागौर जिले में [[20 दिसम्बर]], [[1928]] में हुआ था।
मोतीलाल वोरा को लोग प्यार से 'दद्दू' भी बुलाते थे। उनके बारे में मशहूर था कि बतौर कोषाध्यक्ष वे पार्टी की पाई-पाई का हिसाब रखा रखते थे और एक पैसा भी कोई फिजूल खर्च नहीं करा सकता था। मोतीलाल वोरा खुद एक पत्रकार रह चुके थे और कई अखबारों में उन्होंने अपनी पारी निभाई। यही वजह है कि वे पत्रकारों के बीच बेहद लोकप्रिय थे। हालांकि उन्हें पत्रकारों की गुगली से बचना खूब आता था और कभी भी किसी विवाद में नहीं पड़े।
*उन्होंने [[रायपुर]] और [[कलकत्ता]] से शिक्षा प्राप्त की।
==कर्तव्यनिष्ठा==
*उनके माता-पिता मोहनलाल वोरा और अंबा बाई थे।
पार्टी के हेड क्वार्टर में कोई रहे ना रहे मोतीलाल वोरा दस्तूर के तौर पर हर दिन पार्टी दफ्तर में जरूर आते थे। 24 अकबर रोड पर कोई भी मददगार या कार्यकर्ता आता था तो मोतीलाल वोरा से आसानी से मुलाकात कर सकता था। मोतीलाल वोरा ने लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के संगठन में काम किया। वह गांधी परिवार के वफादार माने जाते थे। [[26 जनवरी]] हो या पार्टी का कोई और कार्यक्रम मोतीलाल वोरा हमेशा [[सोनिया गांधी]] के दाएं-बाएं नजर आते थे।
*उनका विवाह शांति देवी वोरा से हुआ।
==मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री==
*उन्होंने अनेक वर्षो तक पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करते हुए कई समाचार पत्रों का प्रतिनिधित्व किया।
मोतीलाल वोरा ने [[1972]] में [[मध्य प्रदेश]] [[विधान सभा]] से चुनाव जीता और मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के उपाध्यक्ष नियुक्त हुए। बाद में [[1977]] और [[1980]] में मोतीलाल वोरा पुनः मध्य प्रदेश विधान सभा में चुने गये। सन [[1980]] में [[अर्जुन सिंह]] मंत्रिमण्डल में उन्हें उच्च शिक्षा विभाग का दायित्व सौंपा गया था। मोतीलाल वोरा [[1983]] में केबिनेट मंत्री हुए। इसके बाद वे मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नियुक्ति हुए। [[13 मार्च]], [[1985]] में वह [[मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री]] बने।
*ये [[1968]] में राजनीतिक क्षितिज पर उभर कर आये।
*उन्होंने [[1972]] में [[मध्य प्रदेश]] [[विधान सभा]] से चुनाव जीता और मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के उपाध्यक्ष नियुक्त हुए।  
*इसके बाद [[1977]] और [[1980]] में पुनः मध्य प्रदेश विधान सभा में चुने गये।  
*सन [[1980]] में अर्जुन सिंह मंत्रिमण्डल में उन्हें उच्च शिक्षा विभाग का दायित्व सौंपा गया।
*ये [[1983]] में केबिनेट मंत्री हुए। इसके बाद वे मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नियुक्ति हुए।  
*[[13 मार्च]], [[1985]] में श्री मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
*[[13 फ़रवरी]], [[1988]] में इन्होंने मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र देकर [[14 फ़रवरी]], [[1988]] में केन्द्र में स्वास्थ्य परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार ग्रहण किया।
*[[अप्रैल]] [[1988]] में वे [[मध्य प्रदेश]] से [[राज्यसभा]] के लिये चुने गये।
*श्री मोतीलाल वोरा ने [[26 मई]], [[1993]] से [[3 मई]], [[1996]] तक [[उत्तर प्रदेश के राज्यपाल]] के पद पर आसीन रहे।


हुआ यह कि [[1985]] विधानसभा चुनावों में मिली जीत के बाद अर्जुन सिंह ने [[9 मार्च]], [[1985]] को सीएम पद की शपथ ले ली। शपथ लेने के बाद [[10 मार्च]] को वह [[राजीव गांधी]] के पास मंत्रिमंडल की सूची लेकर गए। लेकिन राजीव गांधी अब [[मध्य प्रदेश]] की राजनीति में अर्जुन सिंह को नहीं चाहते थे। उन्होंने दो टूक शब्दों में कह दिया कि अपनी पसंद के सीएम का नाम बताकर [[पंजाब]] पहुंच जाओ। उसके बाद अर्जुन सिंह ने मोतीलाल वोरा का नाम सुझाया था।<ref>{{cite web |url=https://navbharattimes.indiatimes.com/state/madhya-pradesh/bhopal/motilal-vora-passes-away-update-motilal-vora-was-recommending-to-become-minister-in-plane-rajiv-gandhi-had-made-cm/articleshow/79839095.cms |title=प्लेन में मंत्री बनने के लिए मोतीलाल वोरा कर रहे थे सिफारिश, राजीव गांधी ने बना दिया था|accessmonthday=20 दिसंबर|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=navbharattimes.indiatimes.com |language=हिंदी}}</ref>


उसके बाद अर्जुन सिंह ने अपने बेटे अजय सिंह को फोन किया कि मोतीलाल वोरा को स्पेशल विमान से लेकर [[दिल्ली]] आ जाओ। स्पेशल विमान से अजय सिंह वोरा को लेकर दिल्ली रवाना हो गए। वोरा को कुछ समक्ष नहीं आ रहा था। वह अजय सिंह से अर्जुन सिंह की कैबिनेट में मंत्री बनने के लिए सिफारिश करवा रहे थे। उस समय [[रूस]] दौरे पर निकल रहे तत्कालीन [[प्रधानमंत्री]] [[राजीव गांधी]] से उनकी पालम एयरपोर्ट पर मुलाकात हुई। मोतीलाल वोरा को देखते ही राजीव गांधी ने उन्हें कह दिया कि आप मध्य प्रदेश के सीएम हैं। इस दौरान वहां अर्जुन सिंह और [[दिग्विजय सिंह]] मौजूद थे।
==उत्तर प्रदेश के राज्यपाल==
[[13 फ़रवरी]], [[1988]] में मोतीलाल वोरा ने [[मुख्यमंत्री]] पद से त्यागपत्र देकर [[14 फ़रवरी]], [[1988]] में केन्द्र में स्वास्थ्य परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार ग्रहण किया। [[अप्रैल]] [[1988]] में वे [[मध्य प्रदेश]] से [[राज्यसभा]] के लिये चुने गये। मोतीलाल वोरा [[26 मई]], [[1993]] से [[3 मई]], [[1996]] तक [[उत्तर प्रदेश के राज्यपाल]] के पद पर आसीन रहे।
==मृत्यु==
[[कांग्रेस]] के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का 93 साल की उम्र में [[21 दिसंबर]], [[2020]] को निधन हुआ। खराब सेहत की वजह से उनका [[दिल्ली]] के फोर्टिस एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। [[20 दिसंबर]] को उनका जन्मदिन था। मोतीलाल वोरा को दो दिन पहले ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इससे पहले वह [[कोरोना विषाणु|कोविड-19]] से भी संक्रमित हुए थे। उस वक्त उनका इलाज एम्स, दिल्ली में किया गया था। इलाज के बाद वह ठीक हो गए थे और अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके थे।
उनके निधन पर कांग्रेस के तमाम नेताओं ने अपना दु:ख प्रकट किया। [[राहुल गांधी]] ने अपने ट्वीट में लिखा, "वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और अद्भुत इंसान थे। हम उन्हें बहुत मिस करेंगे। उनके [[परिवार]] और दोस्तों को मेरा प्यार"।


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
पंक्ति 23: पंक्ति 60:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{उत्तर प्रदेश के राज्यपाल}}
{{मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री}}{{उत्तर प्रदेश के राज्यपाल}}
[[Category:उत्तर प्रदेश के राज्यपाल]][[Category:राज्यपाल]][[Category:बिहार के राज्यपाल]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:उत्तर प्रदेश के राज्यपाल]][[Category:राज्यपाल]][[Category:मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री]]
[[Category:मध्य प्रदेश]][[Category:मुख्यमंत्री]][[Category:भारतीय राज्यों के मुख्यमंत्रियों की सूची]][[Category:राजनीतिज्ञ]][[Category:राजनेता]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:राजनीति कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

12:09, 21 दिसम्बर 2020 के समय का अवतरण

मोतीलाल वोरा
मोतीलाल वोरा
मोतीलाल वोरा
पूरा नाम मोतीलाल वोरा
जन्म 20 दिसम्बर, 1928
जन्म भूमि नागौर ज़िला, राजस्थान
मृत्यु 21 दिसंबर, 2020
मृत्यु स्थान दिल्ली
अभिभावक पिता- मोहनलाल वोरा, माता- अंबा बाई
पति/पत्नी पत्नी- शांति देवी वोरा
नागरिकता भारतीय
कार्य काल मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश (दो बार)

प्रथम- 13 मार्च 1985 से 13 फ़रवरी 1988 तक
द्वितीय- 25 जनवरी 1989 से 8 दिसंबर 1989 तक
राज्यपाल, उत्तर प्रदेश - 26 मई, 1993 से 3 मई, 1996 तक

अन्य जानकारी 13 मार्च, 1985 में मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तथा 13 फ़रवरी, 1988 में इन्होंने मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र दे दिया।
अद्यतन‎

मोतीलाल वोरा (अंग्रेज़ी: Motilal Vora जन्म- 20 दिसम्बर, 1928, नागौर ज़िला, राजस्थान; मृत्यु- 21 दिसंबर, 2020, दिल्ली) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रीउत्तर प्रदेश के राज्यपाल थे।[1] वे दो बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वर्ष 2000 से 2018 तक वह पार्टी के कोषाध्यक्ष भी रहे थे। मोतीलाल वोरा के बाद अहमद पटेल को कोषाध्यक्ष बनाया गया था। 1972 में मोतीलाल वोरा ने मध्य प्रदेश विधान सभा से चुनाव जीता और मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के उपाध्यक्ष नियुक्त हुए। बाद में 1977 और 1980 में पुनः मध्य प्रदेश विधान सभा में चुने गये थे। सन 1980 में अर्जुन सिंह मंत्रिमण्डल में उन्हें उच्च शिक्षा विभाग का दायित्व सौंपा गया था।

परिचय

मोतीलाल वोरा का जन्म राजस्थान के नागौर जिले में 20 दिसम्बर, 1928 में हुआ था। उन्होंने रायपुर और कलकत्ता से शिक्षा प्राप्त की। उनके माता-पिता मोहनलाल वोरा और अंबा बाई थे। मोतीलाल वोरा का विवाह शांति देवी वोरा से हुआ। अनेक वर्षो तक पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करते हुए मोतीलाल वोरा ने कई समाचार पत्रों का प्रतिनिधित्व किया। सन 1968 में वे राजनीतिक क्षितिज पर उभर कर आये।

मोतीलाल वोरा को लोग प्यार से 'दद्दू' भी बुलाते थे। उनके बारे में मशहूर था कि बतौर कोषाध्यक्ष वे पार्टी की पाई-पाई का हिसाब रखा रखते थे और एक पैसा भी कोई फिजूल खर्च नहीं करा सकता था। मोतीलाल वोरा खुद एक पत्रकार रह चुके थे और कई अखबारों में उन्होंने अपनी पारी निभाई। यही वजह है कि वे पत्रकारों के बीच बेहद लोकप्रिय थे। हालांकि उन्हें पत्रकारों की गुगली से बचना खूब आता था और कभी भी किसी विवाद में नहीं पड़े।

कर्तव्यनिष्ठा

पार्टी के हेड क्वार्टर में कोई रहे ना रहे मोतीलाल वोरा दस्तूर के तौर पर हर दिन पार्टी दफ्तर में जरूर आते थे। 24 अकबर रोड पर कोई भी मददगार या कार्यकर्ता आता था तो मोतीलाल वोरा से आसानी से मुलाकात कर सकता था। मोतीलाल वोरा ने लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के संगठन में काम किया। वह गांधी परिवार के वफादार माने जाते थे। 26 जनवरी हो या पार्टी का कोई और कार्यक्रम मोतीलाल वोरा हमेशा सोनिया गांधी के दाएं-बाएं नजर आते थे।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री

मोतीलाल वोरा ने 1972 में मध्य प्रदेश विधान सभा से चुनाव जीता और मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के उपाध्यक्ष नियुक्त हुए। बाद में 1977 और 1980 में मोतीलाल वोरा पुनः मध्य प्रदेश विधान सभा में चुने गये। सन 1980 में अर्जुन सिंह मंत्रिमण्डल में उन्हें उच्च शिक्षा विभाग का दायित्व सौंपा गया था। मोतीलाल वोरा 1983 में केबिनेट मंत्री हुए। इसके बाद वे मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नियुक्ति हुए। 13 मार्च, 1985 में वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

हुआ यह कि 1985 विधानसभा चुनावों में मिली जीत के बाद अर्जुन सिंह ने 9 मार्च, 1985 को सीएम पद की शपथ ले ली। शपथ लेने के बाद 10 मार्च को वह राजीव गांधी के पास मंत्रिमंडल की सूची लेकर गए। लेकिन राजीव गांधी अब मध्य प्रदेश की राजनीति में अर्जुन सिंह को नहीं चाहते थे। उन्होंने दो टूक शब्दों में कह दिया कि अपनी पसंद के सीएम का नाम बताकर पंजाब पहुंच जाओ। उसके बाद अर्जुन सिंह ने मोतीलाल वोरा का नाम सुझाया था।[2]

उसके बाद अर्जुन सिंह ने अपने बेटे अजय सिंह को फोन किया कि मोतीलाल वोरा को स्पेशल विमान से लेकर दिल्ली आ जाओ। स्पेशल विमान से अजय सिंह वोरा को लेकर दिल्ली रवाना हो गए। वोरा को कुछ समक्ष नहीं आ रहा था। वह अजय सिंह से अर्जुन सिंह की कैबिनेट में मंत्री बनने के लिए सिफारिश करवा रहे थे। उस समय रूस दौरे पर निकल रहे तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से उनकी पालम एयरपोर्ट पर मुलाकात हुई। मोतीलाल वोरा को देखते ही राजीव गांधी ने उन्हें कह दिया कि आप मध्य प्रदेश के सीएम हैं। इस दौरान वहां अर्जुन सिंह और दिग्विजय सिंह मौजूद थे।

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल

13 फ़रवरी, 1988 में मोतीलाल वोरा ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देकर 14 फ़रवरी, 1988 में केन्द्र में स्वास्थ्य परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार ग्रहण किया। अप्रैल 1988 में वे मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिये चुने गये। मोतीलाल वोरा 26 मई, 1993 से 3 मई, 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के पद पर आसीन रहे।

मृत्यु

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का 93 साल की उम्र में 21 दिसंबर, 2020 को निधन हुआ। खराब सेहत की वजह से उनका दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। 20 दिसंबर को उनका जन्मदिन था। मोतीलाल वोरा को दो दिन पहले ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इससे पहले वह कोविड-19 से भी संक्रमित हुए थे। उस वक्त उनका इलाज एम्स, दिल्ली में किया गया था। इलाज के बाद वह ठीक हो गए थे और अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके थे।

उनके निधन पर कांग्रेस के तमाम नेताओं ने अपना दु:ख प्रकट किया। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, "वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और अद्भुत इंसान थे। हम उन्हें बहुत मिस करेंगे। उनके परिवार और दोस्तों को मेरा प्यार"।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. श्री मोतीलाल वोरा (हिंदी) upgovernor.gov.in। अभिगमन तिथि: 08 अक्टूबर, 2016।
  2. प्लेन में मंत्री बनने के लिए मोतीलाल वोरा कर रहे थे सिफारिश, राजीव गांधी ने बना दिया था (हिंदी) navbharattimes.indiatimes.com। अभिगमन तिथि: 20 दिसंबर, 2020।

संबंधित लेख