"जलाली": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
|||
पंक्ति 13: | पंक्ति 13: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{मुद्रा}} | {{मुद्रा}} | ||
[[Category:मुद्रा]][[Category:मध्य काल]][[Category:इतिहास कोश]] | [[Category:मुद्रा]][[Category:मध्य काल]][[Category:मुग़ल काल]][[Category:मुग़ल साम्राज्य]][[Category:इतिहास कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
11:23, 7 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
जलाली मुग़ल काल में प्रचलित वर्गाकार चाँदी का सिक्का था। इसे बादशाह अकबर ने चलाया था।
- मुग़ल काल में चाँदी का रुपया एवं तांबे के दाम प्रचलन में थे।
- चाँदी का रुपया मुग़लकालीन अर्थव्यवस्था का आधार था। यह 178 ग्रेन का था।
- चाँदी के रुपये का प्रचलन सर्वप्रथम शेरशाह सूरी ने किया था।
- अकबर ने ‘जलाली’ नाम का चौकोर आकार का रुपया चलाया था।
इन्हें भी देखें: टकसाल, मुग़लकालीन राजस्व प्रणाली एवं मुग़लकालीन शासन व्यवस्था
|
|
|
|
|