"जाग-जाग सुकेशिनी री! -महादेवी वर्मा": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Mahadevi-verma.png...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (Text replacement - "शृंखला" to "श्रृंखला")
 
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 10: पंक्ति 10:
|मृत्यु=[[22 सितम्बर]], 1987
|मृत्यु=[[22 सितम्बर]], 1987
|मृत्यु स्थान=[[प्रयाग]], [[उत्तर प्रदेश]]
|मृत्यु स्थान=[[प्रयाग]], [[उत्तर प्रदेश]]
|मुख्य रचनाएँ='मेरा परिवार', 'स्मृति की रेखाएँ', 'पथ के साथी', 'शृंखला की कड़ियाँ', 'अतीत के चलचित्र', नीरजा, नीहार  
|मुख्य रचनाएँ=[[मेरा परिवार -महादेवी वर्मा|मेरा परिवार]], [[स्मृति की रेखाएँ -महादेवी वर्मा|स्मृति की रेखाएँ]], [[पथ के साथी -महादेवी वर्मा|पथ के साथी]], [[श्रृंखला की कड़ियाँ -महादेवी वर्मा|श्रृंखला की कड़ियाँ]], [[अतीत के चलचित्र -महादेवी वर्मा|अतीत के चलचित्र]], [[नीरजा -महादेवी वर्मा|नीरजा]], [[नीहार -महादेवी वर्मा|नीहार]] 
|यू-ट्यूब लिंक=
|यू-ट्यूब लिंक=
|शीर्षक 1=
|शीर्षक 1=
पंक्ति 30: पंक्ति 30:


{{Poemopen}}
{{Poemopen}}
<poem>जाग-जाग सुकेशिनी री!
<poem>
जाग-जाग सुकेशिनी री!


अनिल ने आ मृदुल हौले
अनिल ने आ मृदुल हौले
पंक्ति 36: पंक्ति 37:
पर न तेरे पलक डोले
पर न तेरे पलक डोले
बिखरती अलकें, झरे जाते
बिखरती अलकें, झरे जाते
सुमन, वरवेषिनी री!
सुमन, वरवेशिनी री!


छाँह में अस्तित्व खोये
छाँह में अस्तित्व खोये
पंक्ति 45: पंक्ति 46:


रजत - तारों घटा बुन बुन
रजत - तारों घटा बुन बुन
गगन के चिर दाग गिन-गिन
गगन के चिर दाग़ गिन-गिन
श्रान्त जग के श्वास चुन-चुन
श्रान्त जग के श्वास चुन-चुन
सो गई क्या नींद का अज्ञात-
सो गई क्या नींद की अज्ञात-
पथ निर्देशिनी री?
पथ निर्देशिनी री?


पंक्ति 60: पंक्ति 61:
जग बँधा निष्ठुर क्षणों में
जग बँधा निष्ठुर क्षणों में
अश्रुमय कोमल कहाँ तू
अश्रुमय कोमल कहाँ तू
आ गई परदेशिनी री? </poem>
आ गई परदेशिनी री?  
</poem>
{{Poemclose}}
{{Poemclose}}



10:59, 9 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

जाग-जाग सुकेशिनी री! -महादेवी वर्मा
महादेवी वर्मा
महादेवी वर्मा
कवि महादेवी वर्मा
जन्म 26 मार्च, 1907
जन्म स्थान फ़र्रुख़ाबाद, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 22 सितम्बर, 1987
मृत्यु स्थान प्रयाग, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ मेरा परिवार, स्मृति की रेखाएँ, पथ के साथी, श्रृंखला की कड़ियाँ, अतीत के चलचित्र, नीरजा, नीहार
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
महादेवी वर्मा की रचनाएँ

जाग-जाग सुकेशिनी री!

अनिल ने आ मृदुल हौले
शिथिल वेणी-बन्धन खोले
पर न तेरे पलक डोले
बिखरती अलकें, झरे जाते
सुमन, वरवेशिनी री!

छाँह में अस्तित्व खोये
अश्रु से सब रंग धोये
मन्दप्रभ दीपक सँजोये,
पंथ किसका देखती तू अलस
स्वप्न - निमेषिनी री?

रजत - तारों घटा बुन बुन
गगन के चिर दाग़ गिन-गिन
श्रान्त जग के श्वास चुन-चुन
सो गई क्या नींद की अज्ञात-
पथ निर्देशिनी री?

दिवस की पदचाप चंचल
श्रान्ति में सुधि-सी मधुर चल
आ रही है निकट प्रतिपल,
निमिष में होगा अरुण-जग
ओ विराग-निवेशिनी री?

रूप-रेखा - उलझनों में
कठिन सीमा - बन्धनों में
जग बँधा निष्ठुर क्षणों में
अश्रुमय कोमल कहाँ तू
आ गई परदेशिनी री?

संबंधित लेख