"भू-स्थित कक्षा": अवतरणों में अंतर

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'''भू-स्थित कक्षा''' [[पृथ्वी]] से 36,000 कि.मी. की ऊँचाई पर [[भूमध्य रेखा|भूमध्य रेखीय]] तल की वृत्तीय कक्षा है। इस कक्षा में उपस्थित उपग्रह पृथ्वी का चक्कर 24 घंटे में लगाता है, जबकि पृथ्वी भी अपने अक्ष पर 24 घंटे में एक चक्कर लगाती है। इसलिए ऐसा उपग्रह पृथ्वी के किसी भी बिन्दु से देखने में सदैव स्थिर दिखाई पड़ता है। इनसैट शृंखला के उपग्रह इसी कक्षा में स्थापित किये जाते हैं।
'''भू-स्थित कक्षा''' [[पृथ्वी]] से 36,000 कि.मी. की ऊँचाई पर [[भूमध्य रेखा|भूमध्य रेखीय]] तल की वृत्तीय कक्षा है। इस कक्षा में उपस्थित उपग्रह पृथ्वी का चक्कर 24 घंटे में लगाता है, जबकि पृथ्वी भी अपने अक्ष पर 24 घंटे में एक चक्कर लगाती है। इसलिए ऐसा उपग्रह पृथ्वी के किसी भी बिन्दु से देखने में सदैव स्थिर दिखाई पड़ता है। इनसैट श्रृंखला के उपग्रह इसी कक्षा में स्थापित किये जाते हैं।


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11:31, 9 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

भू-स्थित कक्षा पृथ्वी से 36,000 कि.मी. की ऊँचाई पर भूमध्य रेखीय तल की वृत्तीय कक्षा है। इस कक्षा में उपस्थित उपग्रह पृथ्वी का चक्कर 24 घंटे में लगाता है, जबकि पृथ्वी भी अपने अक्ष पर 24 घंटे में एक चक्कर लगाती है। इसलिए ऐसा उपग्रह पृथ्वी के किसी भी बिन्दु से देखने में सदैव स्थिर दिखाई पड़ता है। इनसैट श्रृंखला के उपग्रह इसी कक्षा में स्थापित किये जाते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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