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बेरियम [[कैल्सियम]] समूह का [[तत्व]] है। खनिज बेराइट इसका पहला [[खनिज]] था, जिसकी ओर सन्‌ 1602 में बोलोन के एक चर्मकार बी. केसिओरलस का ध्यान गया। उसने देखा कि यह [[पदार्थ]] दहनशील पदार्थ के साथ जलने पर स्फुरदीप्त होता है। इसी कारण इसका बोलोनी फॉस्फोरस भी कहा जाता है। सन्‌ 1774 में के.डब्ल्यू शीले ने पाइरोल्यूसाइट [[खनिज]] की जाँच करते समय एक नई मृदा मालूम की, जिसे टी.ओ.वर्गमैन ने भारी मृदा कहा। सन्‌ 1779 में लूई बर्नार्ड गितों द मोरवां न इसे बेरोट नाम दिया, जिस लवाज़िए ने बदलकर बेराइटा कर दिया। आज भी इस मृदा के लिए यह नाम प्रचलित है। ग्रीक शब्द बेरस से, जिसका अर्थ भारी है, यह बना है। बाद में मालूम हुआ कि यह एक नई धातु का [[ऑक्साइड]] है। इसी के नाम पर इस [[धातु]] को बेरियम कहा जाने लगा।
बेरियम [[कैल्सियम]] समूह का [[तत्व]] है। खनिज बेराइट इसका पहला [[खनिज]] था, जिसकी ओर सन्‌ 1602 में बोलोन के एक चर्मकार बी. केसिओरलस का ध्यान गया। उसने देखा कि यह [[पदार्थ]] दहनशील पदार्थ के साथ जलने पर स्फुरदीप्त होता है। इसी कारण इसका बोलोनी फॉस्फोरस भी कहा जाता है। सन्‌ 1774 में के.डब्ल्यू शीले ने पाइरोल्यूसाइट [[खनिज]] की जाँच करते समय एक नई मृदा मालूम की, जिसे टी.ओ.वर्गमैन ने भारी मृदा कहा। सन्‌ 1779 में लूई बर्नार्ड गितों द मोरवां न इसे बेरोट नाम दिया, जिस लवाज़िए ने बदलकर बेराइटा कर दिया। आज भी इस मृदा के लिए यह नाम प्रचलित है। ग्रीक शब्द बेरस से, जिसका अर्थ भारी है, यह बना है। बाद में मालूम हुआ कि यह एक नई धातु का [[ऑक्साइड]] है। इसी के नाम पर इस [[धातु]] को बेरियम कहा जाने लगा।


बेरियम धातु प्रकृति में शुद्ध रूप में नहीं मिलती। इसके प्रसिद्ध खनिज कार्बोनेट लवण, अर्थात्‌ विदराइट और सल्फेट लवण, अर्थात्‌ बाराइटीज के रूप में मिलते हैं। थोड़ी मात्रा में यह धातु बेराइटो कैल्साइट, बेराइटो सेलिसटाइन और अन्य सिलिकेट लवणों में भी मिलती है। सिलोमेलेन अर्थात्‌ बेरियम मैगनेटाइट, भी इसका एक खनिज है। [[भारत]] में बराइटीज खनिज बहुत पाया जाता है। [[मद्रास]] के अर्नूल और अलवर क्षेत्र इसके लिए प्रसिद्ध है।
बेरियम धातु प्रकृति में शुद्ध रूप में नहीं मिलती। इसके प्रसिद्ध खनिज कार्बोनेट लवण, अर्थात्‌ विदराइट और सल्फेट लवण, अर्थात्‌ बाराइटीज के रूप में मिलते हैं। थोड़ी मात्रा में यह धातु बेराइटो कैल्साइट, बेराइटो सेलिसटाइन और अन्य सिलिकेट लवणों में भी मिलती है। सिलोमेलेन अर्थात्‌ बेरियम मैगनेटाइट, भी इसका एक खनिज है। [[भारत]] में बराइटीज खनिज बहुत पाया जाता है। [[मद्रास]] के अर्नूल और अलवर क्षेत्र इसके लिए प्रसिद्ध है।


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बेरियम

बेरियम कैल्सियम समूह का तत्व है। खनिज बेराइट इसका पहला खनिज था, जिसकी ओर सन्‌ 1602 में बोलोन के एक चर्मकार बी. केसिओरलस का ध्यान गया। उसने देखा कि यह पदार्थ दहनशील पदार्थ के साथ जलने पर स्फुरदीप्त होता है। इसी कारण इसका बोलोनी फॉस्फोरस भी कहा जाता है। सन्‌ 1774 में के.डब्ल्यू शीले ने पाइरोल्यूसाइट खनिज की जाँच करते समय एक नई मृदा मालूम की, जिसे टी.ओ.वर्गमैन ने भारी मृदा कहा। सन्‌ 1779 में लूई बर्नार्ड गितों द मोरवां न इसे बेरोट नाम दिया, जिस लवाज़िए ने बदलकर बेराइटा कर दिया। आज भी इस मृदा के लिए यह नाम प्रचलित है। ग्रीक शब्द बेरस से, जिसका अर्थ भारी है, यह बना है। बाद में मालूम हुआ कि यह एक नई धातु का ऑक्साइड है। इसी के नाम पर इस धातु को बेरियम कहा जाने लगा।

बेरियम धातु प्रकृति में शुद्ध रूप में नहीं मिलती। इसके प्रसिद्ध खनिज कार्बोनेट लवण, अर्थात्‌ विदराइट और सल्फेट लवण, अर्थात्‌ बाराइटीज के रूप में मिलते हैं। थोड़ी मात्रा में यह धातु बेराइटो कैल्साइट, बेराइटो सेलिसटाइन और अन्य सिलिकेट लवणों में भी मिलती है। सिलोमेलेन अर्थात्‌ बेरियम मैगनेटाइट, भी इसका एक खनिज है। भारत में बराइटीज खनिज बहुत पाया जाता है। मद्रास के अर्नूल और अलवर क्षेत्र इसके लिए प्रसिद्ध है।


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