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'''साहवा का मेला''' भारतीय राज्य [[राजस्थान]] के [[चुरू ज़िला|चुरू ज़िले]] में लगता है। यह मेला [[कार्तिक|कार्तिक माह]] की [[पूर्णिमा]] को भरता है। यह [[सिक्ख धर्म]] का सबसे बड़ा मेला है।<br />
'''साहवा का मेला''' भारतीय राज्य [[राजस्थान]] के [[चुरू ज़िला|चुरू ज़िले]] में लगता है। यह मेला [[कार्तिक|कार्तिक माह]] की [[पूर्णिमा]] को भरता है। यह [[सिक्ख धर्म]] का सबसे बड़ा मेला है।<br />
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*साहवा, राजस्थान के अंतर्गत चुरू ज़िले की तारानगर तहसील का [[गाँव]] है। नीले आकाश के नीचे, बालू रेत से आवृत बड़े-बड़े टीले [[मानसून]] के साथ संलग्न भाग्य की रेखाएं, गर्मी में अधिक गर्म और शीत में ठिठुरन भरे जीवन से जुड़ा साहवा चूरू ज़िले के अंतिम छोर पर स्थित है।
*[[साहवा]], राजस्थान के अंतर्गत चुरू ज़िले की तारानगर तहसील का [[गाँव]] है। नीले आकाश के नीचे, बालू रेत से आवृत बड़े-बड़े टीले [[मानसून]] के साथ संलग्न भाग्य की रेखाएं, गर्मी में अधिक गर्म और शीत में ठिठुरन भरे जीवन से जुड़ा साहवा चूरू ज़िले के अंतिम छोर पर स्थित है।


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14:54, 29 मई 2021 के समय का अवतरण

साहवा का मेला भारतीय राज्य राजस्थान के चुरू ज़िले में लगता है। यह मेला कार्तिक माह की पूर्णिमा को भरता है। यह सिक्ख धर्म का सबसे बड़ा मेला है।

  • साहवा, राजस्थान के अंतर्गत चुरू ज़िले की तारानगर तहसील का गाँव है। नीले आकाश के नीचे, बालू रेत से आवृत बड़े-बड़े टीले मानसून के साथ संलग्न भाग्य की रेखाएं, गर्मी में अधिक गर्म और शीत में ठिठुरन भरे जीवन से जुड़ा साहवा चूरू ज़िले के अंतिम छोर पर स्थित है।

इन्हें भी देखें: गरासिया, राजस्थान की जनजातियाँ एवं राजस्थान की संस्कृति


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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