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'कोल' शिकारी वर्ग की जनजाति है, जो हकवा करके जानवरों का अथवा गोटी-गुलेल से उड़ती चिड़ियों का शिकार करती थी। इस [[नृत्य]] में कोलों के जीवन की झांकी देखी जा सकती है।<br />
#REDIRECT [[कोलदहकी नृत्य]]
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*गोला या अर्ध गोला बनाकर, [[ढोल]] बजाकर, बैठकर अथवा खड़े होकर, दिन भर के परिश्रम के बाद, चौपाल लगाकर यह नृत्य किया जाता है।
*इस नृत्य में औरतें और बच्चे तमाशबीन होते हैं।
 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==संबंधित लेख==
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18:54, 5 जून 2021 के समय का अवतरण

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