"नेरेला वेणु माधव": अवतरणों में अंतर
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'''नेरेला वेणु माधव''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Nerella Venu Madhav'', जन्म- [[28 दिसम्बर]], [[1932]]; मृत्यु- [[19 जून]], [[2018]]) भारतीय मिमिक्री कलाकार थे। सन [[1971]] में अविभाजित [[आंध्र प्रदेश]] में वह एमएलसी के रूप में कार्यरत थे। वह [[संयुक्त राष्ट्र]] में अपने उत्साही प्रदर्शन के बाद अंतरराष्ट्रीय ख्याति पर पहुंचे थे। नेरेला वेणु माधव ने [[2001]] में [[पद्म श्री]] समेत कई पुरस्कार किये। | {{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व | ||
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नेरेला वेणु माधव
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पूरा नाम | नेरेला वेणु माधव |
जन्म | 28 दिसम्बर, 1932 |
जन्म भूमि | वारांगल, हैदराबाद |
मृत्यु | 19 जून, 2018 |
मृत्यु स्थान | वारांगल, तेलंगाना |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | अभिनय |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म श्री (2001) |
प्रसिद्धि | हास्य कलाकार |
नागरिकता | भारतीय |
विशेष | नेरेला वेणु माधव का जन्मदिन 28 दिसंबर उनके कुछ छात्रों द्वारा "विश्व मिमिक्री दिवस" के रूप में मनाया जाता है। |
अन्य जानकारी | नेरेला वेणु माधव ने तेलुगु विश्वविद्यालय में मिमिक्री संकाय के रूप में भी काम करना शुरू किया। वह तेलुगु, उर्दू और अंग्रेज़ी साहित्य से प्यार करते थे। |
नेरेला वेणु माधव (अंग्रेज़ी: Nerella Venu Madhav, जन्म- 28 दिसम्बर, 1932; मृत्यु- 19 जून, 2018) भारतीय मिमिक्री कलाकार थे। सन 1971 में अविभाजित आंध्र प्रदेश में वह एमएलसी के रूप में कार्यरत थे। वह संयुक्त राष्ट्र में अपने उत्साही प्रदर्शन के बाद अंतरराष्ट्रीय ख्याति पर पहुंचे थे। नेरेला वेणु माधव ने 2001 में पद्म श्री समेत कई पुरस्कार किये।
परिचय
नेरेला वेणु माधव ने मशहूर हस्तियों, राजनेताओं, स्थानीय बोलियों, निज़ामों की नकल करते हुए लोकप्रियता हासिल की और संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में प्रदर्शन करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने तेलुगु विश्वविद्यालय में डिप्लोमा कोर्स शुरू किया, जो दुनिया में पहला था। उन्हें अक्सर "भारतीय मिमिक्री का जनक" माना जाता है।उन्हें भारत में मिमिक्री के अग्रणी और उस्ताद के रूप में भी जाना जाता है।
कॅरियर
नेरेला वेणु माधव ने अपने कॅरियर की शुरुआत 1947 में 16 साल की उम्र में की थी। उन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल की। एक गाँव से आकर मशहूर हस्तियों, राजनेताओं आदि की स्थानीय तेलंगाना बोली की नकल की। उन्होंने 1953 में हनमकोंडा के मटेवाड़ मिडिल स्कूल में एक स्कूल शिक्षक के रूप में भी काम किया। उन्होंने तेलुगु विश्वविद्यालय में मिमिक्री संकाय के रूप में भी काम करना शुरू किया। वह तेलुगु, उर्दू और अंग्रेज़ी साहित्य से प्यार करते थे।
भारतीय शास्त्रीय संगीत की बहुत प्रशंसा करते थे। वह दुनिया के पहले मिमिक थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संगठन, न्यूयॉर्क शहर में प्रदर्शन किया था। उन्हें फिल्म निर्माता बी. एन. रेड्डी ने फिल्मों में अभिनय करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कृष्णा और जयललिता अभिनीत गुडाचारी 116 जैसी 12 टॉलीवुड फिल्मों में अभिनय किया। नेरेला वेणु माधव ने 'मिमिक्री कला' नामक तेलुगु भाषा में मिमिक्री कला पर एक भी पुस्तक लिखी।
सम्मान
- 2001 में भारत सरकार की ओर से कला प्रदर्शन के लिए पद्म श्री
- श्री राजा-लक्ष्मी फाउंडेशन, चेन्नई द्वारा 1981 में राजा-लक्ष्मी पुरस्कार
- 1978 में आंध्र विश्वविद्यालय (विशाखापत्तनम) से कला प्रपूर्ण उपाधि
- आंध्र विश्वविद्यालय, इग्नू और काकतीय विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टरेट
- तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम द्वारा गजरोहणम
- ग्रेटर वारंगल नगर निगम ने वारंगल शहर की एक सड़क का नाम उनके नाम पर रखा है।
- 2018 में तेलंगाना स्थापना दिवस पर तेलंगाना सरकार का अभिनंदन
- दिसंबर 2017 में डाक कवर जारी कर भारतीय डाक को सम्मानित किया गया।
मृत्यु
19 जून, 2018 को वारंगल में एक संक्षिप्त बीमारी के बाद नेरेला वेणु माधव का निधन हो गया। उन्होंने अपना सारा जीवन वारंगल में बिताया था।
विश्व मिमिक्री दिवस
सन 1972 से 1978 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव द्वारा नेरेला वेणु माधव को आंध्र प्रदेश विधान परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया गया था। नेरेला वेणु माधव का जन्मदिन 28 दिसंबर उनके कुछ छात्रों द्वारा "विश्व मिमिक्री दिवस" के रूप में मनाया जाता है।
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