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'''चन्द्रशेखर कम्बार''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Chandrashekhara Kambara'', जन्म- [[2 जनवरी]], [[1937]]) [[कन्नड़ भाषा]] के [[कवि]], नाटककार एवं लोक साहित्यकार हैं। उन्होंने कन्नड़ भाषा में फिल्मों का निर्देशन भी किया है। वे [[हम्पी]] में कन्नड़ विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति भी रहे। चन्द्रशेखर कम्बार के उल्लेखनीय साहित्यिक योगदान के लिये उन्हें [[2010]] में [[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] प्रदान किया गया था। इनके द्वारा रचित एक [[नाटक]] 'सिरिसंपिगे' के लिये उन्हें सन [[1991]] में [[साहित्य अकादमी पुरस्कार]] (कन्नड़) से सम्मानित किया गया था। | {{सूचना बक्सा साहित्यकार | ||
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}}'''चन्द्रशेखर कम्बार''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Chandrashekhara Kambara'', जन्म- [[2 जनवरी]], [[1937]]) [[कन्नड़ भाषा]] के [[कवि]], [[नाटककार]] एवं लोक साहित्यकार हैं। उन्होंने कन्नड़ भाषा में फिल्मों का निर्देशन भी किया है। वे [[हम्पी]] में कन्नड़ विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति भी रहे। चन्द्रशेखर कम्बार के उल्लेखनीय साहित्यिक योगदान के लिये उन्हें [[2010]] में [[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] प्रदान किया गया था। इनके द्वारा रचित एक [[नाटक]] 'सिरिसंपिगे' के लिये उन्हें सन [[1991]] में [[साहित्य अकादमी पुरस्कार]] (कन्नड़) से सम्मानित किया गया था। | |||
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चन्द्रशेखर कम्बार
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पूरा नाम | चन्द्रशेखर कम्बार |
जन्म | 2 जनवरी, 1937 |
जन्म भूमि | गाँव घोडागेरी, ज़िला बेलगाम, कर्नाटक |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | कन्नड़ साहित्य |
पुरस्कार-उपाधि |
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प्रसिद्धि | कवि, नाटककार एवं लोक साहित्यकार |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | चन्द्रशेखर कम्बार के कुछ लोकप्रिय नाटकों में "जोकुमारस्वामी", "जयसिदनायक", "कडु कुदुरे", "नई कथे", "महामाई", "हरकेय कुरी" और अन्य शामिल हैं। |
अद्यतन | 15:38, 3 जनवरी 2022 (IST)
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इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
चन्द्रशेखर कम्बार (अंग्रेज़ी: Chandrashekhara Kambara, जन्म- 2 जनवरी, 1937) कन्नड़ भाषा के कवि, नाटककार एवं लोक साहित्यकार हैं। उन्होंने कन्नड़ भाषा में फिल्मों का निर्देशन भी किया है। वे हम्पी में कन्नड़ विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति भी रहे। चन्द्रशेखर कम्बार के उल्लेखनीय साहित्यिक योगदान के लिये उन्हें 2010 में ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया था। इनके द्वारा रचित एक नाटक 'सिरिसंपिगे' के लिये उन्हें सन 1991 में साहित्य अकादमी पुरस्कार (कन्नड़) से सम्मानित किया गया था।
परिचय
- चन्द्रशेखर कम्बार का जन्म बॉम्बे प्रेसीडेंसी (आज कर्नाटक में) के बेलगाम जिले के एक गाँव घोडागेरी में हुआ था।
- शिकागो विश्वविद्यालय में अध्यापन के एक संक्षिप्त कार्यकाल के बाद उन्होंने दो दशकों से अधिक समय तक बैंगलोर विश्वविद्यालय में पढ़ाया।
- उन्हें 12 फरवरी 2018 को साहित्य अकादमी के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।
- उनके नाम 25 नाटक, 11 कविता संग्रह, 5 उपन्यास, 16 शोध कार्य और लोक रंगमंच, साहित्य और शिक्षा पर कई विद्वतापूर्ण लेखन हैं।
- चन्द्रशेखर कम्बार के कुछ लोकप्रिय नाटकों में "जोकुमारस्वामी", "जयसिदनायक", "कडु कुदुरे", "नई कथे", "महामाई", "हरकेय कुरी" और अन्य शामिल हैं।
पुरस्कार और सम्मान
- पद्म भूषण (2021)
- संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप (2011)
- ज्ञानपीठ पुरस्कार (2010)
- पद्म श्री (2001)
- साहित्य अकादमी पुरस्कार (1991)
- संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1983)
- देवराज उर्स पुरस्कार (कर्नाटक, ]]2007)
- नादोजा पुरस्कार (2004)
- संत कबीर पुरस्कार (2002)
- मस्ती पुरस्कार (कर्नाटक, (1997)
- कर्नाटक साहित्य अकादमी (1989)
- नंदीकर पुरस्कार (कलकत्ता, (1987)
- कर्नाटक नाटक अकादमी (1987)
- कन्नड़ साहित्य परिषद (1975)
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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