"कला-संस्कृति और धर्म सामान्य ज्ञान 8": अवतरणों में अंतर
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{ [[चित्रकला पहाड़ी शैली#कांगड़ा शैली|कांगड़ा चित्रकला शैली]] में किस प्रकार के चित्रों की प्रधानता रहती है? | { [[चित्रकला पहाड़ी शैली#कांगड़ा शैली|कांगड़ा चित्रकला शैली]] में किस प्रकार के चित्रों की प्रधानता रहती है? | ||
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|| गुर्जर या गुजरात शैली के नाम से अभिहित की जाने वाली [[चित्रकला]] की इस शैली में पर्वत, नदी, सागर, [[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]], अग्रि, बादल, [[क्षितिज]], वृक्ष आदि विशेषरूप से बनाये गये हैं। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[चित्रकला गुजरात शैली]] | || गुर्जर या गुजरात शैली के नाम से अभिहित की जाने वाली [[चित्रकला]] की इस शैली में पर्वत, नदी, सागर, [[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]], अग्रि, बादल, [[क्षितिज]], वृक्ष आदि विशेषरूप से बनाये गये हैं। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[चित्रकला गुजरात शैली]] | ||
{ '[[शाहजहाँ]] का ताज का देखना', '[[बुद्ध]] और सुजाता', '[[कमल]] के पत्ते पर अश्रुकण', 'वन साम्राज्ञी' आदि किस | { '[[शाहजहाँ]] का ताज का देखना', '[[बुद्ध]] और सुजाता', '[[कमल]] के पत्ते पर अश्रुकण', 'वन साम्राज्ञी' आदि किस चित्रकार की चर्चित कृतियाँ है? | ||
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- नन्दलाल बोस | - [[नन्दलाल बोस]] | ||
- [[राजा रवि वर्मा]] | - [[राजा रवि वर्मा]] | ||
- | - [[जामिनी रॉय]] | ||
+ [[अवनीन्द्रनाथ ठाकुर]] | + [[अवनीन्द्रनाथ ठाकुर]] | ||
|| '''अवनीन्द्रनाथ ठाकुर''' ([[1871]]-[[1931]]) एक प्रख्यात कलाकार तथा साहित्यकार थे। इन्होंने 'इंडियन सोसायटी ऑफ़ ओरियण्टल आर्टस' की स्थापना की थी। [[कला]] और [[चित्रकला]] की भारतीय पद्धति को इन्होंने पुन: प्रतिष्ठित करके संसार में उसे उचित सम्मान दिलाया। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[अवनीन्द्रनाथ ठाकुर]] | || '''अवनीन्द्रनाथ ठाकुर''' ([[1871]]-[[1931]]) एक प्रख्यात कलाकार तथा साहित्यकार थे। इन्होंने 'इंडियन सोसायटी ऑफ़ ओरियण्टल आर्टस' की स्थापना की थी। [[कला]] और [[चित्रकला]] की भारतीय पद्धति को इन्होंने पुन: प्रतिष्ठित करके संसार में उसे उचित सम्मान दिलाया। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[अवनीन्द्रनाथ ठाकुर]] | ||
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{ [[वाघ की गुफ़ाएं|बाघ गुफ़ाएँ]] प्रसिद्ध है? | { [[वाघ की गुफ़ाएं|बाघ गुफ़ाएँ]] प्रसिद्ध है? | ||
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- | - मूर्तियों के लिए | ||
+ [[चित्रकला]] के लिए | + [[चित्रकला]] के लिए | ||
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- स्थापत्य के लिए | - स्थापत्य के लिए | ||
||[[चित्र:Bagh-Caves.jpg|border|right|80px|बाघ की गुफ़ाएं]]'बाघ की गुफ़ाएं' [[मध्य प्रदेश]] में [[इन्दौर]] के पास [[धार]] में स्थित हैं। यह गुफ़ाएं [[प्राचीन भारत]] के स्वर्णिम युग की अद्वितीय देन हैं। [[बाघ की गुफ़ाएं]] की कला में अजन्ता के समान केवल धार्मिक विषय ही नहीं हैं, यहाँ पर मानवोचित भावों के चित्रण में वेगपूर्ण प्रवाह भी है। यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य ने [[चित्रकला]] में जो योगदान दिया है, यहाँ पर चित्रित विराट दृश्य उसके प्रत्यक्ष प्रमाण है। नदी, पहाड़, जंगल आदि के असीमित भू-दृश्य बड़े मनोहर हैं। चाहें लता वल्लरी हो अथवा घोड़े व [[हाथी]], राजा हो या संन्यासी, [[नृत्य]]-[[संगीत]] हो या युद्ध क्षेत्र, [[करुण रस]] हो या [[श्रृंगार रस|श्रृंगार]] सभी में कलाकार की सहज कुशलता का परिचय मिलता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बाघ की गुफ़ाएं]] | |||
{ [[अजंता की गुफ़ाएं|अजंता]] चित्रकारी की विष्य-वस्तु निम्नलिखित में से किससे सम्बन्धित है? | { [[अजंता की गुफ़ाएं|अजंता]] चित्रकारी की विष्य-वस्तु निम्नलिखित में से किससे सम्बन्धित है? |
07:50, 5 जनवरी 2022 के समय का अवतरण
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
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- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- कला प्रांगण, कला कोश, संस्कृति प्रांगण, संस्कृति कोश, धर्म प्रांगण, धर्म कोश
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