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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
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| {'फुलकारी' लोक [[कला]] कहाँ प्रचलित है?
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| -[[गुजरात]]
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| -[[बिहार]]
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| +[[हरियाणा]]
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| -[[आन्ध्र प्रदेश]]
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| ||[[चित्र:Chandigarh-High-Court.jpg|right|100px|[[महान्यायालय चंडीगढ़|महान्यायालय]], [[चंडीगढ़]]]] उत्तर [[भारत]] के प्रांत [[पंजाब]] को 1966 में विभाजित करके हरियाणा राज्य बनाया गया था। इस राज्य की सीमा के उत्तर में [[पंजाब]] और [[हिमाचल प्रदेश]], पश्चिम तथा दक्षिण सीमा पर [[राजस्थान]] और पूर्व में [[उत्तराखंड]], [[उत्तर प्रदेश]] हैं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[हरियाणा]]
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| {[[गरबा नृत्य|गरबा]] [[लोक नृत्य|लोक नृत्य शैली]] कहाँ प्रचलित है?
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| -[[महाराष्ट्र]]
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| +[[गुजरात]]
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| -[[राजस्थान]]
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| -[[पंजाब]]
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| ||[[चित्र:Dwarkadhish-Temple-Dwarka-Gujarat-2.jpg|right|100px|[[द्वारिकाधीश मंदिर द्वारिका|द्वारिकाधीश मन्दिर]], [[द्वारका]], [[गुजरात]]]] गुजरात पश्चिमी [[भारत]] का एक प्रान्त है। इसकी उत्तरी-पश्चिमी सीमा [[पाकिस्तान]] से लगी है। [[राजस्थान]] और [[मध्य प्रदेश]] इसके उत्तर एवं उत्तर-पूर्व में स्थित हैं। [[महाराष्ट्र]] इसके पूर्व में है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[गुजरात]]
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| {हिन्दुस्तानी [[संगीत]] का सर्वाधिक प्राचीन घराना है?
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| |type="()"}
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| +ग्वालियर घराना
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| -आगरा घराना
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| -लखनऊ घराना
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| -जयपुर घराना
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| {[[ध्रुपद]] गायकी के लिए प्रसिद्ध घराना है?
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| |type="()"}
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| -मेवाती घराना
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| +ग्वालियर घराना
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| -जयपुर घराना
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| -किराना घराना
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| {[[बड़े ग़ुलाम अली ख़ाँ|बड़े ग़ुलाम अली]] किस घराना से सम्बन्धित थे?
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| |type="()"}
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| -जयपुर घराना से
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| -ग्वालियर घराना से
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| -आगरा घराना से
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| +पटियाला घराना से
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| { ज़ाकिर हुसैन कौन-सा [[वाद्य यंत्र]] बजाते हैं?
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| - [[बाँसुरी]]
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| - [[मृदंग]]
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| - [[वीणा]]
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| + [[तबला]]
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| || [[चित्र:Zakir-Hussain.jpg|right|75px|तबला]] आधुनिक काल में गायन, वादन तथा नृत्य की संगति में तबले का प्रयोग होता है। तबले के पूर्व यही स्थान पखावज अथवा [[मृदंग]] को प्राप्त था। कुछ दिनों से तबले का स्वतन्त्र-वादन भी अधिक लोक-प्रिय होता जा रहा है। स्थूल रूप से तबले को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है, दाहिना तबला जिसे कुछ लोग दाहिना भी कहते हैं, और बायां अथवा डग्गा। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[तबला]]
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| { [[रवि शंकर|पण्डित रवि शंकर]] को निम्नलिखित में से किस [[वाद्य यंत्र]] को बजाने में विशिष्टता प्राप्त हैं?
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| |type="()"}
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| - [[सरोद]]
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| - [[तबला]]
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| + [[सितार]]
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| - वायलिन
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| || [[चित्र:Pandit-Ravi-Shankar.jpg|right|100px|रवि शंकर]] पंडित रविशंकर (जन्म- [[7 अप्रॅल]], [[1920]] [[बनारस]]) विश्व में भारतीय शास्त्रीय संगीत की उत्कृष्टता के सबसे बड़े उदघोषक हैं। एक [[सितार वादक]] के रूप में उन्होंने ख्याति अर्जित की है। रवि शंकर और सितार मानों एक-दूसरे के लिए ही बने हैं। वह इस [[सदी]] के सबसे महान संगीतज्ञों में गिने जाते हैं। रविशंकर को विदेशों में बहुत अधिक प्रसिद्धि प्राप्त हुई है। विदेशों में वे अत्यन्त लोकप्रिय एवं सफल रहे हैं। रविशंकर के [[संगीत]] में उन्हें एक प्रकार की आध्यात्मिक शान्ति प्राप्त होती है। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[रवि शंकर]]
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| { वह [[वाद्य यंत्र]] जिस पर उस्ताद [[अमजद अली ख़ाँ]] ने निपुणता हासिल की है?
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| |type="()"}
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| - [[सितार]]
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| - [[शहनाई]]
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| - वायलिन
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| + [[सरोद]]
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| { किस [[वाद्य यंत्र]] वादक को [[पद्म श्री]] से लेकर [[भारत रत्न]] तक के सभी राष्ट्रीय सम्मानों से अलंकृत किया जा चुका है?
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| |type="()"}
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| - [[रवि शंकर|पण्डित रविशंकर]]
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| + [[बिस्मिल्ला खान]]
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| - [[शिवकुमार शर्मा]]
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| - [[हरि प्रसाद चौरसिया|हरिप्रसाद चौरसिया]]
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| { [[राजा रवि वर्मा]] निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में प्रख्यात थे?
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| |type="()"}
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| - [[नृत्य कला|नृत्य]]
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| - राजनीति
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| - [[संगीत]]
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| + [[चित्रकला]]
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| || [[चित्र:Raja-Ravi-Varma-1.jpg|right|100px|राजा रवि वर्मा]] राजा रवि वर्मा (1848-[[1906]]) [[केरल]] प्रदेश के विख्यात चित्रकार थे। उन्होंने भारतीय [[साहित्य]] और [[संस्कृति]] के पात्रों का चित्रण किया। उनके चित्रों की सबसे बड़ी विशेषता [[हिन्दू]] महाकाव्यों और धर्म ग्रंथों पर बनाए गए चित्र हैं। हिन्दू मिथकों का बहुत ही प्रभावशाली इस्तेमाल उनके चित्रों में दिखता हैं। इस संग्रहालय में उनके चित्रों का बहुत बड़ा संग्रह है। राजा रवि वर्मा का जन्म [[29 अप्रैल]] 1848 को केरल के एक छोटे से गांव किलिमन्नूर में हुआ। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[राजा रवि वर्मा]]
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| { [[चित्रकला पहाड़ी शैली#कांगड़ा शैली|कांगड़ा चित्रकला शैली]] में किस प्रकार के चित्रों की प्रधानता रहती है? | | { [[चित्रकला पहाड़ी शैली#कांगड़ा शैली|कांगड़ा चित्रकला शैली]] में किस प्रकार के चित्रों की प्रधानता रहती है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
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| { '[[शाहजहाँ]] का ताज का देखना', '[[बुद्ध]] और सुजाता', '[[कमल]] के पत्ते पर अश्रुकण', 'वन साम्राज्ञी' आदि किस चित्रकार की चर्चित कृतियाँ है? | | { '[[शाहजहाँ]] का ताज का देखना', '[[बुद्ध]] और सुजाता', '[[कमल]] के पत्ते पर अश्रुकण', 'वन साम्राज्ञी' आदि किस चित्रकार की चर्चित कृतियाँ है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| - नन्दलाल बोस | | - [[नन्दलाल बोस]] |
| - [[राजा रवि वर्मा]] | | - [[राजा रवि वर्मा]] |
| - जैमिनी राय | | - [[जामिनी रॉय]] |
| + [[अवनीन्द्रनाथ ठाकुर]] | | + [[अवनीन्द्रनाथ ठाकुर]] |
| || '''अवनीन्द्रनाथ ठाकुर''' ([[1871]]-[[1931]]) एक प्रख्यात कलाकार तथा साहित्यकार थे। इन्होंने 'इंडियन सोसायटी ऑफ़ ओरियण्टल आर्टस' की स्थापना की थी। [[कला]] और [[चित्रकला]] की भारतीय पद्धति को इन्होंने पुन: प्रतिष्ठित करके संसार में उसे उचित सम्मान दिलाया। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[अवनीन्द्रनाथ ठाकुर]] | | || '''अवनीन्द्रनाथ ठाकुर''' ([[1871]]-[[1931]]) एक प्रख्यात कलाकार तथा साहित्यकार थे। इन्होंने 'इंडियन सोसायटी ऑफ़ ओरियण्टल आर्टस' की स्थापना की थी। [[कला]] और [[चित्रकला]] की भारतीय पद्धति को इन्होंने पुन: प्रतिष्ठित करके संसार में उसे उचित सम्मान दिलाया। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[अवनीन्द्रनाथ ठाकुर]] |
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| { [[वाघ की गुफ़ाएं|बाघ गुफ़ाएँ]] प्रसिद्ध है? | | { [[वाघ की गुफ़ाएं|बाघ गुफ़ाएँ]] प्रसिद्ध है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| - मुर्तियों के लिए | | - मूर्तियों के लिए |
| + [[चित्रकला]] के लिए | | + [[चित्रकला]] के लिए |
| - [[अभिलेख|अभिलेखों]] के लिए | | - [[अभिलेख|अभिलेखों]] के लिए |
| - स्थापत्य के लिए | | - स्थापत्य के लिए |
| | ||[[चित्र:Bagh-Caves.jpg|border|right|80px|बाघ की गुफ़ाएं]]'बाघ की गुफ़ाएं' [[मध्य प्रदेश]] में [[इन्दौर]] के पास [[धार]] में स्थित हैं। यह गुफ़ाएं [[प्राचीन भारत]] के स्वर्णिम युग की अद्वितीय देन हैं। [[बाघ की गुफ़ाएं]] की कला में अजन्ता के समान केवल धार्मिक विषय ही नहीं हैं, यहाँ पर मानवोचित भावों के चित्रण में वेगपूर्ण प्रवाह भी है। यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य ने [[चित्रकला]] में जो योगदान दिया है, यहाँ पर चित्रित विराट दृश्य उसके प्रत्यक्ष प्रमाण है। नदी, पहाड़, जंगल आदि के असीमित भू-दृश्य बड़े मनोहर हैं। चाहें लता वल्लरी हो अथवा घोड़े व [[हाथी]], राजा हो या संन्यासी, [[नृत्य]]-[[संगीत]] हो या युद्ध क्षेत्र, [[करुण रस]] हो या [[श्रृंगार रस|श्रृंगार]] सभी में कलाकार की सहज कुशलता का परिचय मिलता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बाघ की गुफ़ाएं]] |
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| { [[अजंता की गुफ़ाएं|अजंता]] चित्रकारी की विष्य-वस्तु निम्नलिखित में से किससे सम्बन्धित है? | | { [[अजंता की गुफ़ाएं|अजंता]] चित्रकारी की विष्य-वस्तु निम्नलिखित में से किससे सम्बन्धित है? |