"नागालैंड": अवतरणों में अंतर
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|राजधानी=[[कोहिमा]] | |राजधानी=[[कोहिमा]] | ||
|जनसंख्या=19,88,636 | |स्थापना=[[1 दिसंबर]], [[1963]] | ||
|जनसंख्या घनत्व=120 | |राजभाषा(एँ)=[[अंग्रेज़ी]], अंगमी, चंग, कुकी कोन्यक | ||
|क्षेत्रफल=16, | |जनसंख्या=19,88,636 <ref name="नागालैंड">{{cite web |url=http://nagaland.nic.in/profile/aglance.htm |title=Nagaland at a glance |accessmonthday=25 मई |accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=नागालैंड की आधिकारिक वेबसाइट |language=अंग्रेज़ी}}</ref> | ||
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| | |तापमान= 4 °C - 31 °C | ||
|ग्रीष्म=16 °C | |ग्रीष्म=16 - 31 °C | ||
|शरद=4 °C | |शरद=4 - 24 °C | ||
|राज्यपाल=[[ | |राज्यपाल=[[जगदीश मुखी]] | ||
|मुख्यमंत्री=[[नेफियू रियो]] | |||
|विधान सभा सदस्य संख्या=60 | |||
|विधान परिषद सदस्य संख्या= | |||
|लोकसभा क्षेत्र=1 | |||
|राज्यसभा सदस्य=1 | |||
|शीर्षक 1=उच्च न्यायालय | |||
|पाठ 1=गुवाहाटी उच्च न्यायालय (कोहिमा बेंच) | |||
|शीर्षक 2=मुख्य फसलें | |||
|पाठ 2=[[चावल]], [[मक्का]], [[बाजरा]], [[दाल]], [[रबर]], [[चाय]] आदि | |||
|शीर्षक 3=उपमुख्यमंत्री | |||
|पाठ 3=वाई. पत्तन | |||
|अन्य जानकारी= नागालैंड का लगभग समूचा हिस्सा पर्वतीय है। नागालैंड को 'पूरब का स्विट्जरलैंड' भी कहा जाता है। | |||
|बाहरी कड़ियाँ=[http://nagaland.nic.in/ अधिकारिक वेबसाइट] | |बाहरी कड़ियाँ=[http://nagaland.nic.in/ अधिकारिक वेबसाइट] | ||
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}} | }} | ||
'''नागालैंड''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Nagaland'') [[1 दिसंबर]], [[1963]] को भारतीय गणराज्य का 16वाँ [[राज्य]] बना। इस राज्य के पूर्व में [[म्यांमार]], उत्तर में [[अरुणाचल प्रदेश]], पश्चिम में [[असम]] और दक्षिण में [[मणिपुर]] से घिरा हुआ है। इसकी राजधानी [[कोहिमा]] है और इसे 'पूरब का स्विट्जरलैंड' भी कहा जाता है। नागालैंड राज्य का क्षेत्रफल 16,579 वर्ग कि.मी. है। 2001 का जनगणना के अनुसार इस राज्य की आबादी 19,88,636 है। असम घाटी की सीमा से लगे क्षेत्र के अलावा इस राज्य का क्षेत्र अधिकांशत: पहाड़ी है। इसकी सबसे ऊंची पहाड़ी का नाम सरमती है जिसकी ऊंचाई 3,840 मीटर है। यह पर्वत श्रृंखला नागालैंड और म्यांमार के मध्य एक प्राकृतिक सीमा रेखा का निर्माण देती है। 12वीं-13वीं शताब्दी में यहाँ के निवासियों का असम के '[[अहोम]]' लोगों से धीरे-धीरे संपर्क हुआ, लेकिन इससे इन लोगों के रहन-सहन पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा। उन्नीसवीं शताब्दी में [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] के आगमन पर यह राज्य ब्रिटिश प्रशासन के अधीन आ गया। स्वंतत्रता के पश्चात् 1957 में यह क्षेत्र केंद्रशासित प्रदेश बन गया और असम के राज्यपाल द्वारा इसका प्रशासन देखा जाने लगा। यह 'नगा हिल्स तुएनसांग' क्षेत्र कहलाया। यह प्रशासन नागरिकों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा और यहाँ असंतोष पनपने लगा। अत: 1961 में इसका नाम बदलकर ‘नगालैंड’ रखा गया और इसे 'भारतीय संघ' के राज्य का दर्जा दिया गया, जिसका विधिवत उद्घाटन [[1 दिसंबर]], 1963 को हुआ। | |||
नागालैंड [[1 दिसंबर]], [[1963]] को भारतीय | ==भूगोल== | ||
नागालैंड का लगभग समूचा हिस्सा पर्वतीय है। उत्तर में नागा पहाड़ियाँ ब्रह्मपुत्र घाटी से अचानक लगभग 610 मीटर की ऊंचाई तक उठती हैं और उसके बाद दक्षिण-पूर्व दिशा में इनकी ऊंचाई 1,800 मीटर तक हो जाती है, म्यांमार सीमा के पास ये पहाड़ियां [[पटकोई पर्वत श्रृंखला]] से मिल जाती हैं और यहाँ इनकी सबसे ऊंची चोटी माउंट सारामती है, जिसकी ऊंचाई 3,826 मीटर है। यह क्षेत्र कई नदियों द्वारा गहरे रूप में विभक्त है- उत्तर में दोयांग और दिखु, दक्षिण-पश्चिम में बरक और दक्षिण-पूर्व में चिंदविन नदी (म्यांमार में) की सहायक धाराएं। | |||
नागालैंड राज्य का क्षेत्रफल 16,579 वर्ग कि.मी. है। 2001 का जनगणना के अनुसार इस राज्य की आबादी 19,88,636 है। असम घाटी की सीमा से लगे क्षेत्र के अलावा इस राज्य का क्षेत्र अधिकांशत: पहाड़ी है। इसकी सबसे ऊंची पहाड़ी का नाम सरमती है जिसकी ऊंचाई 3,840 मीटर है। यह पर्वत श्रृंखला नागालैंड और म्यांमार के मध्य एक प्राकृतिक सीमा रेखा का निर्माण देती है। | [[चित्र:View-Of-Nagaland.jpg|thumb|left|250px|नागालैंड का एक दृश्य]] | ||
====जलवायु==== | |||
नागालैंड की जलवायु मानसूनी है। औसत वार्षिक [[वर्षा]] 1,800 से 2,500 मिमी तक होती है और यह दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून<ref>[[मई]] से [[सितंबर]]</ref> के महीनों में संकेंद्रित होती है। ऊँचाई के साथ-साथ औसत [[तापमान]] घटता जाता है; गर्मी के दिनों में तापमान 21° से. से 40° से. तक होता है, जबकि [[शीत ऋतु]] में यह कभी-कभार ही 4° से, से नीचे जाता है, लेकिन अधिक ऊँचाई वाले स्थानों में आमतौर पर पाला पड़ता है। सामान्य रुप से आर्द्रता काफ़ी होती है। | |||
====वन्य एवं प्राणी जीवन==== | |||
== | नागालैंड का दर्ज वन क्षेत्र 8,629 वर्ग किमी है, जबकि वास्तविक वनाच्छादित क्षेत्र 14,221 वर्ग किमी है, जो समूचे भौगोलिक क्षेत्र का 85.8 प्रतिशत है। 1,219 मीटर से कम ऊँचाई पर उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय सदाबहार वन पाए जाते हैं, जिनमें ताड़ जाति के वृक्ष, बेंत और [[बांस]] तथा महोगनी जैसी कीमती इमारती लकड़ियों के वृक्ष पाए जाते हैं, ऊँचाई वाले क्षेत्रों में शंकुधारी वन मिलते हैं। जिन क्षेत्रों में झूम<ref>काटकर-जलाकर खेती के लिए जंगल साफ़ करने की पद्धति</ref> के लिए कटाई की गई है, वहाँ ऊंची घास, नरकुल और झाड़ीदार वन दुबारा उग आए हैं। वन्यजीव अभयारण्य 222 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले हुए हैं। निचली पहाड़ियों में गैंडे, [[हाथी]], [[बाघ]], [[तेंदुआ]], [[भालू]], कई तरह के [[बंदर]], सांबर, भैसे और जंगली सांड पाए जाते हैं। इस राज्य में [[साही]], पेंगोलिन (शल्कधारी चींटीखोर), जंगली कुत्ते, लोमड़ी मुश्क बिलाव नेवले भी पाए जाते है। विशाल भारतीय धनेश पक्षी की दुम के लंबे परों को पारंपरिक वेशभूषा में इस्तेमाल के लिए संभालकर रखा जाता है। | ||
==अर्थव्यवस्था== | |||
====कृषि==== | |||
नागालैंड मूलत: [[कृषि]] प्रधान राज्य है। लगभग 70 प्रतिशत जनता कृषि पर निर्भर है। राज्य में कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। [[चावल]] यहाँ का मुख्य भोजन है। कुल कृषि योग्य क्षेत्र के 70 प्रतिशत में धान की खेती होती है और राज्य के कुल खाद्यान्न उत्पादन का 75 प्रतिशत चावल है। यहाँ मुख्यत: ‘स्लेश और 'बर्न' खेती प्रचलित है, जिसे स्थानीय तौर पर 'झूम' के नाम से जाना जाता है। क़रीब 1,01,400 हेक्टेयर क्षेत्र में झूम खेती और शेष में सीढ़ीदार खेती होती है। इस वर्ष राज्य का खाद्य उत्पादन 3,86,300 मीट्रिक टन था। 16,57,587 हेक्टेयर के कुल भूमि क्षेत्र में से क़्ररीब 8,35,436 हेक्टेयर क्षेत्र में वन है। कोहिमा ज़िले में 'इंतंकी' और 'पुलीबादजे', तुएनसांग में फाकिम और दीमापुर में रंगापहाड़ नामक वन्यजीव अभयारण्य तथा राष्ट्रीय उद्यान हैं। | |||
[[चित्र: | |||
==कृषि== | |||
यहाँ मुख्यत: ‘स्लेश और 'बर्न' खेती प्रचलित है, जिसे स्थानीय तौर पर 'झूम' के नाम से जाना जाता है। | |||
16,57,587 हेक्टेयर के कुल भूमि क्षेत्र में से क़्ररीब 8,35,436 हेक्टेयर क्षेत्र में वन है। | |||
{{राज्य मानचित्र|float=right}} | {{राज्य मानचित्र|float=right}} | ||
नागालैंड औद्योगिक विकास निगम उद्यमियों का मार्गदर्शन करता है और वित्तीय मदद करने वाली सबसे बड़ी संस्था है। दीमापुर के फल और सब्जी प्रसंस्करण और कोल्ड स्टोरेज संयंत्र की स्थापित क्षमता क्रमश: 5 मीट्रिक टन फल और सब्जी के प्रसंस्करण और 3000 मीट्रिक टन प्रतिदिन के कोल्ड स्टोरेज की है। | नागालैंड राज्य की लगभग 90 प्रतिशत जनता कृषि में लगी है। यहाँ की मुख्य फ़सलें चावल (खरीफ चावल :701,00 हेक्टेयर: रबी चावल: 58,900 हेक्टेयर), मक्का (24,900 हेक्टेयर), [[ज्वार]]-बाजरा (14,00 हेक्टेयर), दलहन (मटर और फलियाँ जैसी [[दाल|दालें]]) तिलहन (11,580 हेक्टेयर) रेशेदार फ़सलें, [[गन्ना]], [[आलू]] और [[तंबाकू]] हैं लेकिन नागालैंड को अब भी पड़ोसी राज्यों से खाद्य-पदार्थों के आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। यहाँ 8,16,212 एकड़ (3,30,450 हेक्टेयर) भूमि पर कृषि होता है, जबकि 54,400 हेक्टेयर भूमि सिंचित है। उर्वरा शक्ति में कमी आई है। दक्षिणी ज़िले [[कोहिमा]] के अंगामी और चाखेसांग लोग ही सीढ़ीदार खेत और सिंचाई तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। पारंपरिक उपकरणों में हल्के कुदाल, दाब (बहुपयोगी भारी चाकू) और हंसिया शामिल हैं। मैदानी हिस्सों को छोड़कर अन्य जगहों पर हल का इस्तेमाल नहीं होता है। वानिकी आय और रोज़गार का प्राथमिक साधन है। | ||
==बिजली== | ====खनिज==== | ||
1981 में नागालैंड के सभी गांवों में बिजली दी गई थी। नागालैंड में अब तक शत प्रतिशत गांवों को बिजली दी गई है, जिसमें दूरस्थ गांव भी हैं। | नागालैंड में [[क्रोमियम]], [[निकल]], [[कोबाल्ट]], [[लोहा|लौह]] अयस्क और चूना-पत्थर पाए जाते हैं, लेकिन फिलहाल सिर्फ निम्न श्रेणी के कोयला भंडारों का ही खनन किया जा रहा है। पश्चिमी ज़िले वोखा में खनिज तेल मिला है और [[असम]] के पास दिखू घाटी में तेल के रिसावों से पता चलता है कि यहाँ तेल के खनन योग्य भंडार मौजूद हैं। | ||
==सिंचाई== | ====उद्योग==== | ||
राज्य में कोई भी सिंचाई परियोजना नहीं है। छोटी सिंचाई परियोजनाओं से मुख्यत: पहाड़ी झरनों की धारा | [[दीमापुर]] में एक लाख ईंटें प्रतिदिन उत्पादित करने की क्षमता वाली 'नागालैंड मैकेनाइज्ड ब्रिक्स कंपनी लि.' प्रारम्भ कर दी गई है। हथकरघा और हस्तशिल्प महत्वपूर्ण कुटीर उद्योग है, जो अधिकतर सहकारी समितियों द्वारा चलाए जा रहे हैं। दीमापुर स्थित नागालैंड हथकरघा और हस्तशिल्प विकास निगम लि. सरकार के स्वामित्व वाला निगम है, जो राज्य में हथकरघा और हस्तशिल्प के उत्पादों को बढावा देने और उनके विपणन का काम करता है। दीमापुर के निकट गणेश में एक औद्योगिक विकास केंद्र बनकर तैयार हो गया है। नागालैंड औद्योगिक विकास निगम उद्यमियों का मार्गदर्शन करता है और वित्तीय मदद करने वाली सबसे बड़ी संस्था है। दीमापुर के [[भारत के फल|फल]] और [[भारत की शाक-सब्ज़ी|सब्जी]] प्रसंस्करण और कोल्ड स्टोरेज संयंत्र की स्थापित क्षमता क्रमश: 5 मीट्रिक टन फल और सब्जी के प्रसंस्करण और 3000 मीट्रिक टन प्रतिदिन के कोल्ड स्टोरेज की है। 1970 के दशक के आरंभिक वर्षों तक नागालैंड में सिर्फ बुनाई, लकड़ी का काम, टोकरी निर्माण और [[मिट्टी]] के बर्तन बनाने जैसे कुटीर उद्योग ही मौजूद थे। कच्चे माल, वित्तीय संसाधन और बिजली की कमी तथा बदहाल यातायात व संचार व्यवस्था ने औद्योगिक विकास में बाधा पहुँचाई है। | ||
==पेयजल समस्या== | ;औद्योगिक केंद्र | ||
राज्य के प्रमुख औद्योगिक केंद्र दीमापुर में अब एक चीनी मिल, शराब कारख़ाना, ईट कारख़ाना तथा टेलीविजन फैक्ट्री है। राज्य के अन्य उद्योगों में एक खांडसारी मिल, चावल मिल, डिब्बाबंद फल संयंत्र, काग़ज़ व लुगदी कारख़ाना एक प्लाईवुड कारख़ाना तथा कैबिनेट व फर्नीचर बनाने के कारखाने शामिल हैं। वर्तमान में यहाँ सिर्फ तीन औद्योगिक क्षेत्र हैं। राज्य में 23 रेशम उत्पादन फार्म भी स्थित है। | |||
[[चित्र:Occupation-In-Nagaland-2.jpg|thumb|250px|left|शॉल बनाती महिला, नागालैंड]] | |||
====बिजली==== | |||
1981 में नागालैंड के सभी गांवों में बिजली दी गई थी। नागालैंड में अब तक शत प्रतिशत गांवों को बिजली दी गई है, जिसमें दूरस्थ गांव भी हैं। विद्युत उत्पादन मुख्यत: डीजल संयंत्रों पर निर्भर करता है, हालांकि जलविद्युत उत्पादन में वृद्धि हुई है। नागालैंड की बिजली का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा असम में उत्पादन होता है। | |||
====सिंचाई==== | |||
राज्य में कोई भी सिंचाई परियोजना नहीं है। छोटी सिंचाई परियोजनाओं से मुख्यत: पहाड़ी झरनों की धारा मोड़ी जाती है, जो घाटी में धान की खेती में सिंचाई के काम आती है। कुल सिंचित क्षेत्र 93,231.43 हेक्टेयर है। | |||
====पेयजल समस्या==== | |||
पेयजल की बहुत समस्या रहती है। पीने का पानी की व्यवस्था सरकार करती है, किन्तु फिर भी कमी ही है। यहाँ के निवासी बरसात में छत से टपकने वाले पानी को एकत्र कर के रखते हैं। | पेयजल की बहुत समस्या रहती है। पीने का पानी की व्यवस्था सरकार करती है, किन्तु फिर भी कमी ही है। यहाँ के निवासी बरसात में छत से टपकने वाले पानी को एकत्र कर के रखते हैं। | ||
==जनजातियाँ== | |||
[[चित्र:Woman-Mon-Nagaland.jpg|thumb|250px|महिला, [[मोन]], नागालैंड]] | |||
'नगा' लोग भारतीय-मंगोल वर्ग के लोगों में से है, जो [[भारत]] की उत्तर-पूर्वी पहाडियों के क्षेत्र और पश्चिमी म्यांमार के ऊपरी भाग में निवास करते हैं। नगालैंड की प्रमुख जनजातियां है- अंगामी, आओ, चाखेसांग, चांग, खिआमनीउंगन, [[कुकी जनजाति|कुकी]], कोन्याक, लोथा, फौम, पोचुरी, रेंग्मा, संगताम, सुमी, यिमसचुंगरू और ज़ेलिआंग आदि। | |||
====भाषा==== | |||
नगा भाषा एक जनजाति से दूसरी जनजाति और कभी-कभी तो एक गांव से दूसरे गांव में भी अलग हो जाती है। तथापि इन्हें तिब्बत, बर्मा भाषा परिवार में वर्गीकृत किया गया है। यहाँ के नागरिक [[हिन्दी]] भाषा समझ लेते हैं, थोड़ी बहुत बोल भी लेते हैं। | |||
==परिवहन== | ==परिवहन== | ||
यातायात के लिए नागालैंड मुख्यत: सड़कों पर निर्भर है। | |||
====सड़क मार्ग==== | |||
*नागालैंड राज्य में सड़कों की कुल लंबाई 9,860 किलोमीटर है, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रांतीय राजमार्ग, ज़िला और ग्रामीण सड़कें शामिल हैं। | |||
*कुल 900 से अधिक गांवों को सड़कों से जोड़ा गया है। राज्य में 2,356 किलोमीटर पक्की सड़कें हैं। | |||
[[चित्र: | *दीमापुर से कोहिमा और फिर [[मणिपुर]] में [[इंफाल]] तक एक राष्ट्रीय राजमार्ग है। | ||
==त्योहार== | *अन्य सड़क मार्ग मोकोकंचुग को [[असम]] के आमगुरी से जोड़ता है। | ||
संगीत और नृत्य 'नगा' जनजीवन के मूलभूत अंग हैं। वीरता, सुंदरता, प्रेम और उदारता का गुणगान करने वाले लोकगीत और लोकगाथाएं पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली जा रही हैं। इसी तरह नृत्य हर उत्सव का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हर त्योहार पर दावत, नाच-गाना और उल्लास होता है। राज्य के कुछ महत्वपूर्ण त्योहार हैं - सेकरेन्यी, मोआत्सु, तोक्कू एमोंगा और तुलनी। | [[चित्र:Longwa-Nagaland.jpg|thumb|250px|left|[[लोंगवा]], नागालैंड]] | ||
====रेल मार्ग==== | |||
*असम से दीमापुर से होकर गुज़रने वाली नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे शेष [[भारत]] के साथ इस राज्य का एक मात्र रेल संबंध है। | |||
*नागालैंड में दीमापुर एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां रेल और विमान सेवाएँ उपलब्ध हैं। | |||
*[[कोलकाता]] से दीमापुर को जोड़ने के लिए सप्ताह में तीन दिन इंडियन एयरलाइंस की उड़ान सेवाएँ उपलब्ध हैं। | |||
====हवाई मार्ग==== | |||
*दीमापुर से असम के [[गुवाहाटी]] और [[पश्चिम बंगाल]] के [[कोलकाता]] के लिए हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं। | |||
==शिक्षा== | |||
*नागालैंड की जनसंख्या का 67.11 प्रतिशत हिस्सा साक्षर है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। | |||
*कई प्राथमिक विद्यालयों (1,299), माध्यमिक विद्यालयों (358) और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों (179) के साथ-साथ यहाँ कई स्नातक स्तर के महाविद्यालय भी हैं। | |||
*जिनमें सिटी कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स ऐंड कॉमर्स, कोहिमा साइंस कॉलेज, कोहिमा लॉ कॉलेज, मिकोकचुंग लॉ कॉलेज, नागालैंड कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, पब्लिक कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स शामिल हैं। | |||
*कोहिमा में नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी का परिसर भी स्थित है। | |||
*नागालैंड में [[नागालैंड विश्वविद्यालय]] है। | |||
==सांस्कृतिक जीवन== | |||
[[चित्र:Life-In-Nagaland.jpg|thumb|250px|सांस्कृतिक जनजीवन, नागालैंड]] | |||
नागालैंड में जनजातीय संगठन में कोल्याक के निरंकुश अंग (सरदार) और सेमा व चांग के आनुवंशिक मुखिया से लेकर अंगामी, आओ, ल्होरा और रेंगमा की लोकतांत्रिक संरचनाओं जैसी भिन्नताएँ पाई जाती हैं। मोरुंग (सामुदायिक भवन या युवा अविवाहित पुरुषों का शयनागार) गाँव का प्रमुख संस्थान होता है, जहाँ पहले खोपड़िया और युद्ध के अन्य विजय चिह्न टांगे जाते थे। इनके स्तम्भों पर अब भी [[बाघ]], धनेश, मानव तथा अन्य आकृतियों की नक़्क़ाशी की जाती है। नागा समाज में महिलाओं को अपेक्षाकृत ऊँचा और सम्मानजनक स्थान प्राप्त है। वे खेतों में पुरुषों के ही समान शर्तों पर काम करती हैं तथा जनजातीय परिषदों में भी उनका अच्छा-ख़ासा प्रभाव है। नागा जीवन की एक केन्द्रीय विशेषता पुण्य का भोज है, जिसमें कई रस्मों के बाद मिथुन (गयाल, बॉस फ़्रॉन्टलिस) की बलि दी जाती है। प्रत्येक जनजाति के अपने त्योहार या गेन्ना होते हैं, और नागा नृत्य, संगीत गीत तथा लोकगीतों में जीवन के उल्लास की झलक मिलती है। | |||
====त्योहार==== | |||
[[संगीत]] और [[नृत्यकला|नृत्य]] 'नगा' जनजीवन के मूलभूत अंग हैं। वीरता, सुंदरता, प्रेम और उदारता का गुणगान करने वाले लोकगीत और लोकगाथाएं पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली जा रही हैं। इसी तरह नृत्य हर उत्सव का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हर त्योहार पर दावत, नाच-गाना और उल्लास होता है। राज्य के कुछ महत्वपूर्ण त्योहार हैं - सेकरेन्यी, मोआत्सु, तोक्कू एमोंगा और तुलनी। | |||
==पर्यटन स्थल== | ==पर्यटन स्थल== | ||
प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट (आर.ए.पी.) में ढील देने से राज्य में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों का आना-जाना शुरू हो गया है, यहाँ देशी विदेशी पर्यटक प्रतिवर्ष बडी संख्या में आते हैं। | प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट (आर.ए.पी.) में ढील देने से राज्य में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों का आना-जाना शुरू हो गया है, यहाँ देशी विदेशी पर्यटक प्रतिवर्ष बडी संख्या में आते हैं। पर्यटन स्थलों में द्वितीय विश्व युद्ध का क़ब्रिस्तान, राज्य संग्रहालय, कोहिमा व दीमापुर के चिड़ियाघर तथा कछारी शासकों की पुरानी राजधानी शामिल है। यहाँ लगभग 16,000 पर्यटक प्रतिवर्ष आते है। | ||
[[चित्र: | [[चित्र:Kohima-Nagaland.jpg|thumb|left|250px|[[कोहिमा]], नागालैंड]] | ||
पर्यटन विभाग द्वारा प्रतिवर्ष दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह में ‘हॉर्नबिल’ उत्सव आयोजित किया जाता है, जिसमें नागालैंड की सभी जनजातियां एक स्थान पर आकर उत्सव मनाती हैं और अपनी पांरपरिक वस्तुओं, खाद्य पदार्थों और शिल्पगत | पर्यटन विभाग द्वारा प्रतिवर्ष [[दिसंबर]] [[माह]] के प्रथम सप्ताह में ‘हॉर्नबिल’ उत्सव आयोजित किया जाता है, जिसमें नागालैंड की सभी जनजातियां एक स्थान पर आकर उत्सव मनाती हैं और अपनी पांरपरिक वस्तुओं, खाद्य पदार्थों और शिल्पगत चीज़ों का प्रदर्शन करती तथा बेचती हैं। तीन पारंपरिक उत्सवों- | ||
#[[कोहिमा ज़िला|कोहिमा ज़िले]] के तोउफेमा में सेकरेन्यी (26-27 फ़रवरी); | |||
#कोहिमा ज़िले के तोउफेमा में सेकरेन्यी (26-27 फ़रवरी); | |||
#लोंगलेंग उपमंडल के पोगो में मोन्यू (1-3 अप्रैल) तथा | #लोंगलेंग उपमंडल के पोगो में मोन्यू (1-3 अप्रैल) तथा | ||
#मोकोकचुंग ज़िले के चुचुयिमलांग में मोआत्सु (1-3 मई) को मनाये जाते हैं। | #मोकोकचुंग ज़िले के चुचुयिमलांग में मोआत्सु (1-3 मई) को मनाये जाते हैं। | ||
पर्यटन स्थल निम्न हैं- | पर्यटन स्थल निम्न हैं- | ||
*दीमापुर | [[चित्र:Khonoma-Nagaland.jpg|thumb|250px|खोनोमा, नागालैंड]] | ||
*[[दीमापुर]] | |||
*किफिरे | *किफिरे | ||
*[[कोहिमा]] | *[[कोहिमा]] | ||
*लोंग्लेंग | *लोंग्लेंग | ||
*मोकोकचुंग | *मोकोकचुंग | ||
* | *[[मोन]] | ||
*परें | *परें | ||
*फेक | *[[फेक]] | ||
*तुएंसंग | *तुएंसंग | ||
*वोखा | *वोखा | ||
* | *[[ज़ुन्हेबोटो]] | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}} | |||
==वीथिका== | |||
<gallery> | |||
चित्र:Occupation-In-Nagaland.jpg|शॉल बनाती महिला, नागालैंड | |||
चित्र:Occupation-In-Nagaland-1.jpg|शॉल बनाती महिला, नागालैंड | |||
चित्र:Occupation-In-Nagaland-3.jpg|शॉल बनाती महिला, नागालैंड | |||
चित्र:Basket-Weaving-Is-Done-By-Men-Nagaland.jpg|टोकरी बनाता आदमी, नागालैंड | |||
चित्र:Basket-Weaving-Is-Done-By-Men-Nagaland-1.jpg|टोकरी बनाता आदमी, नागालैंड | |||
चित्र:Food-Cooking-Nagaland.jpg|[[बांस]] को जलाकर [[मछली]] और [[चावल]] बनते हुए, नागालैंड | |||
चित्र:Breakfast-In-Nagaland.jpg|नागालैंड में [[चाय]] पीते हुए महिलाएँ और बच्चे | |||
चित्र:Life-In-Nagaland-1.jpg|अनाज सुखाती महिला, नागालैंड | |||
चित्र:Woman-Cooking-Food-Nagaland.jpg|खाना बनाती महिला, नागालैंड | |||
चित्र:Life-In-Nagaland-2.jpg|अनाज फटकारती महिला, नागालैंड | |||
चित्र:Life-In-Nagaland-3.jpg|[[चावल]] और भूसी को अलग करने का पारंपरिक तरीक़ा, नागालैंड | |||
चित्र:Life-In-Nagaland-4.jpg|[[नागालैंड की संस्कृति]] | |||
चित्र:Life-In-Nagaland-5.jpg|[[नागालैंड की संस्कृति]] | |||
</gallery> | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
<references/> | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{नागालैंड के नगर}} | |||
{{नागालैंड प्रदेश के ज़िले}} | {{नागालैंड प्रदेश के ज़िले}} | ||
{{राज्य और के. शा. प्र.}} | {{राज्य और के. शा. प्र.}} | ||
{{ | {{राज्य और के. शा. प्र.2}} | ||
[[Category:भारत के राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश]][[Category:राज्य संरचना]] | [[Category:भारत के राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश]][[Category:राज्य संरचना]] | ||
[[Category:नागालैंड]] | [[Category:नागालैंड]][[Category:अद्यतन]] | ||
[[Category:चुनाव अद्यतन]] | |||
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10:33, 11 जून 2022 के समय का अवतरण
नागालैंड
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राजधानी | कोहिमा |
राजभाषा(एँ) | अंग्रेज़ी, अंगमी, चंग, कुकी कोन्यक |
स्थापना | 1 दिसंबर, 1963 |
जनसंख्या | 19,88,636 [1] |
· घनत्व | 120[1] /वर्ग किमी |
क्षेत्रफल | 16,527 वर्ग किमी [1] |
भौगोलिक निर्देशांक | 69.4°N 99.08°E |
तापमान | 4 °C - 31 °C |
· ग्रीष्म | 16 - 31 °C |
· शरद | 4 - 24 °C |
ज़िले | 11[1] |
सबसे बड़ा नगर | दीमापुर |
साक्षरता | 67.11 [1]% |
राज्यपाल | जगदीश मुखी |
मुख्यमंत्री | नेफियू रियो |
विधानसभा सदस्य | 60 |
लोकसभा क्षेत्र | 1 |
राज्यसभा सदस्य | 1 |
उच्च न्यायालय | गुवाहाटी उच्च न्यायालय (कोहिमा बेंच) |
मुख्य फसलें | चावल, मक्का, बाजरा, दाल, रबर, चाय आदि |
उपमुख्यमंत्री | वाई. पत्तन |
अन्य जानकारी | नागालैंड का लगभग समूचा हिस्सा पर्वतीय है। नागालैंड को 'पूरब का स्विट्जरलैंड' भी कहा जाता है। |
बाहरी कड़ियाँ | अधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन | 16:03, 11 जून 2022 (IST)
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नागालैंड (अंग्रेज़ी: Nagaland) 1 दिसंबर, 1963 को भारतीय गणराज्य का 16वाँ राज्य बना। इस राज्य के पूर्व में म्यांमार, उत्तर में अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम में असम और दक्षिण में मणिपुर से घिरा हुआ है। इसकी राजधानी कोहिमा है और इसे 'पूरब का स्विट्जरलैंड' भी कहा जाता है। नागालैंड राज्य का क्षेत्रफल 16,579 वर्ग कि.मी. है। 2001 का जनगणना के अनुसार इस राज्य की आबादी 19,88,636 है। असम घाटी की सीमा से लगे क्षेत्र के अलावा इस राज्य का क्षेत्र अधिकांशत: पहाड़ी है। इसकी सबसे ऊंची पहाड़ी का नाम सरमती है जिसकी ऊंचाई 3,840 मीटर है। यह पर्वत श्रृंखला नागालैंड और म्यांमार के मध्य एक प्राकृतिक सीमा रेखा का निर्माण देती है। 12वीं-13वीं शताब्दी में यहाँ के निवासियों का असम के 'अहोम' लोगों से धीरे-धीरे संपर्क हुआ, लेकिन इससे इन लोगों के रहन-सहन पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा। उन्नीसवीं शताब्दी में अंग्रेज़ों के आगमन पर यह राज्य ब्रिटिश प्रशासन के अधीन आ गया। स्वंतत्रता के पश्चात् 1957 में यह क्षेत्र केंद्रशासित प्रदेश बन गया और असम के राज्यपाल द्वारा इसका प्रशासन देखा जाने लगा। यह 'नगा हिल्स तुएनसांग' क्षेत्र कहलाया। यह प्रशासन नागरिकों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा और यहाँ असंतोष पनपने लगा। अत: 1961 में इसका नाम बदलकर ‘नगालैंड’ रखा गया और इसे 'भारतीय संघ' के राज्य का दर्जा दिया गया, जिसका विधिवत उद्घाटन 1 दिसंबर, 1963 को हुआ।
भूगोल
नागालैंड का लगभग समूचा हिस्सा पर्वतीय है। उत्तर में नागा पहाड़ियाँ ब्रह्मपुत्र घाटी से अचानक लगभग 610 मीटर की ऊंचाई तक उठती हैं और उसके बाद दक्षिण-पूर्व दिशा में इनकी ऊंचाई 1,800 मीटर तक हो जाती है, म्यांमार सीमा के पास ये पहाड़ियां पटकोई पर्वत श्रृंखला से मिल जाती हैं और यहाँ इनकी सबसे ऊंची चोटी माउंट सारामती है, जिसकी ऊंचाई 3,826 मीटर है। यह क्षेत्र कई नदियों द्वारा गहरे रूप में विभक्त है- उत्तर में दोयांग और दिखु, दक्षिण-पश्चिम में बरक और दक्षिण-पूर्व में चिंदविन नदी (म्यांमार में) की सहायक धाराएं।
जलवायु
नागालैंड की जलवायु मानसूनी है। औसत वार्षिक वर्षा 1,800 से 2,500 मिमी तक होती है और यह दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून[2] के महीनों में संकेंद्रित होती है। ऊँचाई के साथ-साथ औसत तापमान घटता जाता है; गर्मी के दिनों में तापमान 21° से. से 40° से. तक होता है, जबकि शीत ऋतु में यह कभी-कभार ही 4° से, से नीचे जाता है, लेकिन अधिक ऊँचाई वाले स्थानों में आमतौर पर पाला पड़ता है। सामान्य रुप से आर्द्रता काफ़ी होती है।
वन्य एवं प्राणी जीवन
नागालैंड का दर्ज वन क्षेत्र 8,629 वर्ग किमी है, जबकि वास्तविक वनाच्छादित क्षेत्र 14,221 वर्ग किमी है, जो समूचे भौगोलिक क्षेत्र का 85.8 प्रतिशत है। 1,219 मीटर से कम ऊँचाई पर उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय सदाबहार वन पाए जाते हैं, जिनमें ताड़ जाति के वृक्ष, बेंत और बांस तथा महोगनी जैसी कीमती इमारती लकड़ियों के वृक्ष पाए जाते हैं, ऊँचाई वाले क्षेत्रों में शंकुधारी वन मिलते हैं। जिन क्षेत्रों में झूम[3] के लिए कटाई की गई है, वहाँ ऊंची घास, नरकुल और झाड़ीदार वन दुबारा उग आए हैं। वन्यजीव अभयारण्य 222 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले हुए हैं। निचली पहाड़ियों में गैंडे, हाथी, बाघ, तेंदुआ, भालू, कई तरह के बंदर, सांबर, भैसे और जंगली सांड पाए जाते हैं। इस राज्य में साही, पेंगोलिन (शल्कधारी चींटीखोर), जंगली कुत्ते, लोमड़ी मुश्क बिलाव नेवले भी पाए जाते है। विशाल भारतीय धनेश पक्षी की दुम के लंबे परों को पारंपरिक वेशभूषा में इस्तेमाल के लिए संभालकर रखा जाता है।
अर्थव्यवस्था
कृषि
नागालैंड मूलत: कृषि प्रधान राज्य है। लगभग 70 प्रतिशत जनता कृषि पर निर्भर है। राज्य में कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। चावल यहाँ का मुख्य भोजन है। कुल कृषि योग्य क्षेत्र के 70 प्रतिशत में धान की खेती होती है और राज्य के कुल खाद्यान्न उत्पादन का 75 प्रतिशत चावल है। यहाँ मुख्यत: ‘स्लेश और 'बर्न' खेती प्रचलित है, जिसे स्थानीय तौर पर 'झूम' के नाम से जाना जाता है। क़रीब 1,01,400 हेक्टेयर क्षेत्र में झूम खेती और शेष में सीढ़ीदार खेती होती है। इस वर्ष राज्य का खाद्य उत्पादन 3,86,300 मीट्रिक टन था। 16,57,587 हेक्टेयर के कुल भूमि क्षेत्र में से क़्ररीब 8,35,436 हेक्टेयर क्षेत्र में वन है। कोहिमा ज़िले में 'इंतंकी' और 'पुलीबादजे', तुएनसांग में फाकिम और दीमापुर में रंगापहाड़ नामक वन्यजीव अभयारण्य तथा राष्ट्रीय उद्यान हैं।
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नागालैंड राज्य की लगभग 90 प्रतिशत जनता कृषि में लगी है। यहाँ की मुख्य फ़सलें चावल (खरीफ चावल :701,00 हेक्टेयर: रबी चावल: 58,900 हेक्टेयर), मक्का (24,900 हेक्टेयर), ज्वार-बाजरा (14,00 हेक्टेयर), दलहन (मटर और फलियाँ जैसी दालें) तिलहन (11,580 हेक्टेयर) रेशेदार फ़सलें, गन्ना, आलू और तंबाकू हैं लेकिन नागालैंड को अब भी पड़ोसी राज्यों से खाद्य-पदार्थों के आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। यहाँ 8,16,212 एकड़ (3,30,450 हेक्टेयर) भूमि पर कृषि होता है, जबकि 54,400 हेक्टेयर भूमि सिंचित है। उर्वरा शक्ति में कमी आई है। दक्षिणी ज़िले कोहिमा के अंगामी और चाखेसांग लोग ही सीढ़ीदार खेत और सिंचाई तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। पारंपरिक उपकरणों में हल्के कुदाल, दाब (बहुपयोगी भारी चाकू) और हंसिया शामिल हैं। मैदानी हिस्सों को छोड़कर अन्य जगहों पर हल का इस्तेमाल नहीं होता है। वानिकी आय और रोज़गार का प्राथमिक साधन है।
खनिज
नागालैंड में क्रोमियम, निकल, कोबाल्ट, लौह अयस्क और चूना-पत्थर पाए जाते हैं, लेकिन फिलहाल सिर्फ निम्न श्रेणी के कोयला भंडारों का ही खनन किया जा रहा है। पश्चिमी ज़िले वोखा में खनिज तेल मिला है और असम के पास दिखू घाटी में तेल के रिसावों से पता चलता है कि यहाँ तेल के खनन योग्य भंडार मौजूद हैं।
उद्योग
दीमापुर में एक लाख ईंटें प्रतिदिन उत्पादित करने की क्षमता वाली 'नागालैंड मैकेनाइज्ड ब्रिक्स कंपनी लि.' प्रारम्भ कर दी गई है। हथकरघा और हस्तशिल्प महत्वपूर्ण कुटीर उद्योग है, जो अधिकतर सहकारी समितियों द्वारा चलाए जा रहे हैं। दीमापुर स्थित नागालैंड हथकरघा और हस्तशिल्प विकास निगम लि. सरकार के स्वामित्व वाला निगम है, जो राज्य में हथकरघा और हस्तशिल्प के उत्पादों को बढावा देने और उनके विपणन का काम करता है। दीमापुर के निकट गणेश में एक औद्योगिक विकास केंद्र बनकर तैयार हो गया है। नागालैंड औद्योगिक विकास निगम उद्यमियों का मार्गदर्शन करता है और वित्तीय मदद करने वाली सबसे बड़ी संस्था है। दीमापुर के फल और सब्जी प्रसंस्करण और कोल्ड स्टोरेज संयंत्र की स्थापित क्षमता क्रमश: 5 मीट्रिक टन फल और सब्जी के प्रसंस्करण और 3000 मीट्रिक टन प्रतिदिन के कोल्ड स्टोरेज की है। 1970 के दशक के आरंभिक वर्षों तक नागालैंड में सिर्फ बुनाई, लकड़ी का काम, टोकरी निर्माण और मिट्टी के बर्तन बनाने जैसे कुटीर उद्योग ही मौजूद थे। कच्चे माल, वित्तीय संसाधन और बिजली की कमी तथा बदहाल यातायात व संचार व्यवस्था ने औद्योगिक विकास में बाधा पहुँचाई है।
- औद्योगिक केंद्र
राज्य के प्रमुख औद्योगिक केंद्र दीमापुर में अब एक चीनी मिल, शराब कारख़ाना, ईट कारख़ाना तथा टेलीविजन फैक्ट्री है। राज्य के अन्य उद्योगों में एक खांडसारी मिल, चावल मिल, डिब्बाबंद फल संयंत्र, काग़ज़ व लुगदी कारख़ाना एक प्लाईवुड कारख़ाना तथा कैबिनेट व फर्नीचर बनाने के कारखाने शामिल हैं। वर्तमान में यहाँ सिर्फ तीन औद्योगिक क्षेत्र हैं। राज्य में 23 रेशम उत्पादन फार्म भी स्थित है।
बिजली
1981 में नागालैंड के सभी गांवों में बिजली दी गई थी। नागालैंड में अब तक शत प्रतिशत गांवों को बिजली दी गई है, जिसमें दूरस्थ गांव भी हैं। विद्युत उत्पादन मुख्यत: डीजल संयंत्रों पर निर्भर करता है, हालांकि जलविद्युत उत्पादन में वृद्धि हुई है। नागालैंड की बिजली का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा असम में उत्पादन होता है।
सिंचाई
राज्य में कोई भी सिंचाई परियोजना नहीं है। छोटी सिंचाई परियोजनाओं से मुख्यत: पहाड़ी झरनों की धारा मोड़ी जाती है, जो घाटी में धान की खेती में सिंचाई के काम आती है। कुल सिंचित क्षेत्र 93,231.43 हेक्टेयर है।
पेयजल समस्या
पेयजल की बहुत समस्या रहती है। पीने का पानी की व्यवस्था सरकार करती है, किन्तु फिर भी कमी ही है। यहाँ के निवासी बरसात में छत से टपकने वाले पानी को एकत्र कर के रखते हैं।
जनजातियाँ
'नगा' लोग भारतीय-मंगोल वर्ग के लोगों में से है, जो भारत की उत्तर-पूर्वी पहाडियों के क्षेत्र और पश्चिमी म्यांमार के ऊपरी भाग में निवास करते हैं। नगालैंड की प्रमुख जनजातियां है- अंगामी, आओ, चाखेसांग, चांग, खिआमनीउंगन, कुकी, कोन्याक, लोथा, फौम, पोचुरी, रेंग्मा, संगताम, सुमी, यिमसचुंगरू और ज़ेलिआंग आदि।
भाषा
नगा भाषा एक जनजाति से दूसरी जनजाति और कभी-कभी तो एक गांव से दूसरे गांव में भी अलग हो जाती है। तथापि इन्हें तिब्बत, बर्मा भाषा परिवार में वर्गीकृत किया गया है। यहाँ के नागरिक हिन्दी भाषा समझ लेते हैं, थोड़ी बहुत बोल भी लेते हैं।
परिवहन
यातायात के लिए नागालैंड मुख्यत: सड़कों पर निर्भर है।
सड़क मार्ग
- नागालैंड राज्य में सड़कों की कुल लंबाई 9,860 किलोमीटर है, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रांतीय राजमार्ग, ज़िला और ग्रामीण सड़कें शामिल हैं।
- कुल 900 से अधिक गांवों को सड़कों से जोड़ा गया है। राज्य में 2,356 किलोमीटर पक्की सड़कें हैं।
- दीमापुर से कोहिमा और फिर मणिपुर में इंफाल तक एक राष्ट्रीय राजमार्ग है।
- अन्य सड़क मार्ग मोकोकंचुग को असम के आमगुरी से जोड़ता है।
रेल मार्ग
- असम से दीमापुर से होकर गुज़रने वाली नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे शेष भारत के साथ इस राज्य का एक मात्र रेल संबंध है।
- नागालैंड में दीमापुर एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां रेल और विमान सेवाएँ उपलब्ध हैं।
- कोलकाता से दीमापुर को जोड़ने के लिए सप्ताह में तीन दिन इंडियन एयरलाइंस की उड़ान सेवाएँ उपलब्ध हैं।
हवाई मार्ग
- दीमापुर से असम के गुवाहाटी और पश्चिम बंगाल के कोलकाता के लिए हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं।
शिक्षा
- नागालैंड की जनसंख्या का 67.11 प्रतिशत हिस्सा साक्षर है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
- कई प्राथमिक विद्यालयों (1,299), माध्यमिक विद्यालयों (358) और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों (179) के साथ-साथ यहाँ कई स्नातक स्तर के महाविद्यालय भी हैं।
- जिनमें सिटी कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स ऐंड कॉमर्स, कोहिमा साइंस कॉलेज, कोहिमा लॉ कॉलेज, मिकोकचुंग लॉ कॉलेज, नागालैंड कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, पब्लिक कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स शामिल हैं।
- कोहिमा में नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी का परिसर भी स्थित है।
- नागालैंड में नागालैंड विश्वविद्यालय है।
सांस्कृतिक जीवन
नागालैंड में जनजातीय संगठन में कोल्याक के निरंकुश अंग (सरदार) और सेमा व चांग के आनुवंशिक मुखिया से लेकर अंगामी, आओ, ल्होरा और रेंगमा की लोकतांत्रिक संरचनाओं जैसी भिन्नताएँ पाई जाती हैं। मोरुंग (सामुदायिक भवन या युवा अविवाहित पुरुषों का शयनागार) गाँव का प्रमुख संस्थान होता है, जहाँ पहले खोपड़िया और युद्ध के अन्य विजय चिह्न टांगे जाते थे। इनके स्तम्भों पर अब भी बाघ, धनेश, मानव तथा अन्य आकृतियों की नक़्क़ाशी की जाती है। नागा समाज में महिलाओं को अपेक्षाकृत ऊँचा और सम्मानजनक स्थान प्राप्त है। वे खेतों में पुरुषों के ही समान शर्तों पर काम करती हैं तथा जनजातीय परिषदों में भी उनका अच्छा-ख़ासा प्रभाव है। नागा जीवन की एक केन्द्रीय विशेषता पुण्य का भोज है, जिसमें कई रस्मों के बाद मिथुन (गयाल, बॉस फ़्रॉन्टलिस) की बलि दी जाती है। प्रत्येक जनजाति के अपने त्योहार या गेन्ना होते हैं, और नागा नृत्य, संगीत गीत तथा लोकगीतों में जीवन के उल्लास की झलक मिलती है।
त्योहार
संगीत और नृत्य 'नगा' जनजीवन के मूलभूत अंग हैं। वीरता, सुंदरता, प्रेम और उदारता का गुणगान करने वाले लोकगीत और लोकगाथाएं पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली जा रही हैं। इसी तरह नृत्य हर उत्सव का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हर त्योहार पर दावत, नाच-गाना और उल्लास होता है। राज्य के कुछ महत्वपूर्ण त्योहार हैं - सेकरेन्यी, मोआत्सु, तोक्कू एमोंगा और तुलनी।
पर्यटन स्थल
प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट (आर.ए.पी.) में ढील देने से राज्य में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों का आना-जाना शुरू हो गया है, यहाँ देशी विदेशी पर्यटक प्रतिवर्ष बडी संख्या में आते हैं। पर्यटन स्थलों में द्वितीय विश्व युद्ध का क़ब्रिस्तान, राज्य संग्रहालय, कोहिमा व दीमापुर के चिड़ियाघर तथा कछारी शासकों की पुरानी राजधानी शामिल है। यहाँ लगभग 16,000 पर्यटक प्रतिवर्ष आते है।
पर्यटन विभाग द्वारा प्रतिवर्ष दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह में ‘हॉर्नबिल’ उत्सव आयोजित किया जाता है, जिसमें नागालैंड की सभी जनजातियां एक स्थान पर आकर उत्सव मनाती हैं और अपनी पांरपरिक वस्तुओं, खाद्य पदार्थों और शिल्पगत चीज़ों का प्रदर्शन करती तथा बेचती हैं। तीन पारंपरिक उत्सवों-
- कोहिमा ज़िले के तोउफेमा में सेकरेन्यी (26-27 फ़रवरी);
- लोंगलेंग उपमंडल के पोगो में मोन्यू (1-3 अप्रैल) तथा
- मोकोकचुंग ज़िले के चुचुयिमलांग में मोआत्सु (1-3 मई) को मनाये जाते हैं।
पर्यटन स्थल निम्न हैं-
- दीमापुर
- किफिरे
- कोहिमा
- लोंग्लेंग
- मोकोकचुंग
- मोन
- परें
- फेक
- तुएंसंग
- वोखा
- ज़ुन्हेबोटो
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वीथिका
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शॉल बनाती महिला, नागालैंड
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शॉल बनाती महिला, नागालैंड
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शॉल बनाती महिला, नागालैंड
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टोकरी बनाता आदमी, नागालैंड
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टोकरी बनाता आदमी, नागालैंड
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नागालैंड में चाय पीते हुए महिलाएँ और बच्चे
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अनाज सुखाती महिला, नागालैंड
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खाना बनाती महिला, नागालैंड
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अनाज फटकारती महिला, नागालैंड
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चावल और भूसी को अलग करने का पारंपरिक तरीक़ा, नागालैंड
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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