"निज़ामाबाद": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''निज़ामाबाद''' (अंग्रेज़ी: ''Nizamabad'') भारतीय राज्य तेल...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''निज़ामाबाद''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Nizamabad'') भारतीय राज्य [[तेलंगाना]] का एक शहर है। यह तेलंगाना का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। यह निज़ामाबाद ज़िले का नगर मुख्यालय भी है। पहले निज़ामाबाद हैदराबाद राज्य और फिर [[आंध्र प्रदेश]] का एक हिस्सा था, लेकिन आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के बाद यह नवगठित तेलंगाना राज्य का हिस्सा बन गया।
[[चित्र:Domakonda-Temple-Nizamabad.jpg|thumb|250px|दोमकोंदा मंदिर, [[निज़ामाबाद]]]]
'''निज़ामाबाद''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Nizamabad'') भारतीय राज्य [[तेलंगाना]] का एक शहर है। यह तेलंगाना का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। यह [[निज़ामाबाद ज़िला|निज़ामाबाद ज़िले]] का नगर मुख्यालय भी है। पहले निज़ामाबाद [[हैदराबाद का इतिहास|हैदराबाद राज्य]] और फिर [[आंध्र प्रदेश]] का एक हिस्सा था, लेकिन आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के बाद यह नवगठित तेलंगाना राज्य का हिस्सा बन गया। निज़ामाबाद का स्थानीय पुराना नाम 'इन्‍दूर' या 'इन्‍द्रपुरी' था।
==इतिहास==
==इतिहास==
किंवदंतियों के अनुसार निज़ामाबाद नगर प्राचीन समय में त्रिकुंटकवंशीय इंद्रदत्त द्वारा लगभग 388 ई. में बसाया गया था। नर्मदा और ताप्ती नदियों के निचले प्रदेशों में इस वंश का राज था। यह भी संभव जान पड़ता है कि नगर का नाम विष्णुकुंडिन इंद्रवर्मन् प्रथम (500 ई.) के नाम पर हुआ। 1311 ई. में निज़ामाबाद पर [[अलाउद्दीन ख़िलजी]] ने आक्रमण किया। तत्पश्चात् यह नगर क्रमश: [[बहमनी राजवंश|बहमनी]], [[कुतुबशाही वंश|कुतुबशाही]] और [[मुग़ल]] राज्यों में सम्मिलित रहा। अंत में हैदराबाद प्रांत के निज़ाम का यहाँ आधिपत्य हो गया और ज़िले का नाम सन [[1905]] में निज़ामाबाद कर दिया गया।
किंवदंतियों के अनुसार निज़ामाबाद नगर प्राचीन समय में त्रिकुंटकवंशीय इंद्रदत्त द्वारा लगभग 388 ई. में बसाया गया था। [[नर्मदा नदी|नर्मदा]] और [[ताप्ती नदी|ताप्ती नदियों]] के निचले प्रदेशों में इस वंश का राज था। यह भी संभव जान पड़ता है कि नगर का नाम विष्णुकुंडिन इंद्रवर्मन् प्रथम (500 ई.) के नाम पर हुआ। 1311 ई. में निज़ामाबाद पर [[अलाउद्दीन ख़िलजी]] ने आक्रमण किया। तत्पश्चात् यह नगर क्रमश: [[बहमनी राजवंश|बहमनी]], [[कुतुबशाही वंश|कुतुबशाही]] और [[मुग़ल]] राज्यों में सम्मिलित रहा। अंत में हैदराबाद प्रांत के निज़ाम का यहाँ आधिपत्य हो गया और ज़िले का नाम सन [[1905]] में निज़ामाबाद कर दिया गया।
==समृद्ध संस्कृति==
==समृद्ध संस्कृति==
निज़ामाबाद तेलंगाना के पश्चिमी हिस्से में स्थित है। यह अपनी समृद्ध संस्‍कृति के साथ-साथ ऐतिहासिक स्‍मारकों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। इस जिले की सीमाएं करीमनगर, मेदक और नंदेदू जिलों से और पूर्व में आदिलाबाद से मिलती हैं।
निज़ामाबाद तेलंगाना के पश्चिमी हिस्से में स्थित है। यह अपनी समृद्ध संस्‍कृति के साथ-साथ ऐतिहासिक स्‍मारकों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। इस ज़िले की सीमाएं [[करीमनगर]], मेदक और नंदेदू जिलों से और पूर्व में [[आदिलाबाद]] से मिलती हैं।


प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर निज़ामाबाद अब औद्योगिक विकास से पथ पर भी तेजी से अग्रसर है। निज़ामाबाद से [[गोदावरी नदी]] आंध्र प्रदेश में प्रवेश कर इस राज्‍य को समृद्ध करने में अहम भूमिका अदा करती है। ज़िले के प्राचीन मंदिरों की [[वास्तुकला]] अतीव सुंदर है। नगर में 12वीं शती ई. की जैन-मूर्तियों के [[अवशेष]] मिले हैं, जिन का [[कुतुबशाही वंश|कुतुबशाही काल]] में बने दुर्ग में उपयोग किया गया था। कंटेश्वर का अपेक्षाकृत नवीन मंदिर अत्यंत सुंदर है। नगर से 06 मील पर हनुमान मंदिर है, जहाँ जनश्रुति के अनुसार [[शिवाजी|महाराज शिवाजी]] के [[समर्थ रामदास|गुरु समर्थ रामदास]] कुछ समय तक रहे थे।<ref>ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 73| विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार</ref>
प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर निज़ामाबाद अब औद्योगिक विकास से पथ पर भी तेजी से अग्रसर है। निज़ामाबाद से [[गोदावरी नदी]] [[आंध्र प्रदेश]] में प्रवेश कर इस राज्‍य को समृद्ध करने में अहम भूमिका अदा करती है। ज़िले के प्राचीन मंदिरों की [[वास्तुकला]] अतीव सुंदर है। नगर में 12वीं शती ई. की जैन-मूर्तियों के [[अवशेष]] मिले हैं, जिन का [[कुतुबशाही वंश|कुतुबशाही काल]] में बने [[दुर्ग]] में उपयोग किया गया था। कंटेश्वर का अपेक्षाकृत नवीन मंदिर अत्यंत सुंदर है। नगर से 06 मील पर हनुमान मंदिर है, जहाँ जनश्रुति के अनुसार [[शिवाजी|महाराज शिवाजी]] के [[समर्थ रामदास|गुरु समर्थ रामदास]] कुछ समय तक रहे थे।<ref>ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 73| विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार</ref>


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
पंक्ति 11: पंक्ति 12:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
 
{{तेलंगाना के पर्यटन स्थल}}
[[Category:तेलंगाना]][[Category:तेलंगाना के ऐतिहासिक नगर]][[Category:तेलंगाना के नगर]][[Category:भारत के नगर]]
[[Category:तेलंगाना]][[Category:तेलंगाना के ऐतिहासिक नगर]][[Category:तेलंगाना के नगर]][[Category:तेलंगाना के पर्यटन स्थल]][[Category:भारत के नगर]]
[[Category:दक्षिण भारत]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
[[Category:दक्षिण भारत]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

13:34, 16 अगस्त 2022 के समय का अवतरण

दोमकोंदा मंदिर, निज़ामाबाद

निज़ामाबाद (अंग्रेज़ी: Nizamabad) भारतीय राज्य तेलंगाना का एक शहर है। यह तेलंगाना का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। यह निज़ामाबाद ज़िले का नगर मुख्यालय भी है। पहले निज़ामाबाद हैदराबाद राज्य और फिर आंध्र प्रदेश का एक हिस्सा था, लेकिन आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के बाद यह नवगठित तेलंगाना राज्य का हिस्सा बन गया। निज़ामाबाद का स्थानीय पुराना नाम 'इन्‍दूर' या 'इन्‍द्रपुरी' था।

इतिहास

किंवदंतियों के अनुसार निज़ामाबाद नगर प्राचीन समय में त्रिकुंटकवंशीय इंद्रदत्त द्वारा लगभग 388 ई. में बसाया गया था। नर्मदा और ताप्ती नदियों के निचले प्रदेशों में इस वंश का राज था। यह भी संभव जान पड़ता है कि नगर का नाम विष्णुकुंडिन इंद्रवर्मन् प्रथम (500 ई.) के नाम पर हुआ। 1311 ई. में निज़ामाबाद पर अलाउद्दीन ख़िलजी ने आक्रमण किया। तत्पश्चात् यह नगर क्रमश: बहमनी, कुतुबशाही और मुग़ल राज्यों में सम्मिलित रहा। अंत में हैदराबाद प्रांत के निज़ाम का यहाँ आधिपत्य हो गया और ज़िले का नाम सन 1905 में निज़ामाबाद कर दिया गया।

समृद्ध संस्कृति

निज़ामाबाद तेलंगाना के पश्चिमी हिस्से में स्थित है। यह अपनी समृद्ध संस्‍कृति के साथ-साथ ऐतिहासिक स्‍मारकों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। इस ज़िले की सीमाएं करीमनगर, मेदक और नंदेदू जिलों से और पूर्व में आदिलाबाद से मिलती हैं।

प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर निज़ामाबाद अब औद्योगिक विकास से पथ पर भी तेजी से अग्रसर है। निज़ामाबाद से गोदावरी नदी आंध्र प्रदेश में प्रवेश कर इस राज्‍य को समृद्ध करने में अहम भूमिका अदा करती है। ज़िले के प्राचीन मंदिरों की वास्तुकला अतीव सुंदर है। नगर में 12वीं शती ई. की जैन-मूर्तियों के अवशेष मिले हैं, जिन का कुतुबशाही काल में बने दुर्ग में उपयोग किया गया था। कंटेश्वर का अपेक्षाकृत नवीन मंदिर अत्यंत सुंदर है। नगर से 06 मील पर हनुमान मंदिर है, जहाँ जनश्रुति के अनुसार महाराज शिवाजी के गुरु समर्थ रामदास कुछ समय तक रहे थे।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 73| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार

संबंधित लेख