"लीलाधर जगूड़ी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''लीलाधर जगूड़ी''' (अंग्रेज़ी: ''Leeladhar Jagudi'', जन्म- [[1 जुलाई]...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''लीलाधर जगूड़ी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Leeladhar Jagudi'', जन्म- [[1 जुलाई]], [[1944]]) [[हिन्दी साहित्य]] के प्रतिनिधी कवि, लेखक और सम्पादक हैं। [[साहित्य अकादमी पुरस्कार]] और [[व्यास सम्मान]] सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कार से इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। इनका जन्म धंगढ़ गाँव, उपली रमोली, टिहरी गढ़वाल में हुआ।
{{सूचना बक्सा साहित्यकार
|चित्र=Leeladhar-Jagudi.jpg
|चित्र का नाम=लीलाधर जगूड़ी
|पूरा नाम=लीलाधर जगूड़ी
|अन्य नाम=
|जन्म=[[1 जुलाई]], [[1944]]
|जन्म भूमि=धंगढ़ गाँव, उपली रमोली, [[टिहरी गढ़वाल]]
|मृत्यु=
|मृत्यु स्थान=
|अभिभावक=
|पालक माता-पिता=
|पति/पत्नी=
|संतान=
|कर्म भूमि=[[भारत]]
|कर्म-क्षेत्र=[[हिन्दी साहित्य]]
|मुख्य रचनाएँ=शंखमुखी शिखरों पर ([[1964]]); नाटक जारी है ([[1972]]); इस यात्रा में ([[1974]]); रात अभी मौजूद है ([[1976]]); बची हुई पृथ्वी ([[1977]]); घबराये हुए शब्द ([[1981]]) आदि।
|विषय=
|भाषा=
|विद्यालय=
|शिक्षा=
|पुरस्कार-उपाधि=शतदल पुरस्कार<br />
[[साहित्य अकादमी पुरस्कार]] ([[1997]])<br />
[[पद्म श्री]] ([[2004]])<br />
[[व्यास सम्मान]], [[2018]]<br />
रघुवीर सहाय सम्मान
|प्रसिद्धि=कवि, लेखक, सम्पादक
|विशेष योगदान=
|नागरिकता=भारतीय
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=
|पाठ 1=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन={{अद्यतन|11:13, 4 जुलाई 2023 (IST)}}
}}'''लीलाधर जगूड़ी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Leeladhar Jagudi'', जन्म- [[1 जुलाई]], [[1944]]) [[हिन्दी साहित्य]] के प्रतिनिधी कवि, लेखक और सम्पादक हैं। [[साहित्य अकादमी पुरस्कार]], [[व्यास सम्मान]] और [[पद्म श्री]] सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कारों से इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। लीलाधर जगूड़ी की कविताएं आज के जीवन की व्यथा कथा के अनुभवों को स्पष्ट वाणी देती है। ‘जितने लोग उतने प्रेम’ (काव्य संग्रह, [[2013]]) के लिए के. के. बिरला फाउण्डेशन द्वारा [[2018]] का 28वाँ व्यास सम्मान मिला था। उन्होंने अपने साहित्यिक जीवन में कई [[कविता]], गद्य व [[नाटक]] लिखे हैं, जिनमें उनका प्रमुख कविता संग्रह ‘अनुभव के आकाश में चांद’ है। उनके कृति ‘अनुभव के आकाश में चांद’ को [[1997]] मे पुरस्कार प्राप्त हुआ।
==परिचय==
समकालीन कविता के समादृत कवि लीलाधर जगूड़ी का जन्म 1 जुलाई, 1944 को [[टिहरी गढ़वाल]], [[उत्तराखंड]] में हुआ। ग्यारह वर्ष की आयु में घर से भाग गए थे और आजीविका संघर्ष में रत रहे। फ़ौज में सिपाही की नौकरी भी की। बाद में [[उत्तर प्रदेश]] की सूचना सेवा में चयन हुआ, जहाँ सरकारी पत्रिकाओं का संपादन किया। सेवानिवृत्ति के बाद उत्तराखंड के प्रथम सूचना सलाहकार और उत्तराखंड संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद के पहले उपाध्यक्ष बने। केंद्रीय साहित्य अकादेमी के सामान्य सभा से संबद्धता रही है।
==भाषा के सर्वाधिक नए प्रयोग==
लीलाधर जगूड़ी उन कवियों में आते हैं, जिन्होंने अनुभव और [[भाषा]] के बीच कविता को जीवित रखा है। अनुभव के आकाश में उड़ान भरने वाले वह [[हिंदी]] के एक मात्र ऐसे कवि हैं जिनके यहाँ शब्द किसी कौतुक या क्रीड़ा का उपक्रम नहीं हैं, वे एक सार्थक सर्जनात्मकता की कोख से जन्म लेते हैं।’’ कविता में नवीनता को उनके ध्येय की तरह लक्षित किया जाता है और यह नवीनता अनुभव, भाषा, संवेदना, कथ्य—सभी में नज़र आती है। यह भी कहा गया है कि समकालीन कवियों में भाषा के सर्वाधिक नए प्रयोग उनके घर ही पाए जाते हैं।
 
‘शंखमुखी शिखरों पर’ ([[1964]]), ‘नाटक जारी है’ ([[1972]]), ‘इस यात्रा में’ ([[1974]]), ‘रात अब भी मौजूद है’ ([[1976]]), ‘बची हुई पृथ्वी’ ([[1977]]), ‘घबराए हुए शब्द’ ([[1981]]), ‘भय भी शक्ति देता है’ ([[1991]]), ‘अनुभव के आकाश में चाँद’([[1994]]), ‘महाकाव्य के बिना’ ([[1995]]), ‘ईश्वर की अध्यक्षता में’ ([[1999]]), ‘जितने लोग उतने प्रेम’ ([[2013]]), ‘ख़बर का मुँह विज्ञापन से ढका है’ ([[2014]]) उनके काव्य-संग्रह हैं। गद्य में उनका नाटक ‘पाँच बेटे’ और निबंध-संग्रह ‘रचना प्रक्रिया से जूझते हुए’ प्रकाशित है।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.hindwi.org/poets/leeladhar-jagudi/profile?gclid=EAIaIQobChMIwo7z8aj0_wIVsoxLBR3T2QwIEAAYASAAEgIxAPD_BwE |title=लीलाधर जगूड़ी का परिचय|accessmonthday=04 जुलाई|accessyear=2023 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= hindwi.org|language=हिंदी}}</ref>
==कृतियाँ==
==कृतियाँ==
====काव्य संग्रह====
====काव्य संग्रह====
*शंखमुखी शिखरों पर- 1964
*शंखमुखी शिखरों पर, [[1964]]
*नाटक जारी है-1972
*नाटक जारी है, [[1972]]
*इस यात्रा में-1974
*इस यात्रा में, [[1974]]
*रात अब भी मौजूद है-1976
*रात अब भी मौजूद है, 1976]]
*बची हुई पृथ्वी-1977
*बची हुई पृथ्वी, [[1977]]
*घबराए हुए शब्द-1981
*घबराए हुए शब्द, [[1981]]
*भय भी शक्ति देता है-1991
*भय भी शक्ति देता है, [[1991]]
*अनुभव के आकाश में चाँद-1994
*अनुभव के आकाश में चाँद, [[1994]]
*महाकाव्य के बिना-1995
*महाकाव्य के बिना, [[1995]]
*ईश्वर की अध्यक्षता में-1999
*ईश्वर की अध्यक्षता में, [[1999]]
*खबर का मुहं विज्ञान से ढंका है।
*खबर का मुहं विज्ञान से ढंका है।
====नाटक====
====नाटक====
पंक्ति 18: पंक्ति 60:
*मेरे साक्षात्कार
*मेरे साक्षात्कार
==पुरस्कार एवं सम्मान==
==पुरस्कार एवं सम्मान==
#कलकत्ता द्वारा 'शतदल' पुरस्कार से सम्मानित
#कलकत्ता द्वारा 'शतदल पुरस्कार' से सम्मानित
#हिन्दी संस्थान, [[उत्तर प्रदेश]] द्वारा 'नामित' पुरस्कार से सम्मानित
#हिन्दी संस्थान, [[उत्तर प्रदेश]] द्वारा 'नामित' पुरस्कार से सम्मानित
#[[1997]] में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित (अनुभव के चाँद में' हेतु)
#[[1997]] में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित (अनुभव के चाँद में' हेतु)
पंक्ति 29: पंक्ति 71:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{भारत के कवि}}
{{भारत के कवि}}{{पद्मश्री}}
[[Category:कवि]][[Category:लेखक]][[Category:आधुनिक लेखक]][[Category:साहित्यकार]][[Category:आधुनिक साहित्यकार]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:व्यास सम्मान]][[Category:साहित्य अकादमी पुरस्कार]][[Category:चरित कोश]][[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:कवि]][[Category:लेखक]][[Category:आधुनिक लेखक]][[Category:साहित्यकार]][[Category:आधुनिक साहित्यकार]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:व्यास सम्मान]][[Category:पद्म श्री]][[Category:पद्म श्री (2004)]][[Category:साहित्य अकादमी पुरस्कार]][[Category:चरित कोश]][[Category:साहित्य कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

05:43, 4 जुलाई 2023 के समय का अवतरण

लीलाधर जगूड़ी
लीलाधर जगूड़ी
लीलाधर जगूड़ी
पूरा नाम लीलाधर जगूड़ी
जन्म 1 जुलाई, 1944
जन्म भूमि धंगढ़ गाँव, उपली रमोली, टिहरी गढ़वाल
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र हिन्दी साहित्य
मुख्य रचनाएँ शंखमुखी शिखरों पर (1964); नाटक जारी है (1972); इस यात्रा में (1974); रात अभी मौजूद है (1976); बची हुई पृथ्वी (1977); घबराये हुए शब्द (1981) आदि।
पुरस्कार-उपाधि शतदल पुरस्कार

साहित्य अकादमी पुरस्कार (1997)
पद्म श्री (2004)
व्यास सम्मान, 2018
रघुवीर सहाय सम्मान

प्रसिद्धि कवि, लेखक, सम्पादक
नागरिकता भारतीय
अद्यतन‎
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

लीलाधर जगूड़ी (अंग्रेज़ी: Leeladhar Jagudi, जन्म- 1 जुलाई, 1944) हिन्दी साहित्य के प्रतिनिधी कवि, लेखक और सम्पादक हैं। साहित्य अकादमी पुरस्कार, व्यास सम्मान और पद्म श्री सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कारों से इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। लीलाधर जगूड़ी की कविताएं आज के जीवन की व्यथा कथा के अनुभवों को स्पष्ट वाणी देती है। ‘जितने लोग उतने प्रेम’ (काव्य संग्रह, 2013) के लिए के. के. बिरला फाउण्डेशन द्वारा 2018 का 28वाँ व्यास सम्मान मिला था। उन्होंने अपने साहित्यिक जीवन में कई कविता, गद्य व नाटक लिखे हैं, जिनमें उनका प्रमुख कविता संग्रह ‘अनुभव के आकाश में चांद’ है। उनके कृति ‘अनुभव के आकाश में चांद’ को 1997 मे पुरस्कार प्राप्त हुआ।

परिचय

समकालीन कविता के समादृत कवि लीलाधर जगूड़ी का जन्म 1 जुलाई, 1944 को टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड में हुआ। ग्यारह वर्ष की आयु में घर से भाग गए थे और आजीविका संघर्ष में रत रहे। फ़ौज में सिपाही की नौकरी भी की। बाद में उत्तर प्रदेश की सूचना सेवा में चयन हुआ, जहाँ सरकारी पत्रिकाओं का संपादन किया। सेवानिवृत्ति के बाद उत्तराखंड के प्रथम सूचना सलाहकार और उत्तराखंड संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद के पहले उपाध्यक्ष बने। केंद्रीय साहित्य अकादेमी के सामान्य सभा से संबद्धता रही है।

भाषा के सर्वाधिक नए प्रयोग

लीलाधर जगूड़ी उन कवियों में आते हैं, जिन्होंने अनुभव और भाषा के बीच कविता को जीवित रखा है। अनुभव के आकाश में उड़ान भरने वाले वह हिंदी के एक मात्र ऐसे कवि हैं जिनके यहाँ शब्द किसी कौतुक या क्रीड़ा का उपक्रम नहीं हैं, वे एक सार्थक सर्जनात्मकता की कोख से जन्म लेते हैं।’’ कविता में नवीनता को उनके ध्येय की तरह लक्षित किया जाता है और यह नवीनता अनुभव, भाषा, संवेदना, कथ्य—सभी में नज़र आती है। यह भी कहा गया है कि समकालीन कवियों में भाषा के सर्वाधिक नए प्रयोग उनके घर ही पाए जाते हैं।

‘शंखमुखी शिखरों पर’ (1964), ‘नाटक जारी है’ (1972), ‘इस यात्रा में’ (1974), ‘रात अब भी मौजूद है’ (1976), ‘बची हुई पृथ्वी’ (1977), ‘घबराए हुए शब्द’ (1981), ‘भय भी शक्ति देता है’ (1991), ‘अनुभव के आकाश में चाँद’(1994), ‘महाकाव्य के बिना’ (1995), ‘ईश्वर की अध्यक्षता में’ (1999), ‘जितने लोग उतने प्रेम’ (2013), ‘ख़बर का मुँह विज्ञापन से ढका है’ (2014) उनके काव्य-संग्रह हैं। गद्य में उनका नाटक ‘पाँच बेटे’ और निबंध-संग्रह ‘रचना प्रक्रिया से जूझते हुए’ प्रकाशित है।[1]

कृतियाँ

काव्य संग्रह

  • शंखमुखी शिखरों पर, 1964
  • नाटक जारी है, 1972
  • इस यात्रा में, 1974
  • रात अब भी मौजूद है, 1976]]
  • बची हुई पृथ्वी, 1977
  • घबराए हुए शब्द, 1981
  • भय भी शक्ति देता है, 1991
  • अनुभव के आकाश में चाँद, 1994
  • महाकाव्य के बिना, 1995
  • ईश्वर की अध्यक्षता में, 1999
  • खबर का मुहं विज्ञान से ढंका है।

नाटक

  • पांच बेटे

गद्य

  • मेरे साक्षात्कार

पुरस्कार एवं सम्मान

  1. कलकत्ता द्वारा 'शतदल पुरस्कार' से सम्मानित
  2. हिन्दी संस्थान, उत्तर प्रदेश द्वारा 'नामित' पुरस्कार से सम्मानित
  3. 1997 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित (अनुभव के चाँद में' हेतु)
  4. 2004 में पद्म श्री से सम्मानित
  5. आकाशवाणी पुरस्कार
  6. व्यास सम्मान, 2018


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. लीलाधर जगूड़ी का परिचय (हिंदी) hindwi.org। अभिगमन तिथि: 04 जुलाई, 2023।

संबंधित लेख