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'''अप्पा साहब''' भोंसला [[रघुजी भोंसले द्वितीय|राजा रघुजी द्वितीय]] (1788-1816 ई.) के छोटे भाई व्यांकोजी | '''अप्पा साहब''' भोंसला वंश के [[रघुजी भोंसले द्वितीय|राजा रघुजी द्वितीय]] (1788-1816 ई.) के छोटे भाई व्यांकोजी के पुत्र थे। | ||
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12:49, 30 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
अप्पा साहब भोंसला वंश के राजा रघुजी द्वितीय (1788-1816 ई.) के छोटे भाई व्यांकोजी के पुत्र थे।
- रघुजी द्वितीय की 1816 ई. में मृत्यु होने पर उनका नाबालिग लड़का परसोजी, जो भोंदू क़िस्म का था, गद्दी पर बैठा। अप्पा साहब को उसका संरक्षक नियुक्त किया गया।
- अप्पा साहब ने अपनी शक्ति दृढ़ करने के लिए मई, 1816 ई. में अंग्रेज़ों से आश्रित सन्धि कर ली। इस प्रकार नागपुर राज्य, जिसने रघुजी भोंसला द्वितीय के राज्यकाल में अंग्रेज़ों से इस प्रकार की सन्धि करने से इंकार कर दिया था, उसकी स्वतंत्रता अप्पा साहब के शासनकाल में समाप्त हो गई। लेकिन जब पेशवा बाजीराव द्वितीय ने 1817 ई. में अंग्रेज़ों के विरुद्ध शस्त्र उठाया तो अप्पा साहब ने भी उसका साथ दिया।
- अंग्रेज़ों ने नवम्बर 1817 ई. में अप्पा साहब की सेना को सीताबल्डी के युद्ध में पराजित कर दिया। अप्पा साहब पहले पंजाब भाग गये और बाद में जोधपुर चले गये, जहाँ 1840 ई. में उनकी मृत्यु हो गई।
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