"साँचा:एक व्यक्तित्व-07": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो ("साँचा:एक व्यक्तित्व-07" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (बेमियादी) [move=sysop] (बेमियादी)))
छो (Text replace - "{{एक व्यक्तित्व पाठ}}" to "{{एक व्यक्तित्व}}")
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
<noinclude>{| width="49%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5"</noinclude>
<noinclude>{| width="49%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5"</noinclude>
| class="headbg20" style="border:1px solid #FBE773; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#fff2c5; border:thin solid #fbe773;">'''एक व्यक्तित्व'''</div>  
| class="headbg20" style="border:1px solid #FBE773; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#fff2c5; border:thin solid #fbe773;">'''एक व्यक्तित्व'''</div>  
{{एक व्यक्तित्व पाठ}}
{{एक व्यक्तित्व}}
<noinclude>|} [[Category:एक व्यक्तित्व के साँचे]]</noinclude>
<noinclude>|} [[Category:एक व्यक्तित्व के साँचे]]</noinclude>

10:39, 5 मई 2011 के समय का अवतरण

एक व्यक्तित्व

एक व्यक्तित्व

        महापण्डित राहुल सांकृत्यायन को हिन्दी यात्रा साहित्य का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। बौद्ध धर्म पर उनका शोध हिन्दी साहित्य में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक भ्रमण किया था। बौद्ध धर्म की ओर जब झुकाव हुआ तो पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, तिब्बती, चीनी, जापानी, एवं सिंहली भाषाओं की जानकारी लेते हुए सम्पूर्ण बौद्ध ग्रन्थों का मनन किया और सर्वश्रेष्ठ उपाधि 'त्रिपिटिका चार्य' की पदवी पायी। साम्यवाद के क्रोड़ में जब राहुल जी गये तो कार्ल मार्क्स, लेनिन तथा स्तालिन के दर्शन से पूर्ण परिचय हुआ। प्रकारान्तर से राहुल जी इतिहास, पुरातत्त्व, स्थापत्य, भाषाशास्त्र एवं राजनीति शास्त्र के अच्छे ज्ञाता थे। ... और पढ़ें

पिछले लेख पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर जे. आर. डी. टाटा आर. के. लक्ष्मण