"अजितसेन": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
(3 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 7 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
<br /> | |||
'''आचार्य अजितसेन'''<br /> | |||
*ये भी वि. सं. 18वीं शती के तार्किक हैं। | *ये भी वि. सं. 18वीं शती के तार्किक हैं। | ||
*इन्होंने 'परीक्षामुख' पर 'न्यायमणिदीपिका' नाम की व्याख्या लिखी है, जो उसकी पाँचवीं टीका है। | *इन्होंने 'परीक्षामुख' पर 'न्यायमणिदीपिका' नाम की व्याख्या लिखी है, जो उसकी पाँचवीं टीका है। | ||
*इसका उल्लेख [[चारुकीर्ति भट्टारक|चारुकीर्ति]] ने 'प्रमेयरत्नालंकार< | *इसका उल्लेख [[चारुकीर्ति भट्टारक|चारुकीर्ति]] ने 'प्रमेयरत्नालंकार<ref>प्रमेयरत्नालंकार,पृ0 181</ref> में किया है। | ||
{{प्रचार}} | |||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
<references/> | |||
==संबंधित लेख== | |||
{{जैन धर्म2}} | |||
{{जैन धर्म}} | |||
[[Category:दर्शन कोश]] | [[Category:दर्शन कोश]] | ||
[[Category:जैन_दर्शन]] | [[Category:जैन_दर्शन]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
08:41, 14 जून 2011 के समय का अवतरण
आचार्य अजितसेन
- ये भी वि. सं. 18वीं शती के तार्किक हैं।
- इन्होंने 'परीक्षामुख' पर 'न्यायमणिदीपिका' नाम की व्याख्या लिखी है, जो उसकी पाँचवीं टीका है।
- इसका उल्लेख चारुकीर्ति ने 'प्रमेयरत्नालंकार[1] में किया है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ प्रमेयरत्नालंकार,पृ0 181